विविधा देश को है आईपीएल से ज्यादा बीपीएल की दरकार July 19, 2010 / December 23, 2011 by नवीन देवांगन | 1 Comment on देश को है आईपीएल से ज्यादा बीपीएल की दरकार – नवीन देवांगन हिंदुस्तान को किसी ज़माने में सोने की चिड़िया कहा जाता था ऐसा अक्सर हम बचपन से सुनते आए है और किताबों में भी पढ़ते आए है पर आज के हिंदुस्तान का असली चेहरा पूरे विश्व के सामने है। दो जून की रोटी के लिए रोज़ संघर्ष करने वालो की संख्या विश्व के […] Read more » Sharad Pawar कृषि शरद पवार
विविधा बरकरार है सरोगेसी की उलझन July 17, 2010 / December 23, 2011 by सतीश सिंह | Leave a Comment -सतीश सिंह भारत में किराये की कोख का चलन दिन-प्रति-दिन बढ़ता ही चला जा रहा है। इसमें कोई दो मत नहीं है कि बे-औलाद दंपत्ति के लिए औलाद प्राप्त करने का सुख जीवन के लिए सबसे अहम् होता है, पर ‘इन विट्रो फर्टिलाइजेशन’ (आईवीएफ) की पद्धत्ति से औलाद प्राप्त करना प्रकृति के नियमों के खिलाफ […] Read more » Sargosi सरोगेसी
विविधा अल्पसंख्यक अधिकारों की आड़ में व्यापार! July 16, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 3 Comments on अल्पसंख्यक अधिकारों की आड़ में व्यापार! -आर. एल. फ्रांसिस केन्द्र सरकार का पूरा तंत्र भारतीय चर्च को खुश करने में लगा हुआ है चाहे उसके ऐसे फैसलों से ईसाई समुदाय को दुख: उठाना पड़े। हाल ही में ‘राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान आयोग’ (एनसीएमईआई) ने चर्च के शैक्षणिक संस्थानों को लाभ पहुचानें के लिए निर्णय सुनाया है कि अल्पसंख्यक की मान्यता देने […] Read more » UPA अल्पसंख्यक अधिकार चर्च यूपीए
विविधा मेरे शहर का मॉल कल्चर July 15, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on मेरे शहर का मॉल कल्चर -मनोज लिमये पश्चिमी ऑंधी ऐसी चली कि गाँव में लगने वाले स्वदेशी हाट धीरे-धीरे मेलों में बदले और अब देखते ही देखते ये मेले मॉल में कनवर्ट हो रहे हैं। मेरे शहर में भी आजकल एक विशेष टाईप की गंध पसरी हुई है ये गंध शहर के नवनिर्मित शॉपिंग मॉलों से निकल रही है। आदमी, […] Read more » Mall मॉल कल्चर
विविधा भ्रष्टाचार एवं अत्याचार की खिलाफत क्यों जरूरी? July 14, 2010 / December 23, 2011 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | 4 Comments on भ्रष्टाचार एवं अत्याचार की खिलाफत क्यों जरूरी? -डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश‘ आज जबकि कदम-कदम पर लोगों के मान-सम्मान को बेरहमी से कुचला जा रहा है। अधिकतर लोगों के कानूनी, संवैधानिक, प्राकृतिक एवं मानव अधिकारों का खुलेआम हनन एवं अतिक्रमण हो रहा है। हर व्यक्ति को मनमानी, गैर-बराबरी, भेदभाव एवं भ्रष्टाचार का सामना करना पड रहा है। विकलांग, वृद्ध, निःशक्तजन, छोटे बधे, बीमारों […] Read more » Corruption अत्याचार भ्रष्टाचार
विविधा ग्रामीणों की जीवन रेखा : लघु एवं कुटीर उद्योग July 14, 2010 / December 23, 2011 by आलोक कुमार यादव | 3 Comments on ग्रामीणों की जीवन रेखा : लघु एवं कुटीर उद्योग -आलोक कुमार यादव भारत में प्राचीन समय से ही लघु एवं कुटीर उद्योगों की प्रधानता रही है। आज से दो हजार वर्ष पूर्व भी भारत का सूती वस्त्र एवं इस्पात उद्योग विश्व में प्रसिद्ध था। आज विकसित या विकासशील देशों में छोटे उद्योगों की उपयोगिता और भी अधिक है। विशेषकर भारत जैसे देश में जहां […] Read more » Small scale industries कुटीर उद्योग लघु उद्योग
