धर्म-अध्यात्म सर्वमंगलों की मंगल विश्वजननी, मूलप्रकृतिईश्वरी, आद्याशक्ति श्रीदुर्गा

सर्वमंगलों की मंगल विश्वजननी, मूलप्रकृतिईश्वरी, आद्याशक्ति श्रीदुर्गा

-अशोक “प्रवृद्ध” वर्तमान में नवरात्र में अष्टभुजाओं वाली भगवती दुर्गा की प्रतिमा स्थापन, पूजन, आराधना  की परिपाटी है। भगवती दुर्गा की प्रतिमा में हाथों की…

Read more
लेख ‘कार्बन खेती’ में छोटे और सीमांत किसानों के लिए लाभ का द्वार।  

‘कार्बन खेती’ में छोटे और सीमांत किसानों के लिए लाभ का द्वार।  

कृषि में कार्बन क्रेडिट बाजार अभी प्रारंभिक अवस्था में है और इसके लिए सख्त नियामक प्रणाली की आवश्यकता है।   छोटे पैमाने के किसान जो…

Read more
राजनीति मध्य पूर्व में होता ‘समुद्र-मंथन ‘

मध्य पूर्व में होता ‘समुद्र-मंथन ‘

   तनवीर जाफ़री    पूरा विश्व गोया इस समय बारूद के ढेर पर बैठा हुआ है। सामने से तो यही नज़र आ रहा है कि एक तरफ़ कल तक सोवियत संघ के रूप में साथ रहने वाले दो देश रूस व यूक्रेन युद्धरत हैं तो दूसरी तरफ़ इस्राईल बनाम ईरान-हमास -लेबनान व हूती के बीच युद्ध चल रहा है। परन्तु दरअसल इन दोनों ही ख़ूनी संघर्षों के पीछे उसी अमेरिका की मुख्य भूमिका है जो दुनिया में सबसे अधिक अमन पसंदी,शांति,मानवाधिकार,लोकतंत्र और आतंकवाद को कुचलने जैसी बातें करता है। परन्तु जहाँ अमेरिका को अपने राजनैतिक हित साधने होते हैं वहां उसके यह सभी आदर्श धरे के धरे रह जाते हैं। इस समय अमेरिकी शह और उसी के भरोसे पर जहां यूक्रेन, रूस जैसी महाशक्ति से टकरा कर स्वयं को तबाह कर बैठा है वहीँ इस्राईल भी अमेरिका की ही सरपरस्ती में ख़ूनी खेल खेलने में लगा हुआ है। पश्चिमी देशों की शह पर ही वह इस्राईल जिसने कभी रहम की भीख मांगकर अरब की सरज़मीं पर अपने अस्तित्व को बचाया था। वह इस्राईल जिसे लेकर पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत ने यह निर्णय दिया है कि फ़िलिस्तीनी क़ब्ज़े वाले क्षेत्रों में इस्राईल की उपस्थिति “ग़ैर क़ानूनी ” है। जिसके बारे में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) ने कहा है कि इस्राइल ने पश्चिमी तट और पूर्वी यरुशलम में क़ब्ज़ा करने, स्थायी नियंत्रण लगाने और बस्तियां बनाने की नीतियों को लागू करके, वहां क़ब्ज़ा करने वाली शक्ति के रूप में अपनी स्थिति का दुरुपयोग किया है। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने यह भी कहा है कि इस तरह की हरकतें “क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीनी क्षेत्र में इस्राईल की मौजूदगी को ग़ैर क़ानूनी ” बनाती हैं। इस क्षेत्र में इस्राईल की निरंतर मौजूदगी “अवैध” है और इसे “जितनी जल्दी हो सके” समाप्त किया जाना चाहिए।’ वही अवैध राष्ट्र आज उन्हीं अरब क्षेत्र के लोगों की जान का न केवल दुश्मन बना हुआ है बल्कि अमेरिकी शह और अपनी सैन्य शक्ति के बल पर इसी धरती पर ‘ग्रेटर इस्राईल ‘ के गठन का सपना भी संजोये बैठा है। इन हालात को पैदा करने के लिये अमेरिका ने दशकों से एक बड़ी साज़िश रची है। अमेरिका व इस्राईल ने शिया-सुन्नी विवाद का फ़ायदा उठाकर अरब देशों के सामने ईरान का हौव्वा खड़ा करने का एक सफल चक्रव्यूह रचा। अरब देशों के सामने ईरान को विलेन के रूप में पेश किया और अमेरिकी संरक्षण में उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया। इसके बदले में अमेरिका सऊदी अरब सहित मध्य पूर्व के और भी कई तेल उत्पादक देशों से ईरान से सुरक्षा के नाम पर अपनी मर्ज़ी की क़ीमत पर तथा मनचाही मात्रा में तेल दोहन किया करता है। इतना ही नहीं बल्कि अमेरिका के इन पिछलग्गू अरब देशों को अपने अपने देश में लोकतंत्र का गला घोंटने,किसी भी तरह का दमन चक्र चलाने,मानवाधिकारों का हनन करने अपनी बादशाहत चलाने व तानाशाही की भी खुली छूट है। मध्य पूर्व के अनेक देश ऐसे भी हैं जिनकी पूरी