समाज माता-पिता के प्रति सन्तान के कर्तव्य August 6, 2017 | 8 Comments on माता-पिता के प्रति सन्तान के कर्तव्य आचार्य राधेश्याम द्विवेदी संसार का सुन्दरतम शब्द “माँ”:- संसार का सबसे सुन्दरतम व प्यारा शब्द “माँ” है? सबसे प्यारा, सबसे सुन्दरतम शब्द संसार में है– “माँ” l इसमें इतनी मीठास भरी हुई है ! माँ का पूरा स्नेह, पूरा प्यार. ! माँ या पिता, यानि दोनों का प्यार l माँ और पिता का जो दर्जा […] Read more » duty of child towards their parents सन्तान के कर्तव्य
लेख कर्मण्येवाधिकारस्ते August 6, 2017 | Leave a Comment आचार्य राधेश्याम द्विवेदी कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि ॥ श्रीमद् भगवत गीता के अध्याय दो के 47वें श्लोक का अर्थ होता है कि कर्तव्य कर्म करने में ही तेरा अधिकार है फलों में कभी नहीं. अतः तू कर्मफल का हेतु भी मत बन और तेरी अकर्मण्यता में भी आसक्ति न हो. इस […] Read more » कर्मण्येवाधिकारस्ते
लेख साहित्य पुस्तकालय व्यवसाय नहीं सेवा है August 3, 2017 | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी एक व्यवसाय के रुप में पुस्तकालयाध्यक्षता (लाइब्रेरियनशिप) रोजगार के विविध अवसर प्रदान करती है। पुस्तकालय तथा सूचना.विज्ञान में आज करियर की अनेक संभावनाएं हैं। अर्हताप्राप्त लोगों को विभिन्न पुस्तकालयों तथा सूचना केन्द्रों में रोजगार दिया जाता है। प्रशिक्षित पुस्तकालय व्यक्ति अध्यापक तथा लाइब्रेरियन दोनों रूप में रोजगार के अवसर तलाश कर सकते […] Read more » पुस्तकालय
समाज माँ के बिना सब शून्य July 30, 2017 | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी जिसे कोई उपमा न दी जा सके उसका नाम है ‘माँ’। जिसकी कोई सीमा नहीं उसका नाम है ‘माँ’। जिसके प्रेम को कभी पतझड़ स्पर्श न करे उसका नाम है ‘माँ’। ऐसी तीन माँ हैं —1. परमात्मा , 2. महात्मा और 3. माँ। हे जीव, प्रभु को पाने की पहली सीढ़ी ‘माँ’ […] Read more » मां
समाज माँ का ऋण चुकाना कठिन है July 30, 2017 | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी ऋण का अर्थ है ‘‘कर्ज’’ और कर्ज हर मनुष्य को चुकाना पड़ता है। इसका उल्लेख वेद-पुराणों में प्राप्त होता है। हिंदु धर्म-शास्त्रों के अनुसार मनुष्यों पर तीन ऋण माने गए हैं- देव ऋण, ऋषि ऋण एवं पितृ ऋण। इन तीनों में पितृ ऋण सबसे बड़ा ऋण माना गया है। इन ऋणों का […] Read more » Featured मां माँ का ऋण
प्रवक्ता न्यूज़ ‘ताज रंग महोत्सव 2017‘ का शुभारम्भ 6 जुलाई से July 2, 2017 | Leave a Comment आगरा। एतिहासिक शहर आगरा में विगत वर्षों की भांति नटरांजलि थियेटर आर्टस की संस्थापिका अलका सिंह के नेतृत्व में देश विदेश से पधारे लगभगे 400 कलाकारों की कला संस्कृति के महादर्शन हेतु ‘ताज रंग महोत्सव 2017‘ के चार दिवसीय (6 जुलाई से 9 जुलाई 2017 ) कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस ताज […] Read more » ‘ताज रंग महोत्सव 2017‘
