कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म विविधा शख्सियत रक्ष संस्कृति का नायक था रावण October 21, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव राम प्रत्येक भारतीय के आराध्य देव हैं और वे भारत के कण-कण में रमें हैं। वे आदर्श पुरूष हैं, मर्यादा पुरूषोत्तम हैं। उनकी तुलना में रावण को राक्षस, कुरूप, अत्याचारी, अतिकाई, आतताई आदि विकृति के विभिन्न प्रतीक रूपों में प्रस्तुत किया जाता है। लेकिन क्या यह संभव है कि समृद्ध, वैभवपूर्ण विशाल राष्ट्र […] Read more » Featured रक्ष संस्कृति का नायक रक्ष संस्कृति का नायक था रावण रावण
विविधा बढ़ती मंहगाई और प्रेस-पाॅलटिक्स का अपवित्र गठजोड़ October 21, 2015 by संजय सक्सेना | Leave a Comment संजय सक्सेना देश की सियासत गरम है। मुट्ठी भर नेताओं और चंद मीडिया समूहों द्वारा देश पर थोपा गया ‘तनाव’ देश की सवा सौ करोड़ शांति प्रिय जनता पर भारी पड़ रहा है। पूरे हिन्दुस्तान में माहौल ऐसा तैयार किया जा रहा है, मानो दादरी कांड़, बीफ मुद्दा,आरएएस का आरक्षण पर बयान, कुछ साहित्यकारों का […] Read more » Featured प्रेस-पाॅलटिक्स का अपवित्र गठजोड़ बढ़ती मंहगाई मंहगाई और प्रेस-पाॅलटिक्स
विविधा हांफती जिंदगी और त्योहार…!! October 20, 2015 / October 20, 2015 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा काल व परिस्थिति के लिहाज से एक ही अवसर किस तरह विपरीत रुप धारण कर सकता है, इसका जीवंत उदाहरण हमारे तीज – त्योहार हैं। बचपन में त्योहारी आवश्यकताओं की न्यूनतम उपलब्धता सुनिश्चित न होते हुए भी दुर्गापूजा व दीपावली जैसे बड़े त्योहारों की पद्चाप हमारे अंदर अपूर्व हर्ष व उत्साह भर […] Read more » Featured
जन-जागरण विविधा डॉक्टरों और दवाइयों के बीच फँसा गरीब October 20, 2015 / December 2, 2015 by अश्वनी कुमार, पटना | Leave a Comment चिकित्सा विज्ञानं के जनक ‘अरस्त्तु’ ने अपने समय में कभी सोचा भी नहीं होगा की एक दिन उनका यह प्रयास व्यवसाय में बदलकर व्यापक पैमाने पर गोरखधंधे का जरिया बन जाएगा। अस्पताल से लेकर सड़क तक कुकुरमुत्ते की तरह फैले मेडिकल नेटवर्क का जंजाल, डॉक्टरों के लिए तो ऐशो-आराम व पैसे का साधन है तो […] Read more » Featured
राजनीति विविधा अच्छी भाजपा कैसे हल करेगी विवादित मुद्दे October 19, 2015 by शाहिद नकवी | Leave a Comment भाजपा में नरेन्द्र मोदी-अमित शाह के युग को करीब डेढ़ बरस बीत गये हैं ।अब भाजपा के मायने मोदी और अमित शाह के हो गया है ।राजनीतिक पंडितों का मानना है कि अटलबिहारी और लालकृष्ण आडवानी अपने दौर मे जितने ताकतवर थे ,ये दोनो उससे भी ज़्यादा ताकतवर हैं ।बदलते दौर की भारतीय राजनीति मे […] Read more » Featured अच्छी भाजपा कैसे हल करेगी विवादित मुद्दे भाजपा कैसे हल करेगी विवादित मुद्दे विवादित मुद्दे
कला-संस्कृति विविधा अहिंसा और शान्ति का पैगाम है मोहर्रम October 19, 2015 by शाहिद नकवी | Leave a Comment इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना मोहर्रम शुरु होते ही पूरे विश्व में इमाम हुसैन की शहादत की वह दास्तां दोहाराई जाती है जो आज से साढ़े 14 सौ साल पूर्व इराक के करबला शहर में पेश आई थी। यानी पैगम्बर हज़रत मोहम्मद के नाती हज़रत इमाम हुसैन व उनके परिवार के 72 सदस्यों का तत्कालीन […] Read more » Featured अहिंसा और शान्ति का पैगाम है मोहर्रम
