राजनीति भारतीय गणतंत्र और तिरंगा

भारतीय गणतंत्र और तिरंगा

अशोक बजाज किसी भी नागरिक को अपने देश के किसी भी भू-भाग में राष्ट्रीय ध्वज फहराने की स्वतंत्रता है। स्वतंत्र भारत का ध्वज तिरंगा है…

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प्रवक्ता न्यूज़ क्या वाकई लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है मीडिया?

क्या वाकई लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है मीडिया?

शिवा नन्द द्विवेदी “सहर” जब भी बात लोकतंत्र के निहित स्तंभों की होती है तो “मीडिया” का नाम अवश्य आता है। ऐसा पढ़ता एवं सुनता…

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कविता डॉ. अरुण दवे की कविताएं

डॉ. अरुण दवे की कविताएं

फक्कड़वाणी (1) आजादी के बाद भी, हुए न हम आबाद काग गिद्ध बक कर रहे, भारत को बर्बाद भारत को बर्बाद, पनपते पापी जावे तस्कर…

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प्रवक्ता न्यूज़ अभाविप ने किया जेएनयू में अलगाववादियों का पुतला दहन

अभाविप ने किया जेएनयू में अलगाववादियों का पुतला दहन

जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् इकाई ने गत ‘केंद्र सरकार, जम्मू और कश्मीर सरकार तथा अलगाववादियों’ का पुतला गंगा ढाबा पर 26 जनवरी…

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विविधा गणतंत्र दिवस के बहाने

गणतंत्र दिवस के बहाने

सतीश सिंह राष्ट्रध्वज को फहराने का अधिकार नागरिकों के मूलभूत अधिकार और अभिव्यक्ति के अधिकार का ही एक हिस्सा है। यह अधिकार केवल संसद द्वारा…

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विविधा जन-गण-मन में लोकतंत्र कहाँ है?

जन-गण-मन में लोकतंत्र कहाँ है?

कुन्दन पाण्डेय भारत में लोकतंत्र कहाँ है ? कहीं नहीं लेकिन अराजकता हर कहीं हैं। संसद में, विधानसभाओं में, विधानसभाओं में होने वाली मारपीट में,…

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विविधा तभी होगा सच्चे अर्थों में गण का तंत्र

तभी होगा सच्चे अर्थों में गण का तंत्र

विनोद बंसल पूरे विश्व के अंदर सोने की चिड़िया एवं विश्वगुरू कहा जाने वाला मेरा देश आज चारों तरफ आतंकवाद, हिंसा, वैमनस्य, जाति, पंथ, भाषावाद…

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विविधा बढ़ता भ्रष्टाचार–कौन जिम्मेदार?

बढ़ता भ्रष्टाचार–कौन जिम्मेदार?

पंकज चतुर्वेदी हम शीर्ष पर है, तो इस पर हमें गर्व होना चाहिये लेकिन यदि क्षेत्र और विषय का पता चले तो हमारा सर शर्म…

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राजनीति कब उठेगा महानायक के मौत के रहस्य से परदा

कब उठेगा महानायक के मौत के रहस्य से परदा

संजय स्वदेश नेताजी सुभाषचंद्र बोस। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक। ऐसा महानायक जिसका कद महत्मा गांधी से भी ज्यादा उंचा था। पर गांधी के नेहरू…

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कविता कविता / तिरंगा

कविता / तिरंगा

माँ के अंग तिरंगा चढ़ता हम ले चले भेंट मुस्काते घर-घर से अनुराग उमड़ता, दानव छल के जाल बिछाते लो छब्बीस जनवरी आती! माँ की…

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कविता कविता / भ्रांति

कविता / भ्रांति

चीखो, चिल्लाओ, नारा लगाओ। सुनता हमारी कौन है? (सारे बोलने में व्यस्त है।) इसी के अभ्यस्त है। लिखो लिखो झूठा इतिहास। हमारा भी नहीं विश्‍वास।…

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विधि-कानून ग्राहम स्टेन्स और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मायने

ग्राहम स्टेन्स और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मायने

आर.एल.फ्रांसिस जस्टिस नियोगी की रिर्पोट को हम नहीं मानते, धर्मांतरण विरोधी कानून हमारी धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला हैं। डीपी वाधवा आयोग की रिर्पोट झूठ बोलती…

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