धर्म-अध्यात्म “ईश्वर, वेद, आर्यसमाज और ऋषि भक्त पं. सत्यपाल पथिक – एक समर्पित प्रेरणादायक जीवन एवं उनके कुछ कार्य” May 21, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, पं. सत्यपाल पथिक जी आर्यजगत की दिव्य एवं महान विभूति हैं। आपने सारा जीवन आर्यसमाज की सेवा में लगाया है। आपने ईश्वर, वेद, ऋषि दयानन्द, आर्यसमाज और आर्य महापुरुषों के जीवन पर सहस्रों प्रभावशाली गीतों वा भजनों की रचना की है। आपके गीत व भजन न केवल आर्यसमाज के भजनोपदेशक […] Read more » Featured आर्य धर्मार्थ न्यास आर्यसमाज ईश्वर ऋषि दयानन्द पं. सत्यपाल पथिक वेद हिण्डोन सिटी
धर्म-अध्यात्म “नास्तिक, ईश्वर के सत्यस्वरूप से अनभिज्ञ, मिथ्या कर्मकाण्ड व उपासना करने वाले मनुष्यों का परलोक वा भविष्य असुखद” May 19, 2018 / May 19, 2018 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on “नास्तिक, ईश्वर के सत्यस्वरूप से अनभिज्ञ, मिथ्या कर्मकाण्ड व उपासना करने वाले मनुष्यों का परलोक वा भविष्य असुखद” मनमोहन कुमार आर्य, हम आंखों से जितना व जैसा संसार देखते हैं वह सब और जो नहीं देख पाते वह सब भी सच्चिदानन्द, सर्वज्ञ, सर्वव्यापक और सर्वशक्तिमान परमेश्वर की रचना है। उसी परमात्मा ने सृष्टि के आरम्भ में चार ऋषियों को उत्पन्न कर उनके द्वारा ईश्वर, जीवात्मा और सृष्टि का यथार्थ व सत्य ज्ञान […] Read more » Featured अत्यन्त सूक्ष्म अनादि अनुत्पन्न अल्प शक्ति वाला अल्पज्ञ अविनाशी ईश्वर ऋषि दयानन्द एकदेशी
चिंतन समाज प्रदूषण कम करने में सबकी सहभागिता जरूरी May 18, 2018 by गंगानन्द झा | Leave a Comment प्रदूषण कम करने में सबकी सहभागिता जरूरी हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया के 15 सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट जारी की है। जिसमें एक दो नहीं बल्कि 14 शहर भारत के हैं। प्रदूषित शहरों की इस लिस्ट में उत्तर प्रदेश का शहर कानपुर जहां पहले स्थान पर है, वहीं राजधानी दिल्ली के […] Read more » Featured प्रदूषण प्रदूषण कम करने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बीजिंग और नीदरलैंड विश्व स्वास्थ्य संगठन सबकी सहभागिता जरूरी सिंगापुर
धर्म-अध्यात्म समाज गणि राजेन्द्र विजय: आदिवासियों के मसीहा संतपुरुष May 17, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग – भारत की भूमि संतों एवं मनीषियों की भूमि रही है। उनका व्यक्तित्व एवं उनकी आध्यात्मिक यात्रा जन-जन के लिये सदा ही आकर्षण, प्रेरणा एवं जिज्ञासा का केन्द्र रही है। इन महापुरुषों ने धर्म के क्षेत्र में अनेक क्रांतिकारी स्वर बुलंद किए। ऐसे ही विलक्षण एवं अलौकिक संतों में एक नाम है गणि […] Read more » Featured आदिवासी समाज आध्यात्मिक कवांट गणि राजेन्द्र विजयजी नक्सलवाद बलद बोडेली माओवाद रंगपुर संस्कारों
धर्म-अध्यात्म “वेदों का आविर्भाव कब, कैसे व क्यों हुआ?” May 8, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment “वेदों का आविर्भाव कब, कैसे व क्यों हुआ?” -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। संसार में जितने भी पदार्थ है उनकी उत्पत्ति होती है और उत्पत्ति में कुछ मूल कारण व पदार्थ होते हैं जो अनुत्पन्न वा नित्य होते हैं। इन मूल पदार्थों की उत्पत्ति नहीं होती, वह सदा से विद्यमान रहते हैं। उदाहरण के लिए […] Read more » Featured अथर्ववेद ईश्वर ऋग्वेद ऋषि दयानन्द बुद्धि मन यजुर्वेद वेदों सामवेद
धर्म-अध्यात्म मनुष्य और पश्वादियों में जीवात्मा एक जैसा वा समान समान है’ May 4, 2018 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on मनुष्य और पश्वादियों में जीवात्मा एक जैसा वा समान समान है’ मनमोहन कुमार आर्य हम संसार में मनुष्यों सहित अनेक पशु, पक्षी व अन्य अनेक प्राणी योनियों को देखते हैं। सभी मनुष्यों व जीवित प्राणियों में एक अनादि, अमर, अल्पज्ञ, सूक्ष्म व ससीम चेतन जीवात्मा होता है। इन सभी प्राणी योनियों में जो जीवात्मायें हैं वह एक जैसी हैं। अनेक मनुष्यों को मनुष्य और अन्य सभी […] Read more » Featured ऋषि दयानन्द धर्मराज अर्थात् परमेश्वर मनुष्य वीर्य
