लेख घरेलू कामगारों की अहमियत कब समझेंगे हम? July 10, 2020 / July 10, 2020 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment प्रियंका सौरभ घरेलू कामगारों की बात करते ही मन विचलित हो उठता है और सीने में दर्द भर जाता है कि वो बेचारे कैसे और तरह-तरह के के निम्न स्तर के काम पेट की आग बुझाने के लिए करते है। हर समय गाली-गलौज सहकर भी कम पैसों में ज्यादा कार्य करते रहते है। हमारे देश […] Read more » Importance of domestic workers घरेलू कामगारों की अहमियत
लेख महिला प्रधान है लद्दाख का समाज July 9, 2020 / July 9, 2020 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment थिनले नोरबूलेह, लद्दाख वर्त्तमान में लद्दाख का लेह इलाका दुनिया भर की ख़बरों की सुर्खियां बना हुआ है। इससे पहले कोरोना महामारी की चुनौती को कारगर तरीके से निपटने के प्रयासों को लेकर भी इस क्षेत्र की काफी सराहना की गई है। लेकिन इन सब से अलग इस क्षेत्र की जो सबसे बड़ी पहचान है, […] Read more »
आर्थिकी लेख भारतीय बैंकों की दिशा एवं दशा सुधारने हेतु किए जा रहे हैं भरपूर प्रयास July 8, 2020 / July 8, 2020 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment आपको शायद याद होगा, अभी हाल ही के समय में एक निजी क्षेत्र के बैंक को कोरपोरेट अभिशासन सम्बंधी कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ा था। निजी क्षेत्र के इस बैंक में पिछले कई सालों से प्रमोटर स्वयं ही मुख्य कार्यपालक अधिकारी के तौर पर कार्य कर रहे थे। शायद इसी वजह […] Read more » भारतीय बैंक भारतीय बैंकों की दिशा भारतीय बैंकों की दिशा एवं दशा
लेख देश की आजादी में ऋषि ऋषि दयानन्द और आर्यसमाज का योगदान July 7, 2020 / July 7, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य माना जाता है कि देश 15 अगस्त, 1947 को अंग्र्रेजों की दासता से मुक्त हुआ था। तथ्य यह है कि सृष्टि के आरम्भ से पूरे विश्व पर आर्यों का चक्रवर्ती राज्य रहा। आर्यों वा उनके पूर्वजों ने ही समस्त विश्व को बसाया है। सभी देशों के आदि पूर्वज आर्यावर्तीय आर्यों की […] Read more » ऋषि दयानन्द और आर्यसमाज
लेख समाज सुरक्षा का संकट July 7, 2020 / July 7, 2020 by डॉ. ज्योति सिडाना | Leave a Comment डॉ. ज्योति सिडाना किसी भी सामाजिक व्यवस्था में नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना, अपराधो को नियंत्रित करना, सबको न्याय उपलब्ध कराना तथा नागरिकों के जीने के अधिकार की रक्षा करना पुलिस एवं न्यायपालिका के मुख्य दायित्व हैं। परंतु पिछले अनेक वर्षों से भारतीय समाज में पुलिस की भूमिकाओं पर अनेक सवालिया निशान लगे हैं। […] Read more » अपराधो को नियंत्रित करना तमिलनाडु के तूतीकोरिन में पुलिस कस्टडी में पिता और पुत्र (जयराज एवं फेनिक्स) की मौत नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना भारतीय समाज में पुलिस की भूमिका सबको न्याय उपलब्ध कराना
लेख गांवों को संकट से बचाने की बड़ी चुनौती July 6, 2020 / July 6, 2020 by योगेश कुमार गोयल | Leave a Comment – योगेश कुमार गोयल कोरोना पूरी दुनिया में कहर बरपा रहा है। इससे जहां दुनियाभर में करीब सवा करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं, वहीं साढ़े लाख मौत के मुंह में समा चुके हैं। भारत में भी कोरोना संक्रमितों और इससे होने वाली मौतों का ग्राफ लगातार ऊपर ओर जा रहा है। देश में […] Read more » कोरोना
