विविधा दिल्ली धमाके: फिर मानवता हुई लहूलुहान September 27, 2011 / December 6, 2011 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment तनवीर जाफ़री महानगर मुबई में गत् 12 जुलाई को हुए सीरियल बलास्ट की गूंज अभी खत्म भी नहीं हई थी कि मानवता के दुश्मन आतंकवादियों ने एक बार फिर देश की शांतिप्रिय राजधानी दिल्ली को अपने निशाने पर ले लिया। आमतौर पर देश में बुधवार के दिन होने वाले बम धमाकों की ही तरह पिछला […] Read more » terrorism आतंकवाद
विविधा हृदय प्रदेश कब होगा औद्योगिक रूप से समृद्ध! September 26, 2011 / December 6, 2011 by लिमटी खरे | Leave a Comment लिमटी खरे देश के हृदय प्रदेश में उद्योगों की बदहाली किसी से छिपी नहीं है। एक के बाद एक उद्योग धंधों की सांसे फूल रहीं हैं। शिवराज सिंह चौहान द्वारा जनता के गाढ़े पसीने से कमाए गए राजस्व को दोनों हाथों से निवेशकों को आमंत्रित करने में लुटाया जा रहा है। निवेशक आते हैं पर […] Read more » Madhya pradesh मध्य प्रदेश
विविधा हमारे पैसों से ही भारत में आतंक बरपा रही है आईएसआई September 26, 2011 / December 6, 2011 by लिमटी खरे | Leave a Comment लिमटी खरे अपने नापाक इरादों के साथा भारत गणराज्य में आतंक बरपाकर अस्थिरता पैदा करने के अनेक आरोप पाकिस्तान पर लगते रहे हैं। एक के बाद एक सबूत पेश करने के बाद भी वहां की हुकूमत भारत में आतंक फैलाने की बात नकारती आई है। दुनिया के चौधरी अमेरिका के सामने भारत के नेता घुटनों […] Read more » terrorism आतंकवाद लिमटी खरे
विविधा आज आइए खान मार्केट, सायं 5 बजे पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में September 25, 2011 / January 23, 2012 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on आज आइए खान मार्केट, सायं 5 बजे पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में डॉ. मुकर्जी स्मृति न्यास द्वारा प्रकाशित पाक्षिक ‘कमल संदेश’ राष्ट्रवादी विचारधारा को पल्लवित करने में उल्लेखनीय भूमिका निभा रही है। विगत वर्षों में हमने ‘अंत्योदय’, ’21वीं सदी-भारत की सदी’, ‘चुनौतियां, ‘समाधान’, ‘संकल्प’ और ‘विकल्प’ विशेषांक प्रकाशित कर राष्ट्रीय मुद्दों पर राष्ट्रवादी दृष्टिकोण से बहस छेड़ने की कोशिश की है। 25 सितम्बर हमारे वैचारिक पुरोधा पं. दीनदयाल […] Read more » Khan Market
विविधा आंकड़ों में उलझी गरीबों की जिंदगी September 25, 2011 / December 6, 2011 by हिमकर श्याम | 1 Comment on आंकड़ों में उलझी गरीबों की जिंदगी हिमकर श्याम दशकों से गरीबी, देश की सबसे बड़ी चुनौती है। यह चुनौती लगातार गंभीर और व्यापक होती गयी पर, सत्ता पक्ष-विपक्ष किसी ने इसके कारगर उपाय के लिए अपनी पूरी ताकत नहीं झोंकी। गरीबी और गरीबी रेखा का इस्तेमाल हमेशा से ही राजनैतिक फायदे के लिए किया गया। गरीब होने का अर्थ है अभाव […] Read more » poverty गरीबी
विविधा भ्रष्टाचार व लोकपाल के भंवर में फंसा भारतीय लोकतंत्र September 19, 2011 / December 6, 2011 by कुन्दन पाण्डेय | 8 Comments on भ्रष्टाचार व लोकपाल के भंवर में फंसा भारतीय लोकतंत्र कुन्दन पाण्डेय अन्ना के आन्दोलन से एक बात देश का हर नागरिक स्पष्ट रूप से जान गया कि भारतीय संविधान में प्रधानमंत्री एक ऐसा अघोषित पद बना दिया गया है कि उस (पीएम) पर, पद पर बने रहते आरोप लगाया जा सकता है, उंगली उठाई जा सकती है, परन्तु जांच नहीं की जा सकती। जन-जन […] Read more » Corruption अन्ना हजारे भ्रष्टाचार लोकपाल
