व्यंग्य माहौल बदल देगा आईपीएल में बाबा का आगमन August 12, 2020 / August 12, 2020 by सुशील कुमार नवीन | Leave a Comment सुशील कुमार ‘नवीन’ 90 के दशक में गावों में क्रिकेट खेलने की शुरुआत हुई थी। महंगा खेल था इसलिए चाहे बैट(बल्ला) लाना हो या कॉर्क वाली बॉल। सांझा योगदान देना पड़ता था। ईंटों से विकेट बना लेते थे। पेड , हेलमेट की कोई जरूरत नहीं मानी जाती थी। एकाध को चोट भी लगी तो घर […] Read more » Baba Ramdev arrival in IPL आईपीएल में बाबा का आगमन
व्यंग्य बोतलदास की राफेल कट हेयर कटिंग August 4, 2020 / August 4, 2020 by नवेन्दु उन्मेष | Leave a Comment नवेन्दु उन्मेष आफिस में आज बोतलदास की काफी चर्चा थी। जो भी कार्यालय में दाखिल होता वहउसकी ओर मुखातिब होता और उसके बालों की तारीफ करता। उससे पूछता-बोतलदासतुमने इतनी अच्छी हेयर कटिंग किस सैलून में करायी। कोई पूछता-यार लाकडाउन के दिनों में सरकार ने सैलून बंद कर रखें है तो किस सैलून में गयेथे और […] Read more » राफेल कट हेयर कटिंग
व्यंग्य “चीनी कम” July 16, 2020 / July 16, 2020 by दिलीप कुमार सिंह | Leave a Comment कुछ समय पहले टीवी पर एक इश्तहार आता था जिसमें सब झूम झूम कर कहा करते थे कि “जो तेरा है वो मेरा है जो मेरा है वो तेरा”इस थीम को ध्येय वाक्य बना लिया चीन ने और चौदह देशों से सटी अपनी सीमाओं पर यही फार्मूला अपना लिया और हर तरफ हाथ पांव मारने लगा कि […] Read more » चीनी कम
व्यंग्य चाँद और रोटियां June 23, 2020 / June 23, 2020 by दिलीप कुमार सिंह | Leave a Comment दिलीप कुमार प्रगतिशीलता के पुरोधा,परम्पराओं को ध्वस्त करने वाले कवि करुण कालखंडी जी देश में मजदूरों के पलायन से बहुत दुखी थे ,उन्होंने लाक डाउन के पहले दिन से बहुत मर्माहत करने वाली तस्वीरें और करुणा से ओत प्रोत कविताएं लिखी थीं ।वो सरकार पर बरसते ही रहे थे कि सरकार ने ऐसा क्यों किया ?कोई […] Read more » चाँद और रोटियां
व्यंग्य कोरोना संबंधी ‘ज्ञान वर्षा ‘ से भ्रमित होता आम आदमी June 21, 2020 / June 21, 2020 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment तनवीर जाफ़रीकोरोना महामारी का क़हर लगभग पूरे विश्व में अपना रौद्र रूप धारण किये हुए है। सुखद समाचार यह है कि जहाँ न्यूज़ीलैंड,तंज़ानिया,वेटिकन,फ़िज़ी,मोंटेनेग्रो, सेंट किट्स-नेविस , सेशल्स, तिमोर- लेस्त तथा पापुआ न्यू गिनी जैसे कई देशों ने कोरोना पर क़ाबू पाकर स्वयं को कोरोना मुक्त घोषित कर दिया है वहीं उत्तर कोरिया,तुर्कमेनिस्तान, माइक्रोनेशिया, तुवालु,किरिबाती, नाउरु, मार्शल आइलैंड्, पलाउ, वनुआटू,सोलोमन आइलैंड्स, टोंग जैसे अनेक छोटे परन्तु सौभाग्यशाली देश ऐसे […] Read more » कोरोना संबंधी ज्ञान वर्षा
व्यंग्य डिजिटल युग में नियोक्ता द्वारा हमारे शोषण का डिजिटल तरीका :वर्क फ्रॉम होम June 18, 2020 / June 18, 2020 by मयंक सक्सैना | Leave a Comment Work from Home अर्थात घर से कार्य करवाने का concept lockdown के दरमियान आया। पर दुनिया यह भूल गई कि भारत में वर्क फ्रॉम होम के नाम पर भी जो एक कर्मचारी को मिलना था, वह था शोषण। अजी जनाब जिस देश में निजी क्षेत्र का नियोक्ता व्यक्तिगत तौर पर कार्यालय में उपस्तिथ अपने कर्मचारी द्वारा किये गए कामों […] Read more » Digital way of our exploitation by employers in the digital age work from home
