जन-जागरण धर्म-अध्यात्म विविधा एक ईश्वर के अनेक नामों का आधार June 19, 2015 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on एक ईश्वर के अनेक नामों का आधार मनमोहन कुमार आर्य जिस प्रकार से नेत्रहीन मनुष्य संसार के दृश्यों के बारे में कल्पनायें करता है उसी प्रकार लगता है कि हमारे अल्पज्ञानी लोगों ने ईश्वर व धर्म के बारे में कल्पायें कीं और अपने ज्ञान के अनुरूप ही ईश्वर का स्वरूप भी निर्धारित किया। ज्ञान की वृद्धि के लिए ज्ञान चर्चा, शंका-समाधान, अनुसंधान […] Read more » Featured अनेक नामों का आधार ईश्वर के अनेक नाम एक ईश्वर
विविधा समाज माता-पिता सावधान ! June 19, 2015 by बी.आर.कौंडल | 1 Comment on माता-पिता सावधान ! जीवधारियों में शायद मनुष्य एक ऐसा प्राणी है जिसके बच्चे की परवरिश सबसे अलग व संघर्षपूर्ण है | पहले माता बच्चे को नौ महीने अपनी कोख में पालती है उसके उपरान्त जब बच्चा सूर्य की रोशनी देखता है तो माता-पिता के लिए उसका सरंक्षण व पालन-पोषण चुनौती भरा होता है | पहले माता-पिता के आमतौर […] Read more » new generation the defect in uppbringing of new generation माता पिता
विविधा राष्ट्र के कामकाज और व्यवहार की भाषा ही देश की भाषा हो June 19, 2015 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment अशोक “प्रवृद्ध” जातीय अर्थात राष्ट्रीय उत्थान और सुरक्षा के लिये किसी भी देश की भाषा वही होना श्रेयस्कर होता है,जो जाति अर्थात राष्ट्र के कामकाज और व्यवहार की भाषा होl समाज की बोल-चाल की भाषा का प्रश्न पृथक् हैlजातीय सुरक्षा हेतु व्यक्तियों के नामों में समानता अर्थात उनके स्त्रोत में समानता होने या यों कहें […] Read more » Featured देश की भाषा राष्ट्र के कामकाज और व्यवहार की भाषा
कविता विविधा उड़ान June 19, 2015 / June 19, 2015 by श्रद्धा सुमन | Leave a Comment कोई बता दे मुझे मेरी पहचान क्या है हूँ दीया कि बाती, या फिर उसकी पेंदी का अंधकार, हूँ तिलक उनकी ललाट पर या बस म्यान में औंधी तलवार… है आज द्वंद उठी, आंधी सवालों की एक हूक थी दबी जो अब मार रही चित्कार… हूँ कलश पल्लव से ढ़की, या बस चरणोदक या फिर […] Read more » Featured उड़ान
जन-जागरण विविधा पुनर्जागरण में हिन्दी लोक जागरण की स्थिति June 18, 2015 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment डॉ. मयंक चतुर्वेदी पुनर्जागरण का तात्पर्य है फिर से जागना। सचेत एवं चेतन्य होना। व्यक्ति, समाज या देश जो पहले जागा हुआ था, जो प्रत्येक क्षेत्र में अपना सर्वांगीण विकास कर रहा था, परंतु किन्हीं कारणों से वह सुषुप्ति की अवस्था में पहुंच गया है, उसका पुन: पहले की भांति सचेत एवं जाग्रत होना। डॉ. […] Read more » Featured पुनर्जागरण में हिन्दी लोक जागरण की स्थिति
जन-जागरण विविधा हास्यास्पद है वैश्विक स्वीकृति प्राप्त योग का विरोध June 18, 2015 / June 18, 2015 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment -अशोक “प्रवृद्ध” एक ओर जहाँ केन्द्र सरकार ने इक्कीस जून को आहूत अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में से कई मुस्लिम संगठनो के विरोध के बाद सूर्य नमस्कार को हटाने का निर्णय कर लिया है वहीँ दूसरी ओर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आनुसंगिक संस्था संस्कार भारती ने केन्द्र सरकार […] Read more » Featured योग योग का विरोध वैश्विक स्वीकृति प्राप्त योग का विरोध
