विविधा स्रोत विच्छिन्न जीवन January 21, 2011 / December 16, 2011 by चैतन्य प्रकाश | Leave a Comment चैतन्य प्रकाश शाम के धुंधलके में घोंसले की ओर लौटते पंछियों की व्यग्रता, भीतर से उठती उदासी और पत्तों की हल्की-हल्की सरसराहट के बीच फलक पर कभी इन्द्रधनुष दिख जाता है तो आत्मा के तल पर एक नैसर्गिक आनंद की अनुभूति होती है। रंगों का प्राकृतिक वैविध्य सौन्दर्य रचता है। संसार को रंगमंच कहकर पुकारा […] Read more »
विविधा पांच मंत्रालयों पर भुखमरी और कुपोषण से लड़ने की जिम्मेदारी January 21, 2011 / December 16, 2011 by संजय स्वदेश | 3 Comments on पांच मंत्रालयों पर भुखमरी और कुपोषण से लड़ने की जिम्मेदारी संजय स्वदेश देश की जनता को भुखमरी और कुपोषण से बचाने के लिए सरकार नौ तरह की योजनाएं चला रही है। पर बहुसंख्यक गरीबों को इन योजनाओं के बारे में पता नहीं है। गरीब ही क्यों पढ़े-लिखों को भी पता नहीं होगा कि पांच मंत्रालयों पर देश की भुखमरी और कुपोषण से लड़ने की अलग-अलग […] Read more » hunger कुपोषण भूख
विविधा असंवेदनशीलता के मायने…? January 21, 2011 / December 16, 2011 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | 3 Comments on असंवेदनशीलता के मायने…? डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश‘ जब-जब भी देश में बम विस्फोट होते हैं या फिदायीन हमले होते हैं तो सभी वर्गों द्वारा आतंकवाद की बढचढकर आलोचना की जाती है। कठोर से कठोर कानून बनाकर आतंकवाद से निजात दिलाने के लिये सरकार से मांग की जाती हैं। सरकार की ओर से भी हर-सम्भव कार्यवाही का पूर्ण आश्वासन […] Read more » Insensitivity असंवेदनशीलता
विविधा “गण”से दूर होता “तंत्र” January 19, 2011 / December 16, 2011 by अंकुर विजयवर्गीय | 4 Comments on “गण”से दूर होता “तंत्र” अंकुर विजयवर्गीय “26 जनवरी को मैंने सोचा है कि आराम से सुबह उठूंगा, फिर दिन में दोस्तों के साथ फिल्म देखने जाना है, इसके बाद मॉल में जाकर थोड़ी शॉपिंग और फिर रात में दोस्तों के साथ दारू के दो-दो घूंट। क्यूं तुम भी आ रहे हो ना अंकुर।” अब आप बताएं कि इतना अच्छा […] Read more » republic गणतंत्र
विविधा पेट्रोल की बात पर बेबात उछलते लोग January 19, 2011 / December 16, 2011 by अनिल त्यागी | 3 Comments on पेट्रोल की बात पर बेबात उछलते लोग अनिल त्यागी खाद्य वस्तुओं की मंहगाई की मारा-मारी में पेट्रोल की कीमत बढ गई। आम लोगों को कोई नुकसान फायदा हो न हो विपक्षी दलों के प्रवक्ताओं को अपने चेहरे चमकाने का मौका सरकार ने दे ही दिया, सरकार सिर्फ कीमतें बढाती है तो क्यों उसके कारण जनता को समझाने का कोशिश नहीं करती। या […] Read more » Inflation महंगाई
विविधा भारत में जैव आयुर्विज्ञान अनुसंधान के सौ साल January 18, 2011 / December 16, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment देवेन्द्र उपाध्याय भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की स्थापना सन् 1911 में इंडियन रिसर्च फंड एसोसिएशन (आईसीएमआर) के रूप में की गयी थी, जिसे देश की स्वतंत्रता के बाद सन् 1949 में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) नाम दिया गया। परिषद 99 वर्ष पूरा कर 15 नवंबर 2010 से अपनी स्थापना का शताब्दी वर्ष मना […] Read more » Ayurved आयुर्विज्ञान
