विविधा अस्तित्व के संकट से जुझ रहे विश्व को संबल देता है गांधी दर्शन

अस्तित्व के संकट से जुझ रहे विश्व को संबल देता है गांधी दर्शन

गांधी जयंती (2 अक्‍टूबर) पर विशेष समन्वय नंद विश्व आज अनेक समस्याओं से दो- चार हो रहा है, और इनके कारण उनके अस्तित्व पर ही…

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साहित्‍य कहो कौन्तेय-३७

कहो कौन्तेय-३७

विपिन किशोर सिन्हा (मार्कण्डेय जी द्वारा कलियुग-वर्णन) समय भी कैसा पखेरू है! अपने श्याम-धवल पंखों को फैलाए निरन्तर उड़ता ही चला जाता है। कभी थकता…

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अन्ना जी, आप भी

‘मैं भी अन्ना, तू भी अन्ना, यहां भी अन्ना, वहां भी अन्ना, ‘अन्ना नहीं ये आंधी है, नए भारत का गांधी है, ऐसे ही कुछ…

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आरक्षण: दलितों में क्रीमीलेयर तो अभी गिनती के हैं!

इक़बाल हिंदुस्तानी पिछड़ों का कोटा कम होने से इसकी ज़रूरत वहां वाजिब थी! देश में एक वर्ग ऐसा मौजूद है जो इस सच को आज…

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लेख योगगुरू बाबा रामदेव ने सरकार को औक़ात बतादी है!

योगगुरू बाबा रामदेव ने सरकार को औक़ात बतादी है!

इक़बाल हिंदुस्तानी बाबा को घेरने का षडयंत्र नाकाम होने से सरकार नतमस्तक! सरकार अब बाबा रामदेव के अभियान पर सफार्इ देती नज़र आ रही है।…

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गजल पेड़ गिरा तो उसने दिवार ढहा दी

पेड़ गिरा तो उसने दिवार ढहा दी

पेड़ गिरा तो उसने दिवार ढहा दी फिर एक मुश्किल और बढ़ा दी। पहले ही मसअले क्या कम थे उन्होंने एक नई कहानी सुना दी।…

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साहित्‍य कहो कौन्तेय-३६

कहो कौन्तेय-३६

(अर्जुन का निवातकवच दानवों से युद्ध) विपिन किशोर सिन्हा मैंने उनकी आज्ञा शिरिधार्य की। मातलि दिव्य रथ के साथ उपस्थित हुआ। स्वयं देवराज ने मेरे…

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धर्म-अध्यात्म कहो कौन्तेय-३४ (महाभारत पर आधारित उपन्यास अंश)

कहो कौन्तेय-३४ (महाभारत पर आधारित उपन्यास अंश)

(अर्जुन को दिव्यास्त्रों की प्राप्ति) विपिन किशोर सिन्हा हिमालय और गंधमादन पर्वत को लांघते हुए अति शीघ्र मैं इन्द्रकील पर्वत पर पहुंचा। मुझे देवराज इन्द्र…

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साहित्‍य Default Post Thumbnail

कहो कौन्तेय-३५

(अर्जुन की सदेह स्वर्ग-यात्रा) विपिन किशोर सिन्हा – क्या खोया की गणना कर ही रहा था कि देवराज के रथ की घरघराहट सुनाई पड़ी। जैसे-जैसे…

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खेत-खलिहान खेती-बाड़ी और बोलीभाषा

खेती-बाड़ी और बोलीभाषा

क्षेत्रपाल शर्मा खेतीबाड़ी …… सुर्खरू होता है इन्सां ठोकरें खाने के बाद रंग देती है हिना पत्थर पे घिस जाने के बाद बहुत समय पहले…

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व्यंग्य व्यंग्य/ नारद की चुप्पी के निहितार्थ

व्यंग्य/ नारद की चुप्पी के निहितार्थ

 अशोक गौतम सुनो विक्रम! जैसे ही उन्होंने घोषणा की कि देश के प्रधानमंत्री बनने के उनके मुकाबले उनके अधिक चांस है तो बाबा के बुरे…

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राजनीति अफसरान को उपकृत करने का औचित्य

अफसरान को उपकृत करने का औचित्य

लिमटी खरे तीस से चालीस बरस सरकार की सेवा करने के बाद सेवानिवृत हो जाते हैं सरकारी कर्मचारी। इसके बाद भी इनका मन नहीं भरता।…

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