लेख आत्मरक्षात्मक नहीं, आक्रामक होने का अवसर ! May 18, 2023 / May 18, 2023 by प्रो. रसाल सिंह | Leave a Comment Read more »
पर्यावरण लेख एशिया में उमस भरी ताप लहर की सम्भावना में हुई 30 गुना की वृद्धि May 18, 2023 / May 18, 2023 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment इंसान की गतिविधियों की वजह से पैदा हुए जलवायु परिवर्तन ने बांग्लादेश, भारत, लाओस और थाईलैंड में रिकॉर्ड तोड़ उमस भरी ताप लहर (हीटवेव) की संभावनाओं को 30 गुना तक बढ़ा दिया है। वर्ल्ड वेदर एट्रीब्यूशन ग्रुप से जुड़े हुए प्रमुख जलवायु वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम द्वारा किए गए रैपिड एट्रीब्यूशन एनालिसिस में यह बात सामने […] Read more » The probability of a humid heat wave in Asia has increased 30 times
यात्रा वृत्तांत लेख प्रभु श्रीनाथजी की नगरी से जुड़ी कुछ अविस्मरणीय यादें May 18, 2023 / May 18, 2023 by डॉ० शिबन कृष्ण रैणा | Leave a Comment (कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से पीएचडी करने के बाद 1966 में राजस्थान लोक सेवा आयोग, अजमेर द्वारा हिंदी व्याख्याता के पद पर मेरा चयन हुआ। पहली पोस्टिंग भीलवाडा के राजकीय कॉलेज में हुयी और सालभर बाद प्रभु श्रीनाथजी की नगरी स्थित एस. एम. बी. राजकीय कॉलेज में मेरा स्थानान्तर हुआ। 1966 से लेकर 1977 तक मैं इस नगर में रहा और नाथद्वारा की पावन-भूमि […] Read more » Some unforgettable memories related to the city of Lord Shrinathji
लेख समाज ढ़ोंगी, पाखंडी बाबाओं से समाज को जागरूक होने की जरूरत May 18, 2023 / May 18, 2023 by सुनील कुमार महला | Leave a Comment आज के युग में हर तरफ बाबाओं का मायाजाल है। जिधर देखो उधर बाबा ही बाबा नजर आते हैं। आज हमारे देश में धर्म के नाम पर लगातार पाखंड बढ़ रहा है। यह पूरे समाज के लिए घातक है। इससे देश गलत रास्ते पर जा रहा है। सच तो यह है कि आज बाबाओं के […] Read more » Society needs to be aware of hypocrites
लेख समाज एकल नहीं, मजबूर मां का मातृत्व दिवस May 16, 2023 / May 16, 2023 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment सौम्या ज्योत्सना मुजफ्फरपुर बिहार 14 मई को हर साल मातृत्व दिवस मनाया जाता है और इस अवसर पर सुर्खियां केवल शहरी एवं ऑफिस में काम करने वाली महिलाओं को दी जाती है। बेशक वे महिलाएं, जो एकल मां हैं और अपने बच्चों का लालन-पालन कर रही हैं, तारीफ की हकदार हैं लेकिन भारत का हृदय […] Read more » मजबूर मां का मातृत्व दिवस
लेख स्वास्थ्य-योग कोरोना के बाद अब टीबी के खिलाफ जंग May 16, 2023 / May 16, 2023 by अशोक बजाज | Leave a Comment टीबी मुक्त भारत अभियान में ‘निक्षय मित्र योजना’ की प्रभावी भूमिका टीबी एक गंभीर जानलेवा बीमारी है. यह अन्य संक्रामक बिमारियों से ज्यादा घातक भी है. बैक्टीरिया से होने वाली यह बीमारी हवा के जरिए एक इंसान से दूसरे इंसान के शरीर में फैलती है। यह आमतौर पर फेफड़ों से शुरू होती है। परन्तु यह ब्रेन, यूटरस, मुंह, लिवर, […] Read more » टीबी मुक्त भारत अभियान
लेख स्वास्थ्य-योग उच्च रक्तचाप को न करें अनदेखा May 16, 2023 / May 16, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment 17 मई 2023, विश्व उच्च रक्तचाप दिवस पर विशेषः -ः ललित गर्ग:- हाई ब्लड प्रेशर की समस्या आजकल एक कॉमन समस्या बन चुकी है। हाई ब्लड प्रेशर का ही दूसरा नाम हाइपरटेंशन या उच्चरक्तचाप है। इसे मेडिकल भाषा में हाइपरटेंशन कहा जाता है। नैशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक, हर आठ भारतीयों में से एक […] Read more » Don't ignore high blood pressure world hypertension day उच्च रक्तचाप विश्व उच्च रक्तचाप दिवस
