मीडिया नरेंद्र मोदी VS अरविंद केजरीवाल की असलियत March 18, 2014 by डॉ. मनीष कुमार | 1 Comment on नरेंद्र मोदी VS अरविंद केजरीवाल की असलियत एक बात तो कहना पड़ेगा कि बॉलीवुड के स्क्रिप्ट राइटर्स को केजरीवाल के पैर को धो कर पीना चाहिए.. राजनीतिक ड्रामेबाजी में केजरीवाल अद्वितीय है.. बैंगलोर में केजरीवाल ने कहा कि पार्टी ने फैसला किया है कि वो मोदी के खिलाफ बनारस में चुनाव लड़ेंगे. लेकिन साथ में ये भी कहा कि अगर बनारस की […] Read more »
मीडिया ओपिनियन पोल पर दलों का दोहरा मापदंड March 8, 2014 / March 8, 2014 by अरविंद जयतिलक | 1 Comment on ओपिनियन पोल पर दलों का दोहरा मापदंड अरविंद जयतिलक आमचुनाव से ठीक पहले एक टीवी चैनल द्वारा अपने सिटंग आपरेशन में ओपिनियन पोल में गड़बड़झाला का खुलासा किए जाने के बाद चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों की विश्वसनीयता और पारदर्शिता को लेकर नए सिरे से बहस तेज हो गयी है। कांग्रेस, वामदल व आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग से इस पर प्रतिबंध […] Read more » ओपिनियन पोल ओपिनियन पोल पर दलों का दोहरा मापदंड
मीडिया कठघरे में जनमत संग्रह March 6, 2014 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on कठघरे में जनमत संग्रह प्रमोद भार्गव एक बार फिर जनमत संग्रह कठघरे में हैं। इस बार जनमत संग्रह की संभावित धांधली को स्टिंग आरेशन के मार्फत कैमरे में कैद किया गया है। लिहाजा इस तथ्य को नहीं झुठलाया जा सकता कि इनकी विश्वसनीयता संदिग्ध है ? इस हेराफेरी को लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग को शिकायत भी कर दी […] Read more » Plebiscite Referendum कठघरे में जनमत संग्रह
मीडिया मीडिया विमर्श के केन्द्र में आम आदमी का सवाल January 12, 2014 / January 12, 2014 by देवेन्द्र कुमार | 1 Comment on मीडिया विमर्श के केन्द्र में आम आदमी का सवाल -देवेन्द्र कुमार- मानव समाज के प्रारम्भिक काल से ही मीडिया किसी न किसी शक्ल में मौजूद रहा है। एक अर्थ में कहा जाय तो आदिकाल से आधुनिक काल तक मानव समाज का जो विकास रहा है, वह इसी मीडिया पर की गई सवारी का प्रतिफल है। मीडिया का विकास मानव समाज के विकास के […] Read more » media मीडिया विमर्श के केन्द्र में आम आदमी का सवाल
प्रवक्ता न्यूज़ मीडिया देवरिया संगोष्ठी की कथा-गाथा, प्रारम्भ से प्रारब्ध तक December 27, 2013 / December 27, 2013 by शिवानंद द्विवेदी | Leave a Comment गत 17 नवंबर 2013 को दिल्ली के इंडियन कॉफी हाउस में कुछ लोग बैठे और फिर तय किया कि आगामी 21 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में नया मीडिया मंच के बैनर तले नया मीडिया एवं ग्रामीण पत्रकारिता विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा. हालांकि इससे पहले अनौपचारिक तौर पर एक बार इसी […] Read more »
प्रवक्ता न्यूज़ मीडिया 21 दिसंबर को देवरिया में संगोष्ठी, पाँच लोग होंगे सम्मानित December 11, 2013 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment आगामी 21 दिसंबर को देवरिया स्थित जिला पंचायत सभागार में नया मीडिया एवं ग्रामीण पत्रकारिता विषयक संगोष्ठी का आयोजन नया मीडिया मंच द्वारा किया जा रहा है. उक्त कार्यक्रम में नया मीडिया के विस्तार एवं ग्रामीण अंचलों में इसकी जरुरत पर तमाम राष्ट्रीय स्तर के पत्रकारों का वक्तव्य होना है. उक्त आयोजन में दिल्ली से […] Read more »
