लेख सर्वोदय और मार्क्स January 10, 2014 / January 10, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -दिनेश कुमार- जातिविहीन, वर्ग विहीन व शोषण से मुक्त समाज का सपना महात्मा गांधी ने देखा था और उन्होंने सर्वोदय जैसा एक दर्शन उसके लिए विकसित किया। ऐसा ही एक प्रयास पश्चिम के समाज विज्ञानी कार्ल मार्क्स ने भी किया। मार्क्स ने समाज को शोषण से मुक्त करने के लिए एक क्रांति की प्रक्रिया […] Read more » Sarvoday and Marks सर्वोदय और मार्क्स
कविता महात्मा वेदपाल प्रभु शरणाश्रित को नमन January 9, 2014 / January 9, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -विमलेश बंसल ‘आर्या’- 1. ईश्वर दास के लाला लाल, था नाम महात्मा वेद पाल। जनवरी दस को जन्म लिया था, ईश्वर का गुणगान किया था। प्रभु शरणाश्रित बन किया कमाल॥ शत्-शत् नमन हे ईश्वर लाल 2. हंसमुख थे बहु भोले-भाले, गोरे रंग के थे, दिलवाले। नम्र-शील जिनका स्वभाव, तेजस्वी मुख पर प्रभाव। मस्त-व्यस्त हृदय विशाल॥ […] Read more » poem महात्मा वेदपाल प्रभु शरणाश्रित को नमन
कविता कुबड़ी आधुनिकता January 9, 2014 / January 9, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -दीप्ति शर्मा- मेरा शहर खांस रहा है सुगबुगाता हुआ कांप रहा है सडांध मारती नालियां चिमनियों से उड़ता धुआं और झुकी हुयी पेड़ों की टहनियां सलामी दे रहीं हैं शहर के कूबड़ पर सरकती गाड़ियों को, और वहीं इमारत की ऊपरी मंजिल से कांच की खिड़की से झांकती एक लड़की किताबों में छपी बैलगाड़ियां देख […] Read more » poem कुबड़ी आधुनिकता
कविता जीवन में आगे ही बढ़ें January 8, 2014 / January 8, 2014 by बीनू भटनागर | Leave a Comment वो तूफ़ान में फंसी, हमारी डूबती नैया एक लकड़ी के सहारे, हम किनारा ढूँढ़ने निकले वो डरावनी अंधेरी रात, जंगल में फंसे थे जब कहीं चमके कई जुगनू, उसी की रौशनी में हम रस्ता ढूँढ़ने निकले। वो ऊंची सी खड़ी चट्टान, काई में फिसलते पांव हमे जाना था उसके पार, एक रस्सी के सहारे ही हम गंतव्य तक पंहुचे। एक […] Read more » poem जीवन में आगे ही बढ़ें
व्यंग्य आगे-आगे देखिये होता है क्या … January 8, 2014 / January 8, 2014 by विजय कुमार | Leave a Comment व्यंग्य बाण : पिछले दिनों सम्पन्न हुए चुनावों के परिणाम आने के बाद शर्मा जी काफी दिन उदास रहे। इस दौरान वे कुछ-कुछ आध्यात्मिक भी हो गये और नियमित रूप से पड़ोस के मंदिर में हो रही भागवत कथा में जाने लगे। एक दिन वक्ता ने सुख और दुख की व्याख्या करते हुए कहा […] Read more » आगे-आगे देखिये होता है क्या ... AAP
कविता टॉप स्टोरी शुभ-मंगल सब मिलकर बोलो December 31, 2013 / December 31, 2013 by हिमकर श्याम | Leave a Comment हिमकर श्याम व्यथित मन में मधु रस घोलो शुभ-मंगल सब मिलकर बोलो झोली में ले कर ख्वाब नया देखो आया है साल नया अरमानों की गठरी खोलो शुभ-मंगल सब मिलकर बोलो जो बीत गया सो बीत गया वह दुःख का गागर रीत गया उम्मीदों का दर फिर खोलो शुभ-मंगल सब मिलकर बोलो […] Read more » शुभ-मंगल सब मिलकर बोलो
