विविधा भ्रष्टाचार की शुरुआत कहाँ से…? August 13, 2012 / August 13, 2012 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | 2 Comments on भ्रष्टाचार की शुरुआत कहाँ से…? डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ आजादी के बाद से अनेक मोर्चों पर मनमानी और भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ छोटे-बड़े अनेक आन्दोलन देश में होते रहे हैं। जिनमें से अधिकतर का इतिहास है कि वे भ्रष्टाचार की गंगोत्री में डुबकी लगाने के बाद समाप्त होते रहे हैं। पिछले एक वर्ष के दौरान समाज के एक वर्ग और […] Read more » start of corruption भ्रष्टाचार की शुरुआत
विविधा गोगोई सरकार की देन है असम की वर्तमान समस्या August 8, 2012 by गौतम चौधरी | 1 Comment on गोगोई सरकार की देन है असम की वर्तमान समस्या गौतम चौधरी इन दिनों असम कई मामलों को लेकर सुर्खियों में है। संयोग कहिए या साजिश इन सारे मामलों में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से बांग्लादेशी मुसलमानों का हाथ बताया जा रहा है। पहली घटना एक महिला विधायक का है, जिसने अपनी राजनीति की शुरूआत भारतीय जनता पार्टी से की फिर कांग्रेस मे चली गयी। […] Read more » असम में हिंसा
विविधा असम में हिंसाचार : एक स्थायी उपाय / मा.गो. वैद्य August 8, 2012 / August 10, 2012 by मा. गो. वैद्य | 1 Comment on असम में हिंसाचार : एक स्थायी उपाय / मा.गो. वैद्य मा. गो. वैद्य असम के कोक्राझार जिले में फूटा हिंसाचार अब रूका है. ‘अब’ यह शब्द महत्त्व का है. वह फिर कब फूट पड़ेगा इसका भरोसा नहीं. दोनों पक्ष के लाखों लोग निर्वासित शिविरों में रह रहें हैं. कई गांव बेचिराख हुए हैं. अंतर इस हिंसाचार में एक पक्ष ‘बोडो’ जनजाति का है, तो दूसरा […] Read more » असम में हिंसा दंगा
विविधा चारित्रिक सदाचार बनाम व्यक्तित्व सदाचार August 6, 2012 by लालकृष्ण आडवाणी | Leave a Comment लालकृष्ण आडवाणी पुस्तकों के प्रति मेरे लगाव को जानने वाले मित्र और परिचित अक्सर मुझसे पूछते हैं कि क्या पुस्तकों की ऐसी कोई श्रेणी है जिसे मैं विशेष रूप से पसंद करता हूं। एक समय था जब मैं हल्की-फुल्की पुस्तकें पढ़ना पसंद करता था। उपरोक्त सम्बन्ध में मेरा उत्तर हुआ करता था: थ्रीलर (रोमांचक पुस्तकें)। […] Read more »
विविधा अठन्नी की ताजपोशी August 6, 2012 by एल. आर गान्धी | Leave a Comment एल.आर.गाँधी जब से एक अर्थशास्त्री ने देश की कमान सम्हाली है….देश की अर्थव्यवस्था ही ज़मींदोज़ नहीं हुयी बल्कि राजनैतिक व्यवस्था भी रसातल में जा समाई है. सिंह साहेब ने जब से ‘चवन्नी’ का चलन बंद किया है तब से लोग अठन्नी को भी उसी नज़र से देखने लगे हैं और इसका चलन भी लगभग ख़तम […] Read more » अठन्नी की ताजपोशी
विविधा और भी हैं बदनसीब जफ़र दफ्न के लिए August 3, 2012 / August 3, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment आशुतोष शर्मा अपने देश से मुहब्बत इंसान की प्राकृतिक देन है। हजारों मील दूर रहने के बावजूद वह जन्मभूमि को चाहकर भी भूल नहीं पाता है। चाहे नौकरी की तलाश में अपनी सरजमीं से दूर हो या फिर शरणार्थी के रूप में उसे वतन छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा हो, देश की मिट्टी की खुशबू […] Read more »
