विविधा राष्ट्रविरोधी तत्व अमरनाथ यात्रा को बाधित कर रहे हैं: बजरंग दल July 1, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 3 Comments on राष्ट्रविरोधी तत्व अमरनाथ यात्रा को बाधित कर रहे हैं: बजरंग दल बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक श्री प्रकाश शर्मा ने एक विज्ञप्ति के माध्यम से कश्मीर घाटी में घट रही घटनाओं की कड़े शब्दों में निन्दा करते हुए उन्हें पूर्व नियोजित बताया है। श्री शर्मा ने कहा कि इन घटनाओं का एकमात्र उद्देश्य किसी भी प्रकार से अमरनाथ की वार्षिक यात्रा को बाधित करना है। पिछले […] Read more » Amarnath Yatra अमरनाथ यात्रा
विविधा विचार स्वातन्त्र्य की मर्यादा July 1, 2010 / December 23, 2011 by विजय कुमार | Leave a Comment -विजय कुमार किसी भी लोकतान्त्रिक देश में विचार स्वातन्त्र्य होना ही चाहिए। फिर भी इस विषय पर बार-बार विवाद खड़े होते हैं। प्राय: लोग इसे राजनीति में घसीटकर इस या उस दल को कटघरे में खड़ा कर देते हैं। इस संदर्भ में कानून भी अस्पष्ट और ढीले हैं। कुछ समय पूर्व भाजपा नेता जसवंत सिंह […] Read more » independence विचार स्वातन्त्र्य
विविधा घुसपैठियों के खिलाफ आर-पार की लड़ाई June 30, 2010 / December 23, 2011 by अनिल सौमित्र | Leave a Comment देश में तीन करोड़ से अधिक घुसपैठिए -अनिल सौमित्र घुसपैठ और सामान्य आवाजाही में फर्क है। दुनियाभर में अपनी आवश्यकताओं के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर आबादी की आवाजाही सामान्य बात है। लेकिन घुसपैठ सुनियोजित और रणनीतिक है। अर्थात भारत में घुसपैठ आवश्यकता या परिस्थितियों के कारण नहीं बल्कि किसी खास मकसद का […] Read more » Infiltration घुसपैठ
विविधा टैंकर पुराण June 30, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on टैंकर पुराण -मनोज लिमये रहिमन पानी राखिये बिन पानी सब सून . . . . . ये कहावत पूर्व में जितनी प्रासंगिक रही होगी आज उससे भी अधिक मौंजू नज़र आती है। आज सुन्दर गृहणियों के चेहरे का पानी हौद में पानी भरने के चक्कर में लुप्त होता जा रहा है। घरों के निर्माण में हौद निर्मिति […] Read more »
विविधा सपना या सच June 30, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on सपना या सच -मनोज लिमये एक किसना था। सुबह हो या शाम पीकर आराम, यही इसके जीवन का मूल मंत्र था। पिता की असमय हुई मृत्यु ने इस मूलमंत्र में छुपी मूल आत्मा को थोड़ा नुकसान पहुँचाया है, पर जिन्दगी यथावत् जारी है। पहले पिताजी जब खेत देख लेते थे तब कभी ये सोचने की जरूरत नहीं हुई […] Read more » Dream सपना
विविधा भारतरत्न बाबू डा.राजेंद्र प्रसाद June 29, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 4 Comments on भारतरत्न बाबू डा.राजेंद्र प्रसाद -प्रभाकर पाण्डेय सदियों से भोजपुरिया माटी की एक अलग पहचान रही है। इस माटी ने केवल भोजपुरी समाज को ही नहीं अपितु माँ भारती को ऐसे-ऐसे लाल दिए जिन्होंने भारतीय समाज को हर एक क्षेत्र में एक नई दिशा दी एवं विश्व स्तर पर माँ भारती के परचम को लहराया। भोजपुरिया माटी की सोंधी सुगंध […] Read more » Dr Rajendra Prasad Yadav डा.राजेंद्र प्रसाद
