राजनीति प्रणव मुखर्जी का नागपुरी छक्का June 9, 2018 / June 9, 2018 | Leave a Comment विजय कुमार आखिर प्रणव दादा नागपुर चले ही गये। जब से ये खबर आयी थी, तब से कांग्रेसी परेशान थे। क्या हो गया उन्हें; क्यों जा रहे हैं वे नागपुर; आखिरी समय में बुद्धि भ्रष्ट क्यों हो गयी; क्या अब भी कोई महत्वाकांक्षा बाकी है; पार्टी ने उन्हें क्या नहीं दिया; राष्ट्रपति से भी ऊंचा […] Read more » Featured कांग्रेस गांधी चाणक्य नेहरू और रवीन्द्रनाथ टैगोर प्रणव मुखर्जी का नागपुरी छक्का फाहियान राहुल श्री मोहन भागवत सहिष्णुता ह्वेनसांग
राजनीति मध्यावधि उपचुनाव June 5, 2018 / June 5, 2018 | Leave a Comment विजय कुमार, विरोधी पक्ष के बड़े-बड़े लोग सिर जोड़कर बैठे थे। विषय वही था 2019 का चुनाव। महाभारत की घोषणा भले ही न हुई हो, पर उसके होने में अब कुछ संदेह बाकी नहीं था। तब तो श्रीकृष्ण ने युद्ध टालने की बहुत कोशिश की। आधे राज्य के बदले पांच गांव पर ही समझौता […] Read more » Featured कैलास मानसरोवर मध्यावधि उपचुनाव महाभारत मोदी और शाह विदेश विरोधी पक्ष
राजनीति इक बंगला लगे न्यारा May 29, 2018 | Leave a Comment विजय कुमार गीत-संगीत की दुनिया चाहे जितनी प्रगति कर ले; पर जो बात पुराने गीतों में है, वो आज कहां ? हमारे शर्मा जी हर समय पुराने सदाबहार गीत ही सुनते रहते हैं। इससे उनके दिल-दिमाग में ठंडक और इस कारण घर में भी शांति रहती है। हमारे नगर के हृदय रोग विशेषज्ञ डाक्टर सिन्हा […] Read more » Featured अखिलेश बाबू सरकार देहरादून में सरकारी भवन नौकर-चाकर बंगला खाली राजनाथ सिंह राबड़ी देवी लालू सरकारी गाड़ी सुरक्षाकर्मी
राजनीति अलगाववादी जिन्ना के निर्माता May 4, 2018 | Leave a Comment अलगाववादी जिन्ना के निर्माता विजय कुमार जिनका विश्वास भूत-प्रेत में नहीं हैं, वे अपनी मान्यता पर इन दिनों पुनर्विचार कर रहे हैं, क्योंकि मोहम्मद अली जिन्ना का भूत फिर जीवित हो गया है। यह भूत जैसे भारतीय जनता और पार्टियों को बांट रहा है, उससे लगता है कि जीवित रहते जिन्ना ने ही निश्चित […] Read more » 3000 हिन्दू Featured अलगाववादी जिन्ना कोलकाता पाकिस्तान भारत छोड़ो आंदोलन महात्मा गांधी मारे गये मुख्यमंत्री सुहरावर्दी मुसलमानों हत्याकांड
व्यंग्य साहित्य माफी एप March 22, 2018 | Leave a Comment मैंने बहुत मना किया, पर शर्मा जी चुनाव लड़ ही गये। अब चुनाव में तो कई तरह की झूठी-सच्ची बातें कहनी पड़ती हैं। शर्मा जी भी सुबह से शाम तक मंुह फाड़कर मन की भड़ास और दिमागी गंदगी बाहर निकालते रहे। उनकी एक पहचान तो गंदे मफलर से थी, दूसरी इन बेसिर पैर की बातों […] Read more » app for forgiveness Featured
व्यंग्य साहित्य राजनीति का भूत March 21, 2018 | Leave a Comment शर्मा जी की इच्छा थी कि मोहल्ले में उनका कद कुछ बढ़े। उनके भाव भी थोड़े ऊंचे हों। असल में नगर पंचायत के चुनाव पास आ रहे थे। उनका मन था कि इस बार वे भी किस्मत आजमाएं। यद्यपि इससे पहले उनका कोई राजनीतिक कैरियर नहीं था। 40 साल सरकारी दफ्तर में पैर पीटने के […] Read more » Featured राजनीति का भूत
राजनीति बेर-केर को संग March 8, 2018 | Leave a Comment सुना है कि मायावती ने उ.प्र. के उपचुनावों में स.पा. को समर्थन का प्रस्ताव दिया है। उनका कहना है कि वे गोरखपुर और फूलपुर की संसदीय सीट पर अपने वोट उन्हें देंगी। बदले में राज्यसभा और विधान परिषद की सीट के लिए स.पा. को अपने अतिरिक्त वोट ब.स.पा. को देने होंगे। पता नहीं यह प्रस्ताव […] Read more » Akhilesh yadav Mayawati mayawati and akhilesh yadav together कांग्रेस ब.स.पा ममता मायावती वामपंथी स.पा.
