पर्यावरण लेख कोयले पर सख्ती, मगर तेल और गैस पर नरमी को लेकर COP 28 में हो सकता है तनाव December 13, 2023 / December 13, 2023 by निशान्त | Leave a Comment दुनिया में कार्बन डाइऑक्साइड का 40 फीसद एमिशन कोयले के कारण होता है जबकि बाकी के लिए तेल और गैस जिम्मेदार हैं।इस तथ्य के बावजूद, एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, दुबई में COP28 प्रेसीडेंसी ने ग्लोबल स्टॉकटेक (जीएसटी) पर एक दस्तावेज़ जारी किया है। इस दस्तावेज़ में जहां कोयले के प्रयोग को कम करने की पैरवी […] Read more » There may be tension in COP 28 regarding strictness on coal
लेख कृष्ण राधा तो बन गए, पर राधा कृष्ण न बन सकी December 11, 2023 / December 11, 2023 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव मैं सूरदास को बचपन से पढ़ता आ रहा हूँ । प्रारम्भिक शिक्षा के दौर में उनके बालचरित्र के पदों को रटने ओर उनका अर्थ लिखकर परीक्षा में अब्बल आने का शौक रहा लेकिन जैसे-जैसे में उम्र के साथ उनके काव्य सागर में डूबता […] Read more » कृष्ण राधा तो बन गए पर राधा कृष्ण न बन सकी
पर्यावरण लेख प्रोपेगेंडा के तहत कार्बन कैप्चर को बताया जा रहा जलवायु समस्या का रामबाण इलाज December 11, 2023 / December 11, 2023 by निशान्त | Leave a Comment एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में, क्लाइमेट एक्शन अगेंस्ट डिसइनफॉर्मेशन (सीएएडी) द्वारा किए गए एक व्यापक विश्लेषण ने जलवायु परिवर्तन समाधानों के बारे में प्रचलित विचारधारा में हेरफेर करने के लिए, वैश्विक स्तर पर फ़ौसिल फ्यूल उत्पादन और उपभोग का समर्थन करने वाले समूह द्वारा एक व्यापक और रणनीतिक अभियान चलाये जाने का खुलासा किया है।दरअसल […] Read more » कार्बन कैप्चर को बताया जा रहा जलवायु समस्या का रामबाण इलाज
लेख समाज नशे से बचाना होगा उत्तराखंड के ग्रामीण युवाओं को December 11, 2023 / December 11, 2023 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment श्रुति जोशीबैसानी, उत्तराखंडदुनिया भर में अनैतिक और गैर क़ानूनी तरीके से होने वाले व्यापार में ड्रग्स और नशे का कारोबार प्रमुख है. प्रति वर्ष इसका खरबों डॉलर का दुनिया भर में व्यापार किया जाता है. देश और दुनिया का कोई ऐसा इलाका या गली मोहल्ला नहीं है जहां इसने लोगों को अपनी गिरफ्त में नहीं ले रखा […] Read more » Rural youth of Uttarakhand will have to be saved from drugs. नशे से बचाना होगा उत्तराखंड के ग्रामीण युवाओं को
पर्यावरण लेख खाड़ी देशों को जलवायु परिवर्तन से ख़ासा नुकसान December 11, 2023 / December 11, 2023 by निशान्त | Leave a Comment जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वैश्विक रणनीति बनाने के इरादे से फिलहाल दुबई में संयुक्त राष्ट्र की 28वीं बैठक चल रही है।और इस बीच क्रिश्चियन एड द्वारा जारी किये गये एक अध्ययन में जलवायु परिवर्तन के कारण अरब प्रायद्वीप पर पड़ने वाले विनाशकारी आर्थिक प्रभावों को रेखांकित किया गया है।दूसरी बातों के साथ इस […] Read more » जलवायु परिवर्तन से ख़ासा नुकसान
