आलोचना राजनीति विचार और व्यवहार के बीच झूलती भारतीय राजनीति January 29, 2017 by विजय कुमार | 1 Comment on विचार और व्यवहार के बीच झूलती भारतीय राजनीति भारतीय राजनीति और राजनेता अजीब असमंजस में हैं। विचार पर दृढ़ रहें या व्यावहारिक बनें। पांच राज्यों के चुनाव के बीच यह यक्षप्रश्न एक बार फिर सिर उठाकर खड़ा हो गया है। आजादी से पहले भारत में कांग्रेस ही एकमेव दल था। उसका मुख्य लक्ष्य आजादी प्राप्त करना था। इसलिए विभिन्न विचारों वाले नेता वहां […] Read more » dynasty politics in political parties dynasty principle in political parties Featured pariwarwad in BJP परिवारवाद भा.ज.पा. में परिवारवाद भारतीय राजनीति राजनेता विचार और व्यवहार
आर्थिकी आलोचना जिन पर देश बदलने की जिम्मेदारी है वो नहीं बदल रहे तो देश कैसे बदलेगा December 12, 2016 by डॉ नीलम महेन्द्रा | 1 Comment on जिन पर देश बदलने की जिम्मेदारी है वो नहीं बदल रहे तो देश कैसे बदलेगा कभी हमारी सरकार ने सोचा है कि भारत के जिस आम आदमी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में देश के लिए अपना सब कुछ लुटा दिया था औरतों ने अपने गहने कपड़े ही नहीं अपने बच्चों तक को न्यौछावर कर दिया था , वो आम आदमी जो मन्दिरों में दान करने में सबसे आगे होता […] Read more » currency crisis created by banks Featured money laundering by banks
आलोचना साहित्य काश! सुप्रीमो, सुप्रीम को अहमियत देते! September 30, 2016 / September 30, 2016 by शिव शरण त्रिपाठी | Leave a Comment सोमवार को जब उन गायत्री प्रसाद प्रजापति ने पुन: मंत्री पद की शपथ ली जिन्हे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कथित भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते अपने मत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था तो लोगो के मुंह से बरबस निकल पड़ा कि काश! सुप्रीमों मुलायम सिंह यादव ने सुप्रीम मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पूर्व के निर्णय का सम्मान किया होता। Read more »
आलोचना अनाथ बच्चे बनाम केजरीवाल ! September 17, 2016 by हरिहर शर्मा | 1 Comment on अनाथ बच्चे बनाम केजरीवाल ! आज के दैनिक भास्कर में प्रकाशित दो आलेखों ने चेतना को झकझोर दिया ! श्री एन. रघुरामन के आलेख में झारखंड की राजधानी रांची से महज 20 कि.मी. दूर ब्राम्बे के एक स्कूल की कहानी है, जिसमें प्री नर्सरी से लेकर दसवीं क्लास तक के बच्चे पढ़ते है ! ये सभी बच्चे या तो अनाथ […] Read more » अनाथ बच्चे केजरीवाल
आलोचना साहित्य आप के चाल, चरित्र और चिंतन पर संदेह के गहरे बादल September 16, 2016 by मृत्युंजय दीक्षित | 2 Comments on आप के चाल, चरित्र और चिंतन पर संदेह के गहरे बादल मृत्युंजय दीक्षित मात्र डेढ़ वर्ष में ही दिल्ली में शासन कर रही आम आदमी पार्टी का चाल, चरित्र और चिंतन अब देश की जनता के सामने जगजाहिर हो चुका है तथा लगातार हो रहा है ।वर्तमान समय में दिल्ली सरकार के महिला बाल विकास कल्याण मंत्री संदीप कुमार की सेक्स कांड वाली सीडी टी वी […] Read more » Featured आप आशुतोष चरित्र और चितन पर संदेह के गहरे बादल संजय सिंह संदीप कुमार
