वर्तमान सोच और हमारे देश की हालत
Updated: December 23, 2011
-अनिल मिस्त्री पदार्थवादी सोच और जरूरत से ज्यादा व्यावसायिक दृष्टिकोण का नजरिया है कि हमारे देश में गद्दार और लालची लोगों की भीड़ बढती जा…
Read moreएक संविधान, फिर दो विधान क्यों?
Updated: December 23, 2011
-डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ भारतीय संविधान का अनुच्छेद 14 चीख चीख कर कहता है कि भारत में सभी लोगों को कानून के समझ समान समझा…
Read moreमहंगाई व नक्सलवाद मुद्दे पर उलझी लोकसभा व विधानसभा
Updated: December 23, 2011
-अशोक बजाज देश की दो बड़़ी राजनीतिक पार्टियां कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी, दो बड़ी पंचायतें लोकसभा व छत्तीसगढ़ की विधानसभा देश के दो बड़े…
Read moreलिंगभेद की ऊहापोह तथा औरत की अस्मिता
Updated: December 23, 2011
-जगदीश्वर चतुर्वेदी स्त्री और पुरूष दो लिंग हैं और दोनों को अलग-अलग ही रहना चाहिए,अपने लिंग के प्रति वफादार होना चाहिए। लिंगों की स्वायत्त पहचान…
Read moreग्लोबलाइजेशन का शोक गीत
Updated: December 23, 2011
-जगदीश्वर चतुर्वेदी नव्य-उदारतावाद का मूल लक्ष्य है सामुदायिक संरचनाओं का क्षय और बाजार के तर्क की प्रतिष्ठा। इस तरह के आधार पर जो विमर्श तैयार…
Read more
चीन की चाल-अरूणाचल में बवाल
Updated: December 23, 2011
-डॉं0 कुलदीप चन्द अग्निहोत्री अरूणाचल प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों से किशोर उमर के बच्चे लापता हो रहे हैं। परन्तु यह लापता होना अपहरण जैसा…
Read more
ये है दिल्ली मेरी जान
Updated: December 23, 2011
-लिमटी खरे अभी और दिखेगा राहुल का बैचलर पावर! कांग्रेस की नजर में देश के युवराज और भविष्य के प्रधानमंत्री राहुल गांधी बहुत जल्द परिणय…
Read more
भौतिक संसार के अज्ञान से मनुष्य को उबारती है श्रीमद् भगवद गीता
Updated: December 23, 2011
– राजीव मिश्र श्रीमद्भगवद्गीता श्री कृष्ण तत्व दर्शन की परमात्मा संहिता है। गोबिंद का यह भगवद गीत, ब्रहम विद्या, शब्द ब्रहम का सामगान, भगवती श्रुति…
Read moreरहस्य लंबी उम्र का
Updated: December 23, 2011
– हरिकृष्ण निगम इधर कुछ वर्षों से चाहे चिकित्सक हों या दूसरे स्वास्थ्य विशेषज्ञ या चुस्त-दुरूस्त रखने वाली दवाओं या टॉनिकों के निर्माताओं के सम्मोहक…
Read more
अहिंसा के हिंसक अनुयायी
Updated: December 23, 2011
– शाक्त ध्यानी गांधी अपने हीरो कभी नहीं रहे। विद्यार्थी जीवन में जब प्रत्येक छात्र अपना एक वैचारिक शरीर खड़ा कर उसे ओढ़ता है तो…
Read more
इंग्लैण्ड के अखबार, गांधी और भारतीय पत्रकारिता
Updated: December 23, 2011
– हृदयनारायण दीक्षित पत्रकारिता भारत में ध्येय सेवा है, पश्चिम के देशों में यह व्यापार है। बाकायदा एक पेशा है। इतिहास भी पश्चिम के देशों…
Read more
मैदानों में सना कीचड़
Updated: December 23, 2011
-संजय द्विवेदी खेल और खेल उत्सव दोनों अब इतने पवित्र नहीं रहे कि उनसे बहुत नैतिक अपेक्षाएं पाली जाएं। हाकी के खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न…
Read more