राजनीति लेख समाज स्वदेशी रोजगार एवं व्यापार की आत्मा है December 11, 2023 / December 11, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment स्वदेशी दिवस, 12 दिसम्बर 2023 पर विशेष– ललित गर्ग-भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन का स्वदेशी एक महत्वपूर्ण आन्दोलन, सफल रणनीति व राष्ट्रीय दर्शन है। ‘स्वदेशी’ का अर्थ है- अपने देश का, अपने देश मंे निर्मित। इस रणनीति का लक्ष्य ब्रिटेन में बने माल का बहिष्कार करना तथा भारत में बने माल का अधिकाधिक प्रयोग करके साम्राज्यवादी ब्रिटेन को आर्थिक […] Read more » Swadeshi is the soul of employment and business स्वदेशी दिवस
लेख देश का विभाजन और सावरकर , अध्याय 6 ( क ) वीर सावरकर का हिंदुत्व December 8, 2023 / December 8, 2023 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment कांग्रेस या तो इस्लाम के फंडामेंटलिज्म के प्रति जानबूझकर आंखें मूंदे रही या उसकी समझ में इस्लाम के फंडामेंटलिज्म का सच आया नहीं। ऐसा भी हो सकता है कि कांग्रेस पर ब्रिटिश सरकार का भी यही दबाव रहा हो कि वह मुस्लिम लीग के साथ मिलकर चले। कुछ भी हो सच यही है कि कांग्रेस […] Read more » Chapter 6 (a) Hindutva of Veer Savarkar Partition of the country and Savarkar देश का विभाजन और सावरकर
पर्यावरण लेख कोयला ऊर्जा की फंडिंग से बच रहे हैं ऋणदाता, मिल रहा है रिन्यूबल को फ़ायदा December 8, 2023 / December 8, 2023 by निशान्त | Leave a Comment फोस्सिल फ्यूल को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के संबंध में दुबई में COP28 में चल रही चर्चाओं के बीच, सेंटर फॉर फाइनेंशियल अकाउंटेबिलिटी (सीएफए) और क्लाइमेट ट्रेंड्स द्वारा किए गए एक हालिया विश्लेषण से प्रोजेक्ट फायनेंसिंग के लिए उधार देने में एक ख़ास बात का पता चला है। दरअसल भारत में कोयला बिजली संयंत्र साल 2022 में, लगातार दूसरे साल, प्रोजेक्ट […] Read more » कोयला ऊर्जा की फंडिंग से बच रहे हैं ऋणदाता
राजनीति लेख मानवाधिकार महज एक मजाक बनकर न रह जाये December 8, 2023 / December 8, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment विश्व मानवाधिकार दिवस, 10 दिसम्बर 2023 पर विशेष – ललित गर्ग- विश्व युद्ध, आतंकवाद एवं असंतुलित समाज रचना की विभीषिका से झुलस रहे लोगों के दर्द को समझ कर और उसको महसूस करने की दृष्टि से संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा ने विश्व मानवाधिकार दिवस घोषित किया। प्रत्येक वर्ष 10 दिसम्बर को यह दिवस दुनियाभर […] Read more » Human Rights मानवाधिकार विश्व मानवाधिकार दिवस
आर्थिकी लेख भारत में विवाह समारोहों की अर्थव्यवस्था December 7, 2023 / December 7, 2023 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment भारतीय सनातन संस्कृति के अनुसार पवित्र शादियों के धार्मिक संस्कारों के माध्यम से दो आत्माओं का मिलन कराया जाता है। कहा तो यहां तक भी जाता है कि दूल्हा और दुल्हन शादी के धार्मिक संस्कारों के माध्यम से सात जन्मों तक के लिए एक दूसरे के हो जाते हैं। इसलिए, शादी के समय विभिन्न अध्यात्मिक, धार्मिक एवं सांसारिक संस्कारों को सम्पन्न कराने के लिए समाज के गणमान्य नागरिकों, नाते रिश्तेदारों, परिवार के सदस्यों को साथ लेकर विभिन्न प्रकार के भव्य आयोजन सम्पन्न किए जाते हैं। इन आयोजनों में विभिन्न कार्यक्रम सम्पन्न होते हैं एवं आजकल तो ऐसे शुभ अवसरों पर भारी मात्रा में व्यय भी किया जा रहा है। शादी के विभिन्न आयोजनों पर किए जाने वाले भारी भरकम खर्च से देश की अर्थव्यवस्था को बल मिलता हुआ दिखाई दे रहा है। भारत में नवम्बर 2023 माह से लेकर आगामी लगभग 4 माह के दौरान 38 लाख से अधिक शादियों के आयोजन सम्पन्न होने जा रहे हैं। केवल 4 माह की इस अवधि में