विविधा बौद्धिक आतंकवाद December 15, 2017 | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी तीसरे विश्वयुद्ध का खतरा :- कहा तो यह जाता है कि आतंक की कोई जाति व मजहब नहीं होता है। पर इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि सर्वाधिक आतंक को मुस्लिम देश ही पोषित कर रहे हैं। इतना ही नहीं विश्व की अनेक तथा भारत की कुछ सरकारें भी […] Read more » Featured बौद्धिक आतंकवाद
विविधा डॉ. अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर की अभिनव परिकल्पना December 14, 2017 | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी बाबासाहेब डॉ.भीमराव अंबेडकर को भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया है, जो भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है।वे विश्व स्तर के विधिवेत्ता, दलित राजनीतिक नेता और समाजपुनरुत्थानवादी होने के साथ साथ, भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार भी थे। अस्पृश्य परिवार में जन्म लेने के कारण उन्हें सारा जीवन नारकीय कष्टों में […] Read more » DAIC DAICSET Featured डॉ. अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर
राजनीति कांग्रेस का पाकिस्तान प्रेम December 13, 2017 | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी इस देश में एसे कई मौके आये हैं जब पाकिस्तान प्रेमियों ने पाकिस्तान के प्रति अपने प्रेम का खुलकर प्रदर्शन किया है। विगत दिनों चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान की जीत के रूप में इन लोगों को अपने घरों से बाहर निकलकर अपने पाकिस्तान प्रेम का प्रदर्शन करने का एक नया मौका मिल […] Read more » Featured कांग्रेस का पाकिस्तान प्रेम के. शंकर बाजपेई खुर्शीद महमूद कसूरी चिन्मय घरेखान टीसीए राघवन पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी पूर्व विदेश मंत्री के. नटवर सिंह पूर्व सेना प्रमुख दीपक कपूर मणिशंकर अय्यर मनमोहन सिंह शरत सभरवाल सर्जिकल स्ट्राइक सलमान हैदर
राजनीति भारत के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद को प्रताड़ित होना पड़ा था December 12, 2017 | 1 Comment on भारत के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद को प्रताड़ित होना पड़ा था डा. राधेश्याम द्विवेदी बस्ती जिले से भी सम्बन्ध :-भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का बस्ती जिले से भी सम्बन्ध देखा गया है। उनका जन्म 3 दिसम्बर, 1884 को बिहार के जिला सिवान के एक गाँव जीरादेई में हुआ था। वे भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से थे उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस […] Read more » Featured Nehru not in favour of Somnath mandir डा.राजेंद्र प्रसाद नेहरू सोमनाथ मंदिर
लेख हिंदुस्तान के गद्दार जमींदार December 5, 2017 | 1 Comment on हिंदुस्तान के गद्दार जमींदार डा. राधेश्याम द्विवेदी हमारे भारत को प्राचीन काल से ही सोने की चिड़िया कहलाने का गौरव प्राप्त था, लेकिन जब सोने की चिड़िया कहे जाने वाले हमारे भारत पर अंग्रेजों ने कब्ज़ा किया उसके बाद भारत से वो गौरव छिन गया. हम सभी ने जब भी अपने इतिहास के बारे में पढ़ा या सुना है […] Read more » Featured गद्दार जमींदार जमींदार हिंदुस्तान
