समाज जननी तेरी जय है। May 13, 2012 / July 22, 2012 by राजेश कश्यप | 1 Comment on जननी तेरी जय है। राजेश कश्यप ‘‘माँ !’’ यह वो अलौकिक शब्द है, जिसके स्मरण मात्र से ही रोम-रोम पुलकित हो उठता है, हृदय में भावनाओं का अनहद ज्वार स्वतः उमड़ पड़ता है और मनोःमस्तिष्क स्मृतियों के अथाह समुद्र में डूब जाता है। ‘माँ’ वो अमोघ मंत्र है, जिसके उच्चारण मात्र से ही हर पीड़ा का नाश हो जाता […] Read more » mother day
समाज मॉ की ममता, मां का ऑचल जींस और टॉप में गायब हो गया …….. May 12, 2012 / July 22, 2012 by शादाब जाफर 'शादाब' | 4 Comments on मॉ की ममता, मां का ऑचल जींस और टॉप में गायब हो गया …….. शादाब जफर ‘‘शादाब’’ दुनिया ने आज भले ही चाहे कितनी तरक्की कर ली हो, पर हम लोगो द्वारा स्थापित दिखावे की तैयार की गई इस संस्कृति से हमारे अपने जीवन और समाज में अशांति और विषमता आज लगातार बढती जा रही है। जिसने कई बुनियादी रिश्तो के साथ ही आज समाज में मॉ और बच्चे […] Read more » mother day
समाज समलैंगिक स्वीकृति के मायने May 12, 2012 / June 10, 2012 by हरपाल सिंह | 4 Comments on समलैंगिक स्वीकृति के मायने हरपाल सिंह इस पृथ्वी पर जीवन और सृष्टि का सुचारू रूप से संचालन करती है । इसके लिये उसकी अपनी व्यवस्थाएं हैं अनुकुलता और स्वतंत्रता देने के बावजूद कुदरत ने अपना अधिकार बनाये रखा है । इसके भंडार में जीव-जगत और जन के लिये बहुत कुछ अज्ञात है, सो उसे सही समय पर साहजिक रूप […] Read more » gay marraige समलैंगिक स्वीकृति के मायने
समाज आधी दुनिया कर ली मुठी में April 27, 2012 / July 22, 2012 by जीतेन्द्र कुमार नामदेव जितेंद्र कुमार नामदेव दुनिया को अपना लोहा मनवाना तो भारतीयों की पुरानी आदतों में सुमार है। दुनिया के नक्शें पर तेजी से विकसित होते देशों में भारत का नाम सबसे आगे है। फिर वह शिक्षा हो, सुविधा हो या सुरक्षा, हर क्षेत्र में हम तरक्की के नए आयाम गढ़ रहे हैं। इसी की एक जीती […] Read more » missile agni - 5 अग्नि-5 मिसाइल अग्नि-5
समाज पुलिस बनाम जनता April 16, 2012 / April 16, 2012 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | Leave a Comment डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ यह सबसे बुरी और गलत बात है कि अधिक मुकदमे दर्ज होने का कारण आला पुलिस अधिकारियों द्वारा थानाधिकारी से पूछा जाता है। जबकि इसके विपरीत होना तो यह चाहिये कि जिस थाने में अधिक मुकदमे दर्ज हुए हों, उस थाने को जनता के प्रति अधिक संवेदनशीलता का प्रमाण-पत्र दिया जाना […] Read more » Police जनता पुलिस
समाज अधर्म है दूसरों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाना April 16, 2012 / July 22, 2012 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment पृथ्वी पर बसने वाली मानवजाति सहस्त्राब्दियों से हज़ारों धर्मों तथा लाखों आस्थाओं एवं विश्वासों के साथ अपना जीवन गुज़ारती आ रही है। प्रत्येक इंसान के पूर्वजों ने उसे विरासत में जो भी धर्म या विश्वास हस्तंातरित किया है वह प्राय: उसी धर्म,विश्वास,विचारधारा,रीतिरिवाज तथा परंपरा का अनुसरण करता आ रहा है। कहने को तो सभी धर्म, […] Read more » communal harmony धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाना
समाज कितने निर्मल, कितने बाबा April 15, 2012 / April 15, 2012 by आर.एल. फ्रांसिस | 4 Comments on कितने निर्मल, कितने बाबा हमारे देश में यह पहली बार नहीं है कि किसी तथाकथित बाबा पर लोगों को गुमराह करके पैसे ऐंठनें का इल्जाम लगा है। मेरे ख्याल से जितने पुराने हमारे विभिन्न धर्म है लगभग उतना ही पुराना धर्म को धंधा बनाकर पैसे या अन्य कीमती वस्तुओं को हड़पने वाले असितत्व में रहे है। निर्मल बाबा बड़ी […] Read more » Nirmal baba निर्मल बाबा.
