कविता जो देशद्रोह की बात करते हो October 17, 2020 / October 17, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment जो देशद्रोह की बात करते होउन्हें रहने का अधिकार नहीं |जो मांगे दुश्मनो से सहायता,वे व्यक्ति हमे स्वीकार नहीं || जो कबर में पैर लटकाये बैठे है ,जन्नत की तमन्ना लगाये बैठे है |जन्नत है खुद कश्मीर भारत का ,चायना पर आस लगाये बैठे है || जो देश की संसद का कानून न माने ,उसे […] Read more » Who talk of treason जो देशद्रोह की बात करते हो
कविता आक्रांता शासक : हिन्द-पार्थियन, ईरानी पहलव October 17, 2020 / October 17, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment विनय कुमार विनायकपार्थिया भी प्रांत था सिकंदर का वैकि्ट्रया जैसाजो स्वतंत्र हुआ था सेल्यूकस वंशी यवन शासकएंटीओकस तृतीय के चंगुल से वैकि्ट्रया के संग,ईरान यानि पार्थिया का पार्थियन या पहलव थाविदेशी आक्रांता ईरानी साइरस के बाद भारत का! मिथ्रेडेटस प्रथम था पहलव शक्ति का संस्थापकजो समकालीन था यूक्रेटाइड्स बैक्ट्रियाई यवन का,मिथ्रेडेटस द्वितीय ने शकों से […] Read more » आक्रांता शासक ईरानी पहलव हिन्द-पार्थियन
कविता बच्चों का पन्ना पानी फेकें कम से कम October 17, 2020 / October 17, 2020 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment हरे -भरे थे वन उपवन,हमनें हाय काट डाले।जैसे जल देवता के ही,हमने हाथ छाँट डाले।छीने ठौर परिंदों के,पशु फिरते होकर बेदम।नहीं बरसता इतना जल,जितनी हमको चाहत है।अति वृष्टि या सूखे से,सारा ही जग आहत है।सूरज आग उगलता है,धरा तवे सी हुई गरम।पर्यावरण बचाया तोशायद पानी बच जाये।पानी अगर बचाया तो,जीवन आगे चल जाये।पेड़ अधिक से […] Read more » पानी फेकें कम से कम
कविता बच्चों का पन्ना हल्दी वाला दूध पियो October 17, 2020 / October 17, 2020 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment ठंड नहीं लगती क्या चंदा,नंगे घूम रहे अम्बर में।नीचे उत रो घर में आओ,सेको जरा बदन हीटर में। कड़क ठंड है अकड़ जाओगे,बिस्तर तुम्हें पकड़ना होगाकिसी वैद्य के या हकीम के,अस्पताल में सड़ना होगा | कोरोना के कारण जग में,सभी तरफ फैली बदहाली |बड़े दवाखानों में तुमको,बिस्तर नहीं मिलेगा खाली | हल्दी वाला दूध पियो […] Read more » हल्दी वाला दूध पियो
कविता आक्रांता यवन शासक:हिन्द यूनानी,ग्रीक यवन October 16, 2020 / October 16, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment कार्य सिकंदर का अधूरा किया मौर्योतर काल में पूरावैकि्ट्रयाई-ग्रीक डिमेट्रियस; दमित्रीऔर मिनान्डर; मिलिंद ने मिलकरएक ने पंजाब के साकल में सत्ता जमाकर,दूसरे ने भी साकल या स्यालकोट में राजधानी बसाकर! बैकिट्रया; हिन्दूकुश,आक्सस के मध्य भू भाग में,अपनी मौत के पश्चात सिकंदर ने छोड़ा थायूनान में एक विस्तृत साम्राज्य-मैसीडोनिया, सीरिया, बैकिट्रया, पार्थिया, अफगानिस्तानऔर उत्तर-पश्चिम में विस्तृत […] Read more » ग्रीक यवन सेनापति सेल्यूकस हिन्द यूनानी
कविता उठो द्रोपदी अब शस्त्र संभालो , October 16, 2020 / October 16, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment उठो द्रोपदी अब शस्त्र संभालो ,कलयुग में कृष्ण नहीं आयेगे |अपनी रक्षा स्वयं ही करनी ,कोई तुम्हे बचाने नहीं आयेगे || कब तक तुम आस रखोगी ?बिके हुये इन अखबारों से |किस से हेल्प मांग रही हो,दुशासन के दुष्ट दरबारों से ||स्वयं जो लज्जाहीन खड़े है ,वे क्या तुम्हारी लाज बचायेगे ?उठो द्रोपदी अब वस्त्र […] Read more » Wake up Draupadi उठो द्रोपदी अब शस्त्र संभालो
