लेख “श्रेष्ठ धन इहलोक व परलोक में जीवात्मा का हितकारक” August 2, 2019 / August 2, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून मनुष्य को अपना जीवन जीनें के लिए धन की आवश्यकता होती है। भूमिधर किसान तो अपने खेतों में अन्न व गो पालन कर अपना जीवन किसी प्रकार से जी सकते हैं परन्तु अन्य लोग चाहें कितने विद्वान हों, यदि नौकरी या व्यापार न करें तो उनका जीवन व्यतीत करना दुष्कर होता […] Read more » and worldly life best wealth world of wealth
लेख उन्नाव रेप कांड: संघी देशभक्त और अन्ना हजारे जैसे छद्म गांधीवादी और जगतगुरू शंकराचार्य आदि न जाने किस बिल में छिपे हुए हैं? August 2, 2019 / August 2, 2019 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | Leave a Comment आदिवासी ताऊ डॉ. पुरुषोत्तम लाल मीणा उन्नाव रेप कांड: संघी देशभक्त और अन्ना हजारे जैसे छद्म गांधीवादी और जगतगुरू शंकराचार्य आदि न जाने किस बिल में छिपे हुए हैं?—आदिवासी ताऊ डॉ. पुरुषोत्तम लाल मीणा उत्तर प्रदेश में उस भाजपा की सरकार है, जो रामराज्य स्थापित करने के सपने दिखाकर हिंदू वोटर को अपने पक्ष में […] Read more » Anna Hazare unnao rape case
लेख उन्नाव पीड़िता के इस हालत के दोषी कौन ! August 2, 2019 / August 2, 2019 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment अर्चना त्रिपाठी उन्नाव पीड़िता के इस हालत के दोषी कौन ! अर्चना त्रिपाठी (पत्रकार, लेखिका) उन्नाव पीड़िता के साथ क्या वाकई हुआ है न्याय, या हमारे देश का दुर्भाग्य है कि जब पीड़िता रोती रही, चिल्लाती रही, अपने और अपने परिवार के ऊपर धमकियों की कहानी बयान करने लगी। न्याय के लिए मुख्यमंत्री के आवास […] Read more » unnao rape case
लेख उन्नाव की त्रासदी की उपजे सवाल August 1, 2019 / August 1, 2019 by ललित गर्ग | 1 Comment on उन्नाव की त्रासदी की उपजे सवाल – ललित गर्ग- उत्तर प्रदेश के उन्नाव में बलात्कार पीड़ित युवती और उसके परिवार के साथ जिस तरह की त्रासद एवं खौफनाक घटनाएं घटी हैं, वे न केवल देश के राजनीतिक चरित्र पर बदनुमा दाग है बल्कि एक कालिख पोत दी है कानून और व्यवस्था के कर्णधारों के मुंह पर। इससे बड़ी विडंबना और क्या […] Read more » questions put up tragedy unnao
लेख बदहाल रिक्शा बेहाल रिक्शा चालक August 1, 2019 / August 1, 2019 by अनिल अनूप | Leave a Comment -अनिल अनूप कभी आने-जाने का एकमात्र साधन माने जाने वाला सामान्य साइकिल रिक्शा अब लोगों की पसंद नहीं है. बढ़ते शहरीकरण और आधुनिकरण के इस बाज़ार में रिक्शे की जगह ऑटो, इ-रिक्शा जैसे आवागमन के साधनों ने ले ली है और ये हाथ रिक्शे मात्र मूक बनकर खड़े होते हैं. नोएडा इलाक़े में रिक्शा चलाने […] Read more » rickshaw driver rickshawman
लेख काबुल में अराजकता July 31, 2019 / July 31, 2019 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment डॉ. वेदप्रताप वैदिक एक तरफ तालिबान को पटाने के लिए अमेरिका इमरान खान को फुसलाने की कोशिश कर रहा है और दूसरी तरफ तालिबान ने अफगानिस्तान में उप-राष्ट्रपति के उम्मीदवार अमरुल्लाह सालेह पर हमला बोल दिया है। सालेह राष्ट्रपति हामिद करजई के दौर में अफगानिस्तान के गुप्तचर विभाग के मुखिया थे। कुछ वर्षों पहले वे […] Read more » kabul lawlessness