महत्वपूर्ण लेख विविधा हिंदी हितैषियों के चिन्तनार्थ-भाग एक / डॉ. मधुसूदन July 30, 2012 by डॉ. मधुसूदन | 10 Comments on हिंदी हितैषियों के चिन्तनार्थ-भाग एक / डॉ. मधुसूदन ~~ केल्टिक भाषा का ह्रास क्यों हुआ? ~~ अपने हाथों, अपने पैरों में शृंखलाएं डालिए । ~~ ६५ वर्षों से पिंजरा खुला, पर पंछी उड़ता नहीं है। ~~ माई-बाप सरकार वापस बुलाओ ! ~~ जब तक अंग्रेज़ी रहेगी, भारत पिछड़ा रहेगा। ~~ संस्कृति और भाषा: फूल और सुगंध ~~भाषा विज्ञानी शेल्डन पॉलॉक का, पाणिनि अनुकरण […] Read more » हिंदी
विविधा आखिर ये दंगे होते ही क्यों है July 28, 2012 / July 28, 2012 by राजीव गुप्ता | 3 Comments on आखिर ये दंगे होते ही क्यों है राजीव गुप्ता 1948 के बाद भारत में पहला सांप्रदायिक दंगा 1961 में मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में हुआ ! उसके बाद से अब तक सांप्रदायिक दंगो की झड़ी सी लग गयी ! बात चाहे 1969 में गुजरात के दंगो की हो , 1984 में सिख विरोधी हिंसा की हो, 1987 में मेरठ के दंगे हो […] Read more » communal riots सांप्रदायिक दंगा
विविधा रेशम उद्योग ने बदली जिंदगी July 27, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment शैलेन्द्र सिन्हा देश के कुछ राज्य अभी भी ऐसे हैं जो आधुनिकता के साथ साथ अपनी साझा संस्कृति को भी न सिर्फ संजोय हुए हैं बल्कि उसे पीढ़ी दर पीढ़ी आगे भी बढ़ाते रहे हैं। इस श्रेणी में झारखंड का भी शुमार किया जा सकता है। एक तरफ प्रकृति ने इस राज्य को जहां संसाधनों […] Read more » रेशम उद्योग
विविधा बिहार में शिक्षा की गुणवत्ता पर लगता ग्रहण July 27, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment देबजनी किसी भी समाज के विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण उसका शिक्षित होना है। कभी बिहार पूरी दुनिया में शिक्षा का केंद्र हुआ करता था। छठी शताब्दी में स्थापित नालंदा विश्वविद्यालय में विश्वक के कोने कोने से लोग शिक्षा ग्रहण करने आया करते थे। धीरे धीरे शिक्षा के क्षेत्र में यही राज्य पिछड़ता चला गया। […] Read more » बिहार शिक्षा
विविधा सलाम बाल मजदूर तेरे हौसले को July 27, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment पीर अज़हर ‘‘आठवीं क्लास का रिजल्ट आने वाला था इसलिए मैं जल्दी जल्दी स्कूल पहुंचना चाहता था ताकि मैं भी अपनी मेहनत का फल देख सकूं। स्कूल पहुंचने पर क्लास टीचर ने मेरे पास होने की खुशखबरी दी तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था। मुझे इस बात की भी खुशी हो रही थी कि […] Read more »
विविधा खाद्य वस्तुएं नहीं तो कम से कम दवा-इलाज ही सस्ते हों July 23, 2012 by तनवीर जाफरी | 1 Comment on खाद्य वस्तुएं नहीं तो कम से कम दवा-इलाज ही सस्ते हों तनवीर जाफरी 23 अगस्त 1979 का वह दिन मुझे आज भी भलीभांति याद है जबकि मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता के नाते अपने कई साथियों के साथ इलाहाबाद के कमला नेहरू अस्पताल में केवल इसलिए भूख हड़ताल पर बैठ गया था क्योंकि उत्तर प्रदेश की तत्कालीन जनता पार्टी सरकार ने प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में पर्ची […] Read more »