जरूर पढ़ें बोतल से फिर बाहर आया अलक़ायदा का जिन्न September 7, 2014 / September 7, 2014 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment तनवीर जाफ़री अमेरिका पर हुए विश्व के अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले अर्थात् 9/11 के बाद ओसामा बिन लादेन के नेतृतव में जिस आतंकी संगठन अलक़ायदा ने आतंक की दुनिया में अपने संगठन का नाम विश्व के सबसे बड़े आतंकी संगठन के रूप में दर्ज करा लिया था तथा इसी संगठन को समाप्त किए […] Read more » अमेरिका अलकायदा आतंक आतंकवादी बोतल से फिर बाहर आया अलक़ायदा का जिन्न
जरूर पढ़ें महामहिम के समक्ष भी अपनी ‘नौटंकीबाजी’ से बाज नहीं आए ‘नौटंकीबाज’ September 7, 2014 / September 7, 2014 by आलोक कुमार | 3 Comments on महामहिम के समक्ष भी अपनी ‘नौटंकीबाजी’ से बाज नहीं आए ‘नौटंकीबाज’ -आलोक कुमार- जनता द्वारा सिरे से नकारे जाने और अपने ही विरोधाभासों व अंतर्विरोधों के कारण लगभग बिखरे चुके कुनबे से सीख लेने के बावजूद अपनी नौटंकीबाजी व ड्रामेबाजी (मैं शुरुआती दौर से इन लोगों के लिए ‘नौटंकीबाज’ शब्द का प्रयोग करता आ रहा हूं और आज भी उस पर कायम हूँ ) से बाज […] Read more » प्रणब मुखर्जी महामहिम राष्ट्रपति
जरूर पढ़ें साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की इस हालत का ज़िम्मेदार कौन है August 29, 2014 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | Leave a Comment -डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री- साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को मालेगांव बम विस्फोट मामले में सरकार ने तब गिरफ़्तार किया था जब सरकार ने नीति के आधार पर यह निर्णय कर लिया था कि आतंकवादी गतिविधियों में कुछ हिन्दुओं की संलिप्तता दिखाना भी जरुरी है। अभी तक आतंकवादी गतिविधियों में जितने लोग पकड़े जा रहे थे […] Read more » प्रज्ञा सिंह साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर
जरूर पढ़ें लव जिहाद सोची समझी साजिश August 29, 2014 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment -सुरेश हिन्दुस्थानी- लोग कत्ल करते हैं तो चर्चा नहीं होती, हम आह भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम। भारत देश में लव जिहाद को लेकर कुछ इसी प्रकार का घटनाक्रम चलता दिखाई दे रहा है। मुसलमान जहां लव जिहाद के तहत भोली भाली हिन्दू युवतियों को फंसा रहे हैं, वहीं कोई हिन्दू इस बारे […] Read more » 'लव जिहाद' लव जिहाद सोची समझी साजिश
जरूर पढ़ें हमारी समृद्ध नामावली August 28, 2014 by डॉ. मधुसूदन | 17 Comments on हमारी समृद्ध नामावली -डॉ. मधुसूदन- (एक) देववाणी का विशाल सागर: देववाणी के विशाल सागर को, बुद्धि की क्षुद्र गगरी में भरना, सर्वथा असंभव ! पर, उसके विशाल सागर तट पर, अनगिनत सुनहरे बालुकणों में लोटकर, बुद्धिकी गिलहरी जो कतिपय चमकिले कण अपनी कायापर चिपका कर ला पाती है, उन्हीं में से कुछ दीप्त-कण प्रवक्ता के पाठकों की सेवा […] Read more » नाम नामावली हमारी समृद्ध नामावली
जरूर पढ़ें इस्लामी आतंकवाद का क्रूरतम हथियार लव जिहाद August 27, 2014 by प्रवीण दुबे | 1 Comment on इस्लामी आतंकवाद का क्रूरतम हथियार लव जिहाद -प्रवीण दुबे- इस्लामी आतंकवाद के तमाम चेहरे आज पूरी दुनिया के सामने हैं। इन सभी का एक ही उद्देश्य कि है पूरी दुनिया को कैसे न कैसे दारुल इस्लाम बनाया जाए। कहीं बम बंदूक के सहारे यह खेल खेला जा रहा है तो कहीं धर्मांतरण करके षड्यंत्रों को अंजाम दिया जा रहा है। भारत का […] Read more » 'लव जिहाद' इस्लामी आतंकवाद
