पुस्तक समीक्षा ‘क्या खोया क्या पाया’ – एक समीक्षा February 26, 2012 / February 26, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment प्रवक्ता ब्यूरो सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विषयों पर हिन्दी साहित्य में बड़ी संख्या में कई उपन्यास लिखे गए किन्तु विपिन किशोर सिन्हा का अद्यतन उपन्यास ‘क्या खोया क्या पाया’ कई मायनों में उन कथाओं से हटकर है क्योंकि इसमें न केवल कथासार है, सामाजिक विद्रूपताओं का जिक्र है, वैज्ञानिक ताना-बाना और मनोवैज्ञानिक विश्लेषण है अपितु […] Read more » क्या खोया क्या पाया
पुस्तक समीक्षा उपन्यास अंश(आमचो बस्तर से)- नरबलि और माँ दंतेश्वरी February 21, 2012 / February 21, 2012 by राजीव रंजन प्रसाद | 2 Comments on उपन्यास अंश(आमचो बस्तर से)- नरबलि और माँ दंतेश्वरी राजीव रंजन प्रसाद विलियम्सन का अगला कदम था बस्तर की आत्मा का हनन। भोंसला शासक रघुजी तृतीय पर दबाव बनाया जाने लगा। माँ दंतेश्वरी के मंदिर में नरबलि होने की खबरों को हवा दी जाने लगी जिसकी आड़ में कभी भोंसला राजा तो कभी कंपनी बहादुर की ओर से अपमान जनक पत्र भूपाल देव तक […] Read more » aamcho bastar आमचो बस्तर नरबलि और माँ दंतेश्वरी
पुस्तक समीक्षा साहित्य पुस्तक समीक्षा ; ‘ये तय हुआ था’ February 14, 2012 / February 14, 2012 by शादाब जाफर 'शादाब' | 1 Comment on पुस्तक समीक्षा ; ‘ये तय हुआ था’ शादाब जफर ‘‘शादाब’’ लोकसभा में कार्यरत बचपन से आज तक मेरी दोस्ती की डोर में बंधे मेरे अज़ीज़ दोस्त शहजाद जी ने अभी कुछ दिनो पहले बडे से लिफाफे में बंद मुझे एक गजल संग्रह समीक्षार्थ दिया और बोले समीक्षा लिखनी है। मैने पूछा किस का है बोले मेरे साथ ही लोकसभा में है उन […] Read more » Book Review पुस्तक समीक्षा ये तय हुआ था’
पुस्तक समीक्षा चिंतन-सृजन (1) : एक भारतीय कम्युनिस्ट की आत्मकथा November 25, 2011 / November 28, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on चिंतन-सृजन (1) : एक भारतीय कम्युनिस्ट की आत्मकथा निर्मल वर्मा हिंदी में विचार-पत्रिकाओं की संख्या बहुत कम हैं। जो हैं भी, उनमें से अधिकांश अराष्ट्रीय विचारों से प्रेरित हैं। लेकिन इन विडंबनाओं के बीच कुछ पत्रिकाएं अभी भी ज्ञान-आलोक दीप प्रज्वलित कर रही है, इन्हीं में से प्रमुख है : त्रैमासिक पत्रिका ‘चिंतन-सृजन’। इसके संपादक श्री बी.बी. कुमार एवं सह संपादक श्री शंकर […] Read more » The Journey of an Indian Communist – Mohit Sen निर्मल वर्मा
पुस्तक समीक्षा पुस्तक चर्चा : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ November 19, 2011 / November 28, 2011 by डॉ. मनोज चतुर्वेदी | Leave a Comment डॉ. मनोज चतुर्वेदी नानाजी देशमुख उर्फ चंडीदास अमृतराव देशमुख का नाम कोई अनजाना नहीं है। महाराष्ट्र राज्य के हिंगोली (परभणी) जिला तथा कडोली जैसे निर्धनतम ग्राम में पैदा हुए नानाजी ने 1934 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के माध्यम से देशसेवा का व्रत लिया तो उन्होंने प्रचारक रूप में ही देश के लिए तन, मन और […] Read more » RSS नानाजी देशमुख राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
पुस्तक समीक्षा प्रवक्ता न्यूज़ पुस्तक चर्चा/पत्रकारिता के छात्रों के लिए महत्वपूर्ण पुस्तक ‘‘रेडियो पत्रकारिता’’ November 7, 2011 / December 5, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment पत्रकारिता का ताना-बाना आज पूरी तरह बदल गया है। रोज नये-नये तकनीक और पहलू, पत्रकारिता को एक अलग पहचान दिलाने में लगे हैं। सूचना तकनीक के विकास और विस्तार में पत्रकारिता के क्षेत्र इलेक्ट्रानिक मीडिया को दिनों-दिन विस्तार दे रहा है। इसके पारंपरिक संवाद ने माध्यम को अपना बाना बदलने को विवश कर दिया है। […] Read more » radio journalism रेडियो पत्रकारिता