लगभग 4.75 लाख करोड़ की राशि का व्यय होने की सम्भावना व्यक्त की जा रही है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में 35 लाख शादियों पर 3.75 लाख करोड़ रुपए की राशि का व्यय हुआ था। कन्फेडरेशन ओफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के अनुसार, भारत में इस वर्ष शादियों के मौसम में सबसे अधिक खर्च करने का विश्व रिकार्ड बनाया जा सकता है। पिछले वर्ष इसी अवधि की तुलना में इस वर्ष एक लाख करोड़ रुपए अधिक राशि शादियों पर खर्च होने जा रही है। शादी के विभिन्न कार्यक्रमों में विभिन्न मदों पर होने वाले खर्च के सम्बंध में भी अनुमान लगाए गए हैं। इन अनुमानों के अनुसार, इस वर्ष नए कपड़े और नई ज्वेलरी को खरीदने की मद पर एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च होने वाली है, मेहमानों की खातिरदारी पर 60,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च होने जा रही है, शादी समारोह से जुड़े कार्यक्रमों पर 60,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च होने जा रही है। विश्व का कोई भी देश शादियों के मौसम में इतनी भारी भरकम राशि का खर्च नहीं करता दिखाई दे रहा है क्योंकि अन्य देशों में शादी के समारोहों पर इतना खर्च किया ही नहीं जाता है। यह तो भारतीय सनातन संस्कृति ही है जिसके अंतर्गत शादी के समय विभिन प्रकार के संस्कार सम्पन्न कराने के उद्देश्य से कई प्रकार के आयोजन सम्पन्न किए जाते हैं। आज विकसित देशों में तो विवाह नामक संस्था उपलब्ध ही नहीं है और “लव मैरिज” नामक रिवाज का पालन किया जा रहा है। साथ ही अब तो बगैर विवाह के “लिव इन रिलेशन” नामक रिवाज ही चल पड़ा है। विकसित देशों के युवा इस प्रकार के रिवाजों के चलते बच्चे भी पैदा नहीं कर रहे हैं और कुछ समय पश्चात ही आपस में रिश्तों को “तलाक” का रूप दे देते हैं। यदि इस बीच किसी जोड़े को बच्चा हो भी जाता है तो उसे “सिंगल पेरेंट” के रिवाज के तहत केवल मां के पास ही रहना होता है। इस प्रकार वह बच्चा अपने पिता के प्यार से वंचित रहता है और उस बच्चे का मानसिक विकास नहीं हो पाता है। इन्हीं कारणों के चलते आज विश्व के कई देशों में बुजुर्गों की संख्या तो बढ़ती जा रही है परंतु युवाओं की संख्या कम होती जा रही है, जिसका सीधा सीधा प्रभाव इन देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है। अतः कुल मिलाकर यह सनातन संस्कृति के संस्कार ही हैं जो भारत में आज भी कुटुंब व्यवस्था को जीवित रखे हुए हैं। संयुक्त परिवार सामान्यतः केवल भारत में ही दिखाई देते हैं, जहां बुजुर्गों की देखभाल इन संयुक्त परिवारों में बहुत ही सहज तरीके से होती है। अन्यथा, विकसित देशों में चूंकि संयुक्त परिवार का चलन नहीं के बराबर है अतः बुजुर्गों की देखभाल इन देशों की सरकार को “सोशल बेनीफिट्स” योजना के अंतर्गत करनी होती है। आज कुछ देशों में तो “सोशल बेनीफिट्स” की मद पर इतना अधिक खर्च होने लगा है कि इन देशों की बजट व्यवस्था ही भारी दबाव में आ गई है। इसके ठीक विपरीत, भारत में विभिन्न त्यौहार भी बड़े ही उत्साह से मनाए जाते है जिसके कारण भारत में सामाजिक तानाबाना ठीक बना हुआ है। इसी सामाजिक तानेबाने के ठीक अवस्था में रहने के चलते ही इस वर्ष, दीपावली एवं धनतेरस के त्यौहारी मौसम में भारत में 3.75 लाख करोड़ रुपए का व्यापार हुआ है। साथ ही, केवल करवा चौथ के दिन 15,000 करोड़ रुपए का व्यापार सम्पन्न हुआ था। भारत में त्यौहारी मौसम में अक्टोबर 2023 माह में 23 लाख वाहनों की बिक्री हुई है। 