राजनीति क्या राम से लड़कर भारत में साम्यवाद लाया जा सकता है? December 16, 2010 / December 18, 2011 by श्रीराम तिवारी | 5 Comments on क्या राम से लड़कर भारत में साम्यवाद लाया जा सकता है? श्रीराम तिवारी अयोध्या विवाद के सन्दर्भ में लखनऊ खंडपीठ द्वारा सम्बन्धित पक्षकारों को दी गई ९० दिन की समयावधि वीतने जा रही है. इस विमर्श में जहाँ एक ओर हिंदुत्ववादियों ने अपने पुराने आस्था राग को जारी रखा और धर्मनिरपेक्षता पर निरंतर प्रहार जारी रखे वहीं दूसरी ओर मुस्लिम पक्ष ने भी दबी जबान से […] Read more » Ram मार्क्सवाद राम साम्यवाद
खेत-खलिहान राजनीति ममता का किसानों से पार्टटाइम प्रेम December 16, 2010 / December 18, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment जगदीश्वर चतुर्वेदी रेलमंत्री ममता बनर्जी का अशांत किसानप्रेम उन्हें अंधे गली में ले गया है। वे किसानहठ की शिकार हैं। किसानहठ राजनीतिक प्रतिगामिता को जन्म देता है। ममता का किसान से रोमैंटिक संबंध है। उसका किसान के हितों और भावबोध से कोई लेना-देना नहीं है। ममता के आंदोलन के कारण लालगढ़ और नंदीग्राम अशांति के […] Read more » mamta benerjee किसान ममता बनर्जी
राजनीति संयम बरतना बहुत ही आवश्यक है राजनेताओं के लिए December 16, 2010 / December 18, 2011 by लिमटी खरे | Leave a Comment लिमटी खरे मंच से उद्बोधन के दरम्यान तालियों की गड़गड़ाहट के लिए लालायित राजनेताओं द्वारा अक्सर ही संयमित भाषा का प्रयोग करने से गुरेज ही किया जाता है। मामला चाहे उत्तर भारतियों का हो या महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे या बाला साहेब ठाकरे का। हर मामले में ही नेताओं ने जात पात और […] Read more » politicians राजनेताओं
राजनीति अफजल की तरह कसाब को कहीं बचाने की तैयारी तो नहीं December 16, 2010 / December 18, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on अफजल की तरह कसाब को कहीं बचाने की तैयारी तो नहीं आशुतोष झा वोट को हासिल करने के लिए कांग्रेस का यह कोई नया हथकंडा नहीं है। इसके पहले भी कई कांग्रेसी नेताओं ने बेबुनियाद बयान देकर देश को शर्मसार और अलगाववादी ताकतों को मजबूत किया है। कांग्रेस के अखिल भारतीय महामंत्री दिग्विजय सिंह ने 26-11-2010 को मुम्बई पर हुये हमले में पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे […] Read more » Mumbai Attack अजमल कसाब मुंबई हमला
राजनीति जम्मू-कश्मीर की तल्ख सच्चाई December 14, 2010 / December 18, 2011 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | Leave a Comment डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री जम्मू-कश्मीर राज्य में आमतौर पर यह स्वीकार किया जाता है कि वहॉं सत्ता पर कब्जा किये हुए कश्मीर की सरकार जम्मू संभाग और लद्दाख संभाग के लोगों से भेदभाव करती है। वैसे तो सरकार लोकतांत्रिक ढंग से चुनी जाती है लेकिन आमतौर पर कश्मीर संभाग की विधानसभा की तमाम सीटें वहॉं […] Read more » Jammu Kashmir जम्मू- कश्मीर
राजनीति कांग्रेस के 125 साल पर विशेष – बांटो, बांटो और बांटो December 14, 2010 / December 18, 2011 by विजय कुमार | Leave a Comment विजय कुमार अंग्रेजी शासन का एक प्रमुख सूत्र था – बांटो और राज करो । उनकी उत्तराधिकारी कांग्रेस ने भी अपने जन्मकाल से ही इसे अपना लिया। तब से दल के कई नाम बदले और कई चेहरे; पर उसने इस सूत्र को नहीं छोड़ा। खिलाफत के नाम पर कांग्रेस में मतभेद – 1915 में दक्षिण […] Read more » Congress कांग्रेस