जरूर पढ़ें देशद्रोहियों को बचाने वाली रिपोर्ट August 23, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 1 Comment on देशद्रोहियों को बचाने वाली रिपोर्ट -रमेश शर्मा- सहारनपुर के दंगों पर समाजवादी पार्टी ने एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि सहारनपुर में दंगा भड़काने के लिए भाजपा के सांसद जिम्मेदार हैं। रिपोर्ट में सांसद के अलावा भाजपा के और कुछ दूसरे कार्यकर्ताओं के नाम भी हैं। इसके अतिरिक्त रिपोर्ट में वे ही तमाम बातें हैं जो समाजवादी पार्टी विभिन्न […] Read more » अखिलेश यादव देशद्रोहियों को बचाने वाली रिपोर्ट समाजवादी पार्टी सहारनपुर हिंसा
जरूर पढ़ें संघ, विहिप और सुब्रमण्यम स्वामी के संघर्ष ने रोका रामसेतु विध्वंस August 20, 2014 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment -प्रवीण गुगनानी- रामसेतु विषय में केंद्र की नवागंतुक नरेन्द्र मोदी सरकार के मंत्री नितिन गड़करी ने पिछलें दिनों देश भर के हिन्दुओं के विश्वास को फलीभूत करते हुए कहा कि रामसेतु नहीं तोड़ा जाएगा. सेतु समुद्रम परियोजना को पूर्ण करनें के लिए वैकल्पिक मार्ग खोजें जायेंगे. यह निर्णय देकर मोदी सरकार ने संघ परिवार, विहिप […] Read more » रामसेतु विध्वंस विहिप संघ सुब्रमण्यम स्वामी
जरूर पढ़ें अनुच्छेद ३७० के प्रयोग की त्रुटिपूर्ण प्रक्रिया August 19, 2014 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | Leave a Comment -डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री- अनुच्छेद ३७० संघीय संविधान में एक अस्थायी और संक्रमणकालीन व्यवस्था थी । राज्य की संविधान सभा द्वारा जम्मू कश्मीर रियासत के भारत में अधिमिलन की पुष्टि कर दिये जाने के पश्चात् इस की उपयोगिता स्वत समाप्त हो गई थी । काल प्रवाह में जम्मू कश्मीर में संक्रमण काल भी समाप्त हो […] Read more » अनुच्छेद ३७० अनुच्छेद ३७० के प्रयोग की त्रुटिपूर्ण प्रक्रिया कश्मीर
जरूर पढ़ें सांप्रदायिकता की आग में झुलस रहा यूपी August 16, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -निशा शुक्ला- अंग्रेजों को देश से खदेड़ने कि लिए हिन्दू-मुस्लिम एक की इबारत लिखने वाला उत्तर प्रदेश आज खुद सांप्रदायिकता की आग में झुलस रहा है। कभी साथ मिल कर राम-रहीम की कसमें खाने वाले हिन्दू-मुसलमान भाई आज एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए हैं। आज एक दूसरे के खिलाफ नफरत का आलम […] Read more » उत्तर प्रदेश यूपी में हिंसा यूपी हिंसा सांप्रदायिकता की आग में झुलस रहा यूपी
जरूर पढ़ें तिरंगा August 15, 2014 by अश्वनी कुमार | Leave a Comment -अश्वनी कुमार- आज हमें आज़ादी मिले 68 वर्ष हो गए हैं. बहुत लम्बी लड़ाइयां लड़ी हैं, हमारी जनता ने, हमारी आम जनता ने, और उनका नेतृत्व करनेवालों ने. स्वतंत्रता सेनानियों ने. देश की आज़ादी के लिए अपने प्राणों को भी न्यौछावर करना उन्हें कम लगता था. इसीलिए देश की आज़ादी के अपनी जान की परवाह […] Read more » तिरंगा
जरूर पढ़ें आजादी के 67 वर्ष और चुनौतियां August 14, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment (भारतीय स्वतंत्रता दिवस- 15 अगस्त के उपलक्ष्य में) -निर्भय कुमार कर्ण- आजादी के 67 वर्षों के गहरे उतार- चढ़ाव में भारत ने कई सफलताओं को अर्जित करते हुए विश्व पटल पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। भारत ने अपनेआपको इतना महत्वपूर्ण साबित करा दिया है कि कोई भी देश इसकी अनदेखी नहीं कर सकता। यही कारण है कि दुनिया के लगभग सभी देश भारत से दोस्तानारिश्ता कायम करने के लिए लालायित रहता है। आजादी हमने किस परिस्थिति में हासिल किया और किन परेशानियों को देशवासियों ने झेलते हुए आजादी कासुनहरा मुकाम हासिल किया, कभी भुलाया नहीं जा सकता। तब से लेकर अब तक हमने सभी क्षेत्र में तरक्की की चाहे कृषि, रक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, तकनीकीया अन्य लेकिन दूसरी ओर हमें कई मोर्चेे पर कठिन चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है। साल दर साल रक्षा बजटों में लगातार इजाफा होता रहा है। हमारी सेना और भी दिन प्रति दिन सशक्त होती जा रही है। हम भी परमाणु बम से लैस हो गएहैं जिसके कारण कोई भी देश भारत को आंख दिखाने से पहले दस बार सोचता है। इसके बावजूद पाकिस्तान अपनी छदम हरकतों से बाज नहीं आ रहा और अपनेधरती से आतंकवाद को बढ़ावा देता रहा है। दूसरी ओर चीन की नियति एवं नीति में भी खोट नजर आती है। जहां चीन एकतरफ भारत से दोस्ताना रिश्ता कायमरखना चाहता है तो दूसरी ओर चारों ओर से हमें घेरने की नीति पर भी लगाताार काम कर रहा है। कभी अरूणाचल प्रदेश पर दावा करता है तो कभी अन्य क्षेत्रों पर।