जन-जागरण धर्म-अध्यात्म समाज हमारे माता-पिता और परमात्मा March 21, 2015 / March 21, 2015 by मनमोहन आर्य | 3 Comments on हमारे माता-पिता और परमात्मा मेरे शरीर के माता-पिता अब इस संसार में नहीं हैं। उनसे मैने देहरादून में आज से लगभग 63 वर्ष पूर्व जन्म पाया था। जन्म ही नहीं अपितु मेरा पालन व पोषण भी उन्होंने किया। माता-पिता निर्धन थे। पिता जी श्रमिक थे। माता धार्मिक गृहिणी परन्तु उन्होंने मेरा इतना अच्छा पालन किया कि आज मैं उन्हें […] Read more » हमारे माता-पिता और परमात्मा
आर्थिकी चिंतन धर्म-अध्यात्म विश्व जल दिवस का भारतीय संयोग March 21, 2015 by अरुण तिवारी | Leave a Comment कितना सुखद संयोग है! 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस के बहाने हम सब की अपनी एक नन्ही घरेलु चिङिया की चिन्ता; देशी माह के हिसाब से चैत्री अमावस्या यानी गोदान का दिन। 21 मार्च को चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा यानी मौसमी परिवर्तन पर संयमित जीवन शैली का आग्रह करते नव दिन […] Read more » world water day विश्व जल दिवस विश्व जल दिवस का भारतीय संयोग
धर्म-अध्यात्म यशोदानंदन-२९ March 21, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment श्रीकृष्ण जैसे-जैसे बड़े हो रहे थे, उनके सम्मोहन में गोप-गोपियां, ग्वाल-बाल, पशु-पक्षी, नदी-नाले, पहाड़ी-पर्वत, पेड़-पौधे, वन-उपवन – सभी एक साथ बंधते जा रहे थे। उन्होंने अब छठे वर्ष में प्रवेश कर लिया था। उनकी सुरक्षा के लिए चिन्तित माता-पिता अब अपेक्षाकृत अधिक विश्वास से भर गए थे। अपने बाल्यकाल में ही उन्होंने पूतना से लेकर […] Read more » यशोदानंदन यशोदानंदन-२९ श्रीकृष्ण
ज्योतिष धर्म-अध्यात्म भारतीय कैलेण्डर और काल को प्रामाणिक करते महाकालेश्वर March 21, 2015 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment विश्व की सभीसभ्यताओं में स्वयं को सर्वोत्तम, सभ्यतम, प्राचीनतम बतानें में एक तथ्य का उल्लेख अवश्य किया जाता है – वह है समय अर्थात काल की गणना और गणना का वैज्ञानिक आधार. काल गणना की दृष्टि से हम भारतीय सौभाग्यशाली हैं कि सम्पूर्ण विश्व इस संदर्भ में हमारें शास्त्रों और परम्पराओं को देखता है. टाइम […] Read more » प्रवीण गुगनानी भारतीय कैलेण्डर भारतीय कैलेण्डर और काल को प्रामाणिक करते महाकालेश्वर
ज्योतिष धर्म-अध्यात्म स्वागत है भारतीय नववर्ष का… March 21, 2015 / March 21, 2015 by एम. अफसर खां सागर | Leave a Comment हम भारतीय ईसवी सन के प्रथम दिन एक जनवरी को अज्ञानतावस नये वर्ष के रूप में बड़े धूम-धाम से मनाते हैं। जिसका न तो कोई खगोलीय प्रतिष्ठा है, न प्राकृतिक अवस्था और न ही ऐतिहासिक पृष्ठभूमी। जनवरी के सर्द मौसम में हाड कपाती ठंड व रक्त संचार जमा कर मनुष्य की गतिशीलता को रोक देता […] Read more » -एम. अफसर खां सागर भारतीय नववर्ष स्वागत है भारतीय नववर्ष का...
