महत्वपूर्ण लेख राजनीति जिंदगी का राज जानने का औचित्य : मानव-डीएनए सरंचना विधेयक August 21, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव केंद्र सरकार देश के प्रत्येक नागरिक की कुण्डली तैयार करने की दृष्टि से ‘मानव डीएनए सरंचना विधेयक-2015‘ लाने की कवायद में लगी है। कालातंर में यदि यह विधेयक पारित हो जाता है तो देश के हरेक नागरिक का जीन आधारित कंप्युटरीकृत डाटाबेस तैयार होगा। चुनांचे एक क्लिक पर मनुष्य की आतंरिक जैविक […] Read more » मानव-डीएनए सरंचना विधेयक
राजनीति एक ही थाली के चटटे-बट्टे ……………………… August 20, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | 4 Comments on एक ही थाली के चटटे-बट्टे ……………………… रविन्द्र प्रताप सिंह सियासतदारों की जिद्द के आगे संसद का पूरा मानसून-सत्र धूल गया। हर किसी की जुबान पर इनकी करतूत के चर्चे हैं। लेकिन ,इनको इसका कोई पछतावा नहीं। हो भी क्यों…..क्योकि इनकी पुरानी फितरत है वादे करके, भूल जाना। लगता है अब भारतीय राजनीति की यही परम्परा बन गई है। जिस वंदनीय संसद […] Read more » एक ही थाली के चटटे-बट्टे
राजनीति भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए सामूहिक चिन्तन जरूरी August 17, 2015 by सुरेश हिन्दुस्थानी | 1 Comment on भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए सामूहिक चिन्तन जरूरी विकास के लिए सकारात्मक सोच जरूरी सुरेश हिन्दुस्थानी अच्छे सपने देखना बुरी बात नहीं है, और इस सपने को खुली आँख से देखा जाये तो और भी अच्छा है। लेकिन इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि इन सपनों में किसी प्रकार का संकुचन ना हो। मतलब साफ है कि व्यापक दृष्टि से सपने […] Read more » भ्रष्टाचार को समाप्त
राजनीति ‘‘अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे’’ August 16, 2015 by वीरेंदर परिहार | 3 Comments on ‘‘अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे’’ वीरेन्द्र सिंह परिहार ब्यापम घोटाले को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की घेराबन्दी करनें वाले प्रदेश के भतूपूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस पार्टी के बड़बोले नेंता दिग्विजय सिंह स्वतः कुछ ऐसे घिर गये हैं कि निकलने का रास्ता शायद ही मिल सके। उल्लेखनीय है कि दिग्विजय सिंह वर्ष 1993 से वर्ष 2003 तक […] Read more »
राजनीति दुर्लभ पत्रों में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम August 15, 2015 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on दुर्लभ पत्रों में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम प्रमोद भार्गव पाश्चात्य इतिहास लेखकों की स्वार्थपरक और कूटनीतिक विचारधारा से कदमताल मिलाकर चलने वाले कुछ भारतीय इतिहास लेखकों के चलते आज भी इतिहास की कुछ पुस्तकों और ज्यादातर पाठ्य-पुस्तकों में यह मान्यता चली आ रही है कि 1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम अंग्रेजी मान्यता के खिलाफ बर्बरतापूर्ण संघर्ष था। यह संग्राम तत्कालीन ब्रितानी […] Read more » दुर्लभ पत्रों में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम
राजनीति क्या बिहार में जंगलराज था या है ? अगर ‘हाँ’ …तो इसमें भाजपा का भी योगदान है August 15, 2015 by आलोक कुमार | 1 Comment on क्या बिहार में जंगलराज था या है ? अगर ‘हाँ’ …तो इसमें भाजपा का भी योगदान है आज से पाँच दिनों पहले , रविवार ९ अगस्त २०१५ को , गया की रैली में बिहार के पिछले २५ वर्षों के शासनकाल को , जंगलराज , कुशासन और बिहार की बदहाली का कारण बता कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तो भाजपा की प्रदेश इकाई को सांसत में ही डाल दिया है l प्रधानमंत्री के […] Read more »
राजनीति काहे की आजादी August 15, 2015 by अनिल कुमार पाण्डेय | Leave a Comment अनिल कुमार पाण्डेय भारत १५ अगस्त १९४७ को अंग्रेजों की दासता से मुक्त हुआ था। अंग्रेजों से राजनैतिक मुक्ति की ये ६९वीं वर्षगांठ है। आज देश को आजादी मिले सात दशक गुजर गये, बावजूद इसके आज भी हमारी मानसिकता का स्तर ठीक वैसा ही है जैसा कि आजादी के पहले का था। मानसिक गुलामी आज […] Read more » काहे की आजादी
राजनीति इतिहास छुपाने का महापाप क्यों? August 15, 2015 by प्रवीण दुबे | 1 Comment on इतिहास छुपाने का महापाप क्यों? प्रवीण दुबे १५ अगस्त अर्थात एक ऐसा दिन जब हमें परतंत्रता की बेडिय़ों से मुक्ति मिली थी, यह वही दिन है जब भारत की धरती पर दो सौ वर्षों तक लहराने वाले यूनियन जेक की जगह हमारे प्यारे तिरंगे ने ली थी। यह शान का दिन है, स्वभिमान का दिन है यह उन हुतात्माओं को […] Read more » इतिहास छुपाने का महापाप क्यों?
राजनीति भारत का अखंड स्वरुप– डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री August 15, 2015 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | Leave a Comment कहा जाता है कि वीर सावरकर की अस्थियाँ अभी भी उनके वंशजों के पास सुरक्षित हैं । वे अपनी मृत्यु से पूर्व वसीयत कर गये थे कि उनकी अस्थियाँ सिन्धु नदी में तभी प्रवाहित की जायें जब भारत एक बार फिर से अखंड हो जाये । अखंड भारत का क्या अर्थ है ? पन्द्रह अगस्त […] Read more » भारत का अखंड स्वरुप
राजनीति अब समाजवाद की बागडोर अखिलेश को सौपने की तैयारी August 14, 2015 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment मृत्युंजय दीक्षित राजधानी लखनऊ में विगत 4 अगस्त को समाजवादियों का सम्मान समारोह किया गया इस बहाने देशभर के समाजवादी एकत्र हुए तथा भविष्य में समाजवादी की भूमिका पर अपने विचारों का आदान प्रदान भी किया। यह सम्मेलन तो था समाजवादियों के सम्मान का लेकिन इसके मुख्य केंद्रबिंदु युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ही थे। […] Read more » अखिलेश अब समाजवाद की बागडोर
राजनीति सियासी भंवर में फंसी जीएसटी August 14, 2015 / August 14, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment केशव झा इसे देश का दुर्भाग्य ना कहें तो क्या कहें की हमारे सियासतदान देशहित जैसे अतिमहत्वपूर्ण मसलों पर भी सियासत करने पर उतारूँ हैं। सियासत के हालिया संदर्भ को देखें तो आर्थिक एकीकरण करने वाली विधेयक जीएसटी पर भी सियासी खिंचतान और जोराजमाइश चरम पर है। जीएसटी पर सरकार और विपक्ष खेमों में बटीं […] Read more » जीएसटी
राजनीति संसद में दिखा राजनीती का स्वार्थी चेहरा August 14, 2015 by सुरेश हिन्दुस्थानी | 1 Comment on संसद में दिखा राजनीती का स्वार्थी चेहरा भारत में राजनीति का जो दौर दिखाई दे रहा है, उससे किसका भला हो रहा है और भविष्य में किसका भला होगा। अगर इस प्रकार की राजनीति देश की जनता के लिए हितकारी नहीं है तो ऐसी राजनीति से देश के राजनीतिक दलों को तौबा करना ही चाहिए। अपने अपने स्वार्थों के भंवर में कैद […] Read more » संसद में दिखा राजनीती स्वार्थी चेहरा