विविधा देश को एक खतरनाक कानून से बचाएं September 19, 2011 / December 6, 2011 by विनोद बंसल | 1 Comment on देश को एक खतरनाक कानून से बचाएं विनोद बंसल किसी भी देश के लिए उसके नागरिक एक अमूल्य निधि होते हैं तथा उनके अधिकारों की रक्षा राज्य सत्ता का परम धर्म होता है। प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा तथा उसके मूलाधिकारों की रक्षा की गारंटी सुनिश्चित करते हुए सरकार को यह भी ध्यान रखना होता है कि सभी नागरिकों को अपनी प्रगति के […] Read more » dangerous law
महत्वपूर्ण लेख विविधा हिन्दू वल्गैरिटी पर अज्ञेय September 17, 2011 / December 6, 2011 by शंकर शरण | 10 Comments on हिन्दू वल्गैरिटी पर अज्ञेय शंकर शरण सार्वजनिक आयोजनों में यह दृश्य सब देखते हैं। दीप प्रज्जवलन, महापुरुषों की तस्वीरों पर माल्यार्पण अथवा मुख्य अतिथि का औपचारिक स्वागत – प्रत्येक कार्य को फोटो उतरवाने की दृष्टि से रोका या दुहराया जाता है। यह दृश्य देखने वाले किसी भी संवेदनशील व्यक्ति को महसूस होता है कि उस प्रक्रिया में दीप-प्रज्जवलन, माल्यार्पण […] Read more » अज्ञेय हिन्दू वल्गैरिटी
विविधा इतना झुके कि घुटने टेक कर भारत तोड़ने पर आमादा ? / प्रवीण तोगडि़या September 17, 2011 / December 6, 2011 by डॉ. प्रवीण तोगड़िया | 5 Comments on इतना झुके कि घुटने टेक कर भारत तोड़ने पर आमादा ? / प्रवीण तोगडि़या 1971 में भारत ने सहयोग देकर बांग्लादेश को पाकिस्तान के चंगुल से मुक्त कराया, उस बांग्लादेश ने वहां के हिन्दुओं की क्या दुर्दशा की, वे सारी सत्य कहानियाँ सबको विदित है। वस्तुतः अखंड भारत में होने के नाते पाकिस्तान हो या बांग्लादेश, भारत ही थे। दुर्भाग्य से कुछ तत्कालीन नेताओं ने राजनीति कर और कुछ […] Read more » Bangladesh बांग्लादेश हिंदू
विविधा आतंकवाद पर केन्द्र की उदासीनता September 16, 2011 / December 6, 2011 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment मयंक चतुर्वेदी देश की राजधानी में आतंवादी जिस तरह एक के बाद एक बम विस्फोट करने में कामयाब हो रहे हैं। उससे साफ झलकता है कि आतंकवाद जैसे गंभीर विषय के प्रति केन्द्र की संप्रग सरकार पूरी तरह उदासीन है। संसद चल रही थी और देश का खूफिया तंत्र, केन्द्र सरकार गृह मंत्रालय, दिल्ली पुलिस […] Read more » terrorism आतंकवाद
विविधा वाद, विवाद, अनुवाद की छाया से मुक्त हो हिन्दी पत्रकारिता September 14, 2011 / December 6, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment ऋतेश पाठक हिन्दी के सर्वप्रथम दैनिक उदन्त मार्तण्ड के प्रथम और अंतिम संपादक पंडित युगल किशोर शुक्ल ने लिखा था ‘‘इस ‘उदन्त मार्तण्ड’ के नांव पढ़ने के पहिले पछाहियों के चित का इस कागज नहोने से हमारे मनोर्थ सफल होने का बड़ा उतसा था। इसलिए लोग हमारे बिन कहे भी इस कागज की सही की […] Read more » Hindi Diwas हिंदी दिवस हिंदी पत्रकारिता
विविधा राष्ट्रीय एकता और हिन्दी अनुवादक September 14, 2011 / December 6, 2011 by क्षेत्रपाल शर्मा | 1 Comment on राष्ट्रीय एकता और हिन्दी अनुवादक क्षेत्रपाल शर्मा (केन्द्रीय अनुवाद ब्यूरो(भारत सरकार), बालीगन्ज,कोलकता में 05.09.11 को दिया गया भाषण). विषय :अनुवाद के सिद्दांत एवं राजभाषा कार्यान्वयन की प्रणाली मूर्धन्य कवि पं. भवानी प्रसाद मिश्र ने कहा है कि कुछ लिखकर सो , कुछ पढ़कर सो जिस जगह सुबह जागा था , उससे बढकर सो. उपरोक्त ही प्रत्येक व्यक्ति के जीवन […] Read more » National Unity रार्ष्टीय एकता हिंदी