चिंतन जन-जागरण महिला-जगत क्या एक महिला दूसरी महिला की पीड़ा को समझती है ? March 20, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | 1 Comment on क्या एक महिला दूसरी महिला की पीड़ा को समझती है ? भारतको अंग्रेजी शासन से आज़ाद हुए छह दशक से भी अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन आज भी लिंग आधारित भेदभाव और महिलाओं पर अत्याचारों में कोई कमी नहींआई है। महिला सशक्तिकरण और महिला उत्थान के लिए आज भी ज्यादा कुछ नहीं किया जा रहा है। निर्भया कांड पर बीबीसी की वृत्त फिल्म ‘इंडिया […] Read more » ‘इंडिया डॉटर कन्या भ्रूण हत्या क्या एक महिला दूसरी महिला की पीड़ा को समझती है ? निर्भया कांड महिला उत्थान महिला की पीड़ा महिला सशक्तिकरण महिलाअशिक्षा महिलाओं पर अत्याचारों सामाजिक-सांस्कृतिक कुरीतियां
चिंतन जन-जागरण जरूर पढ़ें महत्वपूर्ण लेख अब राष्ट्रपिता का अपमान: आखिर क्यों ? March 20, 2015 / March 20, 2015 by मृत्युंजय दीक्षित | 1 Comment on अब राष्ट्रपिता का अपमान: आखिर क्यों ? विगत सप्ताह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर दो बड़ी घटनायें घटीं जिसमें एक घटना के अंतर्गत लंदन शहर के पार्लियामेंट स्क्वायर में महात्मा गांधी की एक ऐतिहासिक कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया गया। गांधी जी की इस प्रतिमा के पास ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री विस्टन चर्चिल और नेल्सन मंडेला जैसे महान नेताओ की प्रतिमा भी […] Read more » अब राष्ट्रपिता का अपमान अब राष्ट्रपिता का अपमान: आखिर क्यों ? कांग्रेस ब्रिटिश एजेंट मार्कंडेय काटजू मृत्युंजय दीक्षित राष्ट्रपिता
धर्म-अध्यात्म यशोदानंदन-२७ March 20, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment श्रीकृष्ण-वध के लिए दृढ़ संकल्प अघासुर शीघ्र ही वृन्दावन के उस स्थान पर पहुंच गया जहां श्रीकृष्ण अपने ग्वाल-बालों के साथ नित्य गोधन लेकर आते थे। उसने ‘महिमा’ नामक योगसिद्धि के द्वारा अपने शरीर का अद्भुत विस्तार किया और श्रीकृष्ण तथा उनके मित्रों को रोक अचानक प्रकट हुआ। अघासुर ने स्वयं को आठ योजन […] Read more » यशोदानंदन-२७
धर्म-अध्यात्म यशोदानंदन-२६ March 18, 2015 / March 18, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment श्रीकृष्ण, भैया दाऊ और अपने मित्रों के साथ नियमित रूप से वन जाने लगे। वे चारागाह जाते, गाय-बछड़ों को स्वतंत्र विचरण करने के लिए छोड़ देते और स्वयं अपने संगी-साथियों के साथ भांति-भांति की क्रीड़ा करते; कभी वे गायों और बछड़ों को चराते समय बांसुरी की सुन्दर धुन बजाते। संपूर्ण गोधन कान्हा की बांसुरी के […] Read more » यशोदानंदन-२६
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म पर्व - त्यौहार महिला-जगत वर्त-त्यौहार साहित्य गणगौर: महिलाओं के सौभाग्य का लोकपर्व March 17, 2015 / March 18, 2015 by ललित गर्ग | Leave a Comment राजस्थान अपने यहां आयोजित होने वाले सांस्कृतिक एवं धार्मिक मेलांे एवं उत्सवों के लिये प्रसिद्ध है। गणगौर इसे और विशिष्ट रूप प्रदान करता है। गणगौर का त्यौहार सदियों पुराना हैं। हर युग में कुंआरी कन्याओं एवं नवविवाहिताओं का ही नहीं अपितु संपूर्ण मानवीय संवेदनाओं का गहरा संबंध इस पर्व से जुड़ा रहा है। यद्यपि इसे […] Read more » गणगौर गणगौर: महिलाओं के सौभाग्य का लोकपर्व महिलाओं का लोकपर्व लोकपर्व
चिंतन जन-जागरण जरूर पढ़ें टॉप स्टोरी महत्वपूर्ण लेख लेख राठौड़ों ने कर दी थी स्वतंत्र मण्डोर राज्य की स्थापना March 16, 2015 / March 16, 2015 by राकेश कुमार आर्य | 6 Comments on राठौड़ों ने कर दी थी स्वतंत्र मण्डोर राज्य की स्थापना दिल्ली के प्रसिद्घ सूफी संत शेख निजामुद्दीन औलिया ने कहा था-‘‘कुछ हिंदू जानते हैं कि इस्लाम सच्चा धर्म है पर वे इस्लाम कबूल नही करते….भयभीत होने के उपरांत भी हिंदुओं ने अपने दिलों से इस्लाम को वैसे ही निकाल फेंका है जैसे आटा गूंथते समय उसमें पड़ गये बाल को निकाल दिया जाता है।’’ निजामुद्दीन […] Read more » conversion issue hindu muslim muslim conversion राठौड़ों ने कर दी थी स्वतंत्र मण्डोर राज्य की स्थापना
धर्म-अध्यात्म यशोदानंदन-२५ March 16, 2015 / March 16, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment विपिन किशोर सिन्हा गोकुल में हो रहे नित्य के उत्पातों ने नन्द बाबा और अन्य वरिष्ठों को चिन्ता में डाल दिया था। इस विषय पर चर्चा करने के लिए सभी वयोवृद्ध ग्वाले नन्द जी के यहां एकत्र हुए। महावन में असुरों द्वारा किए जा रहे उत्पातों को रोकने के लिए सबने अपने-अपने परामर्श दिए। उपनन्द […] Read more » bal gopal gokul gopal kanha krishan lila Mathura vrindavan यशोदानंदन