व्यंग्य जूते व जूती की महिमा June 10, 2020 / June 10, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment जूते में बहुत गुण है,सदा राखिए पास।शत्रु से ये बचाए,कोई न फ्टके पास।। मैडम जूती राखिए,बिन जूती सब सून।जूती नाये न उबरे राजनीति के ये चून। पड़ जाए जूती प्रेमिका की,समझो अपने को निहाल।जल्दी ही पड जाएगी,तुम्हारे गले में ये माल।। औरत को न समझिए,पैर की जूती तुम यार।अपने पर जब पड़ जाएगी,तुम्हे पड़े की […] Read more » जूती की महिमा
व्यंग्य कमाल की है मैडम की जूती June 9, 2020 / June 9, 2020 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment हास्य- व्यंग प्रभुनाथ शुक्ल लोकतंत्र में जब बात से बात नहीँ बनती तब शायद जूती स्ट्राइक का सहारा लेना पड़ता है। आजकल हमारे संस्कार में जूता,चप्पल और सैन्डिल की संस्कृत गहरी पैठा बना चुकी है। इसकी बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए हम कह सकते हैं कि जूती है तो सबकुछ मुमकिन है। अपुन के […] Read more » मैडम की जूती
राजनीति व्यंग्य …और अब मोदी अंगोछा May 30, 2020 / May 30, 2020 by विजय कुमार | Leave a Comment आजकल मुखबंद (मास्क) सबकी जरूरत बन गया है। शुरू में तो इस पर असमंजस था कि इसे लगाएं या नहीं ? कुछ लोग कहते थे कि इसे कोरोना के रोगी या उनके बीच में काम करने वाले ही लगाएं। बाकी को जरूरत नहीं है। कुछ कपड़े की दो या तीन परतों वाले मुखबंद के समर्थक […] Read more » मोदी अंगोछा
व्यंग्य उफ़ ये लॉकडाउन May 26, 2020 / May 26, 2020 by बीनू भटनागर | Leave a Comment दिसंबर में शादी की पचासवीं साल गिरह मनाई थी कई साड़ियाँ उपहार में मिल गई एक दो भाई दोज पर मिली थी अलमारी मे रख दीं कल अलमारी खोली तो मुझसे लड़ने को तैयार थीं एक बोली “कम से कम ब्लाउज़ तो सिलवा लेती कि जब मौका आये तो पहन लो।” मैने कहा “बहना लॉकडाउन […] Read more » Oops this lockdown
व्यंग्य राजनीति चालू आहे , चलो सड़क नापते है ! May 23, 2020 / May 23, 2020 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल फिट रहना बेहद ज़रूरी है। वह सरकार हो या बस। अपन के मुलुक में फिट रहने का आजकल हर कोई मंत्र बाँटता है। यह विधा स्किल डेवलपमेंट में आती है। सरकार भी फिट और हिट रहने के लिए बाकायदा योगमंत्र बांटती रहती […] Read more » चलो सड़क नापते है
व्यंग्य शादियाँ कुछ ऐसे होगी May 22, 2020 / May 22, 2020 by बीनू भटनागर | Leave a Comment WHO के अनुसार कोरोना अब जाने वाला तो नहींं है। आने वाले समय में शादियों की रूपरेखा कैसी होगी। हज़ार मेहमान तो बुलाना संभव नहीं होगा। घर के तीस चालीस लोगों को शादी में आने की अनुमति होगी, छ: फिट पर फूलों के गोले बने होंगे उनमें एक एक व्यक्ति खड़ा हो सकेगा। बुज़ुर्गों के […] Read more » marriages in corona शादियाँ कुछ ऐसे होगी