पुस्तक समीक्षा पुस्तक समीक्षा/ ‘भारत क्या है’ October 6, 2011 / December 5, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment कृष्ण जी मिश्र ‘भारत क्या है’ के नाम से विख्यात सलिल ज्ञवाली की पुस्तक, जो भारतीय सोच और व्यापकता से प्रेरित शीर्ष वैज्ञानिकों, दार्शनिकों, और संतों के वाणी का संकलन है, उसकी उपयोगिता और महत्त्व को मैं शब्दों में वर्णित नहीं कर सकता. यह पुस्तक एक त्रिवेणी की तरह अद्भुत चिंतन के स्रोत से निकलने […] Read more » India भारत क्या है
पुस्तक समीक्षा राष्ट्र-ऋषि नानाजी September 28, 2011 / December 6, 2011 by डॉ. मनोज चतुर्वेदी | Leave a Comment डॉ. मनोज चतुर्वेदी नानाजी देशमुख का नाम याद आते ही मेरे अंदर उस दिव्य पुरूष का चित्र उपस्थित हो जाता है जब काशी विद्यापीठ में अध्ययन के दौरान ही देश और समाज के प्रति पीड़ा ने मुझे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्वयंसेवक बनने हेतु प्रेरित किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रति झुकाव को देखकर मेरे […] Read more » Nanaji Deshmukh नानाजी देशमुख
पुस्तक समीक्षा प्रवक्ता न्यूज़ ‘गल्प के रंग’ आलोचना पुस्तक का लोकार्पण August 20, 2011 / December 7, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment प्रख्यात आलोचक डॉ0 प्रभाकर श्रोत्रिय ने कहा कि जिस भाषा के पास अच्छे आलोचक नहीं होते उस भाषा का विकास संभव नहीं हो पाता। हिन्दी के पास आलोचना की लम्बी परम्परा रही है। लेकिन आज कुछ लोग यह शिकायत करते हैं कि अच्छी आलोचना और नाटक नहीं लिखे जा रहे। मेरा मानना है कि जब […] Read more » गल्प के रंग
आलोचना पुस्तक समीक्षा ‘हेलो बस्तर’ को पढ़ने की कोई आवश्यकता नहीं July 30, 2011 / December 7, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment कौशलेन्द्र “हेलो बस्तर” [राहुल पंडिता की पुस्तक पर एक विमर्श] ‘हैलो बस्तर’ की एकांगी समीक्षा की है राजीव रंजन प्रसाद ने सत्य का गला घोट दिया है राहुल पंडिता ने १- भूमकाल से माओवादी संघर्ष की तुलना नहीं की जा सकती. दोनों में ज़मीन-आसमान का फर्क है. दोनों के उद्देश्यों में फर्क है. दोनों के […] Read more » hello bastar नक्सलाद बस्तर माओवाद हेलो बस्तर
पुस्तक समीक्षा साहित्य [पुस्तक समीक्षा:’हेलो बस्तर’] आदिवासियों का सवाल तो रह गया July 28, 2011 / December 8, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment सुदीप ठाकुर बस्तर और माओवादी आंदोलन पर केन्द्रित राहुल पंडिता की पुस्तक ‘हेलो बस्तर’ की समीक्षा लिखकर राजीव रंजन प्रसाद ने इसे हकीकत से दूर बताया। इस विमर्श को आगे बढ़ाने को लेकर हम यहां 24 जुलाई 2011 को अमर उजाला में प्रकाशित सुदीप ठाकुर द्वारा लिखित इस पुस्तक की समीक्षा प्रकाशित कर रहे हैं। (सं.) पिछली […] Read more » Bastar आदिवासी बस्तर माओवाद हेलो बस्तर
आलोचना पुस्तक समीक्षा सत्य का गला घोट दिया है राहुल पंडिता ने July 28, 2011 / December 8, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment हाल ही में बस्तर के आदिवासियों की समस्याओं और यहां चल रहे माओवादी आंदोलन पर राहुल पंडिता की पुस्तक ‘हेलो बस्तर’ प्रकाशित हुई है। राजीव रंजन प्रसाद ने इसकी समीक्षा लिखी और यह सर्वप्रथम प्रवक्ता डॉट कॉम पर प्रकाशित हुई। इस समीक्षा पर 10 टिप्पणियां आईं। सारगर्भित। एक टिप्पणीकार को छोड़कर शेष सभी ने राजीव […] Read more » Bastar बस्तर माओवाद राहुल पंडिता हेलो बस्तर