पर्यावरण विविधा पहाड़ी क्षेत्र में फोरलेन सड़क निर्माण-प्रकृति से खिलवाड़ June 18, 2015 by बी.आर.कौंडल | 1 Comment on पहाड़ी क्षेत्र में फोरलेन सड़क निर्माण-प्रकृति से खिलवाड़ मुख्यमंत्री हि.प्र. ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान कहा था कि वृक्ष काटना न केवल एक कानूनन अपराध है बल्कि मानवता के खिलाफ़ कुठाराघात भी है | किरतपुर से मनाली तक बन रहे फोरलेन उच्चमार्ग के निर्माण के दौरान हजारों पेड़ों की बलि देकर मानवता के साथ कुठाराघात किया जा रहा है | डा. […] Read more » -प्रकृति से खिलवाड़ Featured पहाड़ी क्षेत्र में फोरलेन सड़क निर्माण फोरलेन सड़क निर्माण फोरलेन सड़क निर्माण-प्रकृति से खिलवाड़
धर्म-अध्यात्म विविधा व्रत-उपवास एवं महर्षि दयानन्द June 18, 2015 / June 18, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य आजकल हमारे देश के बहुत से लोग नाना दिवसों पर व्रत व उपवास आदि रखते और आशा करते हैं कि उससे उनको लाभ होगा। महर्षि दयानन्द चारों वेदों व सम्पूर्ण वैदिक व अवैदिक ग्रन्थों के अपूर्व विद्वान थे। उन्होंने समाधि अवस्था में ईश्वर का साक्षात्कार भी किया था और अपने विवेक से […] Read more » Featured महर्षि दयानन्द व्रत-उपवास
विविधा व्यंग्य आलेख : एंग्लो इंडियन को विशेष सुविधाएं क्यों ? June 17, 2015 / June 17, 2015 by विजय कुमार | Leave a Comment भारत में एंग्लो इंडियन (आंग्ल भारतीय/आ.भा.) कितने हैं, इसके ठीक आंकड़े उपलब्ध नहीं है। देश में कई स्थानों पर ये रहते हैं; पर इन्हें संविधान द्वारा कई विशेष सुविधाएं दी जाती हैं। भारत में अंग्रेजी शासन के दौरान अधिकांश अंग्रेज अधिकारी अकेले ही रहते थे। ऐसे में उनके कई भारतीय महिलाओं से वैध/अवैध सम्बन्ध बन […] Read more » Featured एंग्लो इंडियन
टॉप स्टोरी विविधा शिक्षा में राजनीतिकरण का नंगा नाच June 15, 2015 / June 15, 2015 by सिद्धार्थ शंकर गौतम | Leave a Comment हिन्दुस्थान का इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा कि यहां की युवा प्रतिभा तमाम डिग्रियों के बावजूद नौकरी-पेशे से दूर है और नेता फर्जी डिग्रियों की दम पर ऊंचे व मलाईदार मंत्रालयों के मंत्री बन जाते हैं। अभी केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और रामशंकर कठेरिया के फर्जी डिग्री मामलों की आंच भी ठंडी नहीं पड़ी थी […] Read more » Fake Degree Probe Featured politicalization of education शिक्षा शिक्षा में राजनीतिकरण
पर्यावरण बच्चों का पन्ना विविधा मानसून आने वाला है June 15, 2015 / June 15, 2015 by अभिषेक कांत पांडेय | Leave a Comment मई और जून की तपती गर्मी के बाद होने वाली बारिश को मानसून कहा जाता है। तुम तो जानते हो कि बारिश के लिए बादलों वाला पानी होना जरूरी है, तभी तो बारिश होगी। तुमने यह भी सुना होगा कि इस बार मानसून देर से आएगा या बारिश कम होगी। इस मानसून के बारे आओ […] Read more » effect of monsoon on agriculture Featured monsoon monsoon arrival in India मानसून
जन-जागरण विविधा गो माता सम्पूर्ण विश्व की माता है June 15, 2015 / June 15, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment सभी पशुओं में गाय ऐसा प्राणी है जिसका भारत ही नहीं संसार के सभी लोग दुग्धपान हैं। भारत की धर्म व संस्कृति उतनी ही पुरानी है जितनी की यह सृष्टि। सृष्टि बनने के बाद परमात्मा ने प्रथम भारत में ही आदि सृष्टि की थी। उस समय भारत या आर्यावर्त्त पूरे भूगोल में संसार का पहला […] Read more » Featured गो माता विश्व की माता