आलोचना व्यभिचार का महिमामंडन September 8, 2016 by हरिहर शर्मा | Leave a Comment परंपरागत राजनीति से ऊबी हुई दिल्ली की जनता ने बड़ी आशा और विश्वास के साथ आम आदमी पार्टी को विजयश्री प्रदान की थी ! किन्तु एक के बाद एक दिल्ली सरकार के कुल छह मंत्रियों में से तीन को विभिन्न आरोपों के चलते हटाना पड़ा ! किन्तु सबसे ज्यादा चोंकाने वाली विदाई हुई है महिला […] Read more » AAP Featured Sandeep Kumar Sex CD व्यभिचार का महिमामंडन
आलोचना राजनीति यूपी बीजेपीः एक अदद ‘मोदी’ की अधूरी तलाश September 3, 2016 by संजय सक्सेना | Leave a Comment संजय सक्सेना भारतीय राजनीति का दुर्भाग्य है कि यहां विरोधी दलों के नेताओं की किसी भी बात और सुझाव को तब तक गंभीरता से नहीं लिया जाता हैं,जब तक की सत्तारूढ़ दल को इस बात का अहसास नहीं हो जाता है कि उसके विरोधी उसे किसी तरह का नुकसान पहंचा सकते हैं। वहीं विरोधी दलों […] Read more » Featured यूपी बीजेपी
आलोचना राजनीति खामोश ….अभी पटना कर रहा अपने गुमशुदा सांसद की तलाश है August 30, 2016 by आलोक कुमार | Leave a Comment दशकों से सांसदों को जनता के बीच जाने और उनकी समस्याओं से रूबरू होने की बातें होती आ रही हैं , लोकतन्त्र का तकाजा भी यही है l सुनने – सुनाने में अच्छी लगने वाली इन बातों का बाकियों पर क्या असर हो रहा है ये तो मैं नहीं जानता लेकिन हमारे ,पटना साहिब के, […] Read more » Shatrughan Sinha गुमशुदा सांसद की तलाश
आलोचना साहित्य परसाई के जबलपुर में शक्तिपुंज …!! August 20, 2016 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा प्रख्यात व्यंग्यकार स्व. हरिशंकर परसाई , चिंतक रजनीश और फिल्मों के चरित्र अभिनेता रहे प्रेमनाथ के गृह शहर जबलपुर जाने का अवसर मिला तो मन खासा रोमांचित हो उठा। अपने गृह प्रदेश उत्तर प्रदेश में रोजी – रोजगार के सिलसिले में महाकौशल के जबलपुर और आस – पास के जिलों में बस […] Read more » Featured जबलपुर परसाई शक्तिपुंज
आलोचना साहित्य कैसे रहे याद कब हुए आजाद! August 14, 2016 by जगदीश यादव | Leave a Comment जगदीश यादव कोलकाता। पन्द्रह अगस्त को भारतवासी आजादी की 70 वीं वर्षगांठ मानएगें। लेकिन शायद यह जानकर हैरत होगी कि देश की एक आबादी को यह नहीं पता है कि देश किस वर्ष में आजाद हुआ। एक सर्वेक्षण में सिर्फ दो ही सवाल पूछे गये। पहला सवाल था कि 15 अगस्त क्यों मनाया जाता है […] Read more »
आलोचना साहित्य बरखा जी! आप पहले भारतीय हैं या पत्रकार? August 3, 2016 / August 3, 2016 by विश्व गौरव | 1 Comment on बरखा जी! आप पहले भारतीय हैं या पत्रकार? बरखा दत्त के नाम खुला पत्र बरखा जी नमस्ते, आशा है राष्ट्रवाद और निष्पक्षता की बहस को नए आयाम देने के लिए आपका अध्ययन जारी होगा। मैडम, हाल ही में आपके द्वारा की गई फेसबुक पोस्ट को पढ़ा। उसे पढ़कर मन में एक सवाल उठा कि आप और आपके कुनबे के लोग पहले भारतीय हैं […] Read more » आप पहले भारतीय हैं पत्रकार बरखा जी.featured
आलोचना साहित्य गांधी पर राहुल की महापंडिताई! July 22, 2016 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment नेहरु राजवंश के युवराज राहुल गांधी अपने ही शब्द-जाल में फंस गए हैं। मार्च 2014 में देश को चुनाव का बुखार चढ़ा हुआ था। महाराष्ट्र की एक सभा में उन्होंने एक जुमला दे मारा। उन्हें यह बुरा लगा कि नरेंद्र मोदी-जैसा आदमी अपनी सभाओं में गांधी और पटेल की दुहाई दे रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक […] Read more » गांधी राहुल गांधी की महापंडिताई