4 लाख चारपहिया वाहन एवं 19 लाख दोपहिया वाहनों की बिक्री हुई है। आने वाले शादियों के मौसम में भी इस वर्ष वाहनों की जबरदस्त बिक्री होने की सम्भावना है। उक्त वर्णित कारणों के चलते ही भारत में तेजी से गरीबी एवं बेरोजगारी भी कम हो रही है। एक अनुमान के अनुसार, वर्ष 2022-23 में दक्षिण अफ्रीका में बेरोजगारी की दर 32.8 प्रतिशत रही है और ईरान में 9.4 प्रतिशत, ब्राजील में 8.3 प्रतिशत, पाकिस्तान में 8.5 प्रतिशत, फ्रान्स में 7.4 प्रतिशत, इटली में 7.9 प्रतिशत, चीन में 5.3 प्रतिशत, ब्रिटेन में 4.2 प्रतिशत और अमेरिका में 4 प्रतिशत बेरोजगारी की दर पाई गई है। उक्त आंकड़ों के विपरीत भारत में इस अवधि के दौरान बेरोजगारी की दर में बहुत कमी दृष्टिगोचर हुई है। आज भारत में उच्च निवल सम्पत्ति वाले नागरिकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अतः समस्त मेहमानों सहित अब विदेश में जाकर शादी की रस्में सम्पन्न करने का प्रचलन भारत में बहुत बढ़ गया है। अभी हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी को देश के नागरिकों से यह अपील करनी पड़ी है कि विदेश में जाकर शादी की रस्में पूर्ण नहीं करे क्योंकि इससे शादी की रस्मों पर होने वाले व्यय का लाभ उस देश को मिल रहा है जबकि भारत में ही पर्याप्त मात्रा में पर्यटन स्थल उपलब्ध हैं, जहां आसानी से शादियां विधि विधान से सम्पन्न कर विवाह समारोह भी आयोजित किए जा सकते हैं। इससे शादी पर होने वाले खर्च का लाभ भारतीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा और देश का पैसा भी देश में ही बना रहेगा। आज भारतीय नागरिकों द्वारा सनातन संस्कृति के संस्कारों के पालन का लाभ भी भारतीय अर्थव्यवस्था को निश्चित रूप से स्पष्टत: मिलता दिखाई दे रहा है और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास की दर को लगातार बढ़ाते जा रहे हैं। अभी हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मोनेटरी फंड ने केलेंडर वर्ष 2024 के लिए भारत में सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया है, जबकि अमेरिकी में यह वृद्धि दर 1.5 प्रतिशत, जर्मनी में 0.9 प्रतिशत, फ्रान्स में 1.3 प्रतिशत, जापान में रिणात्मक 1 प्रतिशत, चीन में 4.2 प्रतिशत और रूस में 1.1 प्रतिशत विकास दर रहने का अनुमान लगाया गया है। Read more » Economy of marriage ceremonies in India
पर्यावरण लेख दुनिया तबाही और बर्बादी की कगार पर December 7, 2023 / December 7, 2023 by निशान्त | Leave a Comment इन दिनों चल रहे COP28 के मौक़े पर जारी ग्लोबल टिपिंग पॉइंट्स रिपोर्ट – दुनिया की तबाही और बर्बादी की कगार पर पहुँचने की दास्तान बयान करती है।इस रिपोर्ट से पता चलता है कि ग्लोबल वार्मिंग ने इस धरती पर मौजूद सभी समुद्री और ज़मीनी सिस्टम (प्रणालीयों) को नष्ट होने की कगार पर ला खड़ा किया है […] Read more » The world is on the verge of disaster and destruction.
लेख दशरथ का श्राद्ध करने पर नहीं दी गवाही-सीता ने दिया श्राप December 6, 2023 / December 6, 2023 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव चित्रकूट में भरत श्री राम को राज्य सौंपने पहुचते है जहां राम भरत से अयोध्या का राज्य स्वीकार कर भरत की भावनाओं का सम्मान करते है किन्तु वे अपने पिता की आज्ञा का उल्लंघन न हो इसलिये भरत को 14 साल के वनवास पूरे होने तक अपने राज्य की जिम्मेदारी का निर्वहन करने […] Read more »