कविता मग से पड़ा मगध महाजनपद का नाम November 12, 2020 / November 12, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकमग से पड़ा मगध महाजनपद का नाम,गंगा के दक्षिण-पश्चिम तटपर अवस्थितच्यवन,दधिचि ,दीर्घतमा,बृहद्रथ, जरासंध,निषाद एकलव्य, बिम्बिसार, अजातशत्रु,उदायिन,चन्द्रगुप्त मौर्य, अशोक की भूमि,चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य का जन्म स्थान! ये पुष्यमित्रशुंग, वसुदेवकण्व का ब्राह्मणी,मौखरी और पालवंशी का बौद्ध राज था!यही से जग ने ली कौटिल्य की कूटनीतिऔ खगोलज्ञ आर्यभट्ट का अंक सिद्धांत!यही महावीर का पुण्यक्षेत्र और गौतम केधर्मचक्र […] Read more » Magadha Mahajanapad got its name from Magh मगध महाजनपद
कविता झूठ है जाति अहं को पालना November 11, 2020 / November 11, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकक्यों जाति धर्म के झगड़े हैंक्यों रंग, वर्ण पर इतराना!सब मानव की एक है जातिसबको मानव ही बने रहना! कुछ नहीं शाश्वत यहां परभगवान भी रंग बदलते हैंकभी गौर, कभी श्याम हुएतो इंसानों का क्या कहना! गोरे थे आर्य,शक,हूण,मंगोलभगवान क्यों होते हैं काले?इसको समझो एशिया वालेऔर जरा हमको समझाना! सब धर्म जहां उदित […] Read more » झूठ है जाति अहं को पालना
कविता चक्रव्यूह में फंसता अर्जुन का बेटा November 11, 2020 / November 11, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —–विनय कुमार विनायकतुम जलाओ विचारदहन करो संपादक के पुतलेकिन्तु मरेगी नहींअभिव्यक्ति की स्वतंत्रतामालूम है रावण नहींराम के भी जलने लगे हैं पुतलेबड़ी भीड़ भी होगी तुम्हारे साथकि सदा-सदा से रावण के होतेसवा लाख नाती/सवा लाख पोतेकौरव सौ-सौ के सैशे में!जानता हूंनारायणी सेना भी है तुम्हारे साथकिन्तु कूच कर गए खुदा तुम्हारे घर सेईश्वर और खुदा […] Read more » Arjuns son gets trapped in Chakravyuh अर्जुन का बेटा चक्रव्यूह
कविता रस लो प्रिये इस जगत में! November 11, 2020 / November 11, 2020 by गोपाल बघेल 'मधु' | Leave a Comment रस लो प्रिये इस जगत में,रह तटस्थित अवतरण में;सब चल रहे मग प्रकृति में,उस पुरुष की ही देह में! रीते कहाँ वे हैं बसे,वे ही लसे वे ही रसे;उर में वे ही नर्तन किए,वे कीर्तन लेते हिये! वे ही परे जाते कभी,वे ही उरे आते कभी;चलवा वे ही हमको रहे,जाने की वे कब कह रहे! […] Read more » रस लो प्रिये इस जगत में!
कविता बिहार का हाल परिणाम के बाद November 11, 2020 / November 11, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment बुझ गई है लालटेन,अब बिहार में,चिराग भी टिमटिमा रहा बिहार मै फिर से सत्ता आ गई नीतीश के हाथ में,लालू परिवार रो रहा है,अपने ही बिहार मे। कैसे करें विश्वास,चुनाव सर्वो का बिहार में,गलत निकल गए,सभी सर्वे अब बिहार में। कोई काम नहीं है लालटेन का बिहार में,चिराग भी बुझ चुका है अब बिहार में। […] Read more » बिहार का हाल परिणाम के बाद
कविता हुए शत्रु के मित्र !! November 10, 2020 / November 10, 2020 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment दुनिया मतलब की हुई,रहा नहीं संकोच !हो कैसे बस फायदा,यही लगी है सोच !! मतलब हो तो प्यार से,पूछ रहे वो हाल !लेकिन बातें काम की,झट से जाते टाल !! रिश्तों के सच जानकर,सब संशय है शांत !खुद से खुद की बात से,मिला आज एकांत ! झूठे रिश्ते वो सभी,है झूठी सौगंध !तेरे आंसूं देख […] Read more » Friends of the enemy !! हुए शत्रु के मित्र
कविता मानव खुद का नियंता खुद November 8, 2020 / November 8, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकचंद मिली जीवन की सांस,ईश्वर का कर लें अरदास! पहला ईश्वर माता पिता हैं,दूजा गुरु को करें अहसास! देश धर्म जीव रक्षण कर्म है,वक्त मिले तो मंदिर दरगाह! मानव तन मिला है भाग्य से,मत करें इसको यूं ही बर्बाद! पशु से इतर होता मानव तन,बुद्धि विवेक मानव के पास! ये तन पशु-पक्षी, मीन […] Read more » मानव खुद का नियंता खुद
कविता मन ने तेरा व्रत लिया ! November 6, 2020 / November 6, 2020 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment ●●●●●●●●●जिनके सच्चे प्यार ने, भर दी मन की थोथ !उनके जीवन में रहा, हर दिन करवा चौथ !!●●●●●●●●●हम ये सीखें चाँद से, होता है क्या प्यार !कुछ कमियों के दाग से, टूटे न ऐतबार !!●●●●●●●●●मन ने तेरा व्रत लिया, हुई चांदनी शाम !साथी मैंने कर दिया, सब कुछ तेरे नाम !!●●●●●●●●●मन में तेरा प्यार है, […] Read more » मन ने तेरा व्रत लिया !
