धर्म-अध्यात्म विविधा लक्ष्मी-गणेश या विक्टोरिया-पंचम November 9, 2010 / December 20, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on लक्ष्मी-गणेश या विक्टोरिया-पंचम सोने-चांदी के सिक्के और दीपावली पूजन -लोकेन्द्र सिंह राजपूत भारत का सबसे बड़ा त्योहार है दीपावली। हर कोई देवी लक्ष्मी को प्रसन्न कर उनका स्नेह चाहता है। इसी जद्दोजहद में व्यक्ति अनेकों जतन करता है धन की अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मी को। पूजन के दौरान कोई गुलाब के तो कोई कमल के फूलों से उनका आसन […] Read more » Victoria विक्टोरिया
धर्म-अध्यात्म चिंतनीय है धर्म के नाम पर फैलता ध्वनि प्रदूषण November 4, 2010 / December 20, 2011 by निर्मल रानी | 3 Comments on चिंतनीय है धर्म के नाम पर फैलता ध्वनि प्रदूषण -निर्मल रानी नि:संदेह प्रत्येक भारतवासी एक आज़ाद देश का आजाद नागरिक है। परंतु इस ‘आजादी’ शब्द के अंतर्गत हमारे संविधान ने हमें जहां तमाम ऐसे अवसर प्रदान किए हैं जिनसे हम अपनी संपूर्ण स्वतंत्रता का एहसास हो सकेवहीं इसी आजादी के नाम पर तमाम बातें ऐसी भी देखी व सुनी जाती हैं जोकि हमें व […] Read more » Noise Pollution ध्वनि प्रदूषण
धर्म-अध्यात्म विचारों की बंद गली में नहीं रहते मुसलमान November 1, 2010 / December 20, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 2 Comments on विचारों की बंद गली में नहीं रहते मुसलमान -जगदीश्वर चतुर्वेदी कारपोरेट मीडिया और अमेरिकी साम्राज्यवाद के इशारे पर इस्लाम और मुसलमान को जानने की कोशिश करने वालों को इनके बारे में अनेक किस्म के मिथों से गुजरना पड़ेगा। मुसलमान और इस्लाम के बारे में आमतौर पर इन दिनों हम जिन बातों से दो-चार हो रहे हैं वे अमेरिका के संस्कृति उद्योग के कारखाने […] Read more » Muslim मुसलमान
धर्म-अध्यात्म लौकिक व अलौकिक के अद्भुत समन्वय हैं राम October 30, 2010 / December 20, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 4 Comments on लौकिक व अलौकिक के अद्भुत समन्वय हैं राम -डॉ. दयाकृष्ण विजय वर्गीय ‘विजय’ भगवान राम को जहाँ महाभारतकार वेद व्यास ने गीता में वीरता के विग्रह के रूप में देखा है, वहीं तुलसी ने उन्हें परब्रह्म के अवतार के रूप में पहचाना है। लोकमानस उन्हें मर्यादापुरुषोत्तम के रूप में जानता है। जो परब्रह्म के अवतार को स्वीकार नहीं करते वे उन्हें एक महापुरुष […] Read more » Shri Ram श्री राम
धर्म-अध्यात्म स्वास्थ्य-योग टीवी पर लाइव योग शो और उसकी विचारधारा October 28, 2010 / December 20, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 4 Comments on टीवी पर लाइव योग शो और उसकी विचारधारा -जगदीश्वर चतुर्वेदी बाबा रामदेव के टेलीविजन पर योगशिविर लगाए जाने के बाद अनेक योगियों के टीवी शो आने लगे हैं। तकरीबन प्रत्येक चैनल योग पर कोई न कोई आइटम पेश करता है। टीवी की आमदनी के लिए योग शो का कार्यक्रम पैकेज में रहना जरूरी है। योग शो की लाखों ऑडिएंस है। लाखों की ऑडिएंस […] Read more » Baba Ramdev बाबा रामदेव
धर्म-अध्यात्म स्वास्थ्य-योग सामूहिक सांस्कृतिक संपदा के निजीकरण के नायक बाबा रामदेव October 28, 2010 / December 20, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 2 Comments on सामूहिक सांस्कृतिक संपदा के निजीकरण के नायक बाबा रामदेव -जगदीश्वर चतुर्वेदी बाबा रामदेव को अभिताभ बच्चन के बाद सबसे बड़ा ब्रांड या मॉडल मान सकते हैं। वे योगी हैं और मॉडल भी। वे संत हैं लेकिन व्यापारी भी। वे गेरूआ वस्त्रधारी हैं लेकिन मासकल्चर के प्रभावशाली रत्न भी हैं। बाबा रामदेव ने योग की मार्केटिंग करते हुए जिस चीज पर सबसे ज्यादा जोर दिया […] Read more » Baba Ramdev बाबा रामदेव
