कहानी कहानी – प्रेम गली अति सांकरी…. October 10, 2015 by विजय कुमार | Leave a Comment विश्व साहित्य में प्रेमकथाओं का सदा से ही महत्वपूर्ण स्थान रहा है। इनमें भी वे कथाएं अधिक लोकप्रिय हुई हैं, जिनका अंत सुखद नहीं रहा। ऐसा क्यों है, कहना कठिन है। शायद विरह और दुख के अंगारों पर धीमे-धीमे सुलगता हुआ प्रेम ही अन्य प्रेमीजनों के दिल को शांति देता है। हीर-रांझा, लैला-मजनू, शीरी-फरहाद आदि […] Read more » Featured कहानी - प्रेम गली अति सांकरी....
कहानी विविधा साहित्य हरामजादा September 27, 2015 by डॉ. भूपेंद्र सिंह गर्गवंशी | Leave a Comment डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी कहानी काफी पुरानी और वास्तविक घटना पर आधारित है। इसकी समानता किसी भी तरह से अन्य लोगों से नहीं हो सकती क्योंकि यह मेरी अपनी कहानी है। इसके पात्र काल्पनिक न होकर मेरे अपने ही करीबी परिवारी जन हैं। अब तो मैंने अपनी इस कहानी का जिसे आगे लिख रहा हूँ […] Read more » Featured हरामजादा
कहानी विविधा शख्सियत दर्द या दवा September 22, 2015 by विजय कुमार | Leave a Comment पांच सितम्बर को भारत में ‘शिक्षक दिवस’ मनाया जाता है। यह हमारे दूसरे राष्ट्रपति डा. राधाकृष्णन का जन्मदिन है, जो एक श्रेष्ठ शिक्षक भी थे। इस दिन राष्ट्रपति महोदय देश भर के श्रेष्ठ शिक्षकों को सम्मानित करते हैं। शिक्षक होने के नाते मुझे भी इसमें रुचि रहती है कि इस बार कौन-कौन सम्मानित हुआ ? […] Read more » Featured
कहानी बच्चों का पन्ना साहित्य बेसहारा किसान September 18, 2015 / September 15, 2016 by राजू सुथार | Leave a Comment कुमार अपने बच्चों से बहुत प्रेम करता था , लेकिन लड़के आधुनिक जीवन शैली में रहना चाहते थे ‘ बाप घर पर खेती बाड़ी के धंधे में हमेशा व्यस्त ही रहता था ‘ कुमार अपने बच्चों से हमेशा अच्छी तरीके से बातें करता था लेकिन बेटे जो काफी नखरा करते हमेशा उनकी बात काट […] Read more » बेसहारा किसान
कहानी बच्चों का पन्ना साहित्य शेर और लोमड़ी की दुश्मनी September 13, 2015 / September 17, 2016 by राजू सुथार | Leave a Comment एक बार एक शेर और लोमड़ी थी जो कि ज्यादा अच्छे मित्र नहीं थे हमेशा दोनों में अनबन चलती रहती थी ,फिर भी दोनों साथ-साथ रहते तथा खेती करते थे ‘ एक बार ऐसा हुआ कि लोमड़ी किसी कारणवस बाहर जंगल में गयी और काफी समय तक जंगल में ही रही ‘ इसी बीच शेर […] Read more » Featured शेर और लोमड़ी की दुश्मनी
कहानी साहित्य द्वंद … जारी है September 11, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment एम आर अयंगर राजस्थान के चाँदा गाँव में स्नेहल एक घरेलू जाना पहचाना नाम था. गाँव के कान्वेंट स्कूल में पढ़ने वाली स्नेहल पढ़ाई में अव्वल थी. मजाल कि उसके रहते कोई कक्षा में प्रथम आने की सोच भी लेता. इसके साथ वह थी भी बला की खूबसूरत. घर- बाहर सब उसे प्यार करते थे, […] Read more » story by M R Iyenger द्वंद ... जारी है
कहानी साहित्य जसु अपजसु बिधि हाथ September 10, 2015 by विजय कुमार | Leave a Comment यों तो हमारे कार्यालय में हर शनिवार और रविवार को छुट्टी रहती है; पर कभी-कभी शुक्रवार या सोमवार को कोई पर्व या जयंती भी आ जाती है। ऐसे में केन्द्रीय कर्मचारियों की चांदी हो जाती है। आप तो जानते ही हैं कि भारत छुट्टी प्रिय देश है। साल में डेढ़ सौ दिन तो छुट्टी होती […] Read more » Featured
कहानी कहानी- इंतजार September 5, 2015 by रवि श्रीवास्तव | Leave a Comment हर पल हर दिन उसका ख्याल मेरे दिमाग में रहता है। एक दिन बात न हो तो ऐसा लगता है कि सालों बीत गए हैं। उसे देखे बिना तो लगता है कि जिंदगी का सारा टेंशन आज ही है। एक परेशान आत्मा की तरह कब से भटक रहा हूं। लेकिन वो है कि बाहर […] Read more » Featured कहानी- इंतजार
कहानी कहानी : दीदी मां August 31, 2015 / August 31, 2015 by विजय कुमार | 1 Comment on कहानी : दीदी मां जीवन में कई बार ऐसी जटिल समस्याएं सामने आकर खड़ी हो जाती हैं कि पूरे परिवार और खानदान की प्रतिष्ठा दांव पर लग जाती है। बुजुर्गों ने ‘जर, जोरू और जमीन’ को झगड़े की जड़ कहा है। जोरू अर्थात पत्नी या महिला के कारण तो राज्यों और साम्राज्यों में बड़े भीषण युद्ध हुए हैं, जबकि […] Read more » Featured
कहानी आंटी नहीं फांटी… June 10, 2015 / June 10, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -क़ैस जौनपुरी- “चार समोसे पैक कर देना.” जी, और कुछ? और…ये क्या है? ये साबुदाना वड़ा है. ये भी चार दे देना. नाश्ते की दुकान पर खड़ा लड़का ग्राहक के कहे मुताबिक चीजें पैक कर रहा है. ग्राहक नज़र घुमा के चीजों को देख रहा है. दुकान में बहुत कुछ है. जलेबी…लाल इमिरती…और वो क्या […] Read more » Featured आंटी नहीं फांटी कहानी
कहानी चेहरा June 2, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -मोनी सिंह- सुबह उठते ही शीशे में मैं अपना चेहरा देखा करती हूं। हर दिन की शुरूआत मेरी वहीं से होती है। जिस दिन न देखूं कुछ अधूरा सा लगता है। ऐसा लगता है जैसे मैने खाना न खाया हो। किसी से बात करने का मन नही होता। अजीब से ख्याल आते मेरे मन में। […] Read more » Featured कहानी चेहरा
कहानी लव जिहाद और आईने का सच (कहानी) May 19, 2015 by सुधीर मौर्य | 3 Comments on लव जिहाद और आईने का सच (कहानी) -सुधीर मौर्य- वो कस्बे में डर डर के रहता था। हालाँकि वो डरपोक नहीं था पर फिर भी डर – डर के रहना उसकी आदत हो गई थी। उसके डर की वजह भी थी। कोई आम नहीं बल्कि खास। उस कसबे की तीन – चौथाई आबादी हरे रंग की थी। वो गेरुए रंग का था […] Read more » 'लव जिहाद' Featured लव जिहाद और आईने का सच (कहानी)