महिला-जगत राजनीति देश में असुरक्षित स्त्री April 24, 2018 / April 25, 2018 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव कठुआ, उन्नाव, सूरत और राजस्थान में मासूम बलिकाओं और महिलाओं के साथ हुए दुष्कर्मो के बाद पनपे जनाक्रोश के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पाॅक्सो एक्ट में बदलाव का बड़ा फैसला लिया है। अब बारह साल से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म करने वालों को फांसी की सजा का भी प्रावधान […] Read more » Featured उन्नाव कठुआ फांसी बलात्कार भंवरी देवी सूरत और राजस्थान
महिला-जगत राजनीति पंचायतों में महिला आरक्षण से ग्रामीण भारत में बदलाव का दौर’’ April 23, 2018 by अशोक बजाज | Leave a Comment लेखक – अशोक बजाज, स्थानीय इकाई के रूप में त्रि-स्तरीय पंचायत राज व्यवस्था प्रजातंत्र की सबसे लघु इकाई है । गांव स्तर पर ग्राम पंचायतें, ब्लाक स्तर पर जनपद पंचायतें तथा जिला स्तर पर जिला पंचायतें कार्यरत है । प्राचीन काल से ही भारत के गांवों में पंचायतों का बहुत बड़ा महत्व रहा है, लोंगों […] Read more » Featured आंदोलन कानून व्यवस्था ग्राम पंचायतें त्रि-स्तरीय पंचायत बाल विवाह शिक्षा स्वास्थ्य
महिला-जगत क्या वाकई ब्रह्माण्ड को समझना आसान, पर महिला खुद ही एक रहस्य है? March 22, 2018 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment हाल ही में हमने एक महान वैज्ञानिक प्रोफेसर स्टीफ़न हाॅकिंग को खो दिया जो कि ब्रह्माण्ड की खोज में लगे हुए थे। स्टीफन हॉकिंग ने ब्लैक होल और बिग बैंग सिद्धांत को समझने में अहम योगदान दिया। उन्होंने दो विवाह किए। उस आधार पर नारी को लेकर उनका एक कथन अखबारों में प्रमुखता से छाया […] Read more » difficult to understand a women easy to understand the universe Featured woman herself a mystery? महिला खुद एक रहस्य
महिला-जगत समाज महिला सशक्तीकरण की प्रतिबद्धता March 13, 2018 / March 13, 2018 by डॉ. सौरभ मालवीय | Leave a Comment डॊ. सौरभ मालवीय आज हर क्षेत्र में महिलाएं आगे बढ़ रही हैं। कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है, जहां महिलाओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज न कराई हो। महिलाएं समाज की प्रथम इकाई परिवार का आभार स्तंभ हैं। एक महिला सशक्त होती है, तो वह दो परिवारों को सशक्त बनाती है। प्राचीन काल में भी महिलाएं […] Read more » Commitment of women empowerment Featured woemn empowerment महिला सशक्तीकरण महिला सशक्तीकरण की प्रतिबद्धता
महिला-जगत समाज जीवंत और मजबूत राष्ट्र के निर्माण में महिलाओं का योगदान महत्वपूर्ण March 6, 2018 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment (अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस 08 मार्च पर विशेष आलेख) हम विश्व में लगातार कई वर्षों से अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाते आ रहे हैं, महिलाओं के सम्मान के लिए घोषित इस दिन का उद्देश्य सिर्फ महिलाओं के प्रति श्रद्दा और सम्मान बताना है। इसलिए इस दिन को महिलाओं के आध्यात्मिक, शैक्षिक, आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के […] Read more » Featured Women's contribution to strong nation Women's contribution to the creation of vibrant and strong nation is important women"s day women day 8th march अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस 08 मार्च
