समाज सोनिया कांग्रेस के लिये देश में प्रमुख मुद्दा समलैंगिकता है December 15, 2013 / December 15, 2013 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | Leave a Comment डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री सोनिया कांग्रेस की हाल ही में , पांच राज्यों की विधानसभाओं के लिये चुनावों में जबरदस्त हार हुई है । केवल हार ही नहीं , दिल्ली राजस्थान और मध्य प्रदेश में तो उसका सूपडा ही साफ हो गया है । थोडी बहुत लाज मिजोरम में चर्च ने बचा दी , अन्यथा […] Read more » Homosexuality मुद्दा समलैंगिकता समलैंगिकता
समाज मल्लिका, शहज़ादा और समलैंगिकता December 14, 2013 / December 14, 2013 by विपिन किशोर सिन्हा | 6 Comments on मल्लिका, शहज़ादा और समलैंगिकता समलैंगिक संबन्धों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के खिलाफ़ एक बार सारी अनैतिक शक्तियां एकजूट हो रही हैं। सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को विवादास्पद बनाने की मुहीम में समलैंगिकों के साथ मल्लिका-ए-हिन्दुस्तान, शहज़ादा-ए-हिन्दुस्तान और दिल्ली के बेताज़ बादशाह भी शामिल हो गये हैं। नीचे पेश है, उनके वक्तव्य – ‘दिल्ली हाईकोर्ट के […] Read more »
समाज समलैंगिकः कुदरत के अपराधियों को सजा ? December 14, 2013 / December 14, 2013 by शादाब जाफर 'शादाब' | Leave a Comment शादाब जफर’’शादाब’’ भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने जो समलैंगिक संबंधों के संदर्भ में अहम फैसला सुनाया है। इस फैसले के अनुसार इस प्रकार के संबंधों को अपराध की श्रेणी में रखा गया है। यदि कोई इस तरह के आरोप में लिप्त पाया जाता है तो उसे उम्र कैद तक की सजा हो सकती है। गौरतलब है […] Read more » समलैंगिक
समाज समलैंगिक संबंध-मर्यादा व नैतिकता के आईने में December 12, 2013 by निर्मल रानी | 2 Comments on समलैंगिक संबंध-मर्यादा व नैतिकता के आईने में निर्मल रानी दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा 2009 में जिस समय समलैंगिक संबंधों को वैध कऱार देने संबंधी एक याचिका पर निर्णय सुनाते हुए इसे वैध ठहराया था उस समय भी देश में यह मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना था। गौरतलब है कि 2001 में समलैंगिक संबंधों को वैध ठहराने हेतु ऐसे संबंधों की […] Read more » समलैंगिकता
महत्वपूर्ण लेख समाज क्या, हमारा नामो-निशां मिट जाएगा ? December 12, 2013 / December 12, 2013 by डॉ. मधुसूदन | 6 Comments on क्या, हमारा नामो-निशां मिट जाएगा ? डॉ. मधुसूदन कुटुम्ब संस्था की समाप्ति ही, यूनान और रोम की संस्कृतियाँ मिटाने का एक मूल (?) कारण माना जाता है। यदि हम भी उसी मार्ग पर चले तो फिर हमारा नामो-निशां भी अवश्य मिट जाएगा। आज-कल भारत में, बलात्कार के समाचार कुछ अधिक पढ रहा हूँ, इसलिए, विचारकों और हितैषियों के समक्ष अमरिका के इतिहास […] Read more »
शख्सियत समाज गुरु तेग बहादुर सिमरिए… November 24, 2013 / November 24, 2013 by परमजीत कौर कलेर | Leave a Comment परमजीत कौर कलेर 24 november 2013 शहीदी दिवस विशेष धरम हेत साका कीआ …सीस दीआ पर सिरड न दीआ…जी हां बलिदान त्याग की मूर्त …नौवे गुरू साहिब श्री गुरू तेग बहादुर जी…जिन्होंने देश और धर्म की खातिर अपने प्राणों को न्यौछावर […] Read more » गुरु तेग बहादुर