विविधा बाजार के हवाले ‘हम भारत के लोग’ June 28, 2010 / December 23, 2011 by संजय द्विवेदी | 1 Comment on बाजार के हवाले ‘हम भारत के लोग’ बढ़ती कीमतों ने जाहिर किया आम आदमी की चिंता किसी को नहीं – संजय द्विवेदी एक लोककल्याणकारी राज्य जब खुद को बाजार के हवाले कर दे तो कहने के लिए क्या बचता है। इसके मायने यही हैं कि राज्य ने बाजार की ताकतों के आगे आत्मसमर्पण कर दिया है और जनता को महंगाई की ऐसी […] Read more » Inflation बाजार महंगाई
विविधा उफ् ये आम आदमी भी न..? June 28, 2010 / December 23, 2011 by गिरीश पंकज | 5 Comments on उफ् ये आम आदमी भी न..? -गिरीश पंकज ” उफ् ये आम आदमी भी न..? मिस्टर मनमोहन, व्हॉट डू यू थिंक अबाउट दिस डर्टी कॉमन मेन?” संसद के गलियारे में श्रीमान् ”क” ने अपनी बात शुरू की, ” जिसे देखो, इन दिनों महंगाई को रो रहा है। हम यहाँ ग्लोबल वार्मिंग की चिंता करने के लिए विदेश जा-जा कर टेंशनाएँ जा […] Read more » Inflation आम आदमी महंगाई
विविधा मंहगाई का वर्चुअल और वास्तव संसार June 26, 2010 / December 23, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 4 Comments on मंहगाई का वर्चुअल और वास्तव संसार -जगदीश्वर चतुर्वेदी कल जिस समय पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा प्रेस को सम्बोधित करके डीजल-पेट्रोल और केरोसीन के नए दामों में वृद्धि की सूचना दे रहे थे तो एक साथ कई काम कर रहे थे। उन्होंने पहला काम यह किया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को झूठा साबित कर दिया। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की विश्वसनीयता खत्म कर […] Read more » Inflation महंगाई
परिचर्चा विविधा परिचर्चा : आम आदमी आज दाल-रोटी तक के लिए मोहताज June 25, 2010 / April 9, 2014 by संजीव कुमार सिन्हा | 33 Comments on परिचर्चा : आम आदमी आज दाल-रोटी तक के लिए मोहताज जबसे केंद्र में कांग्रेस-नीत संप्रग सरकार सत्तासीन हुई है महंगाई लगातार बेलगाम होती जा रही है। कीमत थमने का नाम ही नहीं ले रही है। जीवनावश्यक वस्तुओं की कीमतों ने सभी रिकार्ड तोड़ते हुए गरीबों की कमर भी तोड दी है। आम आदमी का जीना दूभर हो गया है। उसके सामने दो वक्त की रोटी […] Read more » Inflation कांग्रेस महंगाई यूपीए संप्रग सोनिया गांधी
विविधा हिंसा का महाख्यान June 25, 2010 / December 23, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 1 Comment on हिंसा का महाख्यान -जगदीश्वर चतुर्वेदी हिंसा के बारे में बातें करना सामान्य बात है. आमतौर पर हम सभी हिंसा विभिन्न रूपों को देखते हैं, देखकर कभी दुखी होते हैं, कभी सुखी होते हैं, कभी पराजय कभी हताशा और कभी हिंसा में आशा की किरणें देखते हैं। हिंसा के नाम अनेक हैं, किसी एक नाम से हिंसा को रेखांकित […] Read more » Violence हिंसा
विविधा भारत का मानचित्र June 25, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on भारत का मानचित्र -बी एन गोयल कभी-कभी मन में विचार आता है कि १५ अगस्त १९४७ से पहले कैसा था भारत का मानचित्र और उस के बाद यह मानचित्र कैसा बन गया. हम बाहरी मान चित्र के साथ साथ आंतरिक मानचित्र की भी बात कर रहे हैं। इस में भी महत्वपूर्ण प्रश्न है वर्तमान वातावरण में नए राज्यों […] Read more » Map of India भारत का मानचित्र