विविधा मरीजों की बेवजह जांच से फायदा किसको July 8, 2014 by रमेश पांडेय | Leave a Comment -रमेश पाण्डेय- 5 जुलाई 2014 को बुलंदशहर की एक घटना समाचार पत्रों की सुर्खियां बनी। मामला था, एक नर्सिंग होम से इलाज के लिए इनकार किए जाने के बाद घर लौट रही प्रसव पीड़िता के बच्चे का जन्म रेलवे क्रॉसिंग पर हो गया था। प्रसव पीड़िता को नर्सिंग होम में इसलिए भर्ती नहीं किया गया, […] Read more » अस्पताल बीमार मरीज
विविधा चीन नीति पर पुनर्विचार की जरूरत July 7, 2014 by अरविंद जयतिलक | Leave a Comment -अरविंद जयतिलक- अभी कुछ दिन पहले ही भारत यात्रा पर आए चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सभी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने और सीमा विवाद सुलझाने की अपनी सरकार की इच्छा प्रकट की। देश-दुनिया को लगा कि षायद चीन अपने पूर्वाग्रहों के केंचुल से बाहर निकल […] Read more » चीन चीनी नीति पंचशील भारत-चीन
विविधा चीन का मुखौटा है पंचशील July 7, 2014 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on चीन का मुखौटा है पंचशील -प्रमोद भार्गव- जिस वक्त पंचशील की साठवीं वर्षगांठ चीन में समारोहपूर्वक मनाई जा रही थी, भारत के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी चीन में अतिथि के तौर पर अमंत्रित थे, ठीक उसी समय पंचशील की मूल अवधारणा को ठेंगा दिखाते हुए चीन ने एक ऐसा नक्शा जारी किया, जिसमें अरूणाचल प्रदेश और कश्मीर के एक बड़े भाग […] Read more » चीन चीन का मुखौटा है पंचशील पंचशील भारत-चीन
विविधा जापान का नवनिर्माणः सोनामी के तीन वर्ष बाद का यह देश July 4, 2014 / July 4, 2014 by फखरे आलम | 1 Comment on जापान का नवनिर्माणः सोनामी के तीन वर्ष बाद का यह देश -फख़रे आलम- 11 मार्च 2011 के दिन, 2 और 3 बजे के मध्य जब अन्य दिनों की भांति अपने काम काज में लगा था। फलोसीमा और ऐवातो जैसे शहरों पर प्रकृति की ओर से ऐसी विपत्ति आई कि न केवल जापान बल्कि विश्व ने ऐसी तबाही नहीं देखी। और लोग अपने अपने घरों, स्कूलों और […] Read more » जापान जापान का नवनिर्माण सोनामी
विविधा ‘सृष्टि और आध्यात्मिक विज्ञान का मूल-आधार: वेद’ July 4, 2014 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on ‘सृष्टि और आध्यात्मिक विज्ञान का मूल-आधार: वेद’ -मनमोहन कुमार आर्य- इससे पूर्व कि सृष्टि और आध्यात्मिक विज्ञान की चर्चा की जाये, संक्षेप में यह जानना आवष्यक है कि वेद क्या हैं? वेद एक शब्द है जिसका अर्थ जानना व ज्ञान होता है। संसार में वेद नाम की अन्य कोई पुस्तक नहीं है जिसका कि कोई इतिहास न हो अर्थात् वेद-नामेतर सभी पुस्तकों […] Read more » आध्यात्मिक विज्ञान आर्य वेद सृष्टि
विविधा बुलेट ट्रेन से ज़रूरी हैं प्लेटफार्म-निर्मल रानी July 3, 2014 / July 3, 2014 by निर्मल रानी | 1 Comment on बुलेट ट्रेन से ज़रूरी हैं प्लेटफार्म-निर्मल रानी भारत की दस प्रतिशत से भी कम संख्या के संपन्न लोगों को सुविधा पहुंचाने की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए भारत सरकार देश में तीव्रगामी बुलेट ट्रेन चलाने की योजना पर काम कर रही है। पिछले दिनों दिल्ली व आगरा के मध्य 160 किलोमीटर की रफ्तार से चलाकर सेमी बुलेट ट्रेन का […] Read more » railway platforms are more important than bullet trains बुलेट ट्रेन से ज़रूरी हैं प्लेटफार्म
