व्यंग्य मटके के आंसू May 19, 2020 / May 19, 2020 by मनोज कुमार | Leave a Comment मनोज कुमारजो मटका हमारे सूखे गले को अपने भीतर समाये ठंडे जल से तर करता रहा है। आज वही मटका आंसूओं में डूबा हुआ है। कोरोना ने मनुष्य को तो मुसीबत में डाला ही है। मटका भी इसका शिकार हो चुका है। बात कुछ अलग किसम की है। आपने कभी मटके से बात की हो […] Read more »
व्यंग्य ‘आत्मनिर्भरता’ का फ्लेवर और कलेवर ! May 17, 2020 / May 17, 2020 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल ‘आत्मनिर्भरता’ यानी स्वावलंबन जीवन में बेहद आवश्यक है। लेकिन आजकल बगैर अवलंबन के काम ही नहीँ चलता। पति- पत्नी पर, प्रेमी- प्रेमिका पर, बुजुर्ग – छड़ी पर , सरकार- गठजोड़ पर, विपक्ष- ट्विटर पर आत्मनिर्भर है। हमारे आसपास इस तरह के […] Read more » आत्मनिर्भरता आत्मनिर्भरता का फ्लेवर स्वावलंबन
व्यंग्य वादा तेरा वादा May 12, 2020 / May 12, 2020 by दिलीप कुमार सिंह | Leave a Comment दिलीप कुमार “परनिंदा जे रस ले करिहैं निसच्य ही चमगादुर बनिहैं” अर्थात जो दूसरों की निंदा करेगा वो अगले जन्म में चमगादड़ बनेगा।परनिंदा का अपना सुख है ,ये विटामिन है ,प्रोटीन डाइट है और साहित्यकार के लिये तो प्राण वायु है ।परनिंदा एक परमसत्य पर चलने वाला मार्ग है और मुफ्त का यश इसके लक्ष्य हैं।चतुर्दिक परनिंदा के […] Read more » वादा तेरा वादा
व्यंग्य हे महामारी! आपकी महिमा अपरम्पार है May 11, 2020 / May 11, 2020 by अवधेश कुमार सिंह | Leave a Comment अवधेश कुमार सिंह कोरोना का कमाल देखिए। अभूतपूर्व संकट से गुजर रहा सम्पूर्ण विश्व आज कोरोना के प्रकोप के आगे विवश है। लाचार है, अर्थात “एक महामारी सब पर भारी” सिध्द हो रहा है। चीन के वुहान शहर से चला है एक राक्षस, नाम है जिसका करोना वाइरस। कोविड -19 दिया गया जिसका नाम, अब […] Read more » करोना वाइरस
व्यंग्य अथश्री कोरोना पद्मश्री’ सम्मान May 9, 2020 / May 9, 2020 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल हिंदी साहित्य और कविता के विकास में कोरोना काल का अपना अलग महत्व होगा। इस युग की महत्ता शोध परिणामों के बाद निश्चित रुप से साबित होगी। इस युग को चाह कर भी कोई आलोचक और समीक्षक झुठला नहीँ सकता […] Read more »
व्यंग्य ‘इस मय’ को मुबारक चीज़ समझ May 7, 2020 / May 7, 2020 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment तनवीर जाफ़री सरकार की किन्हीं नीतियों की आलोचना करना तो समझ आता है परन्तु सरकार द्वारा लॉक डाउन जैसी कठिन,ग़मगीन व उबाऊ घड़ी में ‘मयख़ाने’ खोले जाने के पुनीत निर्णय पर जो हो हल्ला मच रहा है मैं उससे बिल्कुल सहमत नहीं।क्यों ?आइये इनके कारण आपको समझाता हूँ। क्योंकि….. अच्छों को बुरा साबित करना दुनिया […] Read more »
व्यंग्य मंदिर मस्जिद बैर कराते मेल कराती मधुशाला May 4, 2020 / May 4, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment “मंदिर मस्जिद बैर कराती मेल कराती मधुशाला’’| जी हाँ ! यह बात श्री हरिवंश राय बच्चन जी ने बहुत समय पहले ही अपनी मधुशाला मे लिख दी थी और यह बात वर्तमान सरकार ने लोक डाउन तीन का अंतर्गत स्वीकार भी कर ली | “अरे सर वो कैसे ?’’ किसी ने पूछा | दूसरी तरफ से उत्तर आया, “क्या आपको पता नही है,लोक […] Read more » मंदिर मस्जिद के कारण झगड़े
व्यंग्य हे ! कोरोना देव लौट जाओ स्वदेश April 27, 2020 / April 27, 2020 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल हे ! कोरोना देव: त्वमेव नमस्तुभ्यम। आप यत्र-तत्र और सर्वत्र व्याप्त हैं। आपकी महिमा अपरम्पार है। हे ! देव आपका विस्तार अनंत आकाश से लेकर भूगर्भ लोक तक है। आप अनंत और अक्षय हैं। पूरी दुनिया आपके सामने नतमस्तक और भय से […] Read more » कोरोना देव
व्यंग्य घर बैठे -बैठे March 29, 2020 / March 29, 2020 by दिलीप कुमार सिंह | Leave a Comment “पुल बोये से शौक से उग आयी दीवारकैसी ये जलवायु है हे मेरे करतार”दुनिया को जीत लेने की रफ्तार में ,चीन ने ये क्या कर डाला ,जलवायु ने सरहद की बंदिशों को धता बताते हुए सबको घुटनों पर ला दिया है ।इस स्वास्थ्य के खतरे ने भस्मासुर की भांति सबको लपेटा और दोस्त-दुश्मन सभी का फर्क भुला […] Read more » घर बैठे -बैठे
व्यंग्य वर्क फ्रॉम होम March 18, 2020 / March 18, 2020 by दिलीप कुमार सिंह | Leave a Comment आये दिन अख़बारों में इश्तहार आते रहते हैं कि घर से काम करो ,घण्टों के हिसाब से कमाओ,डॉलर,पौंड में भुगतान प्राप्त करो।जिसे देखो फेसबुक,व्हाट्सअप पर भुगतान का स्क्रीनशॉट डाल रहा है कि इतना कमाया,उतना माल अंदर किया ।महीने भर की नौकरी पर एक दिन वेतन पाने वाला फार्मूला अब आदिम लगने लगा था।यूट्यूब पर भी […] Read more » work from home वर्क फ्रॉम होम
व्यंग्य डॉग लवर March 12, 2020 / March 12, 2020 by आलोक कौशिक | Leave a Comment ओमप्रकाश भारतीय उर्फ पलटू जी शहर के सबसे बड़े उद्योगपति होने के साथ ही फेमस डॉग लवर अर्थात् प्रसिद्ध कुत्ता प्रेमी भी थे। पलटू जी ने लगभग सभी नस्ल के कुत्ते पाल रखे थे। उन्हें कुत्तों से इतना प्रेम था कि कुत्तों के मल-मूत्र भी वे स्वयं साफ किया करते थे। उनके श्वान प्रेम पर […] Read more » डॉग लवर
व्यंग्य होशंगशाह किले की व्यथा March 7, 2020 / March 7, 2020 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment होशंगशाह गौरी का किला है कुछ खास खण्डहर हो चुका कभी था वह आवास नर्मदा का तट था सुल्तान को भाया सन चोदह सौ एक में किला बनवाया मंगलवारा घाट से मैं उसे अक्सर निहारू किले के अतीत का चिंतन मन में विचारु अनगिनत सवालों का सैलाब मन में होता अपने घर लौट आता ख्याल […] Read more » होशंगशाह किले की व्यथा