महिला-जगत समाज महिलाओं के लिए भयमुक्त समाज जरूरी November 22, 2013 by डॉ केडी सिंह | 2 Comments on महिलाओं के लिए भयमुक्त समाज जरूरी डॉ केडी सिंह पिछले साल दिसम्बर में पैरामेडिकल की छात्रा के साथ हुए नृशंस दुष्कर्म ने भारतीय समाज के हर एक वर्ग को झकझोर कर रख दिया था। इस वारदात ने देश के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया। देश की बड़ी आबादी ने इसके खिलाफ आवाज उठाई, युवाओं और समाज के जागरुक वर्ग […] Read more »
महत्वपूर्ण लेख समाज आबादी के अनुपात में संतुलन की जरूरत November 13, 2013 / November 13, 2013 by प्रमोद भार्गव | 3 Comments on आबादी के अनुपात में संतुलन की जरूरत प्रमोद भार्गव राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के सह सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होसबले ने हिंदुओं की घटती आबादी पर चिंता जतार्इ है। साथ ही हिंदुओं को ज्यादा बच्चे पैदा करने की सलाह दी है। उनकी इस बात को हिंदु पक्षधरता के दायरे में समेटने की संर्कीण मानसिकता से बचने की जरूरत है। क्योंकि खासतौर से कश्मीर समेत […] Read more » आबादी के अनुपात में संतुलन की जरूरत
शख्सियत समाज श्री दत्तोपंत ठेंगडी – नमन! हे राष्ट्र-ऋषि तुमको November 9, 2013 / November 9, 2013 by विनोद बंसल | 5 Comments on श्री दत्तोपंत ठेंगडी – नमन! हे राष्ट्र-ऋषि तुमको विनोद बंसल श्री दत्तोपंत ठेंगडी जी का नाम मन में आते ही उनके जीवन के विविध आयाम अनायास ही मन-मस्तिष्क में उभर कर सामने आ जाते हैं। एक ज्येष्ठ स्वतंत्रता सेनानी, कुशल संघटक, अनेक राष्ट्र प्रेमी संगठनों के शिल्पकार, विख्यात विचारक, लेखक, संतो के समान त्यागी और संयमित जीवन जीने वाले श्री दत्तोपंत जी […] Read more » श्री दत्तोपंत ठेंगडी
समाज वृद्धावस्था की त्रासदी November 3, 2013 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 2 Comments on वृद्धावस्था की त्रासदी डा. विश्व विजया सिंह मेडिकल साइंस के विकास के कारण मृत्यु दर घट गई है और आम आदमी की औसत आयु बढ़ गई है। कितनी भी आयु पार कर ली हो, मरना कौन चाहता है? पर वृध्दावस्था में अकेले जीवन व्यतीत करना आज के युग की त्रासदी है। वृद्ध दंपति, जो घर में अकेले रहते […] Read more » वृद्धावस्था
महत्वपूर्ण लेख समाज भारतीय-संस्कृति में समाज, राष्ट्र और मानवाधिकार October 26, 2013 / October 26, 2013 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य अमेरिका ब्रिटेन और फ्रांस जैसे विकसित राष्ट्रों सहित विदेशों में भारतीय संस्कृति के प्रति लोगों का आकर्षण अप्रत्याशित रूप से बढ़ रहा है। बताया जा रहा है कि अमेरिका के समाज में वहां की कुल आबादी का 24 प्रतिशत भाग भारत और भारत की संस्कृति राम और कृष्ण के प्रति श्रद्धा रखने […] Read more » भारतीय-संस्कृति में समाज
समाज हिन्दू मुस्लिम संबंध – 4 October 17, 2013 / October 27, 2013 by अनिल गुप्ता | Leave a Comment १९१६ के लखनऊ के कांग्रेस और मुस्लिम लीग के संयुक्त अधिवेशन में जो समझौता किया गया उसमे मुसलमानों और सिखों के लिए पृथक निर्वाचक-मंडलों के सिद्धांत को मान्यता दे दी गयी.उन्हें उनकी जनसँख्या के अनुपात से भी अधिक प्रतिनिधित्व दे दिया गया.मुसलमानों को विभिन्न प्रांतीय विधान सभाओं में क्रमशः पंजाब में ५०%,संयुक्त प्रान्त (यु.पी.)में ३०%,बंगाल […] Read more » हिन्दू मुस्लिम संबंध