धर्म-अध्यात्म वर्तमान समय में श्रीराम की जीवन गाथा बेहद प्रेरक August 18, 2010 / December 22, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 4 Comments on वर्तमान समय में श्रीराम की जीवन गाथा बेहद प्रेरक – मृत्युंजय दीक्षित श्री रामनवमी का पर्व हिंदुओं के आराध्य मर्यादा पुरुषोतम भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव है। इस पर्व का हिंदू समाज में विशेष महत्व है। वर्तमान समय में जब पूरे देश का समाज पतन की ओर जा रहा है उन परिस्थितियों में भगवान श्रीराम का चरित्र समाज को एक नई दिशा देने में अत्यंत […] Read more » Ram भगवान राम
धर्म-अध्यात्म भारतीय संस्कृति में राष्ट्रधर्म और विधान का राज्य August 14, 2010 / December 22, 2011 by वी. के. सिंह | 6 Comments on भारतीय संस्कृति में राष्ट्रधर्म और विधान का राज्य -वी. के. सिंह भारतीय संस्कृति में सामाजिक व्यवस्था का संचालन सरकारी कानून से नहीं बल्कि प्रचलित नियमों जिसे ‘धर्म’ के नाम से जाना जाता था, के द्वारा होता था। धर्म ही वह आधार था जो समाज को संयुक्त एवं एक करता था तथा विभिन्न वर्गों में सामंजस्य एवं एकता के लिए कर्तव्य-संहिता का निर्धारण करता […] Read more » culture राष्ट्रधर्म संस्कृति
धर्म-अध्यात्म भारत प्रार्थना विज्ञान की प्रथम भूमि August 3, 2010 / December 22, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on भारत प्रार्थना विज्ञान की प्रथम भूमि – हृदयनारायण दीक्षित भारतीय संस्कृति प्रार्थना मूलक है। समूचा ऋग्वेद प्रार्थना मूलक है, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद और उपनिषद् प्रार्थना मंत्र हैं। प्रार्थना हृदय से हृदय का संवाद है, अंतर्भाव का निवेदन है। शून्य से विराट् की वार्ता है। प्रार्थना विचार रहित वाक्य है। निर्विचार वाणी है। हृदयतंत्री का स्वर है। मौन का संगीत है म्युजिस […] Read more » Pray प्रार्थना
धर्म-अध्यात्म योगेश्वर कृष्ण की ऐतिहासिकता July 30, 2010 / December 22, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 3 Comments on योगेश्वर कृष्ण की ऐतिहासिकता – हरिकृष्ण निगम क्या गीता को हमारे देश में अधिकाधिक रूप से राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया जा सकता है? हम गीता क्यों पढ़ें? क्या योगिराज श्री कृष्ण का हमारी संस्कृति में इतना महत्वपूर्ण स्थान है कि उनका आदर्श हम सब के लिए अनुकरणीय है? क्या वर्तमान समय में उनके जीवन की विद्वता, वीरता, कुटनीति, योगी […] Read more » Krishna कृष्ण
धर्म-अध्यात्म भौतिक संसार के अज्ञान से मनुष्य को उबारती है श्रीमद् भगवद गीता July 26, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on भौतिक संसार के अज्ञान से मनुष्य को उबारती है श्रीमद् भगवद गीता – राजीव मिश्र श्रीमद्भगवद्गीता श्री कृष्ण तत्व दर्शन की परमात्मा संहिता है। गोबिंद का यह भगवद गीत, ब्रहम विद्या, शब्द ब्रहम का सामगान, भगवती श्रुति की संज्ञा से परिभाषित हुआ है। गोवर्धनधारी गिरिधर योगेश्वर का सहज सिध्द योगशास्त्र है। धर्म धुरंधर धर्माचार्यों ने इसे वेदमाता गायत्री मंत्र का परम रहस्य घोषित किया है। ज्ञानियों, आचार्यों […] Read more » Shrimad Bhagwatgita श्रीमद् भगवद गीता
धर्म-अध्यात्म मंदिर वहीं, मस्जिद अयोध्या में नहीं और बाबर के नाम की मस्जिद भारत में कहीं नहीं! July 24, 2010 / December 23, 2011 by डॉ. प्रवीण तोगड़िया | 68 Comments on मंदिर वहीं, मस्जिद अयोध्या में नहीं और बाबर के नाम की मस्जिद भारत में कहीं नहीं! -डॉ. प्रवीण तोगड़िया श्रीराम जन्मभूमि के प्रश्न पर गत 450 वर्षों से निरन्तर संघर्ष चल रहा है। जो स्थान श्रीराम जन्मभूमि है और हिन्दू उसकी श्रद्धा से निरन्तर पूजा करते आया है, तब से जब बाबर के मजहब का जन्म भी नहीं हुआ था। उसी स्थान पर मस्जिद बनाने और हिन्दुओं को उस स्थान पर […] Read more » Ayodhya Movement अयोध्या आंदोलन राममंदिर
