कला-संस्कृति कला की कसौटी पर हुसैन

कला की कसौटी पर हुसैन

शंकर शरण  प्रसिद्ध चित्रकार हुसैन के देहांत पर हमारे अधिकांश अंग्रेजी अखबारों में चर्चा राजनीति, हिन्दुत्वा, कलाकार की अभिव्यक्ति स्वाधीनता और भारत की कथित छवि…

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विविधा बुंदेलखण्ड : प्रकृति नहीं, सियासत का कोप भारी है !

बुंदेलखण्ड : प्रकृति नहीं, सियासत का कोप भारी है !

सुनील अमर  बुंदेलखण्ड देश का दूसरा विदर्भ बनता जा रहा है। केन्द्र और राज्य सरकारों के तमाम घोषित उपायों के बावजूद यहॉ के किसानों द्वारा…

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टेक्नोलॉजी फेसबुक पर सत्ता का कसता शिकंजा

फेसबुक पर सत्ता का कसता शिकंजा

जगदीश्‍वर चतुर्वेदी भारत सरकार ने हाल ही में याहू.गूगल,माइक्रोसॉफ्ट आदि कंपनियों को वह सॉफ्टवेयर प्रदान करने का आदेश दिया है जिसके आधार पर वह उनके…

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व्यंग्य व्यंग्य : इस देश का यारों क्या कहना..

व्यंग्य : इस देश का यारों क्या कहना..

विजय कुमार छात्र जीवन से ही मेरी आदत अति प्रातः आठ बजे उठने की है; पर आज सुबह जब कुछ शोर-शराबे के बीच मेरी आंख…

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विविधा विभागीय जॉंच रूपी अभेद्य सुरक्षा कवच को भेदना होगा!

विभागीय जॉंच रूपी अभेद्य सुरक्षा कवच को भेदना होगा!

डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ इन दिनों देशभर में लोकपाल कानून को बनाये जाने और लोकपाल के दायरे में ऊपर से नीचे तक के सभी स्तर…

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विविधा एक और विभाजन की तैयारी

एक और विभाजन की तैयारी

राजीव गुप्ता यूनान मिस्र रोमां सब मिट गए जहां से बाकी अभी तलक है नमो-निसा हमारा ! कुछ बात है ऐसी कि मिटती नहीं हस्ती…

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राजनीति भारत, राष्ट्रवाद और राजनीति

भारत, राष्ट्रवाद और राजनीति

 नरेश भारतीय हाल ही में भारतवंशी और भारतप्रेमियों की लन्दन में आयोजित एक विशाल जनसभा में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नितिन गडकरी…

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बच्चों का पन्ना महज घटना नहीं, बच्चों की रेल से मौत….

महज घटना नहीं, बच्चों की रेल से मौत….

रामकुमार ‘विद्यार्थी॔’ म.प्र. के दमोहसागर रेल लाइन पर मालगाड़ी के चपेट में आने के कारण 3 बच्चों की वीभत्स मौत हो गई। घटना अनुसार दमोह…

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जन-जागरण सोशल ऑडिट बनाम मनरेगा

सोशल ऑडिट बनाम मनरेगा

सतीश सिंह महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) के तहत लटेरी तहसील के मुरवास गाँव में उजड़े जंगल को फिर से आबाद करने के…

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सिनेमा सोप-ओपेरा

सोप-ओपेरा

क्षेत्रपाल शर्मा पश्चिमी जगत में साहित्य की एक समृद्ध, नाट्य विधा में जो उत्थान आया उसकी जड़ में यह ध्येय नजर आता है कि ‘जो…

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लेख Default Post Thumbnail

आज बैंक राष्ट्रीयकरण दिवस है

वीरेन्द्र जैन उन्नीस जुलाई वह तिथि है, जिसने वर्ष 1969 में न केवल राजनीति के क्षेत्र में अपितु आर्थिक, सामाजिक क्षेत्र में भी अपने निशान…

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कविता कविता / मुखौटे वाला

कविता / मुखौटे वाला

पहले भी वह मुखौटे बेचता था. तरह तरह के मुखौटे बेचता था. किसिम किसिम के मुखौटे बेचता था. दूकान थी उसकी नुक्कड़ के कोने में.…

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