भारतीय गणतंत्र और तिरंगा
Updated: December 15, 2011
अशोक बजाज किसी भी नागरिक को अपने देश के किसी भी भू-भाग में राष्ट्रीय ध्वज फहराने की स्वतंत्रता है। स्वतंत्र भारत का ध्वज तिरंगा है…
Read more
क्या वाकई लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है मीडिया?
Updated: December 15, 2011
शिवा नन्द द्विवेदी “सहर” जब भी बात लोकतंत्र के निहित स्तंभों की होती है तो “मीडिया” का नाम अवश्य आता है। ऐसा पढ़ता एवं सुनता…
Read more
डॉ. अरुण दवे की कविताएं
Updated: December 15, 2011
फक्कड़वाणी (1) आजादी के बाद भी, हुए न हम आबाद काग गिद्ध बक कर रहे, भारत को बर्बाद भारत को बर्बाद, पनपते पापी जावे तस्कर…
Read more
अभाविप ने किया जेएनयू में अलगाववादियों का पुतला दहन
Updated: January 27, 2011
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् इकाई ने गत ‘केंद्र सरकार, जम्मू और कश्मीर सरकार तथा अलगाववादियों’ का पुतला गंगा ढाबा पर 26 जनवरी…
Read more
गणतंत्र दिवस के बहाने
Updated: December 15, 2011
सतीश सिंह राष्ट्रध्वज को फहराने का अधिकार नागरिकों के मूलभूत अधिकार और अभिव्यक्ति के अधिकार का ही एक हिस्सा है। यह अधिकार केवल संसद द्वारा…
Read more
जन-गण-मन में लोकतंत्र कहाँ है?
Updated: April 1, 2012
कुन्दन पाण्डेय भारत में लोकतंत्र कहाँ है ? कहीं नहीं लेकिन अराजकता हर कहीं हैं। संसद में, विधानसभाओं में, विधानसभाओं में होने वाली मारपीट में,…
Read more
तभी होगा सच्चे अर्थों में गण का तंत्र
Updated: December 15, 2011
विनोद बंसल पूरे विश्व के अंदर सोने की चिड़िया एवं विश्वगुरू कहा जाने वाला मेरा देश आज चारों तरफ आतंकवाद, हिंसा, वैमनस्य, जाति, पंथ, भाषावाद…
Read more
बढ़ता भ्रष्टाचार–कौन जिम्मेदार?
Updated: December 15, 2011
पंकज चतुर्वेदी हम शीर्ष पर है, तो इस पर हमें गर्व होना चाहिये लेकिन यदि क्षेत्र और विषय का पता चले तो हमारा सर शर्म…
Read more
कब उठेगा महानायक के मौत के रहस्य से परदा
Updated: December 15, 2011
संजय स्वदेश नेताजी सुभाषचंद्र बोस। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक। ऐसा महानायक जिसका कद महत्मा गांधी से भी ज्यादा उंचा था। पर गांधी के नेहरू…
Read more
कविता / तिरंगा
Updated: December 15, 2011
माँ के अंग तिरंगा चढ़ता हम ले चले भेंट मुस्काते घर-घर से अनुराग उमड़ता, दानव छल के जाल बिछाते लो छब्बीस जनवरी आती! माँ की…
Read more
कविता / भ्रांति
Updated: December 15, 2011
चीखो, चिल्लाओ, नारा लगाओ। सुनता हमारी कौन है? (सारे बोलने में व्यस्त है।) इसी के अभ्यस्त है। लिखो लिखो झूठा इतिहास। हमारा भी नहीं विश्वास।…
Read more
ग्राहम स्टेन्स और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मायने
Updated: December 15, 2011
आर.एल.फ्रांसिस जस्टिस नियोगी की रिर्पोट को हम नहीं मानते, धर्मांतरण विरोधी कानून हमारी धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला हैं। डीपी वाधवा आयोग की रिर्पोट झूठ बोलती…
Read more