टेलिविज़न शख्सियत रोहित सरदाना राष्ट्रवादी सोच के शिखर थे May 5, 2021 / May 5, 2021 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग मशहूर न्यूज एंकर, टीवी पत्रकारिता के एक महान् पुरोधा पुरुष, मजबूत राष्ट्रवादी सोच एवं निर्भीक वैचारिक क्रांति के सूत्रधार, उत्कृष्ट राष्ट्रवादी के धनी रोहित सरदाना की असामयिक मौत अंचभित कर रही है। एक संभावनाओं भरी टीवी पत्रकारिता का सफर ठहर गया, उनका निधन न केवल पत्रकारिता के लिये बल्कि भारत की राष्ट्रवादी […] Read more » Rohit Sardana Rohit Sardana was the pinnacle of nationalist thinking रोहित सरदाना
टेलिविज़न मीडिया प्रेस की स्वतंत्रता और मूल्यवादी पत्रकारिता May 3, 2021 / May 3, 2021 by अरविंद जयतिलक | Leave a Comment अरविंद जयतिलकआज दुनिया भर में विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है। यह दिवस मीडिया की आजादी पर हमलों से मीडिया की रक्षा तथा अपने प्राणों की आहुति देने वाले पत्रकारों को श्रद्धांजलि के तौर पर मनाया जाता है। प्रेस की स्वतंत्रता के बीच मूल्य आधारित पत्रकारिता आज की मीडिया की सबसे बड़ी चुनौती […] Read more » Freedom of the Press and Valuable Journalism प्रेस की स्वतंत्रता विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस
टेलिविज़न मीडिया बेमानी है प्रेस फ्रीडम की बातें May 3, 2021 / May 3, 2021 by मनोज कुमार | Leave a Comment मनोज कुमारतीन दशक पहले संयुक्त राष्ट्र संघ ने 3 मई को विश्व प्रेस फ्रीडम डे मनाने का ऐलान किया था. तब से लेकर आज तक हम इसे पत्थर की लकीर मानकर चल रहे हैं. इन तीन दशकों में क्या कुछ हुआ, इसकी मीमांसा हमने नहीं की. पूरी दुनिया में पत्रकार बेहाल हैं और प्रेस बंधक […] Read more » Press Freedom The talk of press freedom is meaningless प्रेस फ्रीडम विश्व प्रेस फ्रीडम डे
टेलिविज़न शख्सियत निर्भीक-निड़र-बेबाक पत्रकार ‘रोहित सरदाना’ के यूं चले जाने पर विश्वास नहीं होता! May 3, 2021 / May 3, 2021 by दीपक कुमार त्यागी | Leave a Comment दीपक कुमार त्यागी जिसने प्रथ्वी पर किसी भी रूप में जन्म लिया है, उसका एक दिन जाना तय है, यह सर्वशक्तिमान ईश्वर का बनाया हुआ नियम है, लेकिन कोई भी व्यक्ति अगर अपनी पारिवारिक व सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करके आयु के अंतिम पड़ाव पर दुनिया से चला जाता है तो उसके जाने की वेदना […] Read more » death of rohit sardana rohit sardana death due to corona rohit sardana death due to heart attack निर्भीक-निड़र-बेबाक पत्रकार रोहित सरदाना
टेलिविज़न मनोरंजन महाभारत के सबसे प्रसिद्ध पात्र कर्ण के ऊपर बन रही फ़िल्म “सूर्यपुत्र महावीर कर्ण” February 24, 2021 / February 24, 2021 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment महाभारत के सबसे प्रसिद्ध पात्र कर्ण के ऊपर बन रही फ़िल्म “सूर्यपुत्र महावीर कर्ण” का टेलर लॉंच होते ही सोशल मीडिया पर छा गया है। फ़िल्म का ट्रेलर लॉंच होने के कुछ मिनट के भीतर ही ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा। ट्रेलर को फ़िल्म जगत की कई सिलेब्रिटीज़ ने भी रीट्वीट किया है। लोगों ने […] Read more » सूर्यपुत्र महावीर कर्ण
टेलिविज़न मीडिया लेख ख़बरों के पीछे दौड़ती पत्रकारिता को थोड़ी रैड लाइट की जरूरत है। December 28, 2020 / December 28, 2020 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment आज के दौर में सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के बीच मीडिया के लिए विश्वसनियता की अहमियत पहले से ज्यादा बढ़ गई है। आज देश भर के चैनलों और अख़बारों में खबर जहां जल्दी पहुंचाने पर जोर है, वहीं समाचार में वस्तुनिष्ठता, निष्पक्षता और सटीकता बनाए रखना भी बेहद जरूरी है। इंटरनेट और सूचना के […] Read more » पत्रकारिता को थोड़ी रैड लाइट की जरूरत