कविता तितली है खामोश ! October 16, 2020 / October 16, 2020 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment बदल रहे हर रोज ही, हैं मौसम के रूप !ठेठ सर्द में हो रही, गर्मी जैसी धूप !!सूनी बगिया देखकर, तितली है खामोश !जुगनूं की बारात से, गायब है अब जोश !!दें सुनाई अब कहाँ, कोयल की आवाज़ !बूढा पीपल सूखकर, ठूंठ खड़ा है आज !!जब से की बाजार ने, हरियाली से प्रीत !पंछी डूबे […] Read more » Butterfly is silent! तितली है खामोश
कविता भारत का दूसरा आक्रांता यूनानी सिकंदर October 15, 2020 / October 15, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment –विनय कुमार विनायकईसा पूर्व तीन सौ तीस का जब था जमाना,दरायवौष/डैरियस 3 का हुआ यूनान से सामनाअराबेला के युद्ध में यूनानी वीर सिकंदर नेसोलह वर्ष की उम्र में अरस्तू से ज्ञान प्राप्तकरईरानी हखमीवंशी डैरियस तृतीय को देके जख्मईरानी परसिपोलिस राजप्रासाद को करके भस्मआरम्भ किया विश्व विजय का अपना रस्म! सिकंदर को अंग्रेजों ने ‘अलेक्जेंडर द […] Read more » the second invader of India Unani Alexander यूनानी सिकंदर
कविता भारत का पहला आक्रांता ईरानी साइरस October 14, 2020 / October 14, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकभारत का पहला आक्रांताईरानी हखमीवंशी साइरस;कुरोश राजा था फारस का!तबतक इस्लाम का उदय नहीं हुआ थाईरानी था भारतीय आर्यों की भातृ शाखाअग्नि पूजक, जरथुष्ट्र का अनुयाईईसा पूर्व पांच सौ अंठावन सेईसा पूर्व पांच सौ तीस तक,साइरस/करुष/कुरोश ही था ईरान का शासकबना बाह्लीक और गांधार का प्रथम विजेताकरके किन्तु सीमा पार आ नहीं सका […] Read more » India first attacker Irani Cyrus आक्रांता ईरानी साइरस भारत का पहला आक्रांता
कविता कुछ कहता है सावन October 13, 2020 / October 13, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment कुछ कहता है सावन,मेरे मन के आँगन मे,साजन से तेरा मिलन करा दूक्या दोगी मुझे निछावन मे. मैं एक ऐसा सावन हूँ,तेरे तन मे अग्नि लगाता हूँमैं ही तेरे साजन को बुलाकरतेरे तन की प्यास बुझाता हूँ सावन मे ही तुमको मैंकोयल की कूक सुनाता हूँबागो मे झूले डलवा करतुझे झूले पर झूलाता हूँ वर्षा […] Read more »
कविता अपने काँटों से लगे, और पराये फूल !! October 12, 2020 / October 12, 2020 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment प्रियंका सौरभ हाथ मिलाते गैर से, अपनों से बेजार।सौरभ रिश्ते हो गए, गिरगिट से मक्कार।। अपनों से जिनकी नहीं, बनती सौरभ बात !ढूंढ रहे वो आजकल, गैरों में औकात !! उनका क्या विश्वास अब, उनसे क्या हो बात !सौरभ अपने खून से, कर बैठे जो घात !! चूहा हल्दी गाँठ पर, फुदक रहा दिन-रात !आहट […] Read more » अपने काँटों से लगे और पराये फूल
कविता दानवगुरु भार्गव शुक्राचार्य कन्या : यदुकुलमाता देवयानी October 12, 2020 / October 12, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —–विनय कुमार विनायकहे देवयानी!तुम्हें किस संज्ञा से विभूषित करुंकौन सा संबोधन दूं?एक पूर्वजा माता!एक पूर्वज पिता की प्रेयसी-पत्नी!या नारी एक स्वेच्छाचारिणी!तुम प्रेयसी और पत्नी थीचन्द्रवंशी आर्य ययाति कीअस्तु तुम पूर्वजा माता होपर सिवा एक नारी,तुम किस भूमिका में सफल रही?ययाति की पत्नी होकर भीबन सकी एक पत्नी?यदु की माता होकर भीक्या बन सकी एक माता?अगर […] Read more » दानवगुरु भार्गव शुक्राचार्य कन्या यदुकुलमाता देवयानी