कविता पहचान कहाँ खो गए December 31, 2013 by मिलन सिन्हा | Leave a Comment मिलन सिन्हा जिन्हें ढूंढ़ रही थी आँखें वो कहाँ चले गए जिन्हें देख रही थी आँखें वो पहचान कहाँ खो गए जिन रास्तों पर चलने की सीख गुरुजनों के दी थी वे रास्ते क्यों अब सुनसान पड़ गए जिन पर चलने से किया था मना वे रास्ते क्यों अब भीड़ से पट गए परवरिश में […] Read more » पहचान कहाँ खो गए
कविता कब आओगे गुरु गोविंद सिंह?? December 31, 2013 / December 31, 2013 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment विमलेश बंसल आओ हम सब याद करें, गुरु गोविंद के बलिदान को। जिसने हिंदू धर्म की खातिर, किया न्योछावर प्राण को॥ वंदे मातरम् 1.माता गुजरी, पिता गुरु, तेगबहादुर के घर में। जन्म हुआ सोलह सौ छ्यासठ, खेले पटना शहर में। नौ वर्ष में गुरु की गद्दी, मिल गई वीर जवान को॥ जिसने हिंदू धर्म…… वंदे […] Read more » कब आओगे गुरु गोविंद सिंह??
आलोचना शोक संवेदना या बधाई संदेश December 30, 2013 / December 30, 2013 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment “अम्माजी के बारे में सुनकर बहुत दु:ख हुआ|शहर के बाहर था इसलिये आ नहीं पाया|”मैं श्याम भाई के निवास पर उनकी माताजी की मृत्यु पर शोक संवेदना प्रकट करने पहुंचा था| “किंतु उन्हें बहुत कष्ट था,आठ माह से पलंग पर पड़ी थीं”उन्होंने जबाब दिया| […] Read more » शोक संवेदना या बधाई संदेश
कविता हो गया है विहान री December 28, 2013 / December 28, 2013 by बीनू भटनागर | 6 Comments on हो गया है विहान री 1. हो गया है विहान री सखि,हो गया है अब विहान री, तू नींद छोड़ कर जाग री। पंछियों का कलरव गूंज रहा, सूरज देहरी को पूज रहा। तू अब तक सोई है री सखि, आंखों में लिये ख़ुमार री। चल उठ पनघट तक जाना है, दो चार घड़े जल लाना है, मै छाछ कलेवा बनालूं […] Read more » poem कविता हो गया है विहान री
कविता महर्षि दयानंद की अमर कहानी December 28, 2013 / December 28, 2013 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -विमलेश बंसल ‘आर्या’- मो- 8130586002 Vimleshbansalarya69@gmail.com हम सब मिल शीश झुकायेंगे, गुरु देव दयानंद दानी को। उस वैदिक वीर पुरोधा की, गायेंगे अमर कहानी को॥ 1.अट्ठारह सौ इक्यासी की, फ़ाल्गुन कृष्णा दशमी तिथि को, गुजरात प्रांत टंकारा में, था जन्म लिया मूलक मिति को। शंकर से शंकर […] Read more » Maharshi Dayanand महर्षि दयानंद की अमर कहानी
लेख माओवाद पर एक आधी-अधूरी पड़ताल December 28, 2013 / December 28, 2013 by संजय पराते | 1 Comment on माओवाद पर एक आधी-अधूरी पड़ताल -संजय पराते- छत्तीसगढ़ के मीडिया जगत में शुभ्रांशु चौधरी एक जाना-पहचाना नाम है। खासतौर से आदिवासी क्षेत्रों और दण्डकारण्य (बस्तर) से संबंधित रिपोर्टिंग के लिए। एक निर्भीक पत्रकार के रुप में उन्होंने यहां के अंदरूनी इलाकों के कई दौरे किये हैं, माओवादी नेताओं और ग्रामीण आदिवासियों से बातचीत की है और यह सब करते हुए […] Read more » incomplete investigation on Mao माओवाद पर एक आधी-अधूरी पड़ताल