धर्म-अध्यात्म हम सब अब हिंदू हैं ! – अमेरिकी साप्ताहिक ‘न्यूजवीक’ में लिजा मिलर का वक्तव्य ! July 22, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 7 Comments on हम सब अब हिंदू हैं ! – अमेरिकी साप्ताहिक ‘न्यूजवीक’ में लिजा मिलर का वक्तव्य ! – हरिकृष्ण निगम कम से कम हमारे देश में कथिक प्रबुद्ध विचारकों को इस बात से अवश्य आश्चर्य होगा यदि कोई अमेरिकी पत्रकार विश्व विख्यात अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका ‘न्यूजवीक ‘, ( अगस्त 24 व 31, 2009) में टिप्पणी लिखे कि अमेरिका एक ईसाई राष्ट्र नहीं रहा है। सेमिटिक धर्मों की गलाकाट प्रतिद्वंदिता व अपनी-अपनी श्रेष्ठता-ग्रंथि के […] Read more » America अमेरिकी
धर्म-अध्यात्म इस्लाम का चिंतन July 22, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 16 Comments on इस्लाम का चिंतन – हृदयनारायण दीक्षित भारत प्राचीन राष्ट्र है। सभी राष्ट्र उसके निवासियों के सह अस्तित्व से ही शक्ति पाते हैं। राष्ट्र से भिन्न सारी अस्मिताएं राष्ट्र को कमजोर करती है। भारत में जाति अलग अस्मिता है। मजहबी अस्मिता की समस्या से ही भारत का विभाजन हुआ था। गांधीजी हिन्दू-मुस्लिम की साझा आस्था बना रहे थे। आस्थाएं […] Read more » Islam इस्लाम
धर्म-अध्यात्म ‘जिहाद’ की अन्तर्राष्ट्रीय व्याख्या July 20, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on ‘जिहाद’ की अन्तर्राष्ट्रीय व्याख्या – धाराराम यादव अनेक मुस्लिम विद्वानों ने समय-समय पर यह असंदिग्ध घोषणा की है कि ‘इस्लाम’ शांति, प्रेम एंव भाईचारे का मजहब है, किन्तु विगत दो शताब्दियों से सारा विश्व इस्लामिक जिहाद से त्रस्त है। विशेषकर विश्व के गैर इस्लामिक देश-अमेरिका, यूरोप के देश, इजरायल और भारत आदि इस्लामिक जिहादी आंतकवाद का कहर झेल रहे […] Read more » Jihad इस्लाम जिहाद
धर्म-अध्यात्म हिंदू नेताओं पर हमलों का सबक July 20, 2010 / December 23, 2011 by विजय कुमार | 2 Comments on हिंदू नेताओं पर हमलों का सबक – विजय कुमार डॉ. प्रवीण तोगड़िया और श्री श्री रविशंकर की तुलना करें, तो कई समानताएं और कई असमानताएं मिलेंगी। दोनों हिंदू हित के लिए काम कर रहे हैं। सदा मुस्कुराते रहने वाले, श्वेत वस्त्रधारी रविशंकर जी संन्यासी हैं और बंगलौर के पास अपने आश्रम को केंद्र बनाकर काम करते हैं। पूरे विश्व में उनके […] Read more » hindu Politician हिंदू नेता
धर्म-अध्यात्म भारतीय मानस में राम July 19, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 5 Comments on भारतीय मानस में राम – राजीव मिश्र भारतीय संस्कृति में समता-समरसता के एक आदर्श आराधक देवता मर्यादा पुरुषोतम राम हैं जो मानव भी है और देवता होने के कारण करोड़ों के आराध्य हैं। सैकड़ों धार्मिक गतिविधियाँ, मान्यताएँ, विश्वास, लोक-कथाएं उनके पावन चरित्र से जुड़ी हैं। जहाँ वह राजा दशरथ और माता कौशल्या के तेजस्वी आज्ञाकारी पुत्र हैं वहीं वह […] Read more » Ram राम
धर्म-अध्यात्म आध्यात्मिकता की पुनर्स्थापना की थी आद्य शंकराचार्य ने July 9, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 3 Comments on आध्यात्मिकता की पुनर्स्थापना की थी आद्य शंकराचार्य ने – राजीव मिश्र वैदिक धर्म के इतिहास में आचार्य शंकर का प्रादुर्भाव एक नवीन युग का सूचक है। पुरानी परंपराओं के प्रतिष्ठाता आचार्य शंकर राष्ट्रीय एकता के प्रतीक एवं अखंड भारत की स्थापना में सांप्रदायिक सद्भाव के सुदृढ़ सेतु हैं। आज के आतंकवाद से ग्रस्त अशांत संपूर्ण युग में मानव को शांति और सौहार्द, राष्ट्रीय […] Read more » Shankaracharya आद्य शंकराचार्य