वर्त-त्यौहार लक्ष्मी-गणेश या विक्टोरिया-पंचम

लक्ष्मी-गणेश या विक्टोरिया-पंचम

सोने-चांदी के सिक्के और दीपावली पूजन -लोकेन्‍द्र सिंह राजपूत भारत का सबसे बड़ा त्योहार है दीपावली। हर कोई देवी लक्ष्मी को प्रसन्न कर उनका स्नेह…

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वर्त-त्यौहार कविता : जिनके पास पैसे कम हैं

कविता : जिनके पास पैसे कम हैं

महँगी हुई दीवाली अब पापा क्या करें पापा की जेब है खाली अब पापा क्या करें महँगी हुई दीवाली अब पापा क्या करें पापा की…

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वर्त-त्यौहार कविता : बस एक दिया

कविता : बस एक दिया

मुझे इस अँधेरे में डर लगता है इसलिये नहीं कि इस अँधेरे में मुझे कुछ दिखायी नहीं देता बल्कि इसलिये कि इस अँधेरे में ‘वे’…

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समाज क्योंकि तुम अरुंधती नहीं हो मेरी बहन

क्योंकि तुम अरुंधती नहीं हो मेरी बहन

-आवेश तिवारी क्या आप इरोम शर्मीला को जानते हैं? नहीं, आप अरुंधती रॉय को जानते होंगे और हाँ आप ऐश्वर्या राय या मल्लिका शेहरावत को…

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विश्ववार्ता बराक़ ओबामा की भारत यात्रा के आयाम

बराक़ ओबामा की भारत यात्रा के आयाम

-प्रभात कुमार रॉय भारत और अमेरिका के कूटनीति और राजनीतिक संबंध तो पूर्व प्रेसिडेंट बिल क्लिंटन के वक्‍त में ही एक नए दौर में पंहुच…

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फासीवादी लेखक के आर-पार के उस पार

फासीवादी लेखक के आर-पार के उस पार

-पंकज झा प्रवक्ता डॉट कॉम के इस बहस पर पहले तो अपना विचार यही था कि अब खुद से कुछ न लिखूं. इस साईट ने…

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समाज रूढ़िवाद की देन है हिन्दू-मुस्लिम विद्वेष

रूढ़िवाद की देन है हिन्दू-मुस्लिम विद्वेष

-जगदीश्‍वर चतुर्वेदी इस्लामिक दर्शन और धर्म की परंपराओं के बारे में घृणा के माहौल को खत्म करने का सबसे आसान तरीका है मुसलमानों और इस्लाम…

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समाज फ़ेसबुक का जादू सिर पर चढ़कर बोलता है– क्या?

फ़ेसबुक का जादू सिर पर चढ़कर बोलता है– क्या?

-विश्‍वमोहन तिवारी ”मैं कितनी सुन्दर हूं”!! या यह भी कि, ”मैं कितना सैक्सी हूं!!!” दुनिया की सबसे अधिक लोकप्रिय वैब साइट फ़ेसबुक के ५० करो.ड…

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प्रवक्ता न्यूज़ पारदर्शी हो मीडिया ताकि नई पौध को अवसर मिले

पारदर्शी हो मीडिया ताकि नई पौध को अवसर मिले

-संजय कुमार जनसंचार शब्द से आज कोई अछूता नहीं है। खासकर जब 1780 में हिक्की ने भारत में जनसंचार के माध्यम समाचार पत्र की शुरुआत…

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राजनीति जनता से दूर जनता का राज

जनता से दूर जनता का राज

-श्याम नारायण रंगा भारत एक लोकतांत्रिक देश है। विश्‍व के सबसे बड़े इस लोकतंत्र मे तंत्र का निर्माण लोक द्वारा किया जाता है और जनता…

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साहित्‍य मियाँ कबीर, तुम क्यों रोने लगे?

मियाँ कबीर, तुम क्यों रोने लगे?

-जगदीश्‍वर चतुर्वेदी मेरे एक दोस्त हैं सीताराम सिंह वे हमारे साथ जेएनयू में पढ़ते थे,वे रूसी भाषा में थे और मैं हिन्दी में था। वे…

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विविधा आजाद कश्मीर के दुस्वप्न की एकमात्र बाधा है सेना

आजाद कश्मीर के दुस्वप्न की एकमात्र बाधा है सेना

कश्मीर से लेकर हर अशांत इलाके में सुरक्षाबलों के खिलाफ चल रहा है निंदा अभियान -संजय द्विवेदी कश्मीर के संकट पर जिस तरह देश की…

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