
भारत की गुलामी
Updated: December 22, 2011
एयर वाइस मार्शल विश्व मोहन तिवारी, से. नि चित्र देखें। इसमें और आज की स्थिति में उतना ही अन्तर है जितना कि उस जमाने की…
Read moreये है दिल्ली मेरी जान
Updated: December 22, 2011
-लिमटी खरे मानो या ना मानो ‘मीडिया बन चुकी है धन कुबेर की लौंडी‘ स्वच्छ, निष्छल, निर्भीक, जनसेवा के लिए की जाने वाली पत्रकारिता के…
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राजर्षि पुरूषोत्तम दास टंडन की जयंती पर विशेष
Updated: December 22, 2011
हिंदी के परम पक्षधर को नमन… -अशोक बजाज राजर्षि पुरूषोत्तम दास टंडन,भारत के महान स्वतन्त्रता सेनानी थे। उनका जन्म १ अगस्त १८८२ को उत्तर प्रदेश…
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…ऐसे तो ब्रिटेन के म्यूजियम खाली हो जाएंगे
Updated: December 22, 2011
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन अपनी पहली दो दिवसीय यात्रा पर भारत आए। सुना है कि ब्रिटेन को फांके पड़ रहे हैं। ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था…
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स्तनपान बनाम बोतलपान : एक नवजात शिशु की अभियक्ति
Updated: December 22, 2011
हे माँ ! मैं तो नन्हा सा मासूम हूँ . तेरा ही सलोना सा लाल हूँ. मेरी स्नेहिल अनुभूति को समझा है, तूने, आँचल को…
Read moreनिस्वार्थ सेवा ही असली सेवा है
Updated: December 22, 2011
– डॉ0 कुलदीप चंद अग्निहोत्री मध्यकालीन भारतीय दश गुरु परम्परा के आठवें गुरु श्री हरकिशन जी के जीवन का एक प्रसंग है। उनके जीवन काल…
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निर्दोष नहीं है पोर्न
Updated: December 22, 2011
-जगदीश्वर चतुर्वेदी पोर्न और अर्द्ध पोर्न फिल्मों या धारावाहिकों में पुरूष को अमूमन सेक्स के अति आग्रहशील दिखाया जाता है। पुरूष को अनेक बार अनेक…
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लो अपना प्यारा मोगली अब चला हॉलीवुड की ओर!
Updated: December 22, 2011
-लिमटी खरे भारत गणराज्य के लोगों की स्मृति से अभी विस्मृत्र नहीं हुआ होगा कि नब्बे के दशक में धूम मचाने वाला दूरदर्शन पर हर…
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अय्यर उवाच: शैतान ही पैसे की बरबादी का कर सकते समर्थन
Updated: December 22, 2011
-लिमटी खरे एक तरफ कांग्रेसनीत केंद्र और कांग्रेस की ही दिल्ली सरकार द्वारा भारत की प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुके राष्ट्रमण्डल खेलों के लिए माकूल…
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सत्याग्रह और गांधी जी
Updated: December 22, 2011
– विजय कुमार कुछ बातें कुछ लोगों के साथ चिपक जाती हैं, या यों कहें कि जबरन चिपका दी जाती हैं। कुछ ऐसा ही सत्याग्रह…
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योगेश्वर कृष्ण की ऐतिहासिकता
Updated: December 22, 2011
– हरिकृष्ण निगम क्या गीता को हमारे देश में अधिकाधिक रूप से राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया जा सकता है? हम गीता क्यों पढ़ें? क्या योगिराज…
Read moreधन्यवाद को धन्यवाद
Updated: December 22, 2011
– हृदयनारायण दीक्षित प्रकृति रहस्यपूर्ण है। मनुष्य प्रकृति का हिस्सा है। मनुष्य और भी रहस्यपूर्ण है। प्रकृति की गतिविधि में अनंत प्रपंच हैं। हम अपनी…
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