विविधा राष्ट्र के विकास की धरोहर हमारे पुस्तकालय June 30, 2017 | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी वास्तव में मनुष्य के लिए ज्ञान अर्जन व बुद्धि के विकास के लिए पुस्तकों का अध्ययन अत्यंत आवश्यक है । शास्त्रों में भी पुस्तकों के महत्व को सदैव वर्णित किया गया है । संस्कृत की एक सूक्ति के अनुसार – “ काव्य शास्त्र विनोदेन, कालो गच्छति धीमताम् । व्यसनेन च मूर्खाणां, निद्रयाकलहेन […] Read more » Featured पुस्तकालय राष्ट्र के विकास की धरोहर
समाज विलुप्त होती जा रही नैतिकता और मानवता June 26, 2017 | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी आज का मानव कहने को और भौतिक रुप में दिखने को बहुत ही आधुनिक तथा सम्पन्न हो गया है, परन्तु आन्तरिक रुप में वह बहुत ही खोखला और टूट सा गया है। उसमें सहनशीलता खत्म सी हो गयी है. दूसरों के अन्धानुकरण ने विश्व को बरबादी के कागार पर लाकर खड़ा कर […] Read more » नैतिकता मानवता
विविधा सरकारी अस्पतालों में काम का बोझ तथा अनुचित घटनायें June 20, 2017 | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कालेजों में डॉक्टरों की भारी कमी के चलते ना केवल आम जनता को अपितु चिकित्सा प्रशासन व उससे जुड़े सारे लागों को बहुत ही असुविधा का सामना करना पड़ता है। डॉक्टरों, मेडिकल संसाधनों और उपकरणों की कमी के चलते इच्छित परिणाम नहीं मिल पाते हैं। जब तक इन […] Read more » shortage of doctors सरकारी अस्पतालों में काम का बोझ
विविधा भारत की विलुप्त होती बोलियां और भाषाएं June 20, 2017 | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी भाषा समाज की रीढ़:- बोली सिर्फ बोली जाती है भाषा लिखी भी जाती है. बोलने के लिए बोली की ध्वनियों के उच्चारण का अभ्यास पर्याप्त नहीं माना जाता. बोली का अपना एक लहजा भी होता है जिसे बोली बोलने वालों के साथ रहकर ही सीखा जा सकता है. इसी तरह लिखने के […] Read more » Featured the dissapearing languages and dialects of india विलुप्त होती बोलियां
लेख साहित्य बटेश्वर के मंदिरों का खतरों से भरा जीर्णोद्धार कार्य June 12, 2017 | Leave a Comment चम्बल की घाटी में लगभग 10 एकड़ जगह में बने इन मंदिरों के बारे में जब पता चला कि एक मुस्लिम अधिकारी डॉ के. के. मुहम्मद ने इनके जीर्णोद्धार करने का बीड़ा उठाया है तो सबको बहुत ही आश्चर्य हुआ। उस समय मुश्किल यह थी कि वहां आसपास चम्बल के डकैतों का डर व्याप्त था। इसलिए न तो कोई अधिकारी आगे बढ़ रहा था और न काम करने वाले मजदूर। Read more » बटेश्वर
लेख साहित्य ब्रह्मा विष्णु और रुद्र के संयुक्त स्वरुपवाली विश्व की पहली स्मार्ट सिटी है अयोध्या June 10, 2017 | 1 Comment on ब्रह्मा विष्णु और रुद्र के संयुक्त स्वरुपवाली विश्व की पहली स्मार्ट सिटी है अयोध्या डा. राधेश्याम द्विवेदी वेद में अयोध्या को ईश्वर का नगर बताया गया है, “अष्टचक्रा नवद्वारा देवानां पूरयोध्या” और इसकी संपन्नता की तुलना स्वर्ग से की गई है। रामायण के अनुसार अयोध्या की स्थापना मनु ने की थी। यह पुरी सरयू के तट पर बारह योजन (लगभग 144कि.मी) लम्बाई तीन योजन (लगभग 36 कि.मी.) चौड़ाई में […] Read more » Featured अयोध्या