अर्थव्यवस्था अमेरिका के हाथों गोया गिरवी रखी हुई। अब इस क्षेत्र में कोई बड़ी ताक़त सर न उठा सके अपने इसी षड्यंत्र के तहत अमेरिका ने पहले तो इराक़ को तबाह किया फिर ईरान को आतंकी देश और  शैतान की धुरी तथा इसे समूचे अरब जगत के लिये ख़तरा बताना शुरू कर दिया। पूरी दुनिया के विभिन्न देशों में आतंक की इबारत लिखने व करोड़ों बेगुनाहों की मौत का ज़िम्मेदार अमेरिका ही अब ख़ुद यह तय करता है कि कौन सा देश आतंकी है, कहाँ की सेना आतंकी है, और कहाँ का शासक आतंकवाद का संरक्षक है। तेल ख़रीदने, हथियार बेचने और वर्चस्व के इसी घिनौने खेल में इस समय इस्राईल, अमेरिका का मोहरा बनकर ग़ाज़ा से लेकर लेबनान तक क़हर बरसा रहा है। क्या अस्पताल क्या स्कूल क्या रिहायशी इलाक़े तो क्या शरणार्थी कैम्प, बाज़ार, बच्चे, बूढ़े महिलायें कोई भी कहीं भी अमेरिकी शह पर होने वाली इस्राईली सैन्य कार्रवाई ख़ासकर हवाई बमबारी से सुरक्षित नहीं है। इसके बावजूद ईरान ने  अपने जनरल क़ासिम सुलेमानी हमास प्रमुख इस्माईल हनिया व हिज़्बुल्ला सुप्रीमो हसन नसरुल्लाह की हत्या के बाद पिछले दिनों इस्राईल पर रॉकेट की बौछार कर यह जता दिया कि ईरान की पृष्ठभूमि व इनकी नस्ल वह नहीं जो सांसारिक शक्तियों के आगे घुटने झुका दे। हज़रत मुहम्मद,व उनके घराने के हज़रत अली व हुसैन को मानने वाली ईरानी नस्ल का रिश्ता उस हुसैन के घराने से है जिसने 1450 वर्ष पूर्व अपने समय की महाशक्ति सीरयाई यज़ीदी सेना के आगे अपना सिर नहीं झुकाया था। जबकि निश्चित रूप से अमेरिका व इस्राईल की गोदी में खेलने वाले वही अरब शासक हैं जिनके पूर्वज जैसे आज अमेरिका की ग़ुलामी में लगे हैं उसी तरह 1450 वर्ष पूर्व भी यही लोग यज़ीदी सेना के हिमायती थे और हुसैन के क़त्ल व करबला की घटना के ज़िम्मेदार थे। यही ईरान उस समय तक अमेरिका की आँखों का तारा था जब तक यहाँ का शाह पहलवी अमेरिका की गोद में बैठा रहता था परन्तु इस्लामी क्रांति के बाद जब से ईरान ने अमेरिका नहीं बल्कि ‘ईश्वर महान है ‘ की नीति पर चलना शुरू किया तब से ईरान, अमेरिका को शैतान व आतंकी नज़र आने लगा ? अलक़ायदा हो या आई एस आई एस,पूरी दुनिया जानती है कि आतंक के पर्याय समझे जाने वाले यह दोनों ही आतंकी संगठन अमेरिका की ही सरपरस्ती में खड़े किये गए। ओसामा बिन लाडेन व तालिबानी प्रमुख मुल्ला उम्र को तो सऊदी अरब का भी संरक्षण हासिल था। याद कीजिये इन आतंकी संगठनों की कैसे कैसी दिल दहलाने वाली विडिओ बाक़ायदा एक बड़ी साज़िश के तहत टी वे पर दिखाई जाती थी जिसमें यह दुर्दांत आतंकी लोगों को लाइन में खड़ाकर कभी गोली मारते तो कभी सर क़लम करते तो कभी ज़िंदा दफ़्न करते दिखाई देते थे। आतंकियों को यह छूट इसीलिये मिली थी ताकि उनकी इन वहशियाना हरकतों के चलते इस्लाम को बदनाम किया जा सके व इसे आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले धर्म के रूप में प्रचारित किया जा सके। काफ़ी हद तक अपने इस मिशन में अमेरिका व इस्राईल को सफलता भी मिली। दूसरी तरफ़ जनरल क़ासिम सुलेमानी व हिज़्बुल्लाह सुप्रीमो हसन नसरुल्लाह जैसे निडर रहबर ही थे जिन्होंने अमेरिका व इस्राईल द्वारा पोषित आई एस आई एस की कमर तोड़ कर रख दी। इनके विरुद्ध जिहाद बोलकर सीरिया,इराक़ व आसपास के क्षेत्रों से इन्हें खदेड़ कर इनका वजूद ही समाप्त कर दिया। इन परिस्थितियों में अरब जगत इस समय एक बड़े ‘समुद्र मंथन’ के दौर गुज़र रहा है। अरब के चाटुकार शासक भले ही अवैध राष्ट्र इज़राईल व अमेरिका की गोद में बैठकर अपनी बुज़दिली का सुबूत क्यों न दे रहे हों परन्तु अरब की अवाम ईरान द्वारा फिलिस्तीनियों के हक़ में इस्राईल पर किये गये मिसाईल हमलों को बड़ी ही उम्मीद व हसरत भरी नज़रों से देख रही है। इस ‘समुद्र मंथन’ के परिणाम स्वरूप अरब जगत में आने वाले दिनों में कोई बड़ी उथल पुथल भी दिखाई दे सकती है। 

