समाज स्वतंत्रता बनाम उच्‍छृंखलता

स्वतंत्रता बनाम उच्‍छृंखलता

-प्रवीण कुमार किसी भी सभ्य समाज में जिसको किसी भी प्रकार के मसल पवार का उपयोग निंदनीय है खासकर यदि वह महिलाओं के विरोध में…

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कविता कविता : धिक्कार

कविता : धिक्कार

विभूति राय प्रकरण की नजर एक छोटी सी कविता -लीना धिक्कार थू- थू की हमने थू- थू की तुमने जिसे मिला मौका गाली दी उसने…

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टेलिविज़न अब साथी चुरायेंगे

अब साथी चुरायेंगे

-लीना नाच गाकर बड़े हुए तो स्वयंवर रचाया, शादी की, गर्भवती हुए और बच्चे जने। अब उब गए ऐसी जिंदगी से तो कुछ इतर संबंध…

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टेक्नोलॉजी इक्कीसवीं सदी में नहीं पहुंच सका है भारत गणराज्य

इक्कीसवीं सदी में नहीं पहुंच सका है भारत गणराज्य

-लिमटी खरे बीसवीं सदी के उत्तरार्ध में भविष्यदृष्टा की अघोषित उपाधि पाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने सबसे पहले इक्कीसवीं सदी में जाने की…

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राजनीति माओवादियों की ओवर ग्राउंड आर्मी व ओडिया फिल्म अभिनेता सिद्धांत महापात्र

माओवादियों की ओवर ग्राउंड आर्मी व ओडिया फिल्म अभिनेता सिद्धांत महापात्र

-समन्वय नंद ओडिया फिल्म के सुपर स्टार तथा बीजू जनता दल से लोकसभा सांसद सिद्धांत महापात्र इन दिनों विवादों में फंसे हैं। ओडिया सिनेमा में…

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साहित्‍य ”छिनालवाद” को जन्म देने वाली ये साहित्यिक विभूतियाँ

”छिनालवाद” को जन्म देने वाली ये साहित्यिक विभूतियाँ

-गिरीश पंकज साहित्य में इन दिनों ” छिनालवाद” का सहसा नव-उदय हुआ है. इसके आविष्कर्ता है वर्धा के अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति विभूतिनारायण राय. यह…

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प्रवक्ता न्यूज़ पेड न्यूज पर आयोग की पैनी नजर

पेड न्यूज पर आयोग की पैनी नजर

-लीना पिछले दिनों नए चुनाव आयुक्त एस. वाई. कुरैशी ने कहा कि पेड न्यूज पर आयोग की पैनी नजर रहेगी। ऐसा कह कर उन्होंने भी…

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परिचर्चा परिचर्चा : राष्ट्रमंडल खेल और सेक्स

परिचर्चा : राष्ट्रमंडल खेल और सेक्स

यह पतन की पराकाष्ठा है। पश्चिमी सभ्यता भारतीय जीवन-मूल्यों को लीलने में जुटा हुआ है। भारतीय खान-पान, वेश-भूषा, भाषा, रहन-सहन, जीवन-दर्शन इन सब पर पाश्चात्य…

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राजनीति इंद्रेश कुमार : संघ का उदारवादी चेहरा!

इंद्रेश कुमार : संघ का उदारवादी चेहरा!

-फ़िरदौस ख़ान मुसलमानों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पैठ बढ़ाने की कवायद में जुटे आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार की मुश्किलें कम होने का…

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साहित्‍य हंगामा है क्यूं बरपा…

हंगामा है क्यूं बरपा…

-प्रेम जनमेजय साहित्य मे हंगामे न हो तो साहित्य किसी विधवा की मांग या फिर किसी राजनेता का सक्रिय राजनीति से दूर जैसा लगता है।…

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व्यंग्य Default Post Thumbnail

व्यंग्य/टारगेट !

-जवाहर चौधरी भारत में दो तरह के लोग रहते हैं, एक- जिन्हें बैंकें लोन देतीं हैं ओर दूसरे जिन्हें किसी भी हालत में नहीं देतीं।…

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राजनीति डिजिटल मनमोहन के डिजिटल शत्रु

डिजिटल मनमोहन के डिजिटल शत्रु

-जगदीश्‍वर चतुर्वेदी मनमोहन सिंह जब से प्रधानमंत्री बने हैं। वे मीडिया और विशेषज्ञों की आलोचना में नहीं आते। उन्हें प्रधानमंत्री बने 6 साल से ज्यादा…

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