लेख स्वास्थ्य-योग सेहत की बदहाली बता रही सच्चाइयां May 16, 2023 / May 16, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग भारत संयुक्त राष्ट्र की एक रपट में यह जानकारी दी गई है कि प्रसव एवं उसके पश्चात जच्चा-बच्चा की मौतों के मामले में जिन देशों की स्थिति बहुत नकारात्मक पाई गई है, उसमें भारत की तस्वीर सबसे खराब है। भारत मंे प्रसव के दौरान महिलाओं, मृत शिशुओं के जन्म और नवजात […] Read more » mortality rate of mother and child Truths telling about ill health
लेख समाज जीवन का आनंद है संयुक्त परिवार May 15, 2023 / May 15, 2023 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment संयुक्त परिवार दिवस 15 मई विशेष ) प्रभुनाथ शुक्ल संयुक्त परिवार हमारी संस्कृति और संस्कार की पाठशाला रहे। लेकिन अब यह परिपाटी चटक रहीं है। एकल परिवार की संस्कृत बढ रहीं है। जिसकी वजह से जीवन में तमाम विसंगतियां पैदा होती दिखती है। लोग अवसाद का […] Read more » joint family is the joy of life संयुक्त परिवार दिवस 15 मई
लेख माँ के चरणों में मिलता है स्वर्ग May 15, 2023 / May 15, 2023 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment (मातृ दिवस 14 मई 2023 पर विशेष आलेख) आज मातृ दिवस है, एक ऐसा दिन जिस दिन हमें संसार की समस्त माताओं का सम्मान और सलाम करना चाहिये। वैसे माँ किसी के सम्मान की मोहताज नहीं होती, माँ शब्द ही सम्मान के बराबर होता है, मातृ दिवस मनाने का उद्देश्य पुत्र के उत्थान में उनकी महान भूमिका को सलाम करना है। श्रीमद भागवत गीता में कहा गया है कि माँ की सेवा से मिला आशीर्वाद सात जन्म के पापों को नष्ट करता है। यही माँ शब्द की महिमा है। असल में कहा जाए तो माँ ही बच्चे की पहली गुरु होती है एक माँ आधे संस्कार तो बच्चे को अपने गर्भ में ही दे देती है यही माँ शब्द की शक्ति को दशार्ता है, वह माँ ही होती है पीडा सहकर अपने शिशु को जन्म देती है। और जन्म देने के बाद भी मॉं के चेहरे पर एक सन्तोषजनक मुस्कान होती है इसलिए माँ को सनातन धर्म में भगवान से भी ऊँचा दर्जा दिया गया है। ‘माँ’ शब्द एक ऐसा शब्द है जिसमे समस्त संसार का बोध होता है। जिसके उच्चारण मात्र से ही हर दुख दर्द का अंत हो जाता है। ‘माँ’ की ममता और उसके आँचल की महिमा को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है, उसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है। रामायण में भगवान श्रीराम जी ने कहा है कि ‘‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गदपि गरीयसी।’’ अर्थात, जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है। कहा जाए तो जननी और जन्मभूमि के बिना स्वर्ग भी बेकार है क्योंकि माँ कि ममता कि छाया ही स्वर्ग का एहसास कराती है। जिस घर में माँ का सम्मान नहीं किया जाता है वो घर नरक से भी बदतर होता है, भगवान श्रीराम माँ शब्द को स्वर्ग से बढकर मानते थे क्योंकि संसार में माँ नहीं होगी तो संतान भी नहीं होगी और संसार भी आगे नहीं बढ पाएगा। संसार में माँ के समान कोई छाया नहीं है। संसार में माँ के समान कोई सहारा नहीं है। संसार में माँ के समान कोई रक्षक नहीं है और माँ के समान कोई प्रिय चीज नहीं है। एक माँ अपने पुत्र के लिए छाया, सहारा, रक्षक का काम करती है। माँ के रहते कोई भी बुरी शक्ति उसके जीवित रहते उसकी संतान को छू नहीं सकती। इसलिए एक माँ ही अपनी संतान की सबसे बडी रक्षक है। दुनिया में अगर कहीं स्वर्ग मिलता है तो वो माँ के चरणों में मिलता है। जिस घर में माँ का अनादर किया जाता है, वहाँ कभी देवता वास नहीं करते। एक माँ ही होती है जो बच्चे कि हर गलती को माफ कर गले से लगा लेती है। यदि नारी नहीं होती तो सृष्टि