विश्ववार्ता जब भारत ने चीनी सेना को मुंहतोड़ जवाब दिया July 1, 2017 by अनिल गुप्ता | Leave a Comment इन दोनों चोटियों पर स्थित भारतीय सेना की आर्टिलरी ऑब्जरवेशन पोस्टों से चीनी क्षेत्र में बहुत गहरे तक भारतीय सेना निगाह रख सकती है जबकि जेलेला पास से चीन भारत पर बहुत काम नज़र रख सकता है! तो यहाँ भारतीय सेना लाभ की स्थिति में है! सितम्बर १९६७ में नाथुला पर दो ग्रेनेडियर्स कि टुकड़ी तैनात थी!यह बटालियन लेफ्टिनेंट कर्नल राय सिंह के कमांड में थी! और माउंटेन कमांड के अधीन थी जिसकी कमान ब्रिगेडियर एमएमएस बक्शी के हाथ में थी! Read more » Featured ब्रिगेडियर एमएमएस बक्शी मेजर जनरल शेरू थपलियाल. 'द नाथू ला सकिरमिश एन्ड चोला इंसिडेंट मेजर हरभजन सिंह लेफ्टिनेंट कर्नल राय सिंह व्हेन चाइनीज वेर गिवेन ऐ ब्लडी नोज
विश्ववार्ता बिखरता हुआ अरब परिवार : क्या किसी दूसरे देश की है कूटनीति June 24, 2017 by सज्जाद हैदर | 1 Comment on बिखरता हुआ अरब परिवार : क्या किसी दूसरे देश की है कूटनीति स्वार्थ परिवारवाद और घर का झगड़ा सड़कों पर की कहावत आज छोटी सी बंद गलियों से निकलकर बड़ी जगहों पर फैल चुकी है, बल्कि ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि स्वार्थ ने अपने पैर पूरी दुनिया में फैला रखे हैं, कोई किसी का नहीं है, भाई-भाई का नहीं चचा भतीजे का नहीं, सत्ता की चाहत […] Read more » Featured अरब के राजा सलमान अरब परिवार आश्रित (डिपेन्डेन्ट) टैक्स मोहम्मद बिन नाइफ मोहम्मद बिन सलमान
विश्ववार्ता संसद पर हमला : पहले भारत अब ईरान बना निशाना June 22, 2017 by सज्जाद हैदर | Leave a Comment भारत के मित्र देश पर भारत जैसा ही हमला आतंकवादियों ने किया है जैसा कि कुछ समय पहले आतंकवादियों ने भारत की संसद को निशाना बनाया था, अब उसी योजना को आतंकियों ने दोहराया है, जिसका निशाना ईरान की संसद को बनाया गया है, अवगत करा दें कि ईरान भारत का सबसे करीबी मित्र देश […] Read more » attack on Iran Parliament Featured ISIS claims attack at iran Parliament ईरान संसद पर हमला भारत संसद पर हमला संसद पर हमला
विश्ववार्ता अस्थिरता ही नेपाल की पहचान June 21, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment डॉ. वेदप्रताप वैदिक हमारा पड़ौसी देश नेपाल भारत के बड़े-बड़े प्रांतों से भी छोटा है लेकिन उसकी हालत यह है कि वहां हर साल एक नया प्रधानमंत्री आ जाता है। कोई भी प्रधानमंत्री साल दो साल से ज्यादा चलता ही नहीं है। पिछले दो प्रधानमंत्री तो एक-एक साल भी नहीं टिके। अब शेर बहादुर देउबा […] Read more » नेपाल शेर बहादुर देउबा
विश्ववार्ता ईरान में आतंकः यह कैसा इस्लाम ? June 9, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment ईरान में सुन्नियों पर वहां की सरकार और आम जनता भी कड़ी नजर रखती है। खास तौर से तब जबकि वे अरब हों। उनके फारसी के अटपटे उच्चारण से ही वे तुरंत पहचाने जाते हैं। इसीलिए वहां आतंक की घटनाएं कम ही होती हैं लेकिन इस समय अरब देशों ने ईरान के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। ईरान समर्थक देश, क़तर, पर प्रमुख अरब देशों ने अभी-अभी तरह-तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। Read more » इस्लाम ईरान ईरान में आतंकः
विश्ववार्ता अरब-संकटः सुषमा पहल करें June 7, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment अरब देश अपने आप को मुसलमान कहते हैं लेकिन उनका इस्लाम उन्हें आपस में जोड़ने की बजाय तोड़ रहा है। क़तर नामक देश के साथ सउदी अरब, मिस्र, संयुक्त अरब अमारात, बहरीन, लीब्या और यमन ने अपने सभी प्रकार के संबंध तोड़ लिये हैं। ये सभी इस्लामी देश हैं। क्यों तोड़े हैं, इन्होंने अपने संबंध […] Read more » Qutar boycott अरब