लेख “पं0 लेखराम न होते तो हम ऋषि दयानन्द के खोजपूर्ण जीवन चरित से वंचित रहते” July 31, 2019 / July 31, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment महर्षि दयानन्द जी का जन्म सन् 1825 में गुजरात राज्य के टंकारा नामक ग्राम में हुआ था। आपने अपनी आयु के चौदहवें वर्ष में शिवरात्रि का व्रत रखा था। इससे आपको मूर्तिपूजा की अनुपयोगिता का रहस्य ज्ञात हुआ था। आपको सच्चे शिव की तलाश थी। इसके बाद चाचा तथा बहिन की मृत्यु ने आपमें वैराग्य […] Read more » deprived of the explanatory life-style Rishi Dayanand
लेख खुद मियाँ फजीहत… July 30, 2019 / July 30, 2019 by भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी | Leave a Comment चार…………..एक ऐसा माध्यम जिसके जरिये हर कोई आसानी से सुर्खियों में रहता है। इसे प्रचार और आत्म प्रचार का जुग कहा जा सकता है। अपना माल (उत्पाद) बेंचना हो तो प्रचार काफी कारगरसिद्ध होता है। वैसे इण्डिया में नामचीन हस्तियों/सेलीब्रिटीज को ब्राण्ड एम्बेस्डर नियुक्त कर छोटे से बड़ा उत्पाद आसानी से लोक प्रिय बनाकर बेंचा […] Read more » own miya faziat
लेख भ्रमजाल में फंसी आधुनिकता की धारणा July 30, 2019 / July 30, 2019 by अनिल अनूप | Leave a Comment -अनिल अनूप हमारा समाज संक्रमण के जिस दौर से गुजर रहा है, उसमें हम परम्परा और आधुनिकता के बीच चुनाव के द्वंद्व में फंसे हैं. एक ओर पश्चिमी जीवनशैली का सम्मोहन है तो दूसरी ओर सांस्कृतिक अस्मिता का आग्रह है. अनिश्चय और अनिर्णय कई बार हमसे ऐसे आधारहीन, अवसरवादी, हास्यास्पद और सिद्धांतहीन समझौते करवाते हैं […] Read more » modernism Perception trapped in delusion
लेख “पं0 लेखराम न होते तो हम ऋषि दयानन्द के खोजपूर्ण जीवन चरित से वंचित रहते” July 30, 2019 / July 30, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। महर्षि दयानन्द जी का जन्म सन् 1825 में गुजरात राज्य के टंकारा नामक ग्राम में हुआ था। आपने अपनी आयु के चौदहवें वर्ष में शिवरात्रि का व्रत रखा था। इससे आपको मूर्तिपूजा की अनुपयोगिता का रहस्य ज्ञात हुआ था। आपको सच्चे शिव की तलाश थी। इसके बाद चाचा तथा बहिन की […] Read more » life character pandit lekhraam Rishi Dayanand
लेख रौशनी के बिना शिक्षा की लौ नहीं जलती July 30, 2019 / July 30, 2019 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment बशारत अख़्तर कुपवाड़ा, कश्मीर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2019-20 का बजट प्रस्तुत करते हुए मोदी सरकार की जिन महत्वाकांक्षी योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया है उनमें सौभाग्य योजना भी शामिल है। बजट में इस बात पर ख़ास ज़ोर दिया गया है कि साल 2022 तक शत प्रतिशत परिवारों तक बिजली पहुंचा दी जाएगी। उत्तर प्रदेश, ओडिशा, […] Read more » Society there is no light
लेख ज्ञान-विज्ञान के भारतीय स्रोत पुनः प्रवाहित होने चाहिए July 30, 2019 / July 30, 2019 by मनोज ज्वाला | Leave a Comment मनोज ज्वाला एक प्रसिद्ध ग्रंथ ‘स्टोरी ऑफ सिविलाइजेशन’ के अमेरिकी लेखक और इतिहासकार विल डुरांट ने भारत को दुनिया की समस्त सभ्यताओं की जननी कहा है। उन्होंने ‘दी केस फॉर इण्डिया’ नामक अपनी पुस्तक में लिखा है- ‘भारत से ही सभ्यता की उत्पत्ति हुई। संस्कृत सभी यूरोपियन भाषाओं की भी जननी है। हमारा समूचा दर्शन […] Read more » flowing Indian Knowledge Science