राजनीति पूर्वोत्तर भारत : कुछ याद उन्हें भी कर लो.. March 7, 2018 | Leave a Comment भारतीय जनता पार्टी पूरे देश में पूर्वोत्तर भारत में हुई विशाल जीत का जश्न मना रही है। जहां लम्बे समय तक उन्हें कोई पूछता नहीं था, वहां ऐसी विराट सफलता सचमुच आश्चर्यजनक ही है; पर इसके पीछे संघ और समविचारी संगठनों का जो परिश्रम छिपा है, उसे भी समझना जरूरी है। संघ का काम तो […] Read more » Featured martyrs of tripura sangh in tripura tripura पूर्वोत्तर भारत
राजनीति एक देश एक चुनाव, कितने व्यावहारिक ? March 6, 2018 | Leave a Comment परिवर्तन की बात करना राजनेताओं और समाजसेवियों में प्रचलित एक फैशन है। इन दिनों ‘एक देश एक चुनाव’ की चर्चा गरम हैं। कुछ लोग इसके पक्ष में हैं, तो कुछ विपक्ष में। कुछ दलों और नेताओं को इसमें लाभ दिख रहा है, तो कुछ को हानि। अतः वे वैसी ही भाषा बोल रहे हैं; पर […] Read more » Featured one nation one election एक देश एक चुनाव
व्यंग्य मोबाइल न छूटे… February 3, 2018 | Leave a Comment आजकल तो देश के कई भागों में पानी की किल्लत होने लगी है; पर सौ साल पहले चेरापूंजी सबसे अधिक और राजस्थान सबसे कम वर्षा वाला क्षेत्र था। इसीलिए राजस्थान में पानी पर सैकड़ों लोकगीत, कहानियां और कहावतें बनी हैं। उन दिनों पानी भरने तथा कपड़े धोने का काम महिलाएं ही करती थीं। इस बहाने […] Read more » Featured मोबाइल
व्यंग्य साहित्य कांग्रेसी संस्कृति के नये अध्याय January 1, 2018 | Leave a Comment डा. रामधारी सिंह ‘दिनकर’भारत के एक महान साहित्यकार थे। उनकी एक कालजयी पुस्तक है ‘संस्कृति के चार अध्याय’। चार मोटे खंडों वाली इस पुस्तक को पढ़ना और फिर समझना एक बड़ा काम है। जिन्होंने इस पुस्तक से साक्षात्कार किया है, वही इसे जान सकते हैं। लेकिन पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश में संस्कृति का एक नया […] Read more » Congress Congress culture culture New chapters of Congress कांग्रेसी संस्कृति
व्यंग्य साहित्य जूता जासूस December 29, 2017 | Leave a Comment किसी जमाने में एक शायर हुआ करते थे अकबर इलाहबादी। पेशे से तो वे न्यायाधीश थे; पर उनकी प्रसिद्धि उनकी चुटीली शायरी से अधिक हुई। उनका एक प्रसिद्ध शेर है – जूता बाटा ने बनाया, मैंने इक मजमूं लिखा मेरा मजमूं चल न पाया और जूता चल गया।। अब प्रश्न उठता है कि आज जूते […] Read more » Featured जूता जूता जासूस