समाज आजादी की दूसरी लड़ार्इ ग्राम निर्माण के लिए होनी चाहिए April 15, 2012 / July 22, 2012 by अखिलेश आर्येन्दु | 1 Comment on आजादी की दूसरी लड़ार्इ ग्राम निर्माण के लिए होनी चाहिए अखिलेश आर्येन्दु मौजूदादौर में देश में चल रहे तमाम आंदोलनों की दिशा देश से भ्रश्टाचार की समापित, बढ़ते पलायन और बढ़ती गैरबराबरी को लेकर है। ऐसा कोर्इ आंदोलन नहीं दिखार्इ पड़ रहा है जो ग्राम स्वराज के लिए हो। अन्ना का चलाये गए आंदोलन भी केवल इस दिशा में नहीं रहा कभी। जबकि इस आंदोलन […] Read more » village formation ग्राम निर्माण
समाज मानवाधिकार के सेकुलर मापदंड April 15, 2012 / April 15, 2012 by एल. आर गान्धी | 1 Comment on मानवाधिकार के सेकुलर मापदंड एल. आर गाँधी आस्तीन में सांप पालने के राष्ट्रीय व्यसन से ग्रस्त हमारे च्चिद्दी मियां वैसाखी के शुभ पर्व पर भारत-पाक दोस्ती व् तिजारत को बढ़ावा देने के लिए अटारी सीमा पर संयुक्त जांच केंद्र के उद्घाटन की तैयारी में व्यस्त हैं, उधर पाक के इस्लामिक आतंक से पीड़ित ४० हिन्दू पडोसी मुल्क से पलायन […] Read more » Human Rights मानवाधिकार सेकुलर मापदंड
समाज कब नसीब होगी गरीब बच्चों को उच्च मानकों पर आधारित शिक्षा? April 13, 2012 / April 13, 2012 by राजेश कश्यप | Leave a Comment राजेश कश्यप सर्वोच्च न्यायालय ने केन्द्र सरकार के ‘शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009’ (आरटीई) के तहत सरकारी व निजी स्कूलों में गरीब बच्चों के दाखिलों में 25 प्रतिशत आरक्षण पर अपनी मुहर लगाकर अत्यन्त सराहनीय एवं स्वागत योग् निर्णय सुनाया है। इससे निजी स्कूलों में भी 6 से 14 वर्ष के गरीब बच्चों को अमीरों के […] Read more » education to poor students गरीब बच्चों को शिक्षा
समाज राष्ट्रपिता बनाम ढोंगी बूढा ! April 13, 2012 / July 22, 2012 by एल. आर गान्धी | Leave a Comment एल.आर.गाँधी पांचवी कक्षा की ऐश्वर्या पराशर के एक दक्ष प्रशन ने समूची सरकार को असमंजस में डाल दिया ! गाँधी जी को राष्ट्रपिता बता कर उनके नाम पर अपनी राजनैतिक रोटियाँ सेकने वाले सफेदपोश काले अंग्रेज़ और खुद को बापू के वारिस बता कर छह दशकों से भारत पर राज करने वाले ‘नकली गाँधी’ भी […] Read more » Mahatma Gandhi महात्मा गांधी राष्ट्रपिता
समाज ‘अध्यात्मवाद’ की आंधी और बेकाबू भ्रष्टाचार April 12, 2012 / July 22, 2012 by निर्मल रानी | 2 Comments on ‘अध्यात्मवाद’ की आंधी और बेकाबू भ्रष्टाचार निर्मल रानी वैज्ञानिकों ने वैसे तो विज्ञान, तकनीक तथा सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में इसी उद्देश्य को लेकर तमाम उपलब्धियां हासिल की हैं ताकि मानव जाति का विकास हो तथा उसका ज्ञानवर्धन हो सके। टेलीविज़न भी इन्हीं अविष्कारों में से एक है जिसका मकसद विश्वस्तर पर सूचना का आदान-प्रदान करना,ज्ञानवर्धक कार्यक्र म प्रसारित करना,लोगों को […] Read more » ‘अध्यात्मवाद’ Corruption भ्रष्टाचार