विविधा बीजिंग में पंचशील समझौते की वर्षगांठ, या तेरहवीं July 2, 2014 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment -प्रवीण गुगनानी- भारत चीन सम्बंधों के मध्य की साठ वर्षीय महत्वपूर्ण कड़ी “पंचशील” की षष्ठी पूर्ति के अवसर पर चीन में आयोजित कार्यक्रम में जबकि हमारें उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के नेतृत्व में शिष्टमंडल बीजिंग में उपस्थित है तब चीन ने अपनी अपनी पुरानी कुटेव के अनुसार ही पुनः भारतीय सीमाओं से छेड़छाड़ कर दी है. […] Read more » पंचशील समझौते भारत-चीन
विविधा साईं पर संग्राम July 2, 2014 / July 2, 2014 by अरविंद जयतिलक | 4 Comments on साईं पर संग्राम -अरविंद जयतिलक- भगवान कौन है? उसका स्वरूप और विशेषता क्या है? भगवान होने की शर्तें क्या है? किसी के भगवान होने का सर्टिफिकेट कौन जारी करेगा? यह कौन तय करेगा कि किसकी पूजा होनी चाहिए और किसकी नहीं? यह सवाल इसलिए कि द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने ‘सबका मालिक एक होने’ का उपदेश […] Read more » शंकराचार्य साईं साईं पर संग्राम स्वरूपानंद
विविधा असाढ़ में सूखा : का बरखा जब कृषि सुखानी July 2, 2014 by संजय स्वदेश | Leave a Comment -संजय स्वदेश- ——————————————– यह पहला ऐसा मौका नहीं है जब मानसून ने दगाबाजी की हो। आजाद भारत में दर्जनों बार सूखा पड़ा। लेकिन इससे न कोई सबक लिया गया और न ही इससे निपटने कोई ठोस और सार्थक तैयारी ने मूर्त रूप लिया। मौसम विभाग इस बात का आश्वासन दे रहा है कि जून में […] Read more » असाढ़ में सूखा कृषि सुखानी बारिश मानसून सूखा
विविधा ‘पहले शौचालय’ का सोच बनाम जमीनी हकीकत July 2, 2014 by मिलन सिन्हा | Leave a Comment -मिलन सिन्हा- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित देश के कई अन्य प्रभावशाली नेता समय समय पर किसी न किसी मंच से देश में ‘पहले शौचालय’ की चर्चा करके अपनी अपनी चिंता व्यक्त करते रहे हैं। लेकिन बावजूद इसके आकड़ों व तथ्यों पर गौर करें तो शौचालय से जुड़ी समस्या वाकई बेहद सोचनीय है। कहिये, क्या यह […] Read more » भारतीय शौचालय शौचालय
विविधा “माई री मैं कासे कहूं पीर…!” July 2, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -गिरीश बिलोरे- विधवा जीवन का सबसे दु:खद पहलू है कि उसे सामाजिक-सांस्कृतिक अधिकारों से आज़ भी समाज ने दूर रखा है. उनको उनके सामाजिक-सांस्कृतिक अधिकार देने की बात कोई भी नहीं करता. जो सबसे दु:खद पहलू है. शादी विवाह की रस्मों में विधवाओं को मंडप से बाहर रखने का कार्य न केवल गलत है, वरन […] Read more » विधवा विधवाएं विधवाओं की स्थिति
विविधा जाकि रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तिन्हा तेसी… July 1, 2014 by आलोक कुमार | 2 Comments on जाकि रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तिन्हा तेसी… -आलोक कुमार- हाल के दिनों में स्वरूपानन्द जी जैसे आडंबरी धर्माचार्य जैसे बेतुके और द्वेषपूर्ण बयान दे रहे हैं उसे देख कर लगता है कि “फतवे” जारी करने की एक नई परम्परा की शुरुआत हो रही है! आस्था और श्रद्धा तो हमारी संस्कृति और धर्म के मूल में है। हमारे यहां तो कण-कण में भगवान […] Read more » शंकराचार्य स्वरूपानंद स्वरूपानंद का बयान