जन-जागरण सोचने को विवश करते कुछ प्रचलित शब्द April 20, 2012 / April 20, 2012 by श्यामल सुमन | 2 Comments on सोचने को विवश करते कुछ प्रचलित शब्द हमारे, आपके, प्रायः सबके जीवन में जाने अनजाने कुछ शब्दों के ऐसे प्रयोग होते रहते हैं जिनके शाब्दिक अर्थ कुछ और लेकिन उनके प्रचलित अर्थ कुछ और। मजे की बात है कि शब्दार्थ से अलग (कभी कभी विपरीत भी) अर्थ ही सर्व-स्वीकार्य भी हैं। इस प्रकार के कुछ शब्दों को को समेटते हुए प्रस्तुत है […] Read more »
जन-जागरण मिशन नर्सरी एडमीशन और टैंशन April 17, 2012 / April 17, 2012 by शादाब जाफर 'शादाब' | 2 Comments on मिशन नर्सरी एडमीशन और टैंशन शादाब जफर ‘‘शादाब’’ शिक्षा के नाम की दलाली खाने वाले स्कूल क्या हमारे बच्चो और देश का भविष्य बना सकते है ?। आज हर अभिभावक के मन में ये सवाल है क्यो कि पिछले दिनो जिस प्रकार से नजीबाबाद में शिक्षा के माफियाओ द्वारा नगर में संचालित अधिकतर फर्जी तौर पर बिना मान्यता के चल […] Read more » admission in nursery schools नर्सरी एडमीशन
जन-जागरण आम आदमी की सुरक्षा पर हावी वीआईपी सुरक्षा April 15, 2012 / April 15, 2012 by सिद्धार्थ शंकर गौतम | 1 Comment on आम आदमी की सुरक्षा पर हावी वीआईपी सुरक्षा देश इस वक़्त आतंरिक तौर पर कड़े अनुभवों से दो-चार हो रहा है| नक्सलवाद की समस्या तो मुंह बाए खड़ी ही है, महानगरों एवं छोटे शहरों में बढ़ती आपराधिक घटनाओं ने भी सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है| चाकूबाजी, ज़रा-जरा सी बात पर झगडा, किसी को कहीं कहीं भी; कभी भी जान से […] Read more » security to vip persons आम आदमी की सुरक्षा वीआईपी सुरक्षा
जन-जागरण कमलनाथ के छिदवाड़ा को रेल मंत्री ने दीं ढेरों सौगातें March 17, 2012 / March 17, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | 2 Comments on कमलनाथ के छिदवाड़ा को रेल मंत्री ने दीं ढेरों सौगातें 14मार्च को संसद में रेल बज़ट पास हुआ जिसमें कमलनाथ के संसदीय क्षेत्र छिंदवाड़ा को ढेर सारी सौगातें मिली| इसे कमलनाथ का व्यक्तिगत प्रयास कहें या छिंदवाड़ा के प्रति कुछ कर गुजरने की लगन यह सोच का विषय विरोधियों के लिये हो सकता है किंतु छिंदवाड़ा की जनता के अपार लगाव तो स्पष्ट झलकता ही […] Read more » railway छिदवाड़ा
विधानसभा चुनाव बहनजी का हिसाब ज्यों का त्यों फिर बसपा सरकार डूबी क्यों ? March 17, 2012 / March 17, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | Leave a Comment इक़बाल हिंदुस्तानी मायावती को बताना चाहिये उनको जिताने का ठेका किसने लिया था! कुर्सी यानी सत्ता वाकई ऐसा नशा है कि इसके छिनते ही आदमी बौखलाने लगता है। अब बहनजी को ही देख लीजिये हार से आपा खो बैठी हैं। बजाये अपनी गल्ती मानकर जनादेश स्वीकार कर लोकतंत्र का सम्मान करने के अहंकार और गुस्से […] Read more » BSP Failure बसपा सरकार
चुनाव चुनाव के रण में अन्ना का आंदोलन नहीं कांग्रेस चित हो गयी! March 16, 2012 / March 16, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 2 Comments on चुनाव के रण में अन्ना का आंदोलन नहीं कांग्रेस चित हो गयी! इक़बाल हिंदुस्तानी जो हार कर भी हार ना माने उनको फुटेला कहते हैं? प्रवक्ता डॉटकाम पर लिखने वाले जगमोहन फुटेला जी वरिष्ठ पत्रकार हैं उनको काफी अच्छा ज्ञान भी डा. मनमोहन और नरसिम्हा राव जी की तरह है लेकिन वे पहले दिन से ही जिस तरह अन्ना के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के पीछे हाथ धोकर […] Read more » election results