महिला-जगत विविधा मातृत्व स्वास्थ्य का लक्ष्य और चुनौतियां February 12, 2018 by उपासना बेहार | Leave a Comment उपासना बेहार न्यूयार्क में 24 सितम्बर 2015 को 193 देशों के नेताओं की बैठक हुई जिसे यू. एन. सस्टेनेबल डेवलपमेंट समिट कहा गया। समिट में 2030 तक के लिए एजेंडा तय किया गया है. ‘सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल (सतत विकास लक्ष्य) में 17 मुख्य विकास लक्ष्यों तथा 169 सहायकलक्ष्यों को निर्धारित किया गया है. जो P5 (People, Planet, Peace, Prosperous और Partnership पर जोर देता है, इसे ग्लोबल गोल भी कहा जाता है। इसे “हमारी दुनिया का रूपांतरण : सतत विकास के लिए 2030 का एजेंडा” (Transforming Our World : The 2030 Agenda for Sustainable Development) नाम दिया गया है, जिसका आधार सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्य(Millinum Development Goal) है और इसकी समयसीमा 2015-30 तक है। सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल के 17 गोल में से गोल 3 का उद्देश्य सभी आयु के लोगों में स्वास्थ्य सुरक्षा और स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देना है जिसमें मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना प्रमुख लक्ष्य हैं। दुनिया के परिदृश्य में मातृत्व स्वास्थ्य वर्तमान में पूरी दुनिया के परिदृश्य में मातृत्व स्वास्थ्य की स्थिति को देखें तो मातृ मृत्यु दर में 45 प्रतिशत की कमी आई है.। साऊथ एशिया में मातृ मृत्यु दर 1990 से 2013 में 64 प्रतिशत कम हुआ है। इसी दौरान सब सहारन अफ्रीका में मातृ मृत्यु दर 49 प्रतिशत कम हुआहै। नार्थ अफ्रीका में गर्भवती महिला का प्रसव पूर्व जाँच (कम से कम 4 बार) जहाँ 1990 में 50 प्रतिशत था वो 2014 तक 89 प्रतिशत हुआ है। गर्भनिरोधक का उपयोग पूरी दुनिया में बढ़ा है और 2014 में 64 प्रतिशत महिलायें इसका उपयोग कर रही हैं. भारत में मातृत्व स्वास्थ्य 2015 में आई सयुंक्त राष्ट्र एजेंसी और वर्ल्ड बैंक की सांझा रिपोर्ट के अनुसार देश में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से होने वाली गर्भवती महिलाओं की मृत्यु 1 लाख 36 हजार है। रिपोर्ट के अनुसार देश में 20 प्रतिशत महिलाओं की मृत्यु खून की कमी से और 10 प्रतिशत मौतेंगर्भपात से सम्बंधित जटिलताओं के कारण होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी आकंड़ों के अनुसार भारत में 1 घंटे में 5 महिलाओं की मौत हो जाती है इसका सबसे बड़ा कारण प्रसव के बाद रक्तस्राव और इस पर नियत्रंण न होना है. ग्लोबल न्यूट्रीशन रिपोर्ट, 2017 (जीएनआर) की रिपोर्ट के अनुसार एनीमिया से जूझ रही महिलाओं की लिस्ट में भारत सबसे ऊपर है। प्रजनन उम्र में पहुंचने वाली महिलाओं में से आधी से ज्यादा महिलाओं में (51 प्रतिशत) खून की कमी (एनीमिया) है। ऐसी महिलाएं जबगर्भवती होती हैं, तब जच्चा-बच्चा दोनों के लिए खतरनाक होता है. वही प्रिंस्टन विश्वविद्यालय के रुडो विल्सन स्कूल ऑफ पब्लिक एंड इंटरनेशनल अफेयर्स के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि भारतीय महिलाएं जब गर्भवती होती हैं तो उनमें से 40 फीसदी से अधिक गर्भवती महिलाऐं सामान्य से कम वजन (औसतन 7 कि.ग्रा.) कीहोती हैं, जो गर्भ में पल रहे बच्चे के साथ-साथ मां के स्वास्थ्य के लिए भी खतरा होता है। इसी प्रकार यूनिसेफ की रिर्पोट ‘एंडिंग चाइल्ड मैरिज-प्रोग्रेस एंड प्रोस्पेक्ट 2014’ के अनुसार दुनिया की हर तीसरी बालिका वधू भारत में है। बाल विवाह के कारण बच्चियां कम उम्र में गर्भवती हो जाती हैं जिससे उनकी मृत्यु, गर्भपात में वृद्धि, कुपोषित बच्चों का जन्म, मातामें कुपोषण, खून की कमी होना, शिशु मृत्यु दर, माता में प्रजनन मार्ग संक्रमण यौन संचारित बीमारिया बढ़ती हैं। स्वास्थ सुविधाओं की कमी देश में शहरों की तुलना में गावों में स्वास्थ सुविधाएं अच्छी नही है। 2011 के ग्रामीण स्वास्थ्य आंकड़ों को देखें तो गावों में 88 फीसदी विशेषज्ञ डाक्टरों तथा 53 फीसदी नर्सों की कमी है। शहरों में 6 डाक्टर प्रति दस हजार जनसंख्या में हैं वही ग्रामीण में यह 3 डाक्टर प्रतिदस हजार जनसंख्या में है। संस्थागत डिलेवरी की स्थिति देखें तो एन.एफ.एच.एस.-4 के अनुसार 78.9 गर्भवती महिलाओं की संस्थागत डिलेवरी हुई है। […] Read more » Featured Goals and Challenges of maternal health Maternal Health जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम जननी सुरक्षा योजना प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना मातृत्व स्वास्थ्य
महिला-जगत समाज सामाजिक ‘राक्षस’ का शिकार बनतीं महिलाएं December 19, 2017 by आशीष रावत | Leave a Comment आशीष रावत भारतीय समाज में हमेशा से ही पुरुषों का प्रभुत्व रहा है। एक तरफ दुनिया में तकनीकी क्षेत्र में लगातार प्रगति हो रही है, खुशहाली का स्तर बढ़ रहा है वहीं महिलाओं से अप्राकृतिक यौन संबंध और दुव्र्यवहार में भी वृद्धि हो रही है। आजकल महिलाओं से बलात्कार और उनकी बर्बर हत्या करना एक […] Read more » Featured social violence women getting victims of social violence अपरहण एसिड फेंकना ऑनर किलिंग दहेज के लिए कत्ल करना पति अथवा ससुरालवालों द्वारा पीटा जाना बलात्कार बाल-अवस्था में लड़कियों की अनदेखी भू्रण-हत्या महिलाएं शिकार सामाजिक ‘राक्षस’ का शिकार सामाजिक राक्षस
महिला-जगत समाज क्या कभी नारी को गुस्सा आया है December 14, 2017 by डॉ नीलम महेन्द्रा | Leave a Comment आज से पांच साल पहले 16 दिसंबर 2012 को जब राजधानी दिल्ली की सड़कों पर दिल दहला देने वाला निर्भया काण्ड हुआ था तो पूरा देश बहुत गुस्से में था । अभी हाल ही में हरियाणा के हिसार में एक पाँच साल की बच्ची के साथ निर्भया कांड जैसी ही बरबरता की गई, देश एक […] Read more » गुस्सा नारी नारी को गुस्सा
महिला-जगत समाज चंबल की ये औरतें- feminism से आगे की बात हैं December 13, 2017 by अलकनंदा सिंह | Leave a Comment राजनैतिक रूप से लगातार उद्भव-पराभव वाले हमारे देश में कुछ निर्धारित हॉट टॉपिक्स हैं चर्चाओं के लिए। देश के सभी प्रदेशों में ”महिलाओं की स्थिति” पर लगातार चर्चा इन हॉटटॉपिक्स में से एक है। यूं तो फेमिनिस्ट इनकी सतत तलाश में जुटे रहते हैं मगर उनका उद्देश्य हो-हल्ला-चर्चाएं-डिस्कोर्स-कॉफी मीटिंग्स से आगे जा ही नहीं पाता […] Read more » Featured ladies of chambal चंबल की औरतें
महिला-जगत समाज महिलाओं की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य की बदहाली क्यों? November 12, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग- देश में अस्तित्व एवं अस्मिता की दृष्टि से ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से महिलाओं के हालात बदतर एवं चिन्तनीय है। देखा जा रहा है कि किसी भी क्षेत्र में तमाम महिला जागृति के कार्यक्रमों एवं सरकार की योजनाओं के बावजूद महिलाओं का शोषण होता है, उनके अधिकारों का हनन होता है, […] Read more » Featured महिलाओं की सुरक्षा स्वास्थ्य की बदहाली
महिला-जगत विविधा शोषण की नई भाषा गढ़ता ‘फंसाने’ का चलन और बच्चियां October 12, 2017 by अलकनंदा सिंह | Leave a Comment कल अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर बेटियों के लिए बहुत कुछ सुना, देखा और पढ़ा भी। सभी कुछ बेहद भावनात्मक था। कल इसी बालिका दिवस पर बच्चियों को सुप्रीम कोर्ट ने भी बड़ी सौगात दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने बालविवाह जैसी कुरीतियों पर प्रहार करते हुए ऐतिहासिक निर्णय दिया कि अब नाबालिग पत्नी से संबंध बनाने […] Read more » 'फंसाने' का चलन और बच्चियां Featured अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस इंडिपेंडेंट थॉट निर्भया केस बालविवाह बालिका दिवस शोषण की नई भाषा सुप्रीम कोर्ट
महिला-जगत राजनीति महिला आरक्षण पर सोनिया गांधी का सियासी दांव September 22, 2017 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महिला आरक्षण विधेयक पारित करने के सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सियासी चाल चल दी है। पहली बार सोनिया ने किसी मुद्दे पर खुद आगे आकर खुला समर्थन देने की बात कही है। ऐसा शायद इसलिए किया है, जिससे महिला सशक्तीकरण के मुद्दे पर सरकार […] Read more » 33 फीसदी आरक्षण Featured Sonia Gandhi on women reservation Women Reservation महिला आरक्षण वीमेन