Read more
राजनीति बेहद शक्तिशाली हो चुकी है भारतीय वायुसेना

बेहद शक्तिशाली हो चुकी है भारतीय वायुसेना

भारतीय वायुसेना स्थापना दिवस (8 अक्तूबर) – योगेश कुमार गोयलभारतीय वायुसेना 8 अक्तूबर को अपना 92वां स्थापना दिवस मना रही है। प्रतिवर्ष इस विशेष अवसर…

Read more
लेख गांव को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए मजबूत पहल की जरूरत

गांव को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए मजबूत पहल की जरूरत

ममता कुमारीगया, बिहार राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के छठे दौर के सर्वे का काम शुरू हो गया है. इसे केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण…

Read more
खान-पान एंटीबायोटिक प्रतिरोध 21वीं सदी का एक नया महामारी खतरा

एंटीबायोटिक प्रतिरोध 21वीं सदी का एक नया महामारी खतरा

एंटीबायोटिक प्रतिरोध के प्रसार को रोकने और नियंत्रित करने के लिए, व्यक्तियों को केवल प्रमाणित स्वास्थ्य पेशेवर द्वारा निर्धारित किए जाने पर ही एंटीबायोटिक्स का…

Read more
कविता नारी पुरुष का मूलतः चार जैविक रुप होता

नारी पुरुष का मूलतः चार जैविक रुप होता

—विनय कुमार विनायकनारी पुरुष का मूलतः चार जैविक रुप होतामाँ-पिता भाई-बहन पति-पत्नी और पुत्र-पुत्रीमाँ-पिता हैं इस धरा के सबसे बड़े देवी देवतामाँ-पिता के बराबर कोई…

Read more
राजनीति सेवा पखवाड़ा में सार्थक हो रहा प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान 

सेवा पखवाड़ा में सार्थक हो रहा प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान 

भारत में 1 लाख 71 हजार से अधिक निक्षय मित्र 20 लाख से अधिक टीबी रोगियों के मददगार बने  – अशोक बजाज  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन…

Read more
राजनीति क्या कहता है महात्मा गाँधी का हिन्दू दर्शन ? 

क्या कहता है महात्मा गाँधी का हिन्दू दर्शन ? 

~कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल  बापू के रुप में जन-जन में बसे महात्मा गाँधी स्वतन्त्रता आन्दोलन के महानायक के साथ ही हिन्दू-धर्म संस्कृति, परम्पराओं तथा धार्मिक पौराणिक…

Read more
कविता हर तरफ साजिश चल रही हर तरफ धोखा ही धोखा

हर तरफ साजिश चल रही हर तरफ धोखा ही धोखा

—विनय कुमार विनायकहर तरफ साजिश चल रही, हर तरफ धोखा ही धोखाधर्मनिरपेक्ष नेता व आतंकी के बीच ये कैसा समझौताकि आपस में दुर्भिसंधी करके षड्यंत्र…

Read more
लेख अब राशन की चिंता से मुक्त हो रहे हैं प्रवासी मज़दूर

अब राशन की चिंता से मुक्त हो रहे हैं प्रवासी मज़दूर

शैतान रैगरउदयपुर, राजस्थान देश में रोज़गार प्रमुख समस्या बनी हुई है. इसका सबसे अधिक प्रभाव ग्रामीण क्षेत्रों में नज़र आता है. गांव में रहने वाली…

Read more
धर्म-अध्यात्म दैविक ज्योति ज्ञान- विज्ञान को जागृत करने का अवसर नवरात्र

दैविक ज्योति ज्ञान- विज्ञान को जागृत करने का अवसर नवरात्र

-अशोक “प्रवृद्ध” वैदिक मतानुसार वेद सब सत्य विधाओं की पुस्तक है। वेद अपौरुषेय हैं। वेद ईश्वर की वाणी है। वेद सब सत्य विद्याओं का मूल…

Read more