राजनीति समाज किसान आत्महत्याओं का अर्थशास्त्र October 3, 2015 by संजय पराते | Leave a Comment भूख से होने वाली मौतें और किसान आत्महत्याएं कभी भी सत्ताधारी पार्टी और शासक वर्ग के लिए चिंता का विषय नहीं बनती, क्योंकि इससे धनकुबेरों के मुनाफों पर कोई चोट नहीं पहुंचती.लेकिन वे हमेशा इस परिघटना के एक राजनैतिक मुद्दा बनने से जरूर डरते हैं, क्योंकि इससे उनके वोट बैंक को नुकसान पहुंचता है.इसलिए उनकी […] Read more » Featured किसान आत्महत्या किसान आत्महत्याओं का अर्थशास्त्र-
राजनीति जंगल में मोर नाचा तो किसने देखा ? October 3, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment विदेश नीति के रंग डिजिटल इंडिया ,मेक इन इंडिया,स्किल इंडिया में हम इतने सराबोर हो चुके है कि हमारे आंतरिकता में स्थित देश की पहचान जो गाँवो से है , किसानो से है ,खेतो से है ,जंगलो से है ,मज़दूरों से है उसे लगभग भूल चुके है। यह पहल सही है की विदेश नीति का […] Read more » जंगल में मोर नाचा तो किसने देखा ?
राजनीति कितना साकार हुआ स्वच्छ भारत का सपना October 3, 2015 / October 3, 2015 by शाहिद नकवी | Leave a Comment आज का दिन राष्ट्रपिता को याद करने का एक अवसर प्रदान करता है । मोहनदास करमचन्द गांधी एक समूचे दर्शन का नाम है, जिसकी ओर दुनियाभर में असंख्य लोग आकर्षित हुए। हिंसा और मानव निर्मित घृणा से ग्रस्त दुनिया में महात्मा गाँधी आज भी सद्भावना और शांति के नायक के रूप में अडिग खड़े हैं […] Read more » Featured कितना साकार हुआ स्वच्छ भारत का सपना स्वच्छ भारत का सपना
राजनीति आस्था को तर्कों की कसौटी पर तौलने के मायने ? October 1, 2015 by निर्मल रानी | Leave a Comment निर्मल रानी हमारे देश और दुनिया में विभिन्न धर्मों व समुदायों के मध्य इस प्रकार की अनेकानेक ऐसी धार्मिक व सामाजिक मान्यताएं व रीति-रिवाज हैं जिनका सीधा संबंध लोगों की आस्था,उनके संस्कार तथा धार्मिक विश्वास से जुड़ चुका है। इनमें तमाम रीति-रिवाज व मान्यताएं ऐसी भी हैं जो भले ही इन्हें मानने वालों के लिए […] Read more » Featured
राजनीति क्या आरक्षण अपने मूल उद्देश्य से भटक गया है? October 1, 2015 / October 3, 2015 by वीरेश्वर तोमर | 2 Comments on क्या आरक्षण अपने मूल उद्देश्य से भटक गया है? स्वतंत्रता प्राप्ति के समय भारत की सामाजिक संरचना में विभिन्न कारकों का वर्चस्व रहा| समाज के कुछ विशेष वर्ग, वर्षों से शोषण परक सत्ता के कुकृत्यों से दबे हुए थे| संविधान निर्माताओं द्वारा एक समतामूलक समाज की प्राप्ति हेतु इस वर्ग के उत्थान हेतु दोहरे उपबंध करना आवश्यक प्रतीत हुआ- भेदभाव को समाप्त किया जाये| […] Read more » Featured आरक्षण आरक्षण अपने मूल उद्देश्य से भटक गया है
राजनीति जनता ही जनार्दन है : तेजस्वी यादव September 30, 2015 / September 30, 2015 by आलोक कुमार | Leave a Comment आलोक कुमार :- राघोपुर की जनता आपको क्यूँ वोट दे और राघोपुर के लिए आपकी क्या प्राथमिकताएँ हैं ? तेजस्वी यादव :- राघोपुर की मिट्टी से जुड़ा हूँ , मेरे माता-पिता इस क्षेत्र की जनता के सुख-दुख के साथी रहे हैं और अब मैं वही जिम्मेवारी निभाने राघोपुर की जनता के बीच आया हूँ […] Read more » Featured तेजस्वी यादव