धर्म-अध्यात्म स्वास्थ्य-योग बाबा रामदेव की इमेजों का जादू October 27, 2010 / December 20, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 20 Comments on बाबा रामदेव की इमेजों का जादू -जगदीश्वर चतुर्वेदी टेलीविजन युग की यह खूबी है कि जो टीवी पर्दे पर दिखता है वही सत्य है। जो पर्दे पर नहीं दिखता उसका अस्तित्व भी दर्शक मानने को तैयार नहीं होते। इस तरह के दर्शकों की अनेक प्रतिक्रियाएं मेरे बाबा रामदेव पर केन्द्रित लेखों पर सामने आयी हैं। वे टेलीविजन निर्मित यथार्थ और प्रचार […] Read more » Baba Ramdev बाबा रामदेव
धर्म-अध्यात्म संतों महंतों के ट्रस्टों की संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए October 26, 2010 / December 20, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 22 Comments on संतों महंतों के ट्रस्टों की संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए -जगदीश्वर चतुर्वेदी ‘योगसूत्र’ में योग के क्रियात्मक पक्ष की चर्चा की गई है। यह यौगिक क्रिया ध्यान लगाने की औपचारिक कला, मानव का आंतरिक स्थिति में परिवर्तन लाने, और मानव चेतना को पूर्ण रूप से अंतर्मुखी बनाने से संबद्ध थीं। ए.ई.गौफ ने ‘फिलासफी ऑफ दि उपनिषदाज’(1882) में लिखा है कि योग का आदिम समाजों, खासकर […] Read more » Public property संतों की सार्वजनिक संपत्ति
धर्म-अध्यात्म स्वास्थ्य-योग समाज को सभ्य बना रहे हैं बाबा रामदेव October 23, 2010 / December 20, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 21 Comments on समाज को सभ्य बना रहे हैं बाबा रामदेव -जगदीश्वर चतुर्वेदी बाबा रामदेव फिनोमिना मध्यवर्गीय घरों में घुस आया है। बाबा के सिखाए योगासन के अलावा उनकी बनाई वस्तुओं का भी बड़े पैमाने पर घरों में सेवन हो रहा है। देशी बाजार की उन्नति के लिहाज से यह अच्छा है। बाबा रामदेव को लेकर मुझे कोई व्यक्तिगत शिकायत नहीं है। वे बहुत ही अच्छे […] Read more » Baba Ramdev बाबा रामदेव
धर्म-अध्यात्म ऋग्वेद प्राचीन भारतीय समाज का गीत दर्पण October 18, 2010 / December 20, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment – हृदयनारायण दीक्षित सभी जीवधारी शरीर और प्राण का संयोग हैं। लेकिन मनुष्य विशिष्ट है। मनुष्य जिज्ञासु है। बाकी प्राणी शारीरिक जरूरतों में सीमित हैं। जिज्ञासा की प्यास मनुष्य को प्रकृति का सर्वोत्तम उपहार है। जिज्ञासा जानकारी की इच्छा है। दुनिया के सभी भूखंडों के मनुष्य में जिज्ञासा थी लेकिन इसका प्रामाणिक इतिहास नहीं मिलता। […] Read more » Indian ऋग्वेद
धर्म-अध्यात्म सांप्रदायिक एवं सामाजिक सौहार्द्र का प्रतीक बना विश्व का सबसे ऊंचा रावण October 18, 2010 / December 20, 2011 by तनवीर जाफरी | 2 Comments on सांप्रदायिक एवं सामाजिक सौहार्द्र का प्रतीक बना विश्व का सबसे ऊंचा रावण -तनवीर ज़ाफरी दशहरा पर्व केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। राजा दशरथ पुत्र मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान राम के जीवन की प्रमुख घटनाओं का मंचन इस पर्व के दौरान रामलीला के रूप में किया जाता है। विशेष कर इस दौरान अपने भाई भरत को […] Read more » Dussehra दशहरा
धर्म-अध्यात्म भारतीय सभ्यता का परमानंद है दुर्गापूजा October 15, 2010 / December 21, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment -जगदीश्वर चतुर्वेदी आज दुर्गा अष्टमी है और पश्चिम बंगाल का माहौल एकदम भिन्न है। समूचा प्रांत दुर्गा में डूबा है। जगह-जगह मंडपों में लाखों लोगों की भीड़ लगी है। लोगों की उत्सवधर्मिता का आलम यह है कि कल शाम को अचानक तेज बारिश हो गयी तो कुछ देर के लिए लगा कि अब लोग नहीं […] Read more » Indian Culture दुर्गापूजा