कविता दशमेश गुरु गोविन्द सिंह सोढ़ी November 6, 2020 / November 6, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकजब देश धर्म खतरे में थाहिंदुत्व कर रहा था चीत्कारऐसे ही संकट की घड़ी मेंसोढ़ी राय गुरु गोविन्द नेराम की मर्यादा भक्ति,कृष्ण के गीता का ज्ञानसहस्त्रबाहु की ले तलवार,लिया सिंह का अवतारएक संत सिपाही बनकर,तीन पुश्त की बली देकरदेश, धर्म, जाति का कियादशमेश गुरु ने उद्धारजब कश्मीरी हिन्दुओं परऔरंगजेब का यह फरमान“छः माह […] Read more » Dashmesh Guru Govind Singh Sodhi दशमेश गुरु गोविन्द सिंह सोढ़ी
कविता अफसर की तरह November 5, 2020 / November 5, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | 1 Comment on अफसर की तरह —–विनय कुमार विनायकविगत वर्ष से बेहतर कीउम्मीद लेकर आया था यह वर्षजो आगत को अक्षुण्ण उम्मीद काचार्ज देकर गत हो गयाउम्मीद बेहतरी कीजो विरासत में मिली थीडाक टिकटों/करेंसी रेवेन्यू की तरहहर बार गिनकरहस्तांतरित करता रहा वर्षभारमुक्त अधिकारी साबिना कमोबेश किएभारग्राही पदधारी कोउम्मीद जिसे बचाए रखना थाबचाए रखना होगाविदाई के पूर्व आगत को हूबहू सौंपनेकि खर्चने […] Read more » just like officer अफसर की तरह
कविता चाणक्य सा राजपूतों को मिला नही सलाहकार November 4, 2020 / November 4, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकजब देश, धर्म खतरे में पड़ा था, भारत जातिऔर कठोर वर्ण व्यवस्था में जकड़ा-जकड़ा था,जब आक्रांता सीमा के अंदर घुस आ खड़ा था,निपट अकेला एक वर्ग राजपूत ही लड़ रहा था,ले हाथ में हथियार, कोई भी नहीं था मददगार! राजपूतों में भेद बड़ा था, कोई छोटा, कोई बड़ा था,सब एक दूसरे को मरने-मारने […] Read more » Chanakya like Rajputs did not get advisor
कविता भृगु कौन थे, विष्णु आदित्य से भार्गवों का विग्रह क्यों था? November 3, 2020 / November 3, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकभार्गवों का मूल पुरुष थे भृगु ऋषि,दैत्य-दानवों का संगठन कर्ता, असुरों का याजक,आदित्य-देव-आर्य संगठन का विरोधी! भृगु का मूल निवास एशिया माइनरस्थान था ‘गुरुद्वारम’’ संपत्ति गोर्डियम क्षेत्र है,भृगु थे ईरानी अहुर माजदा वरुण पुत्र! भृगु दैत्यराज हिरण्यकश्यप पुत्री दिव्याऔर पुलोमा दानव कन्या पौलोमी के पति थे,अदिति पुत्र विष्णु था उनका जमाता! अदिति पुत्र […] Read more » Who was Bhrigu why was the Deity of Bhargavas from Vishnu Aditya? भृगु कौन थे