धर्म-अध्यात्म “ऋषि दयानन्द का ‘स्वमन्तव्यामन्तव्यप्रकाश’ गागर में सागर” May 3, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment “ऋषि दयानन्द का ‘स्वमन्तव्यामन्तव्यप्रकाश’ गागर में सागर” -मनमोहन कुमार आर्य, ऋषि दयानन्द का सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ संसार में सुविख्यात ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ में ऋषि दयानन्द ने संसार में विद्यमान पदार्थों के सत्य स्वरूप का प्रकाश किया है। यह ग्रन्थ चौदह समुल्लासों में है। प्रथम दस समुल्लास ग्रन्थ पूर्वाद्ध कहलाते हैं और बाद के चार समुल्लास […] Read more » Featured अर्थ-अनर्थ आचार्य आर्य-दस्यु आर्यावर्त्त व आर्य उपाध्याय काम गुरु तीर्थ देव-असुर-राक्षस-पिशाच देवपूजा न्यायकारी पुराण पुरुषार्थ प्रारब्ध से बड़ा पुरोहित प्रजा बन्ध मनुष्य मुक्ति मुक्ति के साधन यज्ञ राजा वर्णाश्रम शिक्षा शिष्टाचार शिष्य सकर्तृक संस्कार
धर्म-अध्यात्म आर्यत्व का धारण मनुष्य को श्रेष्ठ व सफल मनुष्य बनाता है” May 2, 2018 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on आर्यत्व का धारण मनुष्य को श्रेष्ठ व सफल मनुष्य बनाता है” मनमोहन कुमार आर्य हम अपने पूर्व जन्मों के अच्छे कर्मों के कारण इस जन्म में मनुष्य योनि में उत्पन्न हुए हैं। दो मनुष्यों व इनकी आत्माओं के कर्म समान नहीं होते। अतः सभी मनुष्यों के परिवेश व इनकी सामाजिक परिस्थितियां भिन्न भिन्न देखने को मिलती हैं। वैदिक कर्म-फल सिद्धान्त के अनुसार मनुष्य योनि में जो […] Read more » Featured अत्याचार आत्मा तम्बाकू का सेवन धूम्रपान प्रति अन्याय बुद्धि व आत्मबल भ्रष्टाचार मछली मन मस्तिष्क शरीर शोषण
धर्म-अध्यात्म ‘वेदों का प्रवेश-द्वार ऋषिदयानन्दकृत ग्रन्थ सत्यार्थप्रकाश April 30, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment ‘वेदों का प्रवेश–द्वार ऋषिदयानन्दकृत ग्रन्थ सत्यार्थप्रकाश’ –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। सत्यार्थप्रकाश धार्मिक वं सामाजिक शिक्षाओं का एक विश्व विख्यात ग्रन्थ है। यह ऐसा ग्रन्थ है कि जिसमें ऋषि दयानन्द के जीवन में देश व विश्व में प्रचलित सभी मत-मतान्तरों की अवैदिक, असत्य व अज्ञानयुक्त मान्यताओं पर प्रकाश डाला गया है। इस ग्रन्थ ने भारत […] Read more » Featured ईश्वर जयकृष्ण दास परमात्मा मनुष्य वेदों शान्ति सत्यार्थप्रकाश समाज सुख स्वामी दयानन्द
धर्म-अध्यात्म मनुष्य के कुछ आवश्यक कर्तव्य April 27, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य हम मनुष्य कहलाते हैं। इसका कारण यह है कि परमात्मा ने हमें सत्य व असत्य का विचार करने के लिए बुद्धि दी है। परमात्मा ने ही मनुष्येतर सभी प्राणियों को बनाया है परन्तु उनको बुद्धि नहीं दी है। वह सत्य व असत्य का विचार नहीं कर सकते। वह प्राणी कोई भाषा बोल […] Read more » Featured अध्यापक आचार्य इंजीनियर उपदेशक डाक्टर प्रचारक मनुष्य वाणिज्यिक विद्वान समाज
धर्म-अध्यात्म स्त्री व शूद्र शिक्षा के सन्दर्भ में सत्यार्थप्रकाश का मत April 27, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment शिवदेव आर्य स्वामी दयानन्द सरस्वती जी अनिवार्य शिक्षा का समर्थन करते हैं और इसके लिए स्वामी जी यह दायित्व माता-पिता को सौंपते हैं। वे चाणक्य के उस प्रसिद्ध श्लोक – ‘माता शत्रुः पिता वैरी…’ को उद्धृत कर यह स्पष्ट कर देते हैं कि जिन माता-पिता ने अपने बच्चों को प्रशिक्षित नहीं किया उन्होंने अपने सन्तानों […] Read more » Featured अग्नि अपाला काक्षीवती घोषा चन्द्र जल पृथिवी रोमशा लोपामुद्रा वायु सूर्य स्वामी दयानन्द
धर्म-अध्यात्म सत्संग क्या और इससे लाभ April 27, 2018 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on सत्संग क्या और इससे लाभ मनमोहन कुमार आर्य सत्संग एक प्रचलित शब्द है जिसका प्रायः सभी लोग बातचीत व परस्पर व्यवहार में प्रयोग करते है। आजकल किसी धार्मिक कथा आदि में जाने को ही सत्संग मान लिया जाता है। सत्संग का वास्तविक अर्थ क्या है, इस पर कम लोग ही ध्यान देते हैं। सत्संग दो शब्दों सत् और संग से […] Read more » Featured अग्निहोत्र अज्ञान अन्याय आत्मा ईश्वर ऋषिकृत ग्रन्थों क्रोध दुराचार देवयज्ञ मनुष्य लोभ सत्संग