मीडिया छवि बनाने-बिगाड़ने का धंधा December 6, 2013 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव सोशल नेटवर्किंग साइटस को सूचना के संप्रेशण और किसी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मुददे पर सार्वजनिक बहस का खुला और आसान मंच माना गया था, लेकिन अब यह मंच दलों और राजनेताओं की छवि बनाने अथवा बिगाड़ने का धंधा कर रहा है। यह अंतर्जाल पर अफवाह फैलाकर समाज में सदभाव बिगाड़ने का काम भी कर रहा […] Read more » छवि बनाने-बिगाड़ने का धंधा
मीडिया बदहवास लोग और खोखले दरख्त December 3, 2013 / December 3, 2013 by राकेश कुमार आर्य | 10 Comments on बदहवास लोग और खोखले दरख्त महर्षि दयानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा है कि रेगिस्तान में अरण्ड का पौधा भी बड़ा पेड़ दिखाई देता है। यही स्थिति समाज और राष्ट्र के लिए उस समय बन जाया करती है जब वास्तव में राष्ट्र में बड़े नेता ना हों और छोटे छोटे दीपक स्वयं को सूर्य समझने लगें या समझाने का प्रयास […] Read more » बदहवास लोग और खोखले दरख्त
जन-जागरण मीडिया बदलावों के बीच मानसिकता में बदलाव कब? December 3, 2013 by सिद्धार्थ शंकर गौतम | 1 Comment on बदलावों के बीच मानसिकता में बदलाव कब? लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की विश्वसनीयता इन दिनों संदेह के घेरे में है| खोजी पत्रकारिता को नया आयाम देने वाले तरुण तेजपाल जहां यौन उत्पीड़न के मामले में फंसे हुए हैं वहीं दीपक चौरसिया तथा अनुरंजन झा आम आदमी पार्टी के कथित फ़र्ज़ी स्टिंग ऑपरेशन को लेकर सवालों के दायरे में हैं| तीनों की साख […] Read more »
महिला-जगत मीडिया तरूण तेजपाल जैसे लोग महिलाओं की प्रगति में बाधा हैं! December 2, 2013 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 1 Comment on तरूण तेजपाल जैसे लोग महिलाओं की प्रगति में बाधा हैं! इक़बाल हिंदुस्तानी 0दूसरों से नैतिकता चाहने वाले खुद इतनी नीचता पर क्यों हैं? तरूण तेजपाल ने तहलका डॉटकॉम में अपने अधीन काम करने वाली एक जूनियर पत्रकार को अपनी हवस का शिकार बनाकर यह साबित कर दिया है कि हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और होते हैं। अपने अपराध को भूल या […] Read more »
मीडिया बदलावों के बीच मानसिकता में बदलाव कब? November 30, 2013 by सिद्धार्थ शंकर गौतम | Leave a Comment सिद्धार्थ शंकर गौतम लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की विश्वसनीयता इन दिनों संदेह के घेरे में है| खोजी पत्रकारिता को नया आयाम देने वाले तरुण तेजपाल जहां यौन उत्पीड़न के मामले में फंसे हुए हैं वहीं दीपक चौरसिया तथा अनुरंजन झा आम आदमी पार्टी के कथित फ़र्ज़ी स्टिंग ऑपरेशन को लेकर सवालों के दायरे में हैं| […] Read more »
महत्वपूर्ण लेख मीडिया तोड़ने ही होंगे मठ और गढ़ सब November 29, 2013 / November 29, 2013 by राजीव रंजन प्रसाद | 1 Comment on तोड़ने ही होंगे मठ और गढ़ सब राजीव रंजन प्रसाद तहलका प्रकरण किसी एक व्यक्ति या एक संस्था पर प्रश्नचिन्ह नहीं है। यह गढ़ों और मठों के टूटने की कड़ी में एक और महत्वपूर्ण घटना है। वैचारिक असहिष्णुता और विचारधारात्मक अस्पृश्यता के वातावरण में जब यह घटना घटी तो अनायास ही इसके सम्बन्ध समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र और राजनीतिशास्त्र से जुड़ने लगे। एक आम […] Read more »