लेख स्वीकार्यता का महत्व July 5, 2020 / July 5, 2020 by डा. प्रदीप श्याम रंजन | 1 Comment on स्वीकार्यता का महत्व हमारे जीवन की बहुत सी बाधाओं और समस्याओं का कारण स्वीकार्यता का अभाव है । स्वीकार ना कर पाने के कारण हम जीवन में ठहराव, गतिहीनता, अनावश्यक घर्षण को आमंत्रण देते हैं । हम प्रत्येक वस्तु, ब्यक्ति, विचार अथवा परिस्थिति को बिना आवश्यक सोच विचार के अस्वीकार कर देते हैं । विचार आया नहीं […] Read more » Importance of acceptance स्वीकार्यता का महत्व
लेख कभी वज्र थी किसान की छाती, अब कमजोर क्यो ? July 4, 2020 / July 4, 2020 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव कठिन दौर में भी भारत की विभूति से अलंकृत था किसान – भारत के किसान को देश का मेरुदंड माना गया है ओर उसके जीवन के संघर्षों से उबरकर साहसी बनने के कारण ही कभी उसकी छाती व्रज के समान कठोर हुआ करती थी, जो किसान को उसकी अपरिमित सहनशक्ति से प्राप्त […] Read more » किसान की छाती भारत की विभूति
लेख निजी स्कूलों को नियंत्रित कर सरकार शिक्षकों की भर्ती करे July 1, 2020 / July 1, 2020 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment ( प्राइवेट पंजों से निकल राज्य के अधीन हो पूरी शिक्षा व्यवस्था, निजी स्कूलों के नेटवर्क पर लगाम लगानी होगी )——-प्रियंका सौरभ दरअसल सरकारी स्कूल फेल नहीं हुए हैं बल्कि यह इसे चलाने वाली सरकारों, नौकरशाहों और नेताओं का फेलियर है. सरकारी स्कूल प्रणाली के हालिया बदसूरती के लिए यही लोग जिम्मेवार है जिन्होंने निजीकरण […] Read more » Government should recruit teachers by controlling private schools शिक्षकों की भर्ती
लेख जिन्दा हैं परम्परायें सौ साल से July 1, 2020 / July 1, 2020 by डा. अरविन्द कुमार सिंह | Leave a Comment डा. अरविन्द कुमार सिंह उदय प्रताप कालेज के राजर्षि जयन्ती पर यदि कुछ लिखना हो तो मैं समझता हूॅं – कठोपनिषद् में यमराज और नचिकेता के बीच सम्पन्न हुयी बातचीत से बेहतर उध्दहरण और कुछ नहीं हो सकता । नचिकेता के प्रश्न पर यमराज का चैकना स्वाभाविक था। इन्सान और […] Read more » Traditions have been alive for a hundred years उदय प्रताप कालेज
राजनीति लेख समाज-सुधार , धर्मनिरपेक्षता और इस्लामिक कानून June 28, 2020 / June 28, 2020 by राकेश कुमार आर्य | 2 Comments on समाज-सुधार , धर्मनिरपेक्षता और इस्लामिक कानून कोई भी समाज बहुत अधिक समय तक किन्ही पुराने कानूनों के आधार पर नहीं चल सकता । देश , काल , परिस्थिति के अनुसार समाज की परम्पराएं परिवर्तित हो जाती हैं । उनमें नवीनता बनाए रखने के लिए ऐसी विधि समाज के पास होनी चाहिए जो समाज को प्रगतिशील बनाए रखे। परम्पराओं को पकड़कर रखने […] Read more » Secularism and Islamic Law Social Reform इस्लामिक कानून
जन-जागरण लेख अब साइबर अपराध देश के सामने नई चुनौती June 28, 2020 / June 28, 2020 by प्रियंका सौरभ | 1 Comment on अब साइबर अपराध देश के सामने नई चुनौती प्रियंका सौरभ हम जितनी तेज़ी से डिजिटल दुनिया की ओर बढ़ रहे हैं, उतनी ही तेज़ी से साइबर अपराध की संख्या में वृद्धि हो रही है। कोरोना के समय में ऑस्ट्रेलिया की संचार प्रणाली पर हुआ साइबर हमला है, संचार प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगता है। इसी बीच अब साइबर विशेषज्ञों ने भारत में भी एक […] Read more » Cyber crime साइबर अपराध