राजनीति विदेशों में बढ़ रही है भारत की धाक September 29, 2015 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment सुरेश हिंदुस्थानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजीटल इंडिया का सपना अब साकार रूप में परिणत होता दिखाई दे रहा है। प्रधानमंत्री जब किसी विदेश यात्रा पर जाते हैं, तब उनके कार्यक्रमों में जो झलक प्रादुर्भित होती है, उसके मूल में भारत का डिजीटल स्वरूप दिखाई देता है। आज सारा विश्व इस बात को लेकर चकित […] Read more » Featured भारत की धाक
टेक्नोलॉजी राजनीति डिजिटल इण्डिया के लिए कितना तैयार देश September 29, 2015 by पियूष द्विवेदी 'भारत' | 2 Comments on डिजिटल इण्डिया के लिए कितना तैयार देश पीयूष द्विवेदी विगत दिनों प्रधानमंत्री मोदी अपने अमेरिका दौरे के दौरान सोशल साईट फेसबुक के मुख्यालय पहुंचकर फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग से मुलाकात किए। इस मुलाकात के बाद फेसबुक सीईओ मार्क जुकरबर्ग और पीएम मोदी ने डिजिटल इण्डिया के समर्थन में अपना प्रोफाइल चित्र तिरंगे के रंग में कर दिया जिसके बाद तो फेसबुक […] Read more » Featured डिजिटल इण्डिया
राजनीति उ. प्र. पंचायती चुनाव September 28, 2015 by अरुण तिवारी | Leave a Comment सवाल भी, उम्मीद भी गौतमबुद्धनगर को छोङकर 74 जि़ले, 11.36 करोङ मतदाता, 78,596 मतदाता केन्द्र, एक लाख, 78,588 मतदाता बूथ और तीन लाख सुरक्षाकर्मी! मतगणना के चार चरण – 9,13,17 और 29 अक्तूबर, 2015; नतीजे का तिथि – एक नवंबर, 2015. इन आंकङों के साथ बीती 21 जुलाई को उत्तर प्रदेश में जिला और क्षेत्र […] Read more » Featured उ.प्र पंचायती चुनाव
राजनीति चुनावी बिसात पर जाति के मुहरे September 28, 2015 by हिमकर श्याम | Leave a Comment हिमकर श्याम जाति की राजनीति बिहार की ख़ासियत रही है। बिहार का चुनाव जातिगत समीकरण के लिए ही जाना जाता है। जातिगत समीकरणों के आधार पर ही सूबे की चुनावी राजनीति का विश्लेषण किया जाता है। बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र सभी राजनीतिक दल, गठबंधन जातीय समीकरण दुरुस्त करने में जुट गए हैं। जातियों की […] Read more » Featured चुनावी बिसात चुनावी बिसात पर जाति के मुहरे जाति की राजनीति जेडीयू-बीजेपी गठबंधन बिहार की ख़ासियत
राजनीति क्या मोदी की विदेश यात्राओं के सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं? September 27, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | 1 Comment on क्या मोदी की विदेश यात्राओं के सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं? शैलेन्द्र चौहान एक ओर तो मीडिया के शहंशाह कहे जाने वाले रुपर्ट मर्डोक भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज़ाद भारत का ‘सर्वश्रेष्ठ नेता’ बता रहे हैं. वहीँ अमरीकी उद्योग जगत के एक प्रतिनिधि ने कुछ दिन पहले ही यह बयान दिया कि भारत की नौकरशाही में अबतक कोई बदलाव नहीं दिखाई दे रहा है […] Read more » Featured मोदी की विदेश यात्राओं के सकारात्मक परिणाम
राजनीति बिहार में राजनीतिक घमासान तेज September 27, 2015 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment सुरेश हिंदुस्थानी बिहार विधानसभा के चुनावों में चल रहे टिकट वितरण की प्रक्रिया के बाद आरोप प्रत्यारोप की राजनीति शुरू हो गई है। लालू प्रसाद यादव और नीतीश की पार्टी में घमासान मचा हुआ है, तो भाजपा और कांग्रेस भी इस समय अंदरखाने की लड़ाई से जूझ रहीं हैं। इन सभी दलों की अंदरूनी लड़ाई […] Read more » Featured बिहार बिहार में राजनीतिक घमासान बिहार विधानसभा राजनीतिक घमासान