विश्ववार्ता जलवायु परिवर्तन समझौते को झटका June 7, 2017 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment ट्रंप की इस आत्मकेंद्रित मानसिकता का तभी अंदाजा लग गया था, जब इटली में दुनिया के सबसे धनी देशों के समूह जी-7 की शिखर बैठक में पेरिस संधि के प्रति वचनबद्धता दोहराने के संकल्प पर ट्रंप ने हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया था। ट्रंप ने तब जल्दी ही इस मसले पर अपनी राय स्पष्ट करने का संकेत दिया था। अब ट्रंप ने व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में भाषण देकर अपना मत तो साफ किया ही, साथ ही भारत और चीन पर आरोप लगाया कि इन दोनों देशों ने विकसित देशों से अरबों डाॅलर की मदद लेने की शर्त पर समझौते पर दस्तखत किए हैं। Read more » Featured कार्बन उत्सर्जन जलवायु परिवर्तन भारत
पर्यावरण विश्ववार्ता पर्यावरण और विकास June 5, 2017 by अरुण तिवारी | Leave a Comment 05 जून – विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष पर्यावरणीय समृद्धि की चाहत, जीवन का विकास करती है, विकास की चाहत, सभ्यताओं का। सभ्यता को अग्रणी बनाना है, तो विकास कीजिए। जीवन का विकास करना है, तो पर्यावरण को समृद्ध रखिए। स्पष्ट है कि पर्यावरण और विकास, एक-दूसरे का पूरक होकर ही इंसान की सहायता कर […] Read more » विश्व पर्यावरण दिवस
विश्ववार्ता काबुल में बम फटते रहेंगे June 3, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment काबुल में हुए बम-विस्फोट में लगभग 100 लोग मारे गए और चार सौ घायल हुए। यह बम-विस्फोट पिछले 20 वर्षों में सबसे भयानक था। यह कब हुआ ? तब जबकि अफगान लोग रमजान के उपवास रखे हुए हैं। रोज़ादार इंसानों की हत्या करने वाले लोग अपने आपको मुसलमान कहें तो उनको शर्म आनी चाहिए। ये […] Read more » Afghan America Kabul bombing Muslim pakistan काबुल जलालाबाद बम
विश्ववार्ता चिंताजनक हैं चीन के मंसूबे May 28, 2017 / May 28, 2017 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment संदर्भः- बीजिंग में आयोजित बेल्ट एंड रोड फोरम सम्मेलन प्रमोद भार्गव चीन ने बड़ी कूटनीतिक चाल चलते हुए बीजिंग में वन बेल्ट एंड वन रोड फोरम (ओबीओआर) का दो दिनी सम्मेलन आयोजित किया था। इसकी शुरूआत करते हुए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि ‘सभी देशों को एक-दूसरे की संप्रभुता, गरिमा और क्षेत्रीय […] Read more » Featured ओबीओआर पाक अधिकृत' कश्मीर पाकिस्तान बीजिंग बेल्ट एंड रोड फोरम सिल्क रोड़ आर्थिक गलियारा
विश्ववार्ता कब थमेगा यह खूनी मंजर May 27, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment हर आतंकवादी वारदात के बाद समय के साथ जख्म तो भर जाते हैं लेकिन इनका असर लम्बे समय तक बना रहता है। मानवता स्वयं को जख्मी महसूस करती है, घोर अंधेरा व्याप्त हो जाता है। यह जितना सघन होता है, आतंकियों का विजय घोष उतना ही मुखर होता है। आतंकवाद की सफलता इसी में आंकी जाती है कि जमीन पर जितने अधिक बेकसूर लोगों का खून बहता है, चीखें सुनाई देती है, डरावना मंजर पैदा होता है उतना ही आतंकवादियों का मनोबल दृढ़ होता है, हौसला बढ़ता है। इन घटनाओं के बाद उन मौत के शिकार हुए परिवारों के हिस्से समूची जिन्दगी का दर्द और अन्य लोगों के जीवन में इस तरह की घटनाओं का डर - ये घटनाएं और यह दर्द जितना ज्यादा होगा, आतंकवादियों को सुकून शायद उतना ही ज्यादा मिलेगा। इससे उपजती है अलगाव की आग, यह जितनी सुलगे कट्टरपंथियों की उतनी ही बड़ी कामयाबी। Read more » Featured आईएस आतंकवाद ब्रिटेन के मैनचेस्टर शहर में एक संगीत कार्यक्रम के दौरान हुए आतंकी हमले
विश्ववार्ता मून तथा मांक्रों का उदय : अमेरिकी चाल के पतन के संकेत May 27, 2017 by सज्जाद हैदर | Leave a Comment युद्धविराम होने तक 40 हजार संयुक्त राष्ट्र सैनिक, जो कि 90 प्रतिशत अमेरिकी सैनिक थे, मारे जा चुके थे। उत्तर कोरिया और उसके साथी देशों के संभवत: 10 लाख तक सैनिक मारे गये। मारे गये सैनिक एवं नागरिकों की संख्या 20 लाख आँकी जाती है। आज भी कई हजार अमेरिकी सैनिक दक्षिण कोरिया में तैनात हैं, ताकि उत्तर कोरिया अचानक फिर कोई आक्रमण करने का दुस्साहस न करे। दूसरी ओर, भारी आर्थिक कठिनाइयों और संभवत: आंशिक भुखमरी के बावजूद उत्तर कोरिया ने भी 12 लाख सैनिकों वाली भारत के बराबर की संसार की एक सबसे बड़ी सेना पाल रखी है। Read more » Featured दक्षिण कोरिया मून जाए-इन