राजनीति दिग्विजय सिंह का वक्तव्य और काँग्रेस की रणनीति December 14, 2010 / December 18, 2011 by राजीव दुबे | 2 Comments on दिग्विजय सिंह का वक्तव्य और काँग्रेस की रणनीति राजीव दुबे काँग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी के काफी करीब माने जाते हैं। कहते हैं कि हिन्दी राज्यों में काँग्रेस की हाल की रणनीति के सूत्रधार वही हैं। राहुल गांधी को ‘जमीनी हालातों’ पर सलाह देने में भी उनकी भूमिका मानी जाती है। आतंकवादियों से लड़ने में प्राण न्यौछावर करने […] Read more » Digvijay Singh कांग्रेस दिग्विजय सिंह
राजनीति व्यंग्य: नैनो कांग्रेस December 14, 2010 / December 18, 2011 by विजय कुमार | Leave a Comment विजय कुमार वैज्ञानिक भी बड़े अजीब होते हैं। कुछ बड़े से बड़ी, तो कुछ छोटे से भी छोटी चीज बनाने में लगे रहते हैं। जब वैज्ञानिकों ने अणु की खोज की, तो लगा कि शायद छोटी चीज की खोज का काम पूरा हो गया; पर नहीं साहब। खुराफाती वैज्ञानिकों ने परमाणु की खोज कर ली। […] Read more » Congress कांग्रेस
राजनीति वे कौन हैं, जो नीरा राडिया की बातों को संदेह से नहीं देखते? December 13, 2010 / December 18, 2011 by अविनाश दास | 1 Comment on वे कौन हैं, जो नीरा राडिया की बातों को संदेह से नहीं देखते? अविनाश दास नीरा राडिया के पूरे प्रकरण में हमारे कुछ मित्रों की दलील है कि वह जिस पेशे और भूमिका में थी, उसने वही किया, जो उसे करना चाहिए था। वह कंपनियों का जनसंचार संभालती थी और राजनेताओं से लेकर पत्रकारों तक से उसके रिश्ते थे। वह सबसे बात करती थी और अपनी कंपनी के […] Read more » Neera Radia नीरा राडिया
राजनीति संसद न चलने देने के अपराधी ? December 13, 2010 / December 18, 2011 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment अपनी संसदीय परंपराओं को ध्वस्त करने में जुटे हैं सत्तापक्ष और विपक्ष के नेता संजय द्विवेदी संसद को चलता न देखकर भी आखिर देश में कोई हलचल क्यों नहीं हैं ? वे कौन से लोग और कारण हैं जिनके लिए संसद का चलना या न चलना कोई मायने नहीं रखता? आखिर हमारी संसद क्यों इस […] Read more » Corruption भ्रष्टाचार संसद
राजनीति छात्र राजनीति : लोकतंत्र की गर्भनाल December 13, 2010 / December 18, 2011 by राघवेन्द्र सिंह | 1 Comment on छात्र राजनीति : लोकतंत्र की गर्भनाल राघवेन्द्र सिंह छात्र राजनीति जिसने आजादी के महासमर में अपना अस्मरणीय योगदान दिया। देश के प्रत्येक भाग से बड़ी संख्या में युवा छात्र क्रान्तिकारियों ने उक्त स्वतंत्रता संग्राम की गतिविधियों में अपनी प्रबल भागीदारी से फिरंगियों के दांत खट्टे कर दिये। देश आजाद हो गया। आजादी से पहले छात्र राजनीति जिस लक्ष्य से प्रेरित थी वह […] Read more » Student politics छात्र राजनीति लोकतंत्र
राजनीति सेकुलरवादी विमर्श की आड़ में : परत-दर-परत खुलता राष्ट्रद्रोही चेहरा December 11, 2010 / December 19, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment हरिकृष्ण निगम आज के राजनीतिक विमर्श में हमारे कुछ बुध्दिजीवियों ने एक अजीब तरह की अराजकता को प्रश्रय देकर अंग्रेजी मीडिया के एक बड़े वर्ग में, जहां तक हिंदू की व्याख्या का प्रश्न है, एक विकृत दृष्टि व हठधर्मिता को मात्र हिंदू आस्था का ही अहित कर राजनीतिक पक्ष दिखता है और कभी भी लगता […] Read more » secularism धर्मनिरपेक्षता सेकुलरिज्म