राजनीति इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन सुरक्षित और सही December 4, 2017 / December 6, 2017 | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यूं तो कभी विवादों से मुक्त नहीं रही लेकिन भारत के चुनाव आयोग ने हमेशा इसे सुरक्षित और सही माना.भारत की जनता भी चुनाव आयोग से सहमत है. यदा-कदा राजनेता चुनावों में ईवीएम के ख़िलाफ़ बोलते रहे हैं लेकिन किसी बड़ी राष्ट्रीय पार्टी ने इसके ख़िलाफ़ कोई बड़ा कदम […] Read more » electronic voting machine Featured इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन चुनाव आयोग
धर्म-अध्यात्म अपने व पूर्वजों के कर्मों का फल November 25, 2017 | 1 Comment on अपने व पूर्वजों के कर्मों का फल डा. राधेश्याम द्विवेदी संसार के प्रत्येक प्राणी को अपने तथा पूर्वजों के कर्मों का फल भोगना ही पड़ता है। इससे मुक्ति कभी नहीं मिलती है। यह बात और है कि किस कर्म का फल कब मिलता है। जो कर्म ज्यादा होते हैं उसे बाद में तथा जो कम होते है उसे पहले भोगने को मिलता […] Read more » Featured पुनर्जन्म पूर्वजों के कर्मों का फल मनुष्य का वंश उसका पुनर्जन्म
कविता साहित्य यमुना मइया की कामना November 25, 2017 | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी मेरे पद पंकज का वंदन चाहे मत एक बार करो । गाल बजाने वालो के सब ढोंगो का प्रतिकार करो । भाव सुमन के नहीं दिखावटी माला मुझे चढ़ाते हो । सड़ी गली बदबुओं से मेरी पवित्रता मिटाते हो ।। मुझको चुनरी नहीं चढ़ाओ मत दीपो का दान करो । दीन हीन […] Read more » यमुना मइया की कामना
समाज संस्कारित पीढ़ी से ही समाज-राष्ट्र की उन्नति सम्भव November 23, 2017 | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी संस्कारित पीढ़ी समाज राष्ट्र को उच्च शिखर पर पहुंचा सकती है। हमें संस्कारित पीढ़ी छोड़ना है। संस्कार शब्द की उत्पत्ति सम+कृ+ धञ=संस्कार अर्थात कृ धातु के पीछे सभ्यक्यत्व दर्शक उपसर्ग ‘सम व आगे ‘धञ की संधि से संस्कार शब्द बना है। गर्भधारण से अंत्येष्टि तक के काल में माता-पिता, गुरुजन तथा पुत्र-पुत्री […] Read more » Featured भारत पुनः विश्व गुरु की ओर अग्रसर :- समाज-राष्ट्र की उन्नति समाज-राष्ट्र की उन्नति सम्भव संस्कारित पीढ़ी
लेख साहित्य तुलसीदास की रचना “दोहाशतक” में श्रीराम जन्मभूमि विध्वंस का वर्णन November 18, 2017 | 2 Comments on तुलसीदास की रचना “दोहाशतक” में श्रीराम जन्मभूमि विध्वंस का वर्णन डा. राधेश्याम द्विवेदी गोस्वामी तुलसीदास जी ने अपने साहित्य व रचनाओं में अपने समय की प्रमुख घटनाओं का, राम जन्म भूमि पर हुए अत्याचार तथा बाबरी मस्जिद के बनाये जाने का उल्लेख किया है।आम तौर पर हिंदुस्तान में ऐसे परिस्थितियां कई बार उत्पन्न हुई जब राम -मंदिर और बाबरी मस्जिद (ढांचा ) एक विचार-विमर्श का […] Read more » तुलसीदास दोहाशतक श्रीराम जन्मभूमि विध्वंस का वर्णन
धर्म-अध्यात्म भारतवर्ष की आत्मा धर्ममय November 18, 2017 | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी स्वयं के लिए जीवन जीना पशुता है और दूसरों को भी जीने देना ही मानव धर्म है। धर्म-परायण, सभ्य मानवों ने दूसरों को भी ‘जीने दो’ का लक्ष्य रख कर स्वेच्छा से कुछ नियम और प्रतिबन्ध अपने ऊपर लागू कर लिये हैं। मानव भोजन के लिये किसी जीव की हत्या करने के […] Read more » Bharat Featured India आत्मा धर्ममय भारतवर्ष
कला-संस्कृति समाज रामकथा की महत्ता विदेशों में October 1, 2017 | Leave a Comment डा. राधे श्याम द्विवेदी ’नवीन’ रामकथा श्रीराम की कहानी है जो आज से हजारों साल पहले त्रेता युग में भगवान विष्णु के अवतार के रूप में प्रकट हुआ है। यद्यपि श्रीराम का जन्म भारत में श्रीअयोध्याजी की पावन भूमि में हुआ था। उनका प्रभाव भारत की अपेक्षा विश्व के अनेक देशों में विभिन्न रुपों में […] Read more » Featured importance of Ramkatha Ramkatha रामकथा रामकथा की महत्ता