विविधा महत्वपूर्ण ये है कि हाथ “किसका” काटा गया है… उसके अनुसार कार्रवाई होगी… July 13, 2010 / December 23, 2011 by सुरेश चिपलूनकर | 8 Comments on महत्वपूर्ण ये है कि हाथ “किसका” काटा गया है… उसके अनुसार कार्रवाई होगी… -सुरेश चिपलूनकर अपनी पिछली पोस्ट (केरल में तालिबान पहुँचे, प्रोफ़ेसर का हाथ काटा) में मैंने वामपंथियों के दोहरे चरित्र और व्यवहार के बारे में विवेचना की थी… इस केस के फ़ॉलो-अप के रूप में आगे पढ़िये… बात शुरु करने से पहले NDF के बारे में संक्षेप में जान लीजिये – 1) केरल के जज थॉमस […] Read more » Professor teeje joseph प्रोफ़ेसर टीजे जोसफ़
विविधा प्रयोग की जगह कमियों को दूर करने की पहल हो July 12, 2010 / December 23, 2011 by सतीश सिंह | 2 Comments on प्रयोग की जगह कमियों को दूर करने की पहल हो -सतीश सिंह नये प्रयोग के खतरों के प्रति चिंता स्वाभाविक है। शिक्षा के मामले में ये खतरे और भी संवेदनशील हो जाते हैं। पर इन खतरों से अनभिज्ञ केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री श्री कपिल सिब्बल शिक्षा के क्षेत्र में विगत 1 वर्ष से अपने प्रयोगों को जारी रखे हुए हैं। उनके लगातार सुधारात्मक […] Read more » Education शिक्षा
विविधा सेना के अधिकार छीनकर देश को कमजोर करने के प्रयास July 10, 2010 / December 23, 2011 by मयंक चतुर्वेदी | 2 Comments on सेना के अधिकार छीनकर देश को कमजोर करने के प्रयास – डॉ. मयंक चतुर्वेदी भारत की आजादी के बाद से लेकर आज तक ऐसा कोई दिन नहीं गया जिसे जम्मू-कश्मीर के सन्दर्भ में शाँति का दिन कहा जा सके। घाटी के किसी न किसी कोने में पडौसी देश पाकिस्तान और स्थानीय अलगाववादी तत्वों द्वारा हिंसा फैलाने का दुष्चक्र निरन्तर जारी है। पण्डित नेहरू ने सन् […] Read more » Jammu Kashmir जम्मू-कश्मीर सेना़
विविधा यौनाचार का प्रायोजित व्यापार July 10, 2010 / December 23, 2011 by डॉ. राजेश कपूर | 31 Comments on यौनाचार का प्रायोजित व्यापार – डॉ. राजेश कपूर, पारम्परिक चिकित्सक हथियार बेचकर अरबपति बने विदेशी व्यापारी वासना का व्यापार करने से कब बाज आने वाले थे। लगे हाथ भारत के चरित्रवान समाज को चरित्रहीन और एड्स का संम्भावित शिकार बनाने का मौका भी मिल गया। इतना तो आप जानते हैं न कि अति वासनापूर्ण जीव जीने वाले आसानी से […] Read more » Sex यौनाचार
विविधा राष्ट्रनिष्ठ, संघनिष्ठ और विचारनिष्ठ रामशंकरजी July 10, 2010 / December 23, 2011 by पंकज झा | 1 Comment on राष्ट्रनिष्ठ, संघनिष्ठ और विचारनिष्ठ रामशंकरजी -पंकज झा अभी पिछले ही दिनों पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावतजी के निधन पर उनके संस्मरण को हम लोगों से बांटते एवं लिखने को प्रोत्साहित करते हुए आदरणीय रामशंकर जी अग्निहोत्री को देखकर ऐसा बिलकुल नहीं सोचा जा सकता था कि अगला संस्मरण इनका ही लिखना होगा. वैसे उम्र का अपना तकाजा होता है. एक […] Read more » RSS रामशंकर अग्निहोत्री संघनिष्ठ
विविधा हाशिए पर है जनसंख्या कम करने का फलसफा July 10, 2010 / December 23, 2011 by सतीश सिंह | 3 Comments on हाशिए पर है जनसंख्या कम करने का फलसफा -सतीश सिंह हमारे देश में हर खास दिन को दिवस के रुप में मनाया जाता है। जनसंख्या दिवस उन्हीं दिवसों में से एक है। जो हर साल सन् 1987 से 11 जुलाई को मनाया जा रहा है। दरअसल 11 जुलाई 1987 में ही विष्व की जनसंख्या 5 बिलियन हुई थी, पर हकीकत में इस दिवस […] Read more » Population जनसंख्या