राजनीति व्यंग्य …और अब मोदी अंगोछा May 30, 2020 / May 30, 2020 | Leave a Comment आजकल मुखबंद (मास्क) सबकी जरूरत बन गया है। शुरू में तो इस पर असमंजस था कि इसे लगाएं या नहीं ? कुछ लोग कहते थे कि इसे कोरोना के रोगी या उनके बीच में काम करने वाले ही लगाएं। बाकी को जरूरत नहीं है। कुछ कपड़े की दो या तीन परतों वाले मुखबंद के समर्थक […] Read more » मोदी अंगोछा
राजनीति आधी रहे न पूरी पावे August 7, 2019 / August 7, 2019 | Leave a Comment हर व्यक्ति की तरह हर राजनीतिक दल का भी अपना मूल चरित्र होता है। वह चाह कर भी इससे हट नहीं सकता। तीन तलाक और अनुच्छेद 370 पर संसद की बहस ने फिर इसे सही सिद्ध कर दिया है। सबसे पहले कांग्रेस की चर्चा करें। किसी समय यह आजादी के लिए संघर्ष करने वालों का […] Read more » artcle 370 Political parties triplate talaq
राजनीति ब.स.पा. और परिवारवाद July 3, 2019 / July 3, 2019 | Leave a Comment कुछ दिन पूर्व बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने विधिवत घोषणा कर दी कि उनका भाई आनंद और भतीजा आकाश पार्टी में नंबर दो और तीन के पद पर रहेंगे। कभी काशीराम और मायावती परिवारवाद के खुले विरोधी थे; फिर ब.स.पा. परिवार के दलदल में क्यों कूद पड़ी ? इसका विश्लेषण करें, तो ध्यान […] Read more » BSP FAMILISM
राजनीति कांग्रेस को चाहिए एक असली गांधी June 19, 2019 / June 19, 2019 | Leave a Comment भारत में कांग्रेस लम्बे समय तक शीर्ष पर रही; पर अब उसके अवसान के दिन हैं। उनका कहना है कि वे चिंतन-मंथन कर भावी सफलता की योजना बनाएंगे; पर बीमारी का मूल कारण समझे बिना उसका इलाज संभव नहीं है। अतः उन्हें थोड़ा पीछे जाकर अपनी सफलता की पृष्ठभूमि समझनी होगी। 1947 के बाद कांग्रेस […] Read more » Congress needs
लेख त्यागी बाबा के अवतार June 17, 2019 / June 17, 2019 | Leave a Comment भारत त्यागी और बैरागियों का देश है। धन, वैभव, राजपाट और परिवार को लात मारने वालों की यहां लम्बी परम्परा रही है। गौतम बुद्ध हों या महावीर स्वामी, पांडव हों या विदेह जनक। इनके कारण ही भारत को जगद्गुरु कहा जाता था। राजा राम और भरत के बीच चली रस्साकशी को कौन नहीं जानता ? […] Read more » sacrificing sage
राजनीति भा.ज.पा. के साहसी निर्णय March 24, 2019 / March 24, 2019 | Leave a Comment पूरे देश में लोकसभा चुनाव की गरमी पूरे यौवन पर है। प्रत्याशियों की घोषणाएं हो रही हैं। हर दिन दलबदल के समाचार सुर्खियां बन रहे हैं। इस दल से उसमें तथा उससे इसमें आने को स्वार्थी नेतागण दलबदल की बजाय दिलबदल कह रहे हैं; पर सच्चाई सबको पता है। इस दौर में वंशवाद भी अपने […] Read more » bjp bold decision by bjp
व्यंग्य रसगुल्ले पर रसीली चर्चा January 25, 2019 / January 25, 2019 | 1 Comment on रसगुल्ले पर रसीली चर्चा कहते हैं कि खबरों का अपना संसार तो है ही; पर उनका स्वाद भी होता है। विश्वास न हो, तो इस मीठी खबर का स्वाद लें। पिछले दिनों कोलकाता में रसगुल्ले के आविष्कार के 150 साल पूरे होने पर ‘रसगुल्ला उत्सव’ मनाया गया। उस पर डाक टिकट और विशेष कवर भी जारी किया गया है। […] Read more »
राजनीति आरक्षण का अगला चरण, आर्थिक आरक्षण January 22, 2019 / January 22, 2019 | Leave a Comment लोकसभा के पिछले सत्र में अचानक मोदी सरकार ने गरीब सवर्णों के लिए दस प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव रख दिया। अपवाद में दो-चार वोटों को यदि छोड़ दें, तो लगभग सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित हुआ। लोकसभा के बाद यह राज्यसभा में भी पारित हो गया। राष्ट्रपति महोदय के हस्ताक्षर से यह कानून बन गया […] Read more » Reservation reservation based on economic condition आरक्षण
धर्म-अध्यात्म विशाल सामाजिक आयोजन है कुंभ January 9, 2019 / January 9, 2019 | Leave a Comment भारत में चार स्थानों पर प्रति बारह वर्ष बाद पूर्ण कुंभ और छह साल बाद अर्धकुंभ की परम्परा हजारों सालों से चली आ रही है। कुंभ का धार्मिक और पौराणिक महत्व तो है ही; पर इसे केवल धार्मिक आयोजन कहना उचित नहीं है। वस्तुतः कुंभ एक विराट सामाजिक आयोजन भी है। भारतीय समाज व्यवस्था में […] Read more » Kumbh कुंभ विशाल सामाजिक आयोजन कुंभ
कहानी चौर्यकला का नूतन अध्याय November 19, 2018 / November 19, 2018 | Leave a Comment विजय कुमार भारत एक कलाधर्मी देश है। कला के गाना, बजाना, चित्रकला, मूर्तिकला, लेखन आदि 64 प्रकार हैं। इनमें एक ‘चौर्यकला’ भी है। इसका प्राथमिक ज्ञान तो हमें बचपन में ही हो जाता है। मां जब पिताजी से छिपाकर कुछ पैसे रख लेती है। बच्चे बाजार से सामान लाते समय दो-चार रु. बचा लेते हैं। […] Read more » चौर्यकला का नूतन अध्याय तकिये तौलिये
व्यंग्य मोलभाव के उस्ताद November 14, 2018 / November 14, 2018 | Leave a Comment विजय कुमार, आप चाहे मानें या नहीं; पर हम भारत वालों को मोलभाव में बहुत मजा आता है। हमारे शर्मा जी की मैडम तो इसमें इतनी माहिर हैं कि पड़ोसिनें जिद करके उन्हें अपने साथ खरीदारी के लिए ले जाती हैं। वे भी इसके लिए हमेशा तैयार रहती हैं, क्योकि आॅटो और चाट-पकौड़ी का खर्च […] Read more » मोलभाव के उस्ताद
समाज क्या आप भी पचास के हो रहे हैं ? October 11, 2018 / October 11, 2018 | 2 Comments on क्या आप भी पचास के हो रहे हैं ? विजय कुमार, पिछले दिनों हमारे पड़ोस में श्रीरामकथा का आयोजन था। कथावाचक घर-गृहस्थी वाले अच्छे विद्वान और संत पुरुष थे। प्रतिदिन एक घंटा वे अपने आवास पर लोगों से मिलते थे। उसमें लोग अपनी निजी जिज्ञासा, समस्या आदि की चर्चा करते थे। गुप्ता जी अब 55 साल के हो गये हैं। अवकाश प्राप्ति में कुछ […] Read more » क्या आप भी पचास के हो रहे हैं ? कारोबार घर प्रतिष्ठा स्वास्थ्य