राजनीति इस चुनाव में मुसलमान क्या करें? March 11, 2014 by ए.एन. शिबली | Leave a Comment ए एन शिबली लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही हर किसी ने अपने अपने तौर पर तैय्यारी शुरू कर दी है। चूँकि भारतीय राजनीति में मुसलामानों के वोट का बड़ा महत्त्व होता है इसलिए हर पार्टी अपने अपने तौर पर यही कोशिश करती है कि उसे ही मुसलामानों का वोट मिले। मुसलमानों […] Read more » इस चुनाव में मुसलमान क्या करें?
राजनीति चुनाव का महापर्व और जनता का संकल्प March 11, 2014 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | Leave a Comment डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री लोकतंत्र में चुनाव सबसे बड़ा पर्व होता है । यह वास्तव में लोक कुम्भ कहा जा सकता है । इस कुम्भ में लोक स्नान से लोकतंत्र को ऊर्जा प्राप्त होती है और उसकी नींव मज़बूत होती है । भारत में यह पर्व पुनः आया है । लोकतंत्र की सफलता इस बात […] Read more » चुनाव का महापर्व और जनता का संकल्प
राजनीति व्यंग्य बाण : होली और तीसरा मोर्चा March 11, 2014 / March 11, 2014 by विजय कुमार | Leave a Comment पुराने गिले-शिकवे भुलाने और नवीन मेल-मिलाप करने के लिए होली से अच्छा कोई पर्व नहीं है। इसलिए भा.ज.पा. को रोकने और कांग्रेस को ठोकने के लिए चुनावी माहौल में हर दिन रिश्ते बन और बिगड़ रहे हैं। ज्वार-भाटे की तरह इसकी लहरें भी बार-बार आती हैं और किनारे की गंदगी लेकर चली जाती हैं। लेकिन […] Read more » व्यंग्य बाण होली और तीसरा मोर्चा
राजनीति ‘आप’ की नौटंकी आखिर कौन सा स्वराज लाएगी? March 9, 2014 by सिद्धार्थ शंकर गौतम | 6 Comments on ‘आप’ की नौटंकी आखिर कौन सा स्वराज लाएगी? जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव की तारीख करीब आ रही है, आम आदमी पार्टी ‘आप’ की नौटंकी बढ़ती जा रही है| ‘आप’ को वन मैन शो बना चुके अरविंद केजरीवाल अब अपनी हदें तोड़ते नज़र आ रहे हैं| यहां तक कि ‘आप’ के जो कार्यकर्ता अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की टोपी पहन खुद को राजनीतिक भीड़ […] Read more » 'आप' की नौटंकी
राजनीति समाज मुसलमानों को कांग्रेस ने स़िर्फ धोखा दिया March 7, 2014 by डॉ. मनीष कुमार | Leave a Comment यह मुसलमानों को याद करने का मौसम है. उनकी समस्याओं पर बहस का मौसम है. यह मुसलमानों को ख़तरे बताने का मौसम है. यह मुसलमानों को डराने का मौसम है. यह चुनाव का मौसम है. यही वजह है कि हर राजनीतिक दल में मुसलमानों के प्रति प्रेम उमड़ रहा है. मुसलमानों के दु:ख पर आंसू […] Read more » मुसलमानों को कांग्रेस ने स़िर्फ धोखा दिया
राजनीति अरविंद केजरीवाल: चुनाव से पहले, चुनाव के बाद March 7, 2014 by डॉ. मनीष कुमार | 7 Comments on अरविंद केजरीवाल: चुनाव से पहले, चुनाव के बाद 2012 में मनोवैज्ञानिक डेविड थामस की एक चर्चित किताब आई. इस किताब का नाम है नार्सिसिज्म: बिहाइंड द मास्क. नार्सिसिज्म एक मनोवैज्ञानिक कुंठा है. कुछ लोग इसे व्यक्तित्व विकार भी मानते हैं. शब्दकोश में इस शब्द का अर्थ ढूंढने पर पता चलता है कि नार्सिसिज्म को हिंदी में आत्मकामी कहते हैं. इस किताब के शीर्षक […] Read more »