इसलिए हमें विदेश नीति को दुरूस्त कर फूंक-फूंक कर कदम उठाने होंगे। आजादी के समय की तुलना में आज कृषि उपज साढ़े तीन गुना बढ़ी है लेकिन राष्ट्रीय आय में इसका हिस्सा निरंतर घटता चला गया। जहां आजादी केसमय 1947 में राष्ट्रीय आय में कृषि क्षेत्र का हिस्सा 65 प्रतिशत था वही 2007 में घटकर 17 प्रतिशत रह गया और इसके 2022 तक घटकर 6 प्रतिशत पर आ जानेकी संभावना है। देखा जाए तो, कृषि प्रधान भारत के विकास की जिम्मेदारी औद्योगिक क्षेत्र को सौंप दी गई जिसके कारण भारतीय कृषि को इस उदासीनता का दंशझेलना पड़ रहा है। वहीं आजादी के बाद से अब तक देश में राष्ट्रीय राजमार्गाें की लंबाई तिगुनी हो गई है। इनकी लंबाई 1947 में 23,000 किमी थी, जो अब बढ़कर70,000 किमी से ज्यादा हो चुकी है। अतीत का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि 15 अगस्त, 1947 को भारत न सिर्फ विदेशी कर्जों से मुक्त था, बल्कि उल्टे ब्रिटेन पर भारत का 16.62करोड़ रूपए का कर्ज था। लेकिन आज देश पर 390 अरब डाॅलर से भी ज्यादा का विदेशी ऋण है। दूसरी ओर भारत इतना सक्षम भी हो गया कि प्रत्येक वर्ष दूसरे देशोंके विकास के लिए अरबों रूपए कर्ज भी देता है। आजादी के समय जहां एक रूपए के बराबर एक डाॅलर होता था वहीं अब एक डाॅलर की कीमत 60 रूपए के इर्द-गिर्दरहता है। जिसके कारण महंगाई पर से सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रहा और समय-समय पर सत्ता हस्तांतरित भी होता रहा जिसका ताजा उदाहरण नरेंद्र मोदी केनेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी का सरकार में आना है। भ्रष्टाचार, गरीबी, आतंकवाद, उग्रवाद, सांप्रदायिक दंगे, घोटाले, जातिवादी और कट्टरपंथी धार्मिक राजनीतिक हथकंडे, दलित उत्पीड़न, महिलाओं केखिलाफ हिंसा, आदि देश को चारों ओर से पीछे धकेलने का काम कर रहा है। एक तरफ तो हम आगे बढ़ रहे हैं लेकिन ये दूसरे मोर्चा हमें अंदर ही अंदर खोखला भीकर रहा है। भ्रष्टाचार इस तरह से हर विभाग में कब्जा कर रखा है कि चाहकर भी इससे निजात नहीं मिल रहा। बिना पैसे का कोई काम हो पाना मुश्किल है। गरीबऔर गरीब होते जा रहे हैं और धनी और धनी। देखा जाए तो, एक हद तक हमें राजनीतिक आजादी तो मिली लेकिन आत्मनिर्भरता के लिए सफल प्रयास नहीं होनेके कारण हम आर्थिक रूप से गुलाम होते जा रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में भी आजादी की तुलना में हमने काफी सफलता अर्जित की है। जहां 1951 में साक्षरता दर 18.33 प्रतिशत था जो धीरे-धीरे बढ़कर 2011 में 74.04 प्रतिशत हो गया। इसके बावजूद हमारे युवा शिक्षित होने के बाद भी रोजगार के लिए दर-दर भटक रहे हैं। इन युवाओंका सही इस्तेमाल देश के विकास के लिए नहीं हो पा रहा है जिसके कारण युवाओं में हताशा जैसी भावनाओं का समावेश होना स्वाभाविक है। भारत में नित नएघोटाला होना आम बात हो गयी है। अगर भ्रष्टाचार पर अंकुश लग जाए तो देश का एक भी युवक बेरोजगार नहीं रह सकेगा। 15 अगस्त, 1947 को हमने राजनीतिकआजादी प्राप्त की थी, लेकिन भय, भूख और भ्रष्टाचार से आजाद होना शेष है। इन सभी समस्याओं से निजात दिलाने की जिम्मेदारी अब मोदी सरकार के कंधों पर है। अब देखा जाना शेष है कि जिस उम्मीद और आशा पर भाजपा सरकार रिकार्ड तोड़ जीत दर्ज कर सत्ता में आयी है, उन उम्मीदों को पूरा कर पाती है या नहीं? Read more » आजादी आजादी के 67 वर्ष और चुनौतियां स्वतंत्रता दिवस