की रचना नहीं हो सकती थी। स्वयं ब्रह्मा, विष्णु और महेश तक सृष्टि की रचना करने में असमर्थ बैठे थे। जब ब्रह्मा जी ने नारी की रचना की तभी से सृष्टि की शुरूआत हुई। बच्चे की रक्षा के लिए बड़ी से बड़ी चुनौती का डटकर सामना करना और बड़े होने पर भी वही मासूमियत और कोमलता भरा व्यवहार ये सब ही तो हर ‘माँ’ की मूल पहचान है। दुनिया की हर नारी में मातृत्व वास करता है। बेशक उसने संतान को जन्म दिया हो या न दिया हो। नारी इस संसार और प्रकृति की ‘जननी’ है। नारी के बिना तो संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इस सृष्टि के हर जीव और जन्तु की मूल पहचान माँ होती है। अगर माँ न हो तो संतान भी नहीं होगी और न ही सृष्टि आगे बढ पाएगी। इस संसार में जितने भी पुत्रों की मां हैं, वह अत्यंत सरल रूप में हैं। कहने का मतलब कि मां एकदम से सहज रूप में होती हैं। वे अपनी संतानों पर शीघ्रता से प्रसन्न हो जाती हैं। वह अपनी समस्त खुशियां अपनी संतान के लिए त्याग देती हैं, क्योंकि पुत्र कुपुत्र हो सकता है, पुत्री कुपुत्री हो सकती है, लेकिन माता कुमाता नहीं हो सकती। एक संतान माँ को घर से निकाल सकती है लेकिन माँ हमेशा अपनी संतान को आश्रय देती है। एक माँ ही है जो अपनी संतान का पेट भरने के लिए खुद भूखी सो जाती है और उसका हर दुख दर्द खुद सहन करती है। लेकिन आज के समय में बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो अपने मात-पिता को बोझ समझते हैं। और उन्हें वृध्दाआश्रम में रहने को मजबूर करते हैं। ऐसे लोगों को आज के दिन अपनी गलतियों का पश्चाताप कर अपने माता-पिताओं को जो वृध्द आश्रम में रह रहे हैं उनको घर लाने के लिए अपना कदम बढाना चाहिए। क्योंकि माता-पिता से बढकर दुनिया में कोई नहीं होता। माता के बारे में कहा जाए तो जिस घर में माँ नहीं होती या माँ का सम्मान नहीं किया जाता वहाँ दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती का वास नहीं होता। हम नदियों और अपनी भाषा को माता का दर्जा दे सकते हैं तो अपनी माँ से वो हक क्यों छीन रहे हैं। और उन्हें वृध्दाआश्रम भेजने को मजबूर कर रहे है। यह सोचने वाली बात है। माता के सम्मान का एक दिन नहीं होता। माता का सम्मान हमें 365 दिन करना चाहिए। लेकिन क्यों न हम इस मातृ दिवस से अपनी गलतियों का पश्चाताप कर उनसे माफी मांगें। और माता की आज्ञा का पालन करने और अपने दुराचरण से माता को कष्ट न देने का संकल्प लेकर मातृ दिवस को सार्थक बनाएं। Read more » Heaven is found at the feet of the mother mothers day मातृ दिवस 14 मई
लेख शख्सियत समाज यह शिवराजसिंह का मध्यप्रदेश है साहेब May 15, 2023 / May 15, 2023 by मनोज कुमार | Leave a Comment मनोज कुमारजीत हमेशा सकुन देती है. यह जीत व्यक्ति की हो या संस्था की और बात जब राजनीति की हो तो यह और भी अर्थपूर्ण हो जाता है. कांग्रेस की कर्नाटक में बम्पर जीत से कांग्रेसजनों का उल्लासित होना लाजिमी है. यह इसलिए भी कि लगातार पराजय के कारण कांग्रेस पार्टी के भीतर निराशा पनपने […] Read more » This is Shivraj Singh's Madhya Pradesh sir
लेख समाज बुनियादी ढांचा है, मगर सुविधा नहीं May 15, 2023 / May 15, 2023 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment पूजा गोस्वामीरौलियाना, उत्तराखंड किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए ज़रूरी है कि वहां न केवल बुनियादी ढांचा मज़बूत हो, बल्कि क्षेत्र की जनता को उसका पूरा लाभ भी मिल रहा हो. बुनियादी ढांचा से तात्पर्य स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, सड़क, बिजली, पीने का साफ़ पानी, शौचालय की सुविधा, आवास और सभी स्तर पर संपर्क की […] Read more » but no facilities There is infrastructure