टेलिविज़न मनोरंजन मीडिया टीआरपी: मीडिया की साख पर आंच October 10, 2020 / October 10, 2020 by डॉ. पवन सिंह मलिक | Leave a Comment – डॉ. पवन सिंह मलिक चौबीस घंटे सबकी खबरें देने वाले टीवी न्यूज़ चैनल अगर खुद ही ख़बरों में आ जाए, तो इससे बड़ी हैरानी व अचंभित करने वाली ख़बर क्या होगी। परंतु पिछले कुछ घंटो में ऐसा ही नज़ारा टीवी पर हम सब देख रहे है। पर ये तो सीधा-सीधा उन करोड़ों दर्शकों की आस्था के […] Read more » hit on Media credibility TRP टीआरपी टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट्स
टेलिविज़न मनोरंजन मीडिया मीडिया का संकीर्णतावादी चरित्र September 25, 2020 / September 25, 2020 by डॉ. ज्योति सिडाना | Leave a Comment डॉ. ज्योति सिडाना मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा जाता है क्योंकि सार्वजनिक जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के एक साधन के रूप में तथा देश के लोकतान्त्रिक चरित्र का प्रचार-प्रसार करने में मीडिया की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है. यह एक तथ्य है कि मीडिया समाज के सभी सदस्यों […] Read more » Media parochial character मीडिया का संकीर्णतावादी चरित्र
टेलिविज़न टॉप स्टोरी मीडिया गंभीर समस्याओं का समाधान करने की जगह ध्यान हटाने की कला में माहिर होते सिस्टम में बैठे कुछ लोग September 22, 2020 / September 22, 2020 by दीपक कुमार त्यागी | Leave a Comment दीपक कुमार त्यागी विश्व में भारत की पहचान एक सबसे बड़े पूर्णतः लोकतांत्रिक व्यवस्था को मानने वाले देश के रूप में होती है, जहां पर आम लोगों के द्वारा चुनी गयी सरकार लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा करते हुए जनहित के सभी कार्यों को समय रहते संपन्न कराती रहती है। हमारा प्यारा देश भारत सम्पूर्ण […] Read more » Some people sitting in the system specializing in the art of deflecting instead of solving serious problems अभिनेत्री कंगना रनौत पर हो रहे अत्याचार कोरोना वायरस महामारी सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या की घटना
टेलिविज़न लेख समाज अंधविश्वास ,उदारीकरण व पैसे के पीछे भागता मीडिया झोंक रहा है देश को बर्बादी के गड्ढे मे September 19, 2020 / September 19, 2020 by भगवत कौशिक | Leave a Comment भगवत कौशिक यदि किसी समाज का आर्थिक विकास की अपेक्षाकृत बौद्धिक विकास न हो तो वह समाज अंधविश्वासों में और भी गहरे धंसता चला जाता है। फिर उस समाज में लोगों के अंधविश्वास का फायदा उठाकर अपना घर भरने वाले परजीवियों का साम्राज्य विकसित होने लगता है। भारत के मामले में यही हुआ है। 90 […] Read more » liberalization and money is putting the country in the pit of ruin Media rushing behind superstition अंधविश्वास उदारीकरण पैसे के पीछे भागता मीडिया
टेलिविज़न ‘दूरदर्शन’ जो दिलों में सदा जिंदा है September 15, 2020 / September 15, 2020 by डॉ. पवन सिंह मलिक | Leave a Comment – डॉ. पवन सिंह मलिक दूरदर्शन, इस एक शब्द के साथ न जाने कितने दिलों की धड़कन आज भी धड़कती है। आज भी दूरदर्शन के नाम से न जाने कितनी पुरानी खट्टी-मिट्ठी यादों का पिटारा हमारी आँखों के सामने आ जाता है। दूरदर्शन के आने के बाद पिछले साठ वर्षों में न जाने कितनी पीढ़ियों ने […] Read more » Doordarshan always alive in the hearts दूरदर्शन
टेलिविज़न मनोरंजन मीडिया ब्रेकिंग न्यूज के दौर में हिन्दी पर ब्रेक September 14, 2020 / September 14, 2020 by मनोज कुमार | Leave a Comment मनोज कुमार ब्रेकिंग न्यूज के दौर में हिन्दी के चलन पर ब्रेक लग गया है. आप हिन्दी के हिमायती हों और हिन्दी को प्रतिष्ठापित करने के लिए हिन्दी को अलंकृत करते रहें, उसमें विशेषण लगाकर हिन्दी को श्रेष्ठ से श्रेष्ठतम बताने की भरसक प्रयत्न करें लेकिन सच है कि नकली अंग्रेजियत में डूबे हिन्दी समाचार […] Read more » Breaking on Hindi during the breaking news हिन्दी पर ब्रेक