राजनीति आयोग की निगरानी में चुनावी वादे ? March 4, 2014 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on आयोग की निगरानी में चुनावी वादे ? प्रमोद भार्गव चुनावी घोषणा-पत्रों को निर्वाचन आयोग द्वारा निगरानी में लेने के फैसले के साथ ही विरोधाभासी हालात पैदा हो गए हैं। इधर आयोग ने राजनीतिक दलों द्वारा लिए जाने वाले वादों के औचित्य पर नजर रखने की कवायद की, उधर अन्नाद्रमुक की प्रमुख जे जयललिता ने वादों की अफलातूनी घूस का घोषणा-पत्र जारी कर […] Read more »
राजनीति मुसलमानों का वोट भी ले सकती है भाजपा? March 4, 2014 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 6 Comments on मुसलमानों का वोट भी ले सकती है भाजपा? इक़बाल हिंदुस्तानी बाबरी मस्जिद व गुजरात दंगे उसके रास्ते का बड़ा पत्थर बने हैं! भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा है कि अगर कोर्इ गल्ती हुई है तो वे मुसलमानों से सौ बार सिर झुकाकर माफी मांगने को तैयार हैं, हालांकि उनके इस बयान पर संघ परिवार ने ही दबी जुबान से नाराज़गी दर्ज की […] Read more » मुसलमानों का वोट भी ले सकती है भाजपा?
राजनीति नीतीशजी ! आप तो एेसे न थे…!! March 4, 2014 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा कोलकाता से करीब 60 किलोमीटर पश्चिम में एक छोटा सा स्टेशन है दुआ। 1997 मे तत्कालीन रेल मंत्री के तौर पर इस स्टेशन का उद्घाटन बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था। कार्यक्रम के कवरेज के सिलसिले में देर तक नीतीश कुमार के साथ रहने का अवसर मिला। वह जमाना […] Read more » नीतीशजी ! आप तो एेसे न थे...!!
राजनीति मरता, क्या न करता? March 4, 2014 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | 1 Comment on मरता, क्या न करता? कांग्रेस सरकार की आज जो हालत हो गई है, उसके बारे में यही कहा जा सकता है कि मरता, क्या न करता? केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल ने काफी गंभीर विचार-विमर्श किया और पांच विधेयकों को अध्यादेश के रुप में जारी करने के लिए राष्ट्रपति से अनुरोध भी कर दिया। दो मंत्री उन्हें समझाने के लिए […] Read more » क्या न करता? मरता
राजनीति बिहार : बनते बिगड़ते सियासी समीकरण March 2, 2014 by हिमकर श्याम | 1 Comment on बिहार : बनते बिगड़ते सियासी समीकरण हिमकर श्याम लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान अभी नहीं हुआ है, लेकिन बिहार की राजनीतिक सरगर्मी एकाएक तेज हो गई है. चुनाव से पहले हर संभावित गठबंधन के लिए दिल और दरवाजे खोल दिए गए हैं. पुराने राजनीतिक समीकरण टूटने और नए राजनीतिक समीकरण बनने का सिलसिला शुरू हो गया है. कहीं कुनबा बिखर […] Read more »
राजनीति क्योंकि मैं आम आदमी हूं… हां…हां…मैं आम आदमी हूं… March 1, 2014 by आलोक कुमार | Leave a Comment -आलोक कुमार- मनोदशा और व्यथा एक आम आदमी की “क्योंकि मैं आम आदमी हूं…हां…हां.. मैं आम आदमी हूं …” तुम देश और जनता का पैसा लूटो… राष्ट्र-विरोधी ताकतों से तुम्हारी साठगांठ हो… तुम ईश्वर और संविधान की शपथ लो और ऐसे घृणित कार्य सीना ठोक कर करो जिस की कल्पना मात्र से शायद ईश्वर […] Read more » satire on common men क्योंकि मैं आम आदमी हूं... हां...हां...मैं आम आदमी हूं...