जन-जागरण विधानसभा चुनाव परिणामों के संकेत March 16, 2012 / March 16, 2012 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | Leave a Comment डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ विधानसभा चुनाव परिणामों के संकेत-अन्ना और बाबा ने भ्रष्टाचार की लड़ाई को कई वर्ष पीछे धकेल दिया है। मणीपुर, गोआ, पंजाब, उत्तराण्ड और उत्तर प्रदेश सहित 5 राज्यों की विधान सभाओं के चुनाव परिणामों ने इलेक्ट्रॉलिक मीडिया, प्रिंट मीडिया, स्वतंत्र पत्रकार और राजनेताओं सहित सभी को चौंका दिया है। सभी के […] Read more » resultof election विधानसभा चुनाव परिणामों के संकेत
चुनाव पांच राज्यों के चुनाव परिणामों के निहितार्थ March 14, 2012 / March 14, 2012 by सिद्धार्थ शंकर गौतम | Leave a Comment सिद्धार्थ शंकर गौतम आमचुनाव २०१४ की प्रयोगशाला माने जा रहे पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों ने कहीं न कहीं क्षेत्रीय दलों को राष्ट्रीय राजनीति में मजबूती से स्थापित कर दिया है वहीं भाजपा-कांग्रेस के लिए इन चुनाव परिणामों ने उनकी राष्ट्रीय भूमिका पर प्रश्न-चिन्ह लगाया है। तमाम सियासी गुणा-भाग और समीकरणों से इतर उत्तरप्रदेश […] Read more » election in 5 states कांग्रेस चुनाव पांच राज्यों के चुनाव भाजपा
चुनाव न राष्ट्रवाद, न ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद’ यूपी ने चुना समाजवाद March 14, 2012 / March 14, 2012 by तनवीर जाफरी | 2 Comments on न राष्ट्रवाद, न ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद’ यूपी ने चुना समाजवाद तनवीर जाफरी उत्तरप्रदेश के मतदाताओं ने चुनावी पंडितों के सभी पूर्वानुमानों को झुठलाते हुए प्रदेश में पूर्ण बहुमत से समाजवादी पार्टी की सरकार को चुन लिया है। इस बात की उम्मीद तो की जा रही थी कि सपा ही प्रदेश में सबसे बड़े राजनैतिक दल के रूप में उभरेगी। परंतु प्रदेश की 224 विधानसभा सीटों […] Read more » samawaji party UP यूपी समाजवाद सांस्कृतिक राष्ट्रवाद
चुनाव इस चुनाव से टूटे कई मिथक March 14, 2012 / March 14, 2012 by सुनील अमर | 2 Comments on इस चुनाव से टूटे कई मिथक – सुनील अमर – देश की लोकतांत्रिक राजनीति में व्यक्ति से लेकर जाति और धर्म तक के कई मिथक पहले चुनाव से ही गढ़ लिये गये थे और वे थोड़े बहुत रद्दो-बदल के साथ हर चुनाव में अपना असर दिखाते रहे लेकिन संतोष की बात है कि उत्तर प्रदेश में सम्पन्न हुआ विधानसभा का यह […] Read more » Democracy चुनाव मिथक लोकतांत्रिक राजनीति
चुनाव अतिवाद से किनारा करता मतदाता March 12, 2012 / March 12, 2012 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव पांच राज्यों में हुए चुनाव के जो परिणाम सामने आए हैं, उनसे तय हुआ है कि मतदाता सशक्त और जागरूक हुआ है, जिसके चलते उसने सभी दलों के अतिवाद को नकारा है। इस बार उत्तर-प्रदेश में सबसे ज्यादा निर्लज्जता से कांग्रेस ने मुस्लिम आरक्षण और छोटी जातियों के वोट हथियाने का दांव चला, […] Read more » election of 5 states voter चुनाव पांच राज्यों में हुए चुनाव मतदाता
चुनाव उत्तर प्रदेश में संघर्ष से सत्ता तक के समाजवादी नायक अखिलेश यादव March 10, 2012 / March 13, 2012 by अरविन्द विद्रोही | 1 Comment on उत्तर प्रदेश में संघर्ष से सत्ता तक के समाजवादी नायक अखिलेश यादव अरविन्द विद्रोही उत्तरप्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो चुका है । विधान सभा उत्तर प्रदेश के आमचुनाव २०१२ में आम जनता के विश्वास रूपी मतों के सहारे, तमाम राजनीतिकपूर्वानुमानो को धता बताते हुये समाजवादी पार्टी ने विजय पताका फहरा ली है । बहुमत के जादुई अंक को पार करते हुये समाजवादी पार्टी ने अपने स्थापना से […] Read more » Akhilesh yadav sp UP अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश समाजवादी नायक