विविधा हिन्दी मीडिया के चर्चित चेहरों से मुलाकात कराती एक किताब October 19, 2015 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | Leave a Comment समीक्षकः लोकेंद्र सिंह हम जिन्हें प्रतिदिन न्यूज चैनल पर बहस करते-कराते देखते हैं। खबरें प्रस्तुत करते हुए देखते हैं। अखबारों और पत्रिकाओं में जिनके नाम से प्रकाशित खबरों और आलेखों को पढ़कर हमारा मानस बनता है। मीडिया गुरु और लेखक संजय द्विवेदी द्वारा संपादित किताब ‘हिन्दी मीडिया के हीरो’ पत्रकारिता के उन चेहरों और नामों […] Read more »
कला-संस्कृति विविधा गंगा-यमुना में मूर्ति विसर्जन पर रोक और विरोध October 19, 2015 by अरुण तिवारी | Leave a Comment संदर्भ: गंगा-यमुना में मूर्ति विसर्जन पर रोक और विरोध एक चिट्ठी, धर्माचार्यों के नाम —————————————————————————– धर्म जगत के सभी आचार्यो को प्रणाम। मूर्ति विसर्जन पर एक विनम्र निवेदन प्रस्तुत कर रहा हूं। उचित लगे, तो स्वीकारें और अनुचित लगे, तो मुझे सुधारें। खुशी होगी। —————————————————————————– आचार्यवर! आम धारणा है कि मुख्य रूप से उद्योग, सीवेज […] Read more » Featured गंगा-यमुना में मूर्ति विसर्जन पर रोक और विरोध मूर्ति विसर्जन
विविधा विकास के नाम इतिहास बनते लोग ! October 19, 2015 / October 19, 2015 by अब्दुल रशीद | Leave a Comment अब्दुल रशीद जंगल आदिवासीयों के लिए और खेत किसानों के लिए न केवल उनके रोजीरोटी का साधन है बल्कि उनकी पहचान है. नए दौर में जो विकास कि गाथा लिखी जा रही है उसमें किसान और आदिवासी कहीं गुम होते जा रहें हैं. मूल बाशिंदो को विस्थापित कर नए को स्थापित करने का काम जिस […] Read more » इतिहास बनते लोग विकास के नाम
विविधा शख्सियत किस मिट्टी के थे भाखरे साहब October 18, 2015 by अनिल द्विवेदी | Leave a Comment 83 वर्षीय दिनकर केशव भाखरे, राष्ट्रवादी विचारधारा के आदर्श पत्रकार थे। स्वदेशी मन और कर्म ही उनकी पहचान रही। वे अपने परिवार से ज्यादा समाज के लिए जीए। घर में मात्र दो जून की रोटी के लिए ही ठहरते बाकी का समय संघ और उससे जुड़े संगठनों के लिए खपाते रहे। कैंसर परछाई की तरह […] Read more » Featured केशव भाखरे भाखरे साहब राष्ट्रवादी विचारधारा
टॉप स्टोरी विविधा बुद्धिजीवियों द्वारा अकादमी पुरस्कार वापस किए जाने के मायने October 18, 2015 / October 18, 2015 by अनिल कुमार पाण्डेय | Leave a Comment हाल ही में बुद्धिजीवियों द्वारा साहित्य अकादमी पुरस्कारों को लौटाये जाने का मामला सुर्खियों में है। बुद्धिजीवियों का ये तर्क है कि जब से नई सरकार ने अपना कार्य संभाला है तभी से सांप्रदायिकता को बढ़ावा दिया जा रहा है। आपसी भाईचारे को छिन्न-भिन्न करने की साजिश की जा रही है। देश की कथित कट्टरपंथी […] Read more » Featured अकादमी पुरस्कार अकादमी पुरस्कार वापस किए जाने के मायने बुद्धिजीवियों द्वारा अकादमी पुरस्कार वापस किए जाने के मायने
विधि-कानून विविधा संविधान की हुई जीत। October 17, 2015 / October 17, 2015 by बी.आर.कौंडल | Leave a Comment बी. आर. कौण्डल सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग को असंवैधानिक ठहरा कर यह साबित कर दिया कि इस देश में संविधान सर्वोपरि है न की विधायिका। भारतीय संविधान में न्यायपालिका की स्वतंत्रता का प्रावधान किया गया है जिसकी सुरक्षा करना न्यायपालिका का धर्म है। हाल के फैसले में उच्चतम न्यायालय ने उस धर्म […] Read more » Featured संविधान