विविधा राजधर्म से बड़ा है बौद्धिकधर्म January 17, 2011 / December 16, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment जगदीश्वर चतुर्वेदी बुद्धिजीवी सत्य भक्त होता है। राष्ट्र,राष्ट्रीयता, दल,विचारधारा आदि का भक्त नहीं होता। सत्य के प्रति आग्रह उसे ज्यादा से ज्यादा मानवीय और संवेदनशील बनाता है। सत्य और मानवता की द्वंद्वात्मक प्रक्रिया में तपकर ही बुद्धिजीवी अपने सामाजिक अनुभवों को सृजित करता है। कालजयी रचनाएं दे पाता है। जनता के बृहत्तर तबकों की सेवा […] Read more » Rajdharma राजधर्म
विविधा व्यंग्य/महंगाई डायन के नाम एक खुला खत January 16, 2011 / December 16, 2011 by गिरीश पंकज | 1 Comment on व्यंग्य/महंगाई डायन के नाम एक खुला खत गिरीश पंकज जन-जन जिसके नाम से खौफ खाता है। जिसका नाम सुनते ही भयंकर ठंडी में भी पसीना आ जाता है, ऐसी हे महंगाई डायन, तुमको तो दूर से ही प्रणाम। हमने सुना है, कि डायन कम से कम एक घर तो छोड़ ही देती है। तुमसे करबद्ध प्रार्थना है कि तुम इस देश को […] Read more » Inflation महंगाई
विविधा महंगाई की सुनामी में फंसा देश January 16, 2011 / December 16, 2011 by सतीश सिंह | Leave a Comment सतीश सिंह पिछले साल के 25 दिसम्बर को मंहगाई साल के उच्चतम स्तर 18.32 फीसदी तक पहुँच गई थी। ‘करैला और नीमचढ़ा’ वाले कहावत को चरितार्थ करते हुए सरकारी तेल कंपनियों ने कच्चे तेल की कीमत में इजाफा होने का बहाना करते हुए नए साल के पहले महीने में फिर से पेट्रोल की कीमत में […] Read more » Inflation महंगाई
विविधा आकाश का दुलार January 16, 2011 / December 16, 2011 by चैतन्य प्रकाश | 1 Comment on आकाश का दुलार -चैतन्य प्रकाश शिखर और सागर दोनों मनुष्य को आनंदित करते हैं मनुष्य की लगभग सारी यात्राएं शिखरों और सागरों की ओर उन्मुख रही हैं। मानवी सभ्यता के दो आत्यंतिक उत्कर्ष बिन्दुओं-धर्म और विज्ञान के विकास में शिखर और सागर सदैव प्रमुख सहयोगी रहे हैं। किसी शिखर (पहाड़) की तलहटी से या सागर के तट से […] Read more » Sky आकाश
विविधा पराजित विजेता, विजयी विजित January 15, 2011 / December 16, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment -नरसिंह जोशी पानीपत रण संग्राम के 250वें वार्षिक स्मृति दिन 14 जनवरी 2011 पर विशेष भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण लड़ाई जिसे टर्निंग प्वाईंट आफ हिस्ट्री यह कह सकते हैं ऐसी लड़ाई 14 जनवरी 1761 को पानीपत में हुई। मराठा और अफगानिस्तान का अहमदशाह अब्दाली के बीच का यह महाभीषण संग्राम था। देश की […] Read more » Panipat पानीपत
विविधा क्या टूट रहा है राहुल गांधी की लोकप्रियता का जादू January 15, 2011 / December 16, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment प्रदीप चन्द्र पाण्डेय क्या राहुल गांधी की लोकप्रियता का जादू टूट रहा है। कम से कम उत्तर प्रदेश के दो दिवसीय उनके दौरे से तो यही लगता है कि राहुल अब स्वयं उन युवाओं के बीच ही प्रश्न बनकर उभर रहे हैं जिनके कंधों पर भरोसा कर वे मिशन 2012 फतेह करने का मंसूबा पाले […] Read more » Rahul Gandhi राहुल गांधी