लेख मंगलमय भावना से ओत -प्रोत होने का दिन नववर्ष

मंगलमय भावना से ओत -प्रोत होने का दिन नववर्ष

-अशोक “प्रवृद्ध” भारतीय मान्यता के अनुसार सृष्टि के आदिकाल में वसंत ऋतु के प्रारंभ में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन सूर्योदय से ब्रह्मा ने सृष्टि…

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कविता नए साल का सूर्योदय

नए साल का सूर्योदय

नए साल का सूर्योदय,खुशियों के लिए उजाले हो॥ पल-पल खेल निराले हो,आँखों में सपने पाले हो।नए साल का सूर्योदय यह,खुशियों के लिए उजाले हो॥ मानवता…

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राजनीति हिन्दू समाज के स्थायी जागरण की आवश्यकता

हिन्दू समाज के स्थायी जागरण की आवश्यकता

डाॅ. निशा शर्मा  हिन्दू  समाज की अपनी एक दैवीय विशेषता है जिस कारण सृष्टि के प्रारंभ से ही उसने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है |…

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राजनीति लाठियां , सियासत और खामोशी

लाठियां , सियासत और खामोशी

कुमार कृष्णन  कुमार कृष्णन  1974 के छात्र आंदोलन की उपज रहे  मुख्य मंत्री नीतीश कुमार के निजाम में छात्रों को साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार उनके लिए…

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राजनीति क्या अब दिल्ली भी चलेगी देश के साथ? 

क्या अब दिल्ली भी चलेगी देश के साथ? 

डा. विनोद बब्बर दिल्ली एक बार फिर अपने भाग्य विधाताओं के द्वार पर पहुंच रही है। लोकतंत्र में मतदाता मशीन का बटन दबाने तक ही सही…

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सिनेमा 2024: ‘हिट’ और ‘फ्लॉप’ का मिला जुला साल

2024: ‘हिट’ और ‘फ्लॉप’ का मिला जुला साल

सुभाष शिरढोनकर पिछले कई साल की तरह साल 2024 में भी ऐसी कई फिल्में आईं जो सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि दुनियाभर के लोगों…

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लेख ये प्रजातांत्रिक लोकतंत्र है जातिवादी का भोगतंत्र नहीं

ये प्रजातांत्रिक लोकतंत्र है जातिवादी का भोगतंत्र नहीं

—विनय कुमार विनायकये प्रजातांत्रिक लोकतंत्र है जातिवादी का भोगतंत्र नहींये गुलाम देश की दौर का सल्तनत व बादशाहत नहींलोकतंत्र में जाहिल जनप्रतिनिधि विधायक सांसद को‘माननीय’…

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लेख नए साल में गांव को स्वच्छ बनाने का संकल्प लें

नए साल में गांव को स्वच्छ बनाने का संकल्प लें

पल्लवी भारतीमुजफ्फरपुर, बिहार पूरी दुनिया में इस समय पर्यावरण और इससे जुड़े मुद्दे सबसे अहम माने जा रहे हैं. विशेषकर घरों से निकलने वाला कचरा…

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राजनीति आम्बेडकर और कांग्रेस

आम्बेडकर और कांग्रेस

– डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री

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पर्यावरण भारत में तेजगति से बढ़ती बिलिनायर (अतिधनाडयों) की संख्या

भारत में तेजगति से बढ़ती बिलिनायर (अतिधनाडयों) की संख्या

भारत में आर्थिक प्रगति की दर लगातार तेज होती दिखाई दे रही है। भारत के सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि दर भी अन्य देशों की तुलना में द्रुत गति से आगे बढ़ रही है। भारत आज विश्व की सबसे तेज गति से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है एवं भारतीय अर्थव्यवस्था आज विश्व की पांचवीं अर्थव्यवस्था है तथा शीघ्र ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। भारत का वैश्विक व्यापार भी द्रुत गति से आगे बढ़ रहा है। कुल मिलाकर, भारत आज अर्थ के क्षेत्र में पूरे विश्व में एक चमकते सितारे के रूप उभर रहा है।लगातार तेज तो रही आर्थिक प्रगति का प्रभाव अब भारत में नागरिकों की औसत आय में हो रही वृद्धि के रूप में भी दिखाई देने लगा है। हाल ही में अमेरिका में जारी की गई यूबीएस बिल्यनेर ऐम्बिशन रिपोर्ट के अनुसार भारत में बिलिनायर (अतिधनाडयों) की संख्या 185 तक पहुंच गई है और भारत विश्व में बिलिनायर की संख्या की दृष्टि से तृतीय स्थान पर आ गया है। प्रथम स्थान पर अमेरिका है, जहां बिलिनायर की संख्या 835 हैं एवं द्वितीय स्थान पर चीन है जहां बिलिनायर की संख्या 427 है। इस वर्ष भारत और अमेरिका में जहां बिलिनायर की संख्या में वृद्धि हुई है वहीं चीन में बिलिनायर की संख्या में कमी आई है। अमेरिका में इस वर्ष बिलिनायर की सूची में 84 नए बिलिनायर जुड़े हैं एवं भारत में 32 नए बिलिनायर (21 प्रतिशत की वृद्धि के साथ) जुड़े हैं तो वहीं चीन में 93 बिलिनायर कम हुए हैं। पूरे विश्व में आज बिलिनायर की कुल संख्या 2682 तक पहुंच गई है जबकि वर्ष 2015 में पूरे विश्व में 1757 बिलिनायर थे। भारत में वर्ष 2015 की तुलना में बिलिनायर की संख्या में 123 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। बिलिनायर अर्थात वह नागरिक जिसकी सम्पत्ति 100 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गई है अर्थात भारतीय रुपए में लगभग 8,400 करोड़ रुपए की राशि से अधिक की सम्पत्ति।  पिछले एक वर्ष के दौरान भारत में उक्त वर्णित बिलिनायर की सम्पत्ति 42 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए 9,560 करोड़ अमेरिकी डॉलर के स्तर पर पहुंच गई हैं। जबकि अमेरिका में बिलिनायर की सम्पत्ति वर्ष 2023 में 4 लाख 60 हजार करोड़ अमेरिकी डॉलर से बढ़कर वर्ष 2024 में 5 लाख 80 हजार करोड़ अमेरिकी डॉलर के स्तर पर पहुंच गई है। चीन में तो बिलिनायर की सम्पत्ति वर्ष 2023 में एक लाख 80 हजार करोड़ अमेरिकी डॉलर से घटकर वर्ष 2024 में एक लाख 40 हजार करोड़ अमेरिकी डॉलर की हो गई है। पूरे विश्व में बिलिनायर की सम्पत्ति बढ़कर 14 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर के स्तर पर पहुंच गई है। उक्त प्रतिवेदन में यह सम्भावना भी व्यक्त की गई है कि आगे आने वाले 10 वर्षों में भारत में बिलिनायर की संख्या में और तेज गति से वृद्धि होगी। भारत में 108 से अधिक पारिवारिक व्यवसाय में संलग्न परिवार भी हैं जो अपने व्यवसाय को भारतीय पारिवारिक परम्परा के अनुसार आगे बढ़ा रहे हैं और भारत में बिलिनायर की संख्या में वृद्धि एवं भारतीय अर्थव्यवस्था में अपना योगदान दे रहे हैं।        भारतीय बिलिनायर की संख्या केवल भारत में ही नहीं बढ़ रही है बल्कि अन्य देशों में निवास कर रहे भारतीय भी बिलिनायर की श्रेणी में शामिल हो रहे हैं एवं वे अपनी आय के कुछ हिस्से को भारत में भेजकर यहां निवेश कर रहे हैं और इस प्रकार अन्य देशों में निवास कर रहे भारतीय मूल के नागरिक भी भारत के आर्थिक विकास में अपना योगदान दे रहे हैं। विशेष रूप से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार को द्रुत गति से बढ़ाने में भारतीय मूल के इन नागरिकों का महत्वपूर्ण योगदान रहता आया है। इस समय भारतीय मूल के एक करोड़ 80 लाख से अधिक नागरिक विभिन्न देशों में कार्य कर रहे हैं एवं प्रतिवर्ष वे अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा भारत में जमा के रूप से भेजते हैं। हाल ही में वर्ल्ड बैंक द्वारा जारी किए गए एक प्रतिवेदन में यह बताया गया है कि वर्ष 2024 में 12,900 करोड़ अमेरिकी डॉलर की भारी भरकम राशि अन्य देशों में रह रहे भारतीयों द्वारा भारत में भेजी गई है। भारत पिछले कई वर्षों से इस दृष्टि पूरे विश्व में प्रथम स्थान पर कायम है। वर्ष 2021 में 10,500 करोड़ अमेरिकी डॉलर, वर्ष 2022 में 11,100 करोड़ अमेरिकी डॉलर, वर्ष 2023 में 12,500 करोड़ अमेरिकी डॉलर की राशि भारत में भेजी गई थी। प्रतिवर्ष भारत में भेजी जाने वाली राशि की तुलना यदि अन्य देशों में भेजी जा रही राशि से करें तो ध्यान में आता है कि वर्ष 2024 में मेक्सिको में 6,800 करोड़ अमेरिकी डॉलर की राशि भेजी गई थी, जिसे पूरे विश्व में इस दृष्टि से द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है। मेक्सिको में भेजी गई राशि भारत में भेजी गई राशि की तुलना में लगभग आधी है। चीन को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है एवं चीन में 4,800 करोड़ अमेरिकी डॉलर की राशि भेजी गई है, फ़िलिपीन में 4,000 करोड़ अमेरिकी डॉलर एवं पाकिस्तान में 3,300 करोड़ अमेरिकी डॉलर की राशि अन्य देशों में रह रहे इन देशों के नागरिकों द्वारा भेजी गई है। भारत में भारतीय नागरिकों द्वारा अन्य देशों से भेजी जा रही राशि में उत्तरी अमेरिका, यूरोप, खाड़ी के देशों एवं एशिया के कुछ देशों यथा मलेशिया एवं सिंगापुर का प्रमुख योगदान है। जैसा कि विदित ही है कि प्रतिवर्ष भारत से लाखों युवा उच्च शिक्षा प्राप्त करने की दृष्टि से विकसित देशों की ओर जाते हैं। उच्च एवं तकनीकी  शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत भारतीय युवा इन देशों में ही रोजगार प्राप्त कर लेते हैं एवं अपनी बचत की राशि का बड़ा भाग भारत में भेज देते हैं। आज तक भारतीय मूल के इन नागरिकों द्वारा एक लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर की राशि भारत में भेजी गई है। भारत के लिए विदेशी मुद्रा भंडार के संग्रहण में यह राशि बहुत बड़ी भूमिका निभा रही है। वर्ष 2024 में पूरे विश्व में 68,500 करोड़ अमेरिकी डॉलर की राशि विभिन्न देशों के नागरिकों द्वारा अपने अपने देशों को भेजी गई है। यह राशि वर्ष 2023 में भेजी गई राशि से 5.8 प्रतिशत अधिक है। पूरे विश्व में विभिन्न देशों में निवास कर रहे नागरिकों द्वारा भेजी गई उक्त राशि में से 20 प्रतिशत से अधिक की राशि अन्य देशों में निवास कर रहे भारतीयों द्वारा ही अकेले भारत में भेजी गई है। इस प्रकार, भारतीय मूल के नागरिकों की सम्पत्ति न केवल भारत में बल्कि अन्य देशों में भी बहुत तेजी के साथ बढ़ रही है।  प्रहलाद सबनानी

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लेख अंग्रेजों और मराठों के मध्य युद्ध

अंग्रेजों और मराठों के मध्य युद्ध

[लेखक की ‘ हिन्दवी – स्वराज के संस्थापक शिवाजी और उनके उत्तराधिकारी पुस्तक से] ‘ सूर्य ढलने लगा अब हिंदवी स्वराज्य का।हृदय को छलने लगा…

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राजनीति दिल्ली चुनावों पर ‘रेवड़ी कल्चर’ का खतरनाक साया

दिल्ली चुनावों पर ‘रेवड़ी कल्चर’ का खतरनाक साया

-ललित गर्ग-दिल्ली विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक सरगर्मी उग्र से उग्रत्तर होती जा रही है। आम आदमी पार्टी मतदाताओं को लुभाने की…

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