कविता व्यंग्य बदला —आर के रस्तोगी May 17, 2019 / May 17, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment पप्पू के जीजा ने,बुआ के भतीजे ने ,जनता को लूटकर,की काली कमाई ,काली कमाई से, दोनों ने मौज उड़ाई,कोठी बंगले बनवाये, फार्म हाउस बनवाये,जब चुनाव आया तो,जनता की बारी आई,जनता ने भी दोनों के कान पकडवा कर खूब, उठक बैठक लगवाई | भाई ने बहन को बुलाया,पार्टी का महासचिव बनाया ,चुनाव का प्रचार कराया ,पर रिजल्ट कुछ न आया […] Read more » poetry political poetry
कविता तितली हूं या परी May 16, 2019 / May 16, 2019 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment ओंठों पर मुस्कान खिली है, आंखों में है जादू। मुझे देखकर खुश कितने हैं, मेरे अम्मा बापू। प्रभूदयाल श्रीवास्तव Read more » poem for children poem for kids तितली हूं या परी
कविता नेताओ की विशेषताये May 15, 2019 / May 15, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment जब ये नेता आपस में लड़ते है,जनता को क्या सबक सिखायेगे ?धर्म जाति का भेद बताकर,जनता को यूही आपस में लडायेगे || सत्ता के लालच में ये नेता किसी भी सीमा तक गिर जायेगे |दल बदलू तो आम बात है,ये देश को भी बेचकर खा जायेगे || चोर चोर मौसरे ये भाई है,ये कुर्सी के […] Read more »
कविता ओ३म् की महिमा May 15, 2019 / May 15, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment ओ३म् की महिमा सुनो, ओ३म् में ही सुखी संसार है |ओ३म् में ही प्राण है,ओ३म् ही जग का पालन हार है || ओ३म् ही गीता है,ओ३म् ही कुरान है |ओ३म् ही सब धर्मो की एक खान है || ओ३म् ही बल तेजधारी,ओ३म ही सर्व शक्तिमान है |ओ३म् ही ज्ञान-वर्धक ,ओ३म् ही सबसे ज्ञानवान है || […] Read more » the importance of om ओ३म् की महिमा
कविता माँ की ममता का कोई मोल नहीं | May 14, 2019 / May 14, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment माँ की ममता का कोई मोल नहीं |उसके प्यार की कोई तोल नहीं || माँ की बिन है ये जिन्दगी कोरी |उसकी है सबसे मीठी सुंदर लोरी || माँ के बिन कोई जन्म नहीं ले सकता |उसके ऋण को कभी नहीं चुका सकता || माँ का स्थान कोई नही ले सकता |उसका पूरक कोई नहीं […] Read more » mother's day
कविता साहित्य चाह है तेरे दरबार में आने की May 10, 2019 / May 10, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment चाह नहीं अब कुछ खाने की |चाह नहीं अब और कमाने की ||चाह बस केवल प्रभु जी मेरी |तेरे ही दरबार में बस आने की || चाह नहीं अब किसी खजाने की |चाह नहीं अब मकान बनाने की ||करो प्रभुजी आदेश तुम यम को मुझको अपने दरबार बुलाने की || हर चाह को मैंने त्याग दिया […] Read more »
कविता ओम जय मोबाइल देवा May 1, 2019 / May 1, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment ओम जय मोबाइल देवा ,प्रभु जय मोबाइल देवा |तुम सबकी करते हो प्रभु ,दिन रात हमारी सेवा || ओम जय —तुम बिन आँख न खुलत है,तुम बिन न होत कलेवा |इस तरह तुम जन जन की,आठो पहर करत सेवा || ओम जय —तुम बिन कोई काम न होत जब तक तुम न होवा |मात-पिता हो […] Read more »
कविता चुनाव की तराजू में तुल रहे है वोट,धर्म जाति के पुराने बटटो से | April 29, 2019 / April 29, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment चुनाव की तराजू में तुल रहे है वोट,धर्म जाति के पुराने बटटो से |इससे भी जब काम न चलेगा,तब ये नेता तोलेगे अपने लठ्ठो से || किसका पलड़ा हल्का भारी होगा,ये तो समय ही सबको बतायेगा |जब खुलेगे ई वी एम के ताले, सबको परिणाम पता लग जायेगा || मतदाता भी चुपचाप है ,वे भी […] Read more » मैं कुछ कहता हूँ
कविता एक कुर्सी के भूखे हम | April 23, 2019 / April 23, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment एक कुर्सी के भूखे हम |तेरे खून के प्यासे हम || अब इकठ्ठे हो गये हम |अब तेरी टांग खीचेगे हम ||चाहे कितना जोर लगा ले |चाहे कितना शोर मचा ले ||अब सुनेगे ना तेरी हम |एक कुर्सी के भूखे हम |तेरे खून के प्यासे हम || चाहे तू कितना कमल खिला ले |चाहे भू […] Read more »
कविता हो -हो हैया जी April 17, 2019 / April 17, 2019 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment Read more »
कविता बिना कसूर के April 17, 2019 / April 17, 2019 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment मेरे घर पर लोग आये हैं, बहुत दूर से ,दूर से। चाचा आये चपड़ गंज से, मामा चिकमंगलूर से। चाचा चमचम लाये,मामा, लड्डू मोती चूर के। मैंने लड्डू चमचम देखे, बस थोडा सा घूर के। मुझको माँ की डाँट पड़ गई, यूं ही बिना कसूर के। Read more » बिना कसूर के
कविता आज नारी कितनी आजाद है,यह नारी स्वयं ही बतायेगी | April 17, 2019 / April 17, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment आज नारी कितनी आजाद है,यह नारी स्वयं ही बतायेगी |नारी भी समाज का अंग है,यह सत्यता स्वयं ही बतायेगी || मिले है नारी को समान अधिकार ,क्या उपयोग कर पाती है ?नारी ने नर का जन्म दिया है,फिर भी समाज में छटपटाती है || आजाद भारत की नारी क्या आजाद है, प्रश्न उभर कर आ […] Read more » freedom to